भारत में पाए जाने वाले सुन्दर पक्षी बुलबुल की जानकारी

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खूबसूरत परिंदा बुलबुल Beautiful Indian Bulbul

प्रकृति में बहुत से प्यारे सुंदर और मीठे गीत गाने वाले पक्षी पाए जाते हैं, इनमें से एक भारत में प्रमुखता से पाया जाने वाला सुंदर पक्षी बुलबुल भी है, यूं तो बुलबुल पक्षी की सैकड़ों प्रजातियाँ होती है जो कि विश्व भर में पाई जाती है इनकी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. भारत में Red whiskered bulbul (Pycnonofus jocosus) जिसे सिपाही बुलबुल भी कहा जाता है पाया जाता है, इसका यह नाम इसके सर पर पाए जाने वाले जाने वाली उठी हुई कलंगी की वजह से पड़ा है अंग्रेजी में इसे crested bulbul बुलबुल भी कहते हैं.

प्रकृति में बहुत से प्यारे सुंदर और मीठे गीत गाने वाले पक्षी पाए जाते हैं, इनमें से एक भारत में प्रमुखता से पाया जाने वाला सुंदर पक्षी बुलबुल भी है, यूं तो बुलबुल पक्षी की सैकड़ों प्रजातियाँ होती है जो कि विश्व भर में पाई जाती है इनकी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. भारत में Red whiskered bulbul (Pycnonofus jocosus) जिसे सिपाही बुलबुल भी कहा जाता है पाया जाता है, इसका यह नाम इसके सर पर पाए जाने वाले जाने वाली उठी हुई कलंगी की वजह से पड़ा है अंग्रेजी में इसे crested bulbul बुलबुल भी कहते हैं.

बुलबुल का मुख्य भोजन फल  और छोटे कीड़े मकोड़े होते हैं यह बुलबुल पेड़ों की उची शाखाओं पर जाकर मधुर आवाज निकलता है, पहाड़ों के पास पाए जाने वाले जंगलों में यह बहुतायत में पाए जाते हैं.

बुलबुल की लंबाई 20 सेंटीमीटर होती है इसके सर पर एक काले रंग की उठी हुई कलगी  होती है तथा इसकी चोंच के दोनों और लाल रंग के धब्बे होते हैं, इसकी पूछ भूरे रंग की होती है इस बुलबुल के मुख्य पहचान यह है कि इसकी चोंच के दोनों और लाल धब्बे होते हैं तथा पूछ के नीचे भी एक बड़ा सा लाल धब्बा होता है, बुलबुल के बच्चे जब छोटे होते हैं तब यह लाल धब्बे नहीं होते बल्कि पूंछ के नीचे एक पीला धब्बा पाया जाता है.

बुलबुल सुबह-सुबह पेड़ों की ऊंची शाखा के ऊपर बैठकर अपने साथी को बुलाने के लिए मीठी आवाजें  निकलता है इनकी आवाज kink-a-joo जैसी होती है, यह खूबसूरत परिंदा लगभग 11 साल तक जीवित रहता है.

बुलबुल किस महीने में घोंसला बनाता है Nesting season of Bulbul hindi

प्रकृति में बहुत से प्यारे सुंदर और मीठे गीत गाने वाले पक्षी पाए जाते हैं, इनमें से एक भारत में प्रमुखता से पाया जाने वाला सुंदर पक्षी बुलबुल भी है, यूं तो बुलबुल पक्षी की सैकड़ों प्रजातियाँ होती है जो कि विश्व भर में पाई जाती है इनकी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. भारत में Red whiskered bulbul (Pycnonofus jocosus) जिसे सिपाही बुलबुल भी कहा जाता है पाया जाता है, इसका यह नाम इसके सर पर पाए जाने वाले जाने वाली उठी हुई कलंगी की वजह से पड़ा है अंग्रेजी में इसे crested bulbul बुलबुल भी कहते हैं.

बुलबुल का प्रजनन काल दक्षिण भारत में दिसंबर से शुरू होकर मई तक चलता है तथा जो बुलबुल उत्तर भारत में पाए जाते हैं उनका प्रजनन काल मार्च से शुरू होकर अक्टूबर तक चलता है,  बुलबुल में प्रजनन साल में एक या दो बार हो सकता है, बुलबुल का घोंसला कप के आकार का होता है जिसे यह पत्तियों, धागों, जड़ों और पेड़ की छाल से बनाता है, इस घोसले में 2 से 3 अंडे होते हैं, अंडे मटमैले  रंग के होते हैं, बुलबुल के अंडों का आकार 21 मिलीमीटर होता है. अंडे से बच्चे केवल 12 दिनों में ही निकल आते हैं, बच्चों की देखभाल दोनों बुलबुल माता पिता मिलकर करते हैं, बुलबुल अपने छोटे बच्चों को ये इल्लियाँ और कीड़े खिलाते हैं तथा जैसे जैसे ये बड़े होते जाते हैं फिर उन्हें फलों का आहार दिया जाता है.

बुलबुल का आहार क्या है? पालतू बुलबुल को क्या खिलाएं? What should be given to pet bulbul hindi

बुलबुल के बच्चे जब छोटे हैं होते हैं तो उन्हें इल्लियाँ और कीड़े खिलाएं जातें है तथा बड़े होने पर उन्हें फलों का आहार दिया जाता है बड़े होने पर बुलबुल मुख्यतः फल ही खाते हैं तथा कभी कभी छोटे कीड़े मकोड़े भी खाते हैं.

बुलबुल को फल बहुत पसंद है फलों के अलावा और यह सिर्फ छोटे की कीड़े ही खाता है इसलिए इसे मछली और सांप मांस आदि नहीं दिया जाना चाहिए.

बुलबुल के छोटे बच्चों को शक्कर और ग्लूकोज का पानी दिया जा सकता है क्योंकि फलों में मुख्यतः ग्लूकोज ही पाया जाता है,   इस बात का ध्यान रखा जाना जरूरी है कि बुलबुल के बच्चों को दिया जाने वाला शक्कर का पानी शुद्ध ग्लूकोस से बनाया जाए ना कि घर में इस्तेमाल होने वाली शक्कर से क्योंकि इसमें कई रसायन मिलाकर बनाया जाता है.

बुलबुल जंगलों में तथा पहाड़ों के पास  के जंगलों में पाया जाता है अतः इसे बहुत तेज गर्मी और बहुत ठंड से बचाना चाहिए इसलिए पालतू बुलबुल को  20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान के बीच ही रखा जाना चाहिए.

बुलबुल को पालने का शौक  भारत में पुराने समय से हैं जैसा कि स्टीव स्मिथ अपनी किताब में लिखते हैं कि “भारतीय मूल के लोग इन परिंदों को पसंद करते हैं क्योंकि यह निडर होते हैं तथा आसानी से  सीखने वाले होते हैं इन्हें भारतीय अपने हाथों पर बैठना सिखा देते हैं, भारतीय बाजारों में यह बुलबुल आसानी से देखे जा सकते हैं”

भारत और पूरे दक्षिण एशिया में पिंजरे में पाली जाने वाले पक्षियों में बुलबुल एक प्रमुख प्रजाति है, आज भी इसे कई घरों में खूबसूरत पिंजरों में पाला  जाता है.

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अगर आप चाहते हैं कि आपके छोटे से बगीचे में यह सुंदर पक्षी आए, तो इसके लिए आपको बगीचे में एक मिट्टी के बर्तन में पानी रखना चाहिए तथा उसके आसपास फलों के कुछ टुकड़े भी रख दीजिए बगीचे में घनी झाड़ियां और ऊँचे पेड़ हो तो इसके आने की संभावना और बढ़ जाती है.

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