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Hindi Shayri

हिंदी शायरी
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ में
खो दो तो एक कहानी हूँ में।
रोक न पाये जिसे साड़ी दुनिया
वो एक बूँद आँख का पानी हूँ में,

सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने के आदत है हमें।
कितना भी गहरा ज़ख्म दे कोई,
उतना ही मुस्कुराने की आदत है हमें।

इस अजनबी दुनियां में अकेला ख्वाब हूँ में
सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ में
जो समझ न सके मुझे उनके लिए कौन
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ में

आँख से देखोगे  तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ में
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ में
खो दो तो एक कहानी हूँ में।

Hindi Shayri- अगर रख सको तो
Hindi Shayri- अगर रख सको तो
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