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Hindi Shayri –

हिंदी शायरी
बहुत अंदर तक तबाही मचता है
वह आंसू जो आँख से निकल नहीं पता।

Hindi Shayri - बहुत अंदर तक तबाही
Hindi Shayri – बहुत अंदर तक तबाही
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