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Hindi Shayri

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हिंदी शायरी
बेमिसाल हुस्न था उसका दिल को मेरे छल गया,
वहां मोहब्बत लिखना उसका और यहाँ दिल मचल गया।

क्या खूब नूर बक्शा हैं कुदरत ने उसे,
उसके मुस्कुराते ही यहाँ मौसम बदल गया
बचता रहा था अब तक कई ज़लज़लों से ,
उसकी नज़र के जुगनुओ से अक्स ये मेरा जल गया,
हुआ है नशा जब से तेरे साथ का,
कदम तो लडख़ड़ाने लगे पर ये रास्ता संभल गया।

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