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Nazar Shayari in Hindi नज़र और निगाह पर शायरी
Nazar Shayari in Hindi नज़र और निगाह पर शायरी

Nazar Shayari in Hindi

नज़र और निगाह पर शायरी

 

दोस्तों, खूबसूरत और कातिल नज़रों पर कुछ बेहतरीन शायरी

Hindi Shayari on Nazar and Shayari on Nigah.

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तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग फराज़

एक नज़र हम को भी देख लो

तुम बिन ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती

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तुम्हारी शरारती नजरों को नज़र न लगे

ख़ुदा करे ये हमेशा यूँ ही मुस्कुराती लगे

***

मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए,

करें वो तुम्हारी ताऱीफ इतनी कि नज़र लग जाए.

***

तुम्हारी नज़र।हमारा दिल ले बैठी।

बताते आपको हमारे दिल का हाल

अगर तुम्हारी अमीरी बीच में नही आई होती

***

नज़र में ख़्वाब नए,रात भर सजाते हुए

तमाम रातें कटी तुमको गुनगुनाते हुए

तुम्हारी बात,ख़याल में गुमसुम सभी

ने देख लिया हमको मुस्कराते हुए.

*** Nazar Shayari in Hindi

 

तुम्हारी सीधी नज़र ने,तो कोई बात न की!

तुम्हारी तिरछी नज़र का,सवाल अच्छा था!

***

नज़र ख़ामोश , ज़ुबान चुप , सदा-ऐ-दिल महरूम ..

किसी का ज़िक्र न निकला , तुम्हारी बात के बाद !!

***

आँखों में तुम्हारी मेरे ही ख्वाब नज़र आते हैं,

जब मैं भी कुछ कहना चाहूँ तो बस तेरे ही अल्फाज़ जुबाँ पर आते हैं

***

जीना भी आ गया मुझे, मरना भी आ गया….

पहचानने लगा हूँ तुम्हारी नज़र को मैं….!!

***

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तुम एक नज़र देख लो खुद को मेरी नज़र से

तुम्हारी नज़रें तलाशेंगी खुद फिर मेरी नज़र को

*** Nazar Shayari in Hindi

 

मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने..!

रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया..!!

***

बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट.. पर तुम मुस्कुराती कम हो,

सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे पर तुम नज़र आते ही कम हो!!

***

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते

इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते..

***

चलो फिर से समेटें

तुम्हारी मुस्कराहट इस नज़र में

और खुशबु पत्तियों की एक पुडिया में

***

क़त्ल करती है तुम्हारी एक नज़र हज़ारों का..

ऐसे ना देखा करो हमे.. तुम्हारा एक दीवाना और ख़त्म हो जाएगा

***

तस्वीरें आज भी बड़ी शिद्दत से देखती हूं तुम्हारी..

पर आंखों मे तेरी वो चाहत नज़र नही आती अब.

*** Nazar Shayari in Hindi

 

नज़र तुम्हारी कभी जो उठे, हमारी तरफ ,

नज़र अन्दाज़ ही कर लेना, हमें जी भर कर..

***

नज़र मिला कर हमसे नजर चुरा रहे हो तुम,

हम नजर भर के देख भी नहीं पाए थे तुम्हारी किसी अदा पे

***

जहाँ भरोसा और सच्चाई नज़र आये….वहाँ दोस्ती का हाथ बढ़ाओ वरना

“तुम्हारी तन्हाई”.. तुम्हारी…बेहतरीन साथी है

**

पहचानने लगा हूँ तुम्हारी नज़र को मैं….

हमदर्दी न करो मुझसे मेरे हमदर्द….

वो भी बड़े हमदर्द थे,जो दर्द हज़ारों दे गये…..!!

***

जाने क्या कशिश है तुम्हारी मदहोश आँखों में…

नज़र अंदाज़ जितना करो नज़र तुम्हीं पे ही पड़ती है…

***

आ गया है फर्क तुम्हारी नज़रों में यकीनन…

अब एक खास अंदाज़ से नज़र अंदाज़ करते हो !!

*** Nazar Shayari in Hindi

 

दिल-बर हो एक तुम कि हमारी नज़र में हो

दिल है हमारा दिल कि तुम्हारी नज़र में है

***

तुम्हारी मस्त नज़र, अगर इधर नहीं होती

नशे में चूर फ़िज़ा इस क़दर नहीं होती

***

ये शर्म हैं या हया हैं, क्या हैं, नज़र उठाते ही झुक गयी हैं,

तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम, हमारी आँखों में रुक गयी है ….!!

**

जान-ऐ-जा अब हम तुम्हारी नज़र में खटकते ज़रूर है

ये बात अलग है तुम्हारी मोहब्बत भटकते ज़रूर है

***

यकीनन याद आती रहेगी, तुम्हारी “वो” रूहानी नज़र,

रात भर, और तुम्हारी महकती खुश्बू रहेगी – मेरी “हमसफ़र” रात भर…

*** Nazar Shayari in Hindi

 

मै तुम्हारी हर नज़र का गरूर हो भी सकता था

मै तेरी सब खताओं का कसूर हो भी सकता था

***

नज़र से गुफ्तगू,ख़ामोश लब ,तुम्हारी तरह //

ग़ज़ल ने सीखे है अंदाज़,सब तुम्हारी तरह ~बशीरबद्र

***

आता है इक सितारा नज़र चाँद के क़रीब,

जब देखते हैं ख़ुद को तुम्हारी नज़र से हम !!

***

इस कदर प्यार है तुमसे है हमसफर

अब तो जीतें हैं हम बस तुम्हे चाहकर

तुम्हारी हर अदा तुम्हारी हर नज़र

ये क्या कहने लगी तुम्हे है क्या ख़बर

***

“यूँ तो शिकायतें मुझे सैंकड़ों हैं तुमसे मगर ,

तुम्हारी एक नज़र ही काफी है सुलह के लिये”

*** Nazar Shayari in Hindi

 

तुम्हीं बताओ कि किस किस से मैं कलाम करूँ हो

तुम भी गोया तुम्हारी नज़र भी गोया है ~अरशद सिद्दीक़ी

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तुम एक नज़र देख लो खुद को मेरी नज़र से

तुम्हारी नज़रें तलाशेंगी खुद फिर मेरी नज़र को

***

कोई एक पल हो तो नज़रें चुरा लें हम,

ये तुम्हारी याद तो साँसों की तरह आती है !!

***

जाने किस किस पे पड़ी होंगी तुम्हारी नज़रें ,

मैंने चुन चुन के तेरे शहर के पत्थर चूमे.

***

ये रात है, ये तुम्हारी जुल्फें खुली हुई है

है चांदनी या तुम्हारी नज़रें से मेरी रातें धुली हुई है

*** Nazar Shayari in Hindi

 

शरमा के,मारे झुक रही हैं, तुम्हारी नज़रें…

कहा था, इतने क़रीब, ना आया करो…

***

तुम्हारी शातिर नज़रें क़त्ल करने में माहिर हैं,

हम भी मर-मर कर जीने में उस्ताद हो गये हैं

***

चलो तुम्हारी ज़िद पे पिये लेते हैं हम साक़ी

पर ये वादा रहे नज़रें कभी ना चुराना हमसे

***

तुम्हारी नज़रें न जान पायीं अच्छाइयां मेरी,

हम जो सच में ख़राब होते ,तो सोचो कितने फसाद होते..!!

*** Nazar Shayari in Hindi

 

नज़रें ना चुराओ यूँ हमसे, सुबह होने में वक़्त काफी है ।

तुम्हारी आँखों को पढ़ लेने दो, उनमें राज़ अभी भी बाकी हैं

***

ये कहो, वो कौन सी बात ज़ुबाँ तक आते-आते रूक गयी !

ये बताओ, उस बात की चुप्पी से तुम्हारी नज़रें क्यूँ झुक गयी !!

***

ज़ख़्मी हो जाता है ये हर बार तुमसे मिल कर,

चाबुक सी नज़रें पड़ती है तुम्हारी इस दिल पर !

***

कितनी शिकायत भरी नज़रें हैं तुम्हारी मेरी बे-परवाही को चीरती हुई आ गई

मेरी ख़ामोशी की क़द्र तुम कर न पाए मेरा डर अब एक रूमानी वाक़िया हो गया

*** Nazar Shayari in Hindi

 

अब तो सिर्फ हिकारत भरी नज़रें है,या खामोश अलफ़ाज़

जो जता जाते हैं की अब हम ना हैं तुम्हारी दुनिया में,ना कोई चाह हमारी!

***

मैं क्या बताऊँ ये दिलरूबा तेरे सामने मेरा हाल है,

तेरी एक निगाह की बात है मेरी ज़िन्दगी का सवाल है I

***

छलके शराब बर्क़ गिरे या जलें चराग़

ज़िक्र-ए-निगाह-ए-यार का मौसम न आएगा

***

मेरी निगाह-ए-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर,

फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है

***

“ना-खुदा को छोडकर जिनकी खुदा पर है निगाह,

देखना महफूज किश्ती उनकी तूफानों में है।”

***

हमसे अब किसी पर्दे-दारी की उम्मीद न कीजे…

कुछ जुस्तजूएं निगाह तक झुकने नहीं देतीं।

***

जो निगाह की थी ज़ालिम तो फिर आँख क्यों चुराई,

वो ही तीर क्यों न मारा जो जिगर के पार होता !! -‘अमीर’ मिनाई

*** Nazar Shayari in Hindi

 

हजार रातो मे वो एक रात होती है

निगाह उठाकर तुम देखो जो मेरी तरफ

वो एक निगाह मेरी कायनात होती है

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लाखों लगाव, एक चुराना निगाह का,

लाखों बनाव, एक बिगड़ना इताब में। ~मिर्जा_गालिब

***

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तजू ही सही…?

नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही__~फ़ैज़_अहमद_फ़ैज़

***

मिलते हैं इस अदा से कि गोया ख़फ़ा नहीं

क्या आप की निगाह से हम आश्ना नहीं

***

तेरी निगाह थी साक़ी कि मैकदा था कोई

मैं किस फ़िराक में शर्मिंदा-ए-शराब हुआ

*** Nazar Shayari in Hindi

 

न पूछ मंज़र-ए-शाम-ओ-सहर पे क्या गुज़री

निगाह जब भी हक़ीक़त से आश्ना गुज़री

***

तेरी निगाह ने क्या कह दिया खुदा जाने,

उलट कर रख दिये बादाकाशों ने पैमाने।

***

सौ सौ उममीदें बधंती हैं एक एक निगाह पर ,

इतने प्यार से ना हमे देखा करे कोई ।।।।।

***

 

 

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**tum ek nazar dekh lo khud ko meri nazar setumhari nazaren talashengi khud fir meri nazar ko**

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nazar mila kar hamase najar chura rahe ho tum,ham najar bhar ke dekh bhi nahin pae the tumhari kisi ada pe**

*jahan bharosa aur sachchai nazar aye….vahan dosti ka hath badhao varana”tumhari tanhai”.. tumhari…behatarin sathi hai**

pahachanane laga hoon tumhari nazar ko main….hamadardi na karo mujhase mere hamadard….vo bhi bade hamadard the,jo dard hazaron de gaye…..!!*

**jane kya kashish hai tumhari madahosh ankhon mein…nazar andaz jitana karo nazar tumhin pe hi padati hai…**

*a gaya hai fark tumhari nazaron mein yakinan…ab ek khas andaz se nazar andaz karate ho !!*

** nazar shayari in hindidil-bar ho ek tum ki hamari nazar mein hodil hai hamara dil ki tumhari nazar mein hai*

**tumhari mast nazar, agar idhar nahin hotinashe mein choor fiza is qadar nahin hoti*

**ye sharm hain ya haya hain, kya hain, nazar uthate hi jhuk gayi hain,tumhari palakon se girake shabanam, hamari ankhon mein ruk gayi hai ….!!**

jan-ai-ja ab ham tumhari nazar mein khatakate zaroor haiye bat alag hai tumhari mohabbat bhatakate zaroor hai**

*yakinan yad ati rahegi, tumhari “vo” roohani nazar,rat bhar, aur tumhari mahakati khushboo rahegi – meri “hamasafar” rat bhar…***

nazar shayari in hindimai tumhari har nazar ka garoor ho bhi sakata thamai teri sab khataon ka kasoor ho bhi sakata tha*

**nazar se guftagoo,khamosh lab ,tumhari tarah //gazal ne sikhe hai andaz,sab tumhari tarah ~bashirabadr**

*ata hai ik sitara nazar chand ke qarib,jab dekhate hain khud ko tumhari nazar se ham !!**

*is kadar pyar hai tumase hai hamasafarab to jiten hain ham bas tumhe chahakaratumhari har ada tumhari har nazaraye kya kahane lagi tumhe hai kya khabar**

*”yoon to shikayaten mujhe sainkadon hain tumase magar ,tumhari ek nazar hi kafi hai sulah ke liye”**

* nazar shayari in hinditumhin batao ki kis kis se main kalam karoon hotum bhi goya tumhari nazar bhi goya hai ~arashad siddiqi**

*tum ek nazar dekh lo khud ko meri nazar setumhari nazaren talashengi khud fir meri nazar ko*

**koi ek pal ho to nazaren chura len ham,ye tumhari yad to sanson ki tarah ati hai !!*

**jane kis kis pe padi hongi tumhari nazaren ,mainne chun chun ke tere shahar ke patthar choome.***

ye rat hai, ye tumhari julfen khuli hui haihai chandani ya tumhari nazaren se meri raten dhuli hui hai**

* nazar shayari in hindisharama ke,mare jhuk rahi hain, tumhari nazaren…kaha tha, itane qarib, na aya karo…*

**tumhari shatir nazaren qatl karane mein mahir hain,ham bhi mar-mar kar jine mein ustad ho gaye hain**

*chalo tumhari zid pe piye lete hain ham saqipar ye vada rahe nazaren kabhi na churana hamase**

*tumhari nazaren na jan payin achchhaiyan meri,ham jo sach mein kharab hote ,to socho kitane fasad hote..!!*

** nazar shayari in hindinazaren na churao yoon hamase, subah hone mein vaqt kafi hai .tumhari ankhon ko padh lene do, unamen raz abhi bhi baki hain**

*ye kaho, vo kaun si bat zuban tak ate-ate rook gayi !ye batao, us bat ki chuppi se tumhari nazaren kyoon jhuk gayi !!*

**zakhmi ho jata hai ye har bar tumase mil kar,chabuk si nazaren padati hai tumhari is dil par !**

*kitani shikayat bhari nazaren hain tumhari meri be-paravahi ko chirati hui a gaimeri khamoshi ki qadr tum kar na pae mera dar ab ek roomani vaqiya ho gaya*

** nazar shayari in hindiab to sirf hikarat bhari nazaren hai,ya khamosh alafazajo jata jate hain ki ab ham na hain tumhari duniya mein,na koi chah hamari!**

main kya bataoon ye dilarooba tere samane mera hal hai,teri ek nigah ki bat hai meri zindagi ka saval hai i
chhalake sharab barq gire ya jalen charagazikr-e-nigah-e-yar ka mausam na aega

***meri nigah-e-shauq bhi kuchh kam nahin magar,fir bhi tera shabab tera hi shabab hai**

*”na-khuda ko chhodakar jinaki khuda par hai nigah,dekhana mahafooj kishti unaki toofanon mein hai.”*

**hamase ab kisi parde-dari ki ummid na kije…kuchh justajooen nigah tak jhukane nahin detin.**

*jo nigah ki thi zalim to fir ankh kyon churai,vo hi tir kyon na mara jo jigar ke par hota !! -amir minai**

* nazar shayari in hindihajar rato me vo ek rat hoti hainigah uthakar tum dekho jo meri tarafavo ek nigah meri kayanat hoti hai*

**lakhon lagav, ek churana nigah ka,lakhon banav, ek bigadana itab mein. ~mirja_galib**

*nahin nigah mein manzil to justajoo hi sahi…?nahin visal mayassar to arazoo hi sahi__~faiz_ahamad_faiz*

**milate hain is ada se ki goya khafa nahinkya ap ki nigah se ham ashna nahin**

*teri nigah thi saqi ki maikada tha koimain kis firak mein sharminda-e-sharab hua***

nazar shayari in hindin poochh manzar-e-sham-o-sahar pe kya guzarinigah jab bhi haqiqat se ashna guzari***

teri nigah ne kya kah diya khuda jane,ulat kar rakh diye badakashon ne paimane.***sau sau umamiden badhanti hain ek ek nigah par ,itane pyar se na hame dekha kare koi …..***

 

 

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3 thoughts on “Nazar Shayari in Hindi नज़र और निगाह पर शायरी

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