Hindi Poetry – जब बचपन था तो

Hindi Poetry – Kash lot aaye bachpan काश लोट आये बचपन जब बचपन था तो जवानी एक सपना थी, जब जवान हुए तो बचपन एक ज़माना हुआ। जब  घर में रहते थे तो आज़ादी अच्छी लगती थी। आज आज़ादी है फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है। कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा बर्गर खाना […]

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