चेहरे पर कील मुहांसे धब्बे होने का कारण
चेहरे पर धब्बे कील मुंहासे होना इस बीमारी को एकने Acne कहा जाता है यह एक जीर्ण ज्वलनकारी इन्फ्लेमेटरी त्वचा रोग है, इस रोग में चेहरे, कंधे, गर्दन, छाती और कमर में धब्बे, कील, मुंहासे, फुंसियां आदि हो जाती है किशोर अवस्था में अक्सर यह त्वचा रोग देखने में आता है, वेसे तो यह रोग उम्र की किसी भी अवस्था में हो सकता है केवल अमेरिका में ही 50 मिलियन लोग इस से ग्रसित हैं, यह त्वचा रोग खतरनाक नहीं है परंतु यह त्वचा पर दाग धब्बे छोड़ जाता है जिससे व्यक्ति की सुंदरता प्रभावित होती है.
यह रोग सामान्यतः किशोरावस्था में तब शुरू होता है जब Sebaceous ग्रंथि अपना काम करना शुरू करती है, यह ग्रंथि मेल हार्मोन से प्रभावित होती है जो कि एड्रिनल ग्लैंड में बनते हैं यह हार्मोन मेल और फीमेल दोनों में बनता है.
एक्ने के बारे में कुछ फैक्ट
यह रोक सामान्यता 12 से 24 उम्र की अवस्था में ज्यादा दिखा जाता है
एक नेक त्वचा रोग है जोकि बालों की जड़ों में पाई जाने वाली ग्रंथियों के कार्य में गड़बड़ी के कारण होता है
चार में से तीन लोगों को यह रोग होता है
यह खतरनाक नहीं होता परंतु यह त्वचा पर दाग धब्बे छोड़ जाता है
एक्ने का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह रोग कितनी अधिक मात्रा में है
चेहरे पर कील मुंहासे होने का क्या कारण है?
अगर आपको यह पता चल जाएगा किन किन कारणों से चेहरे पर दाग धब्बे और कील मुंहासे होते हैं तो आप उन कारणों को हटाकर पहले से ही अपने आप को इस त्वचा रोग से बचा सकते हैं.
हमारी त्वचा में अति सूक्ष्म छिद्र होते हैं जो कि त्वचा के अंदर बनी हुई तेल ग्रंथियों से जुड़े होते हैं इन सूक्ष्म छिद्रों और ग्रंथियों के बीच एक कूप जैसी संरचना होती है जिसे फॉलिकल्स कहते हैं, त्वचा के अंदर बनी हुई तेल ग्रंथियां सेबम नाम का एक लिक्विड बनाती है यह लिक्विड मृत कोशिकाओं और दूसरे अपशिष्ट कणों को फॉलिकल्स के जरिए त्वचा के बाहर तक लाता है, फॉलिकल्स में ही से बाल उगकर बाहर आता है, पिंपल्स तब होते हैं जब यह फॉलिकल्स बंद हो जाते हैं, फॉलिकल्स के बंद हो जाने से अंदर तेल और मृत कोशिकाएं जमा हो जाती है यह मृत कोशिकाएं बैक्टीरिया से भी इनफेक्टेड हो जाता है और पिंपल बढ़ने लगता है.
इस तरह पिंपल होने का मूल कारण फॉलिकल्स का बंद हो जाना है और अपशिष्ट पदार्थों का बाहर ना निकल पाना है.
पिंपल्स होने में हार्मोन के कारक
कई कारक ऐसे हैं जो पिंपल्स को शुरू करते हैं इनमें से एक कारण एंड्रोजन हार्मोन का बढ़ना भी है एंड्रोजन बढ़ने के कारण त्वचा में पाई जाने वाली तेल ग्रंथिय आकर में बढ़ने लगती हैं बड़ी हुई तेल ग्रंथियां ज्यादा सेबम उत्पन्न करती हैं ज्यादा सेबम कोशिकाओं की दीवारों को नष्ट कर सकता है और दीवारों में बेक्टेरिया पनपने लगते हैं.
यह चीजें एक्ने को बढ़ा सकती हैं
यह चीजें भी एक्ने किल मुहांसे आदि त्वचा रोगों को जन्म दे सकती हैं
जेनेटिक डिसऑर्डर
मासिक चक्र
तनाव
चिंता
गरम और नरम वातावरण
तेल युक्त मेकअप
पिंपल्स को दबाना
डाइट और कील मुंहासे से त्वचा रोग का संबंध
यह पूरी तरह से अभी ज्ञात नहीं है कि डाइट, आहार, व्यक्ति का खान पान एक्ने को किस तरह प्रभावित करता है, वैज्ञानिकों ने अध्धयन में पाया है कि जो लोग विटामिन ए, विटामिन ई, जिंक zinc की भरपूर मात्रा अपने आहार में लेते हैं वह इस त्वचा रोग से बचे रह सकते हैं उन्हें इस रोग के होने की संभावना कम होती है, एक रिसर्च में यह पाया गया है कि रक्त में तुरंत अत्यधिक शर्करा की मात्रा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचने से एक्ने की संभावना कम हो जाती है ऐसे खाद्य पदार्थों को Glycemic कहा जाता है.
ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचे जो आपके रक्त में बड़ी तेजी के साथ ग्लूकोस और शर्करा की मात्रा को बढ़ा देते हैं. सारी दुनिया में माता पिता अपने बच्चों को पिज़्ज़ा, चॉकलेट, तेल युक्त खाद्य पदार्थ, तले हुए खाद्य पदार्थ, और जंक फूड को खाने से मना करते हैं और कहते हैं कि इससे पिंपल्स हो सकते हैं , हालांकि ऐसा नहीं है इन जंक फूड से दूसरे तरह का नुकसान तो होता है पर पिंपल्स होने का प्रमाण अभी तक नहीं मिला है. कुछ वैज्ञानिक अध्ययन यह बताते हैं कि अत्यधिक शर्करा युक्त भोजन और दुग्ध उत्पाद पिंपल्स का कारण बन सकते हैं.