पैगम्बर ज़करिया अलेह. की मोहर !
अगर आप दीन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते और इस्लामिक किताबें नहीं पढ़ते हैं तो आपने अल्लाह के पैगम्बर ज़करिया अलेह. का नाम शायद कम ही सुना हो, जिनका ज़िक्र बाइबल में भी है, लेकिन अगर आप दिलचस्पी रखते हैं, तो आपके लिए एक चौकाने वाली खबर है! ज़करिया अलेह. की मोहर (Seal) जेरुसलम में खुदाई के दौरान बरामद हुई है! हालाँकि मोहर आधी टूटी हुई है पर यह सभी यहूदियों, इसाइयों और मुसलमानों के लिए उनके होने का एक पुख्ता सबूत है। (Source : Biblical Archeology Review)
पैगम्बर ज़करिया अलेह. कौन थे?
तीनो इब्राहिमी मज़हबों यहूदी,इसाइयत और इस्लाम के अनुसार पैगम्बर ज़करिया अलेह. अल्लाह के पैगम्बरों में से एक थे। उनके वालिद का नाम “अमोज़” था और वो यहूदी बादशाह “हेज़ेकियाह” के मुख्य सलाहकार थे। हेज़ेकियाह 727 ईसा पूर्व इसराइल का बादशाह था। ज़करिया अलेह. के नाम से “बुक आफ इसैयाह” नामक किताब हिब्रू बाइबल और ओल्ड टेस्टामेंट बाइबिल का मुख्य हिस्सा है। यह किताब ज़करिया अलेह.के कथनों पर आधारित है।
जब असीरियन लोगों ने जेरूसलम की पाक ज़मीन पर हमला किया तो हज़रत ज़करिया अलेह. ने बादशाह को उस विशाल सेना से लड़ने की हिम्मत दिलाई । हज़रात ज़करिया अलेह. ने अपने दौर में हज़रात ईसा अलेह. और हज़रात मोहम्मद स.अ.व.स. के आने की पेशेन्गोइया की थी।
पैगम्बर की 2700 साल पुरानी मोहर
पुरातत्त्ववेत्ता इलियट मज़ार ने इस मोहर को खोजा है और “बिबलिकल आर्कियोलोजिकल रीव्यू” में अपनी खोज को प्रकाशित किया है। पुरातत्त्ववेत्ता इलियट मज़ार हिब्रू युनिवेर्सिटी आफ जेरूसलम से जुडी शख्शियत हैं.
“हमें पुरातात्विक खुदाई अभियान के दौरान एक मोहर मिली है जो की हज़रत पैगम्बर ज़करिया अलेह. की हो सकती है! यह मोहर हमें बादशाह हेज़ेकियाह की मोहर से महज़ तीन मीटर किदूरी पर मिली है, क्यों की बाइबिल में हेज़ेकियाह और हज़रत ज़करिया का ज़िक्र साथ साथ आया है इसलिए इनका पास पास मिलना कोई चोकने वाली बात नहीं होने चाहिए!” इलियट मजार ने कहा
मिट्टी की यह कीमती मोहर, जेरुसलम के दक्षिणी दिवार के एक प्राचीन किले की ज़मीन से बरामद हुई है* ०.4 इंच की इस मोहर पर “पैगम्बर ज़करिया” अंकित है पर बुरी खबर यह है की यह आधी टूटी हुई पाई गयी है।
2700 साल पुरानी मोहर पर हिब्रू भाषा में “YashaYah” लिखा है और उसके आगे “NVY” लिखा है; “NVY” हिब्रू में पैगम्बर लफ्ज़ के पहले तीन अक्षर हैं।
आप शक कर सकते हैं की हो सकता है यह उस ज़माने के किसी और ज़कारिया नाम के शख्स की मोहर हो?, ज़करिया उस ज़माने में एक प्रचलित नाम था ?….पर दो चीज़ें इसे एतबार लायक बनाती हैं …पहली यह की यह बादशाह की मोहर के पास बरामद हुई है …और दूसरी यह की उस ज़माने में बहुत ऊँचे दर्जे / पद के लोग ही अपनी मोहर बनवाते और इस्तेमाल करते थे।
यह हज़रात ज़करिया के होने का पहला पुख्ता सबूत है ..इसके पहले उनका ज़िक्र किताबों में ही मिलता है… पुरातत्त्वविदों ने यह पाया है की इस मोहर के दूसरी तरफ कपडे और उँगलियों के निशान मौजूद हैं! एसा लगता है की कपडे के किसी पैकेट पर यह मोहर लगायी गयी थी …हो सकता है खुद हज़रात ज़करिया अलेह. ने इसे लगाया हो!…
हज़रत ज़कारिया की शहादत
हज़रात ज़करिया की शहादत का ज़िक्र बाइबल और कुरान में नहीं मिलता, लेकिन यहूदियों की किताब “तालमुद” के अनुसार बादशाह “मनासेह” के हुक्म से यहूदियों ने हज़रत ज़कारिया को आरी से दो टुकड़े कर शहीद कर दिया था” बादशाह हेज़ेकियाह तो हज़रत ज़कारिया की सलाह सुनता था पर उसके मरने के बाद यहूदियों ने अपनी नाफर्मानियाँ और गुनाह के काम शुरू कर दिए … हज़रत ज़कारिया के उन्हें बार बार समझाने पर उनका गुस्सा बढता गया और उन्होंने बादशाह को भड़काकर उन्हें शहीद करवा दिया।
इस्लामिक रिवायतों की किताबों में हमें हज़रत ज़कारिया के किस्से में कुछ अंतर देखने को मिलता है ..इन रिवायतों के अनुसार हज़रत ज़कारिया, मरियम अले. के हमवक़्त थे और वो मरियम अले. के सरपरस्त थे..वो सुतारी काम करते थे …यहूदियों ने उन पर झूठे इल्जाम लगाकर, आरी से काट कर शहीद कर दिया जब वे एक बड़े पेड़ के तने के अन्दर थे.. पवित्र क़ुरान में भी हज़रात ज़करिया अले. और मरियम अले. का ज़िक्र साथ साथ आया है. पुरातत्त्वविदों (ماہر آثار قدیمہ) को इस बात को ध्यान में लाना चाहिए की हज़रत ज़करिया का वक़्त इसा अलेह. के सात सो साल पूर्व का ना होकर उनके ठीक पहले का है।
Source : Biblical Archeology Review