कोट्स ऑफ़ हज़रत अली
नहजुल बलाग़ा (Nahj al-balagha) – हज़रत अली के सुविचारों की किताब
दोस्तों अगर आप हजरत अली के सुविचारों को पसंद करते हैं तो हम आपको आज ऐसी किताब के बारे में जानकारी देंगे जिस में आप हजरत अली के काफी अच्छे कोट्स हजरत अली के काफी सुविचार और उनके किस्से पढ़ सकते हैं, हजरत अली इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के दामाद हैं, हजरत अली को शिया और सुन्नी दोनों मुसलमान वर्गों में काफी सम्मान और आदर के साथ याद किया जाता है
हजरत अली के विचारों और कथनों को पढ़ने के लिए आपको नहजुल बलाग़ा ( The Peak of eloquence ) नाम की किताब प्राप्त करनी होगी, इस किताब में हजरत अली के व्याख्यान, पत्र तफ़्सीर, उद्धरण, सुविचार, मौजूद है. यह सारी चीजें शरीफ राज़ी जो कि एक शिया स्कॉलर हैं उन्होंने संग्रहित किए हैं शरीफ राजी 10वीं शताब्दी के विद्वान हैं, नहजुल बलाग़ा को शिया साहित्य का एक मास्टरपीस माना जाता है.
नहजुल बलाग़ा Nahj al-balagha (book)
नहजुल बलाग़ा में कई तरह के विषयों और मुद्दों को संग्रहित किया गया है इसमें मेटाफिजिक्स की समस्याएं, एकेश्वरवाद, फिकह, तफसीर, हदीस, पैगंबर की भविष्यवाणियां, इमामत, मूल्यों का वर्णन, सामाजिक दर्शन, इतिहास, राजनीति, प्रशासन नागरिक शास्त्र, विज्ञान और शायरी और साहित्य भी संग्रहित है. यह किताब नहजुल बलाका शुरुआती इस्लाम के दौर का चित्रण करती है इस्लाम की शिक्षाओं कुरान और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं को प्रकाशित करती है. नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली के 241 व्याख्यान 79 पत्र और 490 किस्से हैं, इसमें हजरत अली के कई विचार विभिन्न विषयों पर संग्रहित किए गए हैं इन विषयों में विश्व की रचना से लेकर आदम अलैहिस्सलाम की उत्पत्ति, और ब्रह्मांड के अंत और इमाम मेहंदी के आने तक की बातें सम्मिलित हैं. हजरत अली के कथनों पर आधारित किताब नहजुल बलाग को शिया प्रमाणिक मानते हैं, जबकि सुन्नी मुसलमानों के नजदीक यह प्रमाणित नहीं है कई सुन्नी इमामों ने इस किताब नहजुल बलाग़ा पर अपनी टिप्पणियां प्रकाशित की है और इसकी प्रमाणिकता पर प्रश्न उठाए हैं क्योंकि इसमें कई बातें बाद में शामिल कर ली गई हैं.
नहजुल बलाग़ा किताब का जो कि हजरत अली के कथनों से सुसज्जित है और उसमें हजरत अली के कई पत्र भी शामिल हैं का अनुवाद कई भाषाओं में किया जा चुका है इंग्लिश, फ्रेंच, जर्मन, रोमानियन, रशियन, स्पेनिश, उर्दू भाषा में इसका अनुवाद प्रकाशित हो चुका है.
तो अगर आप हजरत अली के पत्र पढ़ना चाहते हैं जो उन्होंने विभिन्न लोगों को लिखे हैं और अगर आप हजरत अली के कथन सुविचार पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें इस किताब नहजुल बलागा को प्राप्त कर सकते हैं.
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