सूर्य एक तारा है ना की ग्रह
सूर्य एक तारा है, चमकती हुई गर्म गैसों का गोला!!! यह गोला हमारे सौरमंडल के केंद्र में स्थित है, सूर्य के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव नेपच्यून प्लूटो की कक्षाओं के पार भी होता है, सूर्य की ऊर्जा और गर्मी के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो सकता है, सूर्य की तरह अरबों तारे हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में पाए जाते हैं
सूर्य के केंद्र का तापमान लगभग 27 मिलियन डिग्री फॉरेनहाइट तक होता है, सूर्य का व्यास प्रथ्वी के व्यास का 109 गुना ज्यादा है, सूर्य का व्यास 864000 मील के लगभग है.
सूर्य का तापमान 10000 डिग्री फारेनहाइट होता है इतने भयंकर तापमान पर सभी तत्व और धातुएं गैस और प्लाज्मा बन जाती है.
सूर्य एक येलो ड्वार्फ स्टार यानी पीला बोना तारा है, सूर्य के गुरुत्वाकर्षण ही सभी ग्रहों को सौर मंडल में बांधे रखता है. सूर्य का एक ताकतवर चुंबकीय क्षेत्र भी है सूर्य से प्रकाश और गर्मी के अलावा रेडिएशन और सोलर विंड भी निकलते हैं, सूर्य के प्रभाव के कारण ही पृथ्वी पर मौसम बदलते हैं.
तारे और ग्रह में क्या अंतर है?
सूर्य एक तारा है जबकि हमारी पृथ्वी एक ग्रह है, तारे हाइड्रोजन और हीलियम गैस के बने हुए विशालकाय गोले होते हैं, और ग्रह अधिक भारी तत्व से बने होते हैं इन तत्वों में मुख्यतः कारबन आयरन ऑक्सीजन नाइट्रोजन इत्यादि होते हैं क्योंकि ग्रहों का तापमान कम होता है इसलिए इस पर तरह-तरह के कार्बनिक यौगिक और नाइट्रोजन योगिक भी पाए जाते हैं. यूनिवर्स में सभी ग्रह अपने अपने तारे का चक्कर लगाते हैं जैसे कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, तारों का द्रव्यमान और तापमान अधिक होता है जबकि ग्रह का द्रव्यमान तारों की तुलना में बहुत कम होता है.
सूर्य की उत्पत्ति कैसे हुई?
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की उत्पत्ति सोलर नेबुला नाम के एक बड़े और घने गैस के विशालकाय बादल से हुई है, लगभग 4.5 बिलियन साल पहले जब यह विशालकाय गैस का बादल गुरुत्वाकर्षण के कारण सिकुड़ने लगा. इस घने बादल के केंद्र में सूर्य की उत्पत्ति हुई और इसके आसपास एक तेजी से घूमती हुई डिस्क का निर्माण हुआ, इस घूमती हुई डिस्क से आगे चलकर सभी ग्रह बने.
सौर मंडल के द्रव्यमान का 99.8% सूर्य में ही समाहित है, इस तरह हमारे सूर्य और सौरमंडल का निर्माण हुआ