दुनिया में इतने बेक्टेरिया क्यों हैं? ये कौन कौन से रोग उत्पन्न करतें हैं?
why there is so much bacteria on earth
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बेक्टेरिया क्या होते हैं? what is bacteria in hindi
बैक्टीरिया बहुत छोटे जीव होते हैं यह एक कोशीय सूक्ष्मजीव है इन बैक्टीरिया में न्यूक्लियस नहीं होता जैसा कि अन्य जीवो की कोशिकाओं में पाया जाता है ज्यादातर जीवाणुओं की कोशिका भित्ति नहीं होती है जीवाणुओं में डीएनए पाया जाता है तथा इनकी बायोकेमिस्ट्री दूसरे जीवो के समान ही होती है यह जीवन का सबसे सरलतम और प्राचीनतम रूप है. इस लेख में आपको बेक्टेरिया की सभी जानकारी एक जगह ही मिल जाएगी.
सभी बैक्टीरिया बहुत छोटे आकार के होते हैं जिन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता इन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की आवश्यकता पड़ती है बैक्टीरिया सिर्फ एक कोशिका के बने होते हैं यह सबसे सरलतम जीवो में से होते हैं कुछ बैक्टीरिया काफी कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं जैसे की बिना ऑक्सीजन का वातावरण और अत्यधिक गर्म जगह.
बेक्टेरिया पृथ्वी पर हर जगह क्यों पायें जाते हैं? why bacteria is so abundant on earth?
बैक्टीरिया सारी पृथ्वी पर प्रचुरता से पाए जाते हैं, सुई की एक नोक पर 10 हज़ार तक बेक्टेरिया आराम से रह सकते हें, हमारी त्वचा के 1 वर्ग इंच में 5 लाख की संख्या में बेक्टेरिया मौजूद रहते हैं, ज्यादातर बैक्टीरिया धरती और पानी में पाए जाते हैं कुछ बेक्टेरिया दूसरों जीवो के शरीर के अंदर और उनकी त्वचा पर भी पाए जाते हैं. मनुष्य की त्वचा और मनुष्य की शरीर पर भी लाखों बैक्टीरिया पाए जाते हैं कुछ बेक्टेरिया हमारे अंदर रोग भी उत्पन्न करते हैं इन्हें पथोजेंस बैक्टीरिया कहते हैं तथा कुछ मनुष्य के लिए फायदेमंद साबित होते हैं, कुछ अच्छे बैक्टीरिया हमारे भोजन को पचाने में सहायता प्रदान करते हैं इन्हें गट बेक्टेरिया कहा जाता है तथा कुछ चीज, पनीर और योगर्ट यानी की दही बनाने के काम में आते हैं.
बैक्टीरिया जीवाणु का जन्म कैसे होता है how bacteria get birth?
बैक्टीरिया अपनी संख्या विभाजित होकर बढ़ाते हैं, एक बैक्टीरिया दो छोटे बैक्टीरिया में विभाजित हो जाता है नए उत्पन्न हुए दोनों छोटे बैक्टीरिया पुरानी बैक्टीरिया के समान होते हैं परंतु इनका आकार छोटा होता है. यह दो छोटे बैक्टीरिया बड़े होकर पुनः विभाजित हो जाते हैं तथा चार बेक्टेरिया उत्पन्न करते हैं इस प्रकार बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती रहती है.
बैक्टीरिया का आकार the size of bacteria
बैक्टीरिया कई प्रकार के आकार और प्रकारों में पाए जाते हैं, यह वायरस से 10 गुना बड़े होते हैं सामान्यता एक बैक्टीरिया या 1 माइक्रोमीटर के बराबर होता है यदि 1000 बैक्टीरिया को एक लाइन में रखा जाए तो यह एक मिली मीटर लंबे दिखाई देंगे, पृथ्वी पर बैक्टीरिया की संख्या नोनिलियन यानि की कुल 5 x 10 की घात 30 मानी गई है.
बेक्टेरिया का जीवन काल The lifespan of bacteria
बेक्टेरिया का जीवन काल निश्चित नहीं होता, क्यों की यह बूढ़े नहीं होते, एक बेक्टेरिया दो बैक्टीरिया में विभाजित हो जाता हे, बेक्टेरिया 12 मिनिट से लेकर 24 घंटे में विभाजित हो जाता हे, इसलिए बेक्टेरिया का औसत जीवन काल 12 घंटे हौता है.
बैक्टीरिया कितने प्रकार के होते हैं ? How many types of bacteria
बैक्टीरिया की पहचान और वर्गीकरण उनके आकार के आधार पर किया जाता है बेसिल्ली bacilli बैक्टीरिया छड के आकार के होते हैं, cocci बैक्टीरिया गोलाकार होते हैं, spirilla बैक्टीरिया स्पाइरल आकार के होते हैं, vibiro बैक्टीरिया अनियमित आकार होते हैं.
पेथोजेंस – रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया – pathogens kya hote hain?
कई प्रकार के बैक्टीरिया मनुष्य में रोग उत्पन्न करते हैं यह हवा पानी और खाने के द्वारा शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं एक बार शरीर में प्रवेश होने के बाद यह कोशिकाओं की दीवार से चिपक जाते हैं तथा अपनी संख्या को बढ़ाने लगते हैं, यह शरीर से ही पोषक तत्व प्राप्त करते हैं और अपनी संख्या को बढ़ाकर हमें भी मार कर देते हैं
एक्सट्रीमोफिल्स बैक्टीरिया Extremophiles Bacteria
कुछ बैक्टीरिया एक्सट्रीमोफील्स होते हैं यह काफी कठिन वातावरण में भी जीवित रह जाते हैं या दूसरे जीव जीवित नहीं रह पाते जैसे कि चट्टानों के 580 मीटर नीचे पृथ्वी की गहराई में जहां प्रकाश और हवा दोनों नहीं होते हैं ज्वालामुखी विंड्स के पास एक रिसर्च के मुताबिक पृथ्वी परलगभग हर जगह बैक्टीरिया पाए जाते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हर प्रकार के वातावरण के अनुसार अपने आप को अनुकूलित कर लेते हैं
प्रमुख रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया कौन कौन से हैं? list of disease causing bacteria
कुछ बेक्टेरिया मनुष्य में रोग उत्पन्न करते हैं इन्हें पेथोजेंस बैक्टीरिया कहते हैं कुछ प्रमुख रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया और उन से वार होने वाले रोग निम्न है
रोग का नाम – Pulmonary Tuberculosis:
बेक्टेरिया – Mycobacterium tuberculae
ईलाज-दवाइयाँ – Streptomycin, para-amino salicylic acid, rifampicin etc.
रोग का नाम Diphtheria:
बेक्टेरिया – Corynebacterium diphtheriae
ईलाज-दवाइयाँ – Diphtheria antitoxins, Penicillin, Erythromycin.
रोग का नाम -. Cholera:
बेक्टेरिया – Vibrio cholerae
ईलाज-दवाइयाँ – Oral rehydration therapy & tetracycline.
रोग का नाम -. Leprosy (Hansen’s Disease):
बेक्टेरिया – Mycobacterium leprae
ईलाज-दवाइयाँ – Dapsone, rifampicin, Clofazimine.
रोग का नाम – Pertussis (Whooping Cough):
बेक्टेरिया – Bordetella pertussis
ईलाज-दवाइयाँ – Erythromycin.
रोग का नाम – Tetanus (Lock Jaw):
बेक्टेरिया – Clostridium tetani
ईलाज-दवाइयाँ – Tetanus- antitoxins.
रोग का नाम – Plague:
बेक्टेरिया Pasteurella (or Yersinia) pestis
ईलाज-दवाइयाँ – Tetracycline, streptomycin, Chloromycetin.
रोग का नाम – Gonorrhoea:
बेक्टेरिया – Neisseria gonorrhoeae
ईलाज-दवाइयाँ – Penicillin & Ampicillin.
रोग का नाम -. Syphilis:
बेक्टेरिया – Treponema pallidum
ईलाज-दवाइयाँ – Tetracycline & penicillin.
रोग का नाम -. Salmonellosis:
बेक्टेरिया – Salmonella enteridis.
ईलाज-दवाइयाँ – Antibiotics.
उपयोगी बैक्टीरिया की जानकारी – list of useful bacteria
सभी बैक्टीरिया हार्मफुल नहीं होते कुछ बैक्टीरिया मनुष्य के लिए उपयोगी भी होते हैं इनमें से कुछ उपयोगी बैक्टीरिया इस प्रकार हैं, इन्हें प्रोबायोटिक भी कहा जाता है, मनुष्य की आंतों में पाए जाने वाले कुछ बैक्टीरिया दूसरे खतरनाक बेक्टेरिया को मार देते हैं. कुछ बैक्टीरिया विटामिन k तथा मैग्नीशियम को अवशोषित करने में मदद करते हैं, यह जीवाणु भोजन को के पाचन में भी सहायता प्रदान करते हैं भोजन में पाए जाने वाले जटिल तत्वों को यह तोड़कर यह आसान पाचक तत्वों में बदल देते हैं
कुछ बैक्टीरिया खाद्य पदार्थ बनाने की भी काम आते हैं जैसे कि पनीर, दही, सिरका विनेगर.
Lactobacillus Acudiophilus
यह बैक्टीरिया मनुष्य के लिए फायदेमंद होता है यह ज्यादातर डेयरी उत्पादों में पाया जाता है इसे दही चीज, पनीर बनाने के काम में उपयोग में लिया जाता है,यह बैक्टीरिया विटामिन k, लेक्टेड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड उत्पन्न करते हैं. इनका उपयोग दस्त लगने की बीमारी में भी किया जाता है यह बैक्टीरिया दूसरे बीमारी उत्पन्न करने वाले बेक्टेरिया को खत्म करते हैं.
Tobacillus acidophilus
यह बैक्टीरिया भी दही क्रीम मक्खन आदि में पाया जाता है यह शर्करा और कार्बोहाइड्रेट्स को लेक्टिक एसिड में बदल देते हैं इसीलिए इन्हें लेक्टिक एसिड बैक्टीरिया भी कहा जाता है यह भी दूसरे खतरनाक बेक्टेरिया को पनपने नहीं देते हैं यह जीवाणु ऐनारोब्स Anaerobes होते हैं अर्थात इन्हें जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती है, विनेगर बनाने और चीज बनाने में इनका उपयोग किया जाता है.
Lactobacillus reuteri
यह बैक्टीरिया ब्रेस्ट मिल्क और आंतों में पाया जाता है.
Acidophilus bifidus
यह बेक्टेरिया भी लैक्टिक एसिड और हाइड्रोजन पेराक्साइड उत्पन्न करते हैं जिसकी वजह से हानिकारक बैक्टीरिया नहीं पनप पाते कुछ लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया कोलेस्ट्रोल कम करने में भी सहायता प्रदान करते हैं.
Escherichia coli
इस प्रकार के बैक्टीरिया मनुष्य की आंतों में पाए जाते हैं तथा कई बीमारियों को ठीक करने में काम में लिए जाते हैं इनमें से प्रमुख ulcerative colitis, crohn’s disease, chronic constipation, irritable bowel syndrome हैं.
Streptococcus Thermophilus
चीज बनाने में इस बैक्टीरिया की भी आवश्यकता पड़ती है, कभी-कभी पाश्चराइज्ड दूध बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है.
Streoticiccys Faecium
यह बैक्टीरिया मनुष्य में डायरिया की बीमारी की रोकथाम में काम आता है तथा मनुष्य का पाचन तंत्र सही रखता है.
नाईट्रोजन चक्र में बेक्टेरिया की भूमिका Role of bacteria in Nitrogen cycle
बेक्टेरिया पृथ्वी के नाईट्रोजन चक्र में बहुत महतवपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे की सभी पौधों और जीवों को फायदा होता है.
Nitrosomonas नाइट्रोजन गेस को nitrite (NO2–) में बदल देता हैं, इसके बाद nitrobacter बेक्टेरिया इसे नाइट्रेट (NO3–) में बदल देता है, पौधे इस नाइट्रेट का अवशोषण कर लेतें हें, यह उनके लिए पोषक हौता है, इसके पश्चात् पौधे इसे नायट्रोजन युक्त कार्बनिक प्रदार्थों में बदल देते हैं, इस प्रकार प्रथ्वी पर नायट्रोजन चक्र चलता रहता है.