अनोखा प्राणी है चींटी
Ant dont have heart and lungs! Ant information in hindi
मनुष्य के जीवित रहने के लिए कुछ अंग बहुत आवश्यक है जैसे कि दिल, फेफड़े, लिवर, रक्त और रक्त वाहिकाएं. सभी प्रकार की स्तनधारी प्राणियों और पक्षियों में यह अवश्य रूप से पाए जाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि एक जैसा जीव भी है जो बिना इन अंगों के भी जीवित रहता है. ऐसा एक नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों जीव हैं इन्हें कीट पतंगे कहते हैं.
नन्ही चीटियों को कतार में जाते हुए देख कर हम अक्सर आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि कैसे वह इतना अनुशासन और मेहनत के साथ काम करती है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की चीटियों में ना तो दिल होता है ना ही फेफड़े, ना रक्त और रक्त वाहिकायें होती हैं !
चीटियों का अनोखा शरीर
चीटियों में खून नहीं होता, खून नहीं होने की वजह से खून को प्रवाहित करने के लिए रक्त वाहिकायें भी नहीं होती हैं यही कारण है कि चीटियों में दिल भी नहीं पाए जाता क्योंकि दिल का मुख्य कार्य खून को पूरे शरीर में पंप करना है.
चीटियों में रक्त की बजाय hemolymph नाम का पदार्थ होता है जो उनके पूरे शरीर में मौजूद रहता है यही पदार्थ चींटी के उतकों को पोषण देता है, चींटी के दिमाग तक यह पदार्थ पहुंचाने के लिए एक बहुत छोटा पंपिंग करने का अंग होता है जिसे डोर्सल औरटा कहां जाता है. जिस तरह दूसरे जीवों में रक्त ही ऑक्सीजन को सभी अंगों तक पहुंचाता है लेकिन कीट पतंगों और चींटियों में hemolymph यह कार्य नहीं करता है, इसीलिए आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चीटियों में फेफड़े भी नहीं होते हैं.
चीटियों में फेफड़े नहीं होते
कीट पतंगों और चींटियों में फेफड़े के बजाय खोखले ट्यूब्स उनके पूरे शरीर में फैली होती है जिनके अंदर हवा प्रभावित होती है इसी के जरिए वे ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं.
सभी जीवों में और मनुष्य में कंकाल और हड्डियां पाई जाती हैं चीटियों में हड्डियाँ नहीं होती इसकी वजह है उनका एक बाहरी कंकाल exoskeleton होता है इसी ठोस कंकाल के अंदर चीटीं का शरीर होता है
चीटियां आंखों का इस्तेमाल नहीं करती है.
चीटियों की आंखें तो होती है जिनमें कंपाउंड लेंस लगा होता है मनुष्य के शरीर में जहां प्रत्येक आंख में एक लेंस होता है चीटियों के आंख में कई लेंस लगे होते हैं लेकिन चींटी को अपने आसपास की चीजें साफ नहीं दिखाई देती है यही कारण है कि चीटियां आंखों का इस्तेमाल ना के बराबर करती है. ऐसा लगता है कि आंखों से प्राप्त सिग्नल उनका मस्तिष्क प्रोसेस ही नहीं करता है.
आंखों के बजाय चीटियां अपने दो एंटीना के सहारे आसपास की चीजों को महसूस करती है यह एंटीना विभिन्न प्रकार के केमिकल और वाइब्रेशन के द्वारा आसपास के माहौल का पता लगाता है. चीटियाँ फेरामोंस नाम के रसायन की गंध से आपस में बातचीत करती है और रास्ते का पता लगाती है.
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