Bewafa Shayari बेवफा शायरी

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Bewafa Shayari बेवफा शायरी
Bewafa Shayari बेवफा शायरी

 

Bewafa Shayari  बेवफा शायरी

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बेवफा शायरी

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Hindi Shayari

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Bewafa Shayari

रुसवाईयों की बात क्यों करते हो
तन्हाईयों में याद क्यों करते हो।।
वफा नहीं करना तो कोई बात नहीं
बेवफाई की बात क्यों करते हो।।

***

मोहब्बत से भरी कोई
ग़ज़ल उसे पसंद नहीं।।

बेवफाई के हर शेयर पे
वो दाद दिया करते है…!

***

अब मायूस क्या होना उसकी बेवफाई पर ऐ दिल
तू खुद ही तो कहता था वो सबसे जुदा है ।।

***

तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।

***

कोई शिकवा नही है तुमसे बेवफाई का..
में परेशान हु खुद अपनी वफाओं से ..

***

खुदा करे किसी को मोहब्बत मे जुदाई ना मिले,

कभी भी किसी को इश्क़ में बेवफ़ाई ना मिले,

*** Bewafa Shayari

तेरी बेवफाई पे लिखूंगा ग़ज़लें,
.
सुना है हुनर को हुनर काटता है

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***

मेरे दिल को अब किसी से गिला नहीं ,
मन से जिसे चाहा वो मुझे मिला नहीं ,
बद नसीबी  कहूँ या वक्त की बेवफाई ,
अँधेरे में एक दीपक मिला पर वो जला नही …!

***

~~~कुछ नहीं बदला मुहबत मैं यहाँ.

बस बेवफाई आम हो गई है…

***

काश हम भी होते गालिब की तरह शायरी के बादशाह
हम भी तुझे रूलाते तेरी बेवफाई के शेर सुना सुना कर

***

आंखों में जिनके बस गई दुनिया भर की रौनकें
वो शख्स बेवफाई का एक जिंदा मिसाल था

***

लोग डूब कर सुनते है मेरी बेतुकी बातों को आजकल,

तू ही बता तेरी बेवफ़ाई नें मुझे ये क्या बना दिया ?

*** Bewafa Shayari

जान कर भी वो मुझे जान ना पाए, आज तक वो मुझे पहचान ना पाए, खुद ही करली बेवफ़ाई हमने, ताकि उन पर कोई इल्ज़ाम ना आए.

***

मेरी चुप्पी का मतलब बेवफाई न समझो
कभी – कभी मजबूरियाँ भी खामोश कर जाती है …

***

कुछ अलग ही करना है तो
वफ़ा करो दोस्त,
.
वरना मज़बूरी का नाम लेकर
बेवफाई तो सभी करते ही हैं.

***

वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो शरारत भी तेरी
थी….!!
अगर कुछ बेवफाई थी, तो वो बेवफाई भी
तेरी थी….!!
हम छोड़ गए तेरा शहर, तो वो हिदायत भी
तेरी
थी…!!
अगर करते तो किस्से करते तुम्हारी
शिकायत
“सनम” वो शहर भी तेरा था वो अदालत भी
तेरी थी..!!

*** Bewafa Shayari

चोट है, ज़ख्म़ हैं, तोहमत है, बेवफाई है_
बचपन के बाद इम्तहान कड़ा होता है_

***

अगर वो ज़िन्दगी में फ़कत एक बार मेरी हो
जाती… तो मैं ज़माने की किताबों से लफ़्ज़
बेवफाई ही मिटा देता

***

क्या दू सबूत अपनी वफा का इससे बडा
मैने खुदा से बेवफाई की तुझसे वफा के खातिर

***

मोहब्बत रब से हो तो सुकून देती हैं,
क्युकी न खतरा हो जुदाई का न डर हो बेवफाई का..!!

***

तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास..
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको…

***

“मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।”

*** Bewafa Shayari

इस मुहब्बत में तुमको मैं खुशी दे न सकी
कोई तू राह बता कैसे मैं बेवफाई करूँ
दर्द के शोलों को हवा दी हमने तेरे दिल में
इन गुनाहों से तोबा अब मैं कैसे करूँ..

***

रुसवाईयों की बात क्यों करते हो
तन्हाईयों में याद क्यों करते हो।।
वफा नहीं करना तो कोई बात नहीं
बेवफाई की बात क्यों करते हो।।

***

पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई,
.
.
बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया…

*** Bewafa Shayari

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो..
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो..
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे..
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो

***

मोहब्बत न सही तन्हाई तो मिलती हे
मिलन न सही जुदाई तो मिलती हे
कौन कहता हे मोहब्बत में कुछ नहीं मिलता
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है

***

मोहबत खो गयी मेरी,
बेवफ़ाई के दलदल में
मगर इन पागल आँखो को,
आज भी तेरी तलाश रहती है.

*** Bewafa Shayari

जाने क्या सोच के लहरे साहिल से टकराती हैं;
और फिर समंदर में लौट जाती हैं;
समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं;
या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं।

***

करनी थी अगर बेवफाई‬ तो हमें पहले ही बता देते…..!!!!
दुनिया बहुत हसीन‬ हैं हम किसी ओर से दिल‬ लगा लेते……..!!

***

बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ;
ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ;
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को;
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।

***

वफादार और तुम…?
ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम…??
इल्जाम भी अच्छा है…

***

न करना प्यार कभी किसी मुसाफिर से
उनका ठिकाना बहुत दूर होता है …
वो कभी बेवफा तो नहीं होते ..
मगर उनका जाना ज़रूर होता है

***

अबकी बार सुलह कर ले मुझसे ऐ दिल,
वादा करते है,…..
फिर न देंगे तुझे किसी बेवफा के हाथ में..

*** Bewafa Shayari

जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख,
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी.

***

हर किसी की जिंदगी का एक ही मकसद है खुद भले हों बेवफ़ा लेकिन तलाश वफ़ा की करते है।

***

जनाजा मेरा उठ रहा था;
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में;
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी;
और कितनी देर है दफनाने में!….

***

वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे;
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे;
हमें ही मिल गया बेवफ़ा का ख़िताब क्योंकि;
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे!!!

***

पूछते है सब जब बेवफा था तो उसे दिल दिया ही क्यों**किस किस को बतलाये***उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी दिल नहीं देते तो जान चली जाती”.

*** Bewafa Shayari

वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.

***

किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तहा कर दो,
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो,
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर,
कि अपनी ही वफाओं से उसको बेवफा कर दो

***

तु बदली तो मजबूरियाँ थी……????
और जब
मै बदला तो बेवफ़ा हो गया !!

***

हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला; हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला! अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी; हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!

*** Bewafa Shayari

मेरे कलम से लफ्ज खो गए शायद,
आज वो भी बेवफा हो गए शायद,
जब नींद खुली तो पलको में पानी था,
मेरे ही ख्वाब मुझ पर रो गए शायद

***

मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला

अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता

***

आरजू थी की तेरी बाँहो मे, दम निकले, लेकिन बेवफा तुम नही,बदनसीब हम निकले.

***

मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है;
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है;
देकर वो आपकी आँखों में आँसू;
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।

*** Bewafa Shayari

किसी और की बाहों में रहकर,
.
वो हमसे वफा की बातें करते हैं, ??
.
ये कैसी चाहत है यारों, ???
.
वो बेवफ़ा है ये जानकर भी हम उन्ही से मुहब्बत करते हैं

***

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Bewafa Shayari  बेवफा शायरी in hinglish font

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bewafa shayarivafa ke badale bewafai na diya karo..mere umed thukara kar inkar na kiya karo..tere mahobt mein ham sab kuchh kho baithe..jan chale jayege imtihan na liya karo***

mohabbat na sahe tanhae to milate hemilan na sahe judae to milate hekaun kahata he mohabbat mein kuchh nahin milatavafa na sahe bewafai to milate hai***mohabat kho gaye mere,bewafai ke daladal memmagar in pagal ankho ko,aj bhe tere talash rahate hai.***

bewafa shayarijane kya soch ke lahare sahil se takarate hain;aur fir samandar mein laut jate hain;samajh nahin ata ki kinaron se bewafai karate hain;ya fir laut kar samandar se vafa nibhate hain.***

karane the agar bewafai to hamen pahale he bata dete…..!!!!duniya bahut hasen hain ham kise or se dil laga lete……..!!***

bewafai usake mita ke aya hoon;khat usake pane mein baha ke aya hoon;koe padh na le us bewafa ke yadon ko;isalie pane mein bhe ag laga kar aya hoon.***

vafadar aur tum…?khyal achchha hai, bewafa aur ham…??iljam bhe achchha hai…***

na karana pyar kabhe kise musafir seunaka thikana bahut door hota hai …vo kabhe bewafa to nahin hote ..magar unaka jana zaroor hota hai***

abake bar sulah kar le mujhase ai dil,vada karate hai,…..fir na denge tujhe kise bewafa ke hath mein..***

bewafa shayarijam pe jam pene se kya fayada doston,rat ko pe huye sharab subah utar jaege,are pena hai to do boond bewafa ke pe ke dekh,sare umar nashe mein guzar jaege.**

*har kise ke jindage ka ek he makasad hai khud bhale hon bewafa lekin talash vafa ke karate hai.***

janaja mera uth raha tha;fir bhe takalef the use ane mein;bewafa ghar mein baithe poochh rahe the;aur kitane der hai dafanane mein!….***

vo to apana dard ro-ro kar sunate rahe;hamare tanhaiyon se bhe ankh churate rahe;hamen he mil gaya bewafa ka khitab kyonki;ham har dard muskura kar chhipate rahe!!!**

*poochhate hai sab jab bewafa tha to use dil diya he kyon**kis kis ko batalaye***

us shakhs mein bat he kuchh aise the dil nahin dete to jan chale jate”.***

bewafa shayarivo bewafa hamara imteha kya lege…milege nazaro se nazare to apane nazare zuka lege…use mere kabar par deya mat jalane dena…vo nadan hai yaro… apana hath jala lege.***

kise ke khatir mohabbat ke intaha kar do,lekin itana bhe nahin ki usako khuda kar do,mat chaho kise ko toot kar is kadar,ki apane he vafaon se usako bewafa kar
kise ke khatir mohabbat ke intaha kar do,lekin itana bhe nahin ki usako khuda kar do,mat chaho kise ko toot kar is kadar,ki apane he vafaon se usako bewafa kar do***

tu badale to majabooriyan the……????aur jabamai badala to bewafa ho gaya !!***

hamen na mohabbat mile na pyar mila; ham ko jo bhe mila bewafa yar mila! apane to ban gae tamasha zindage; har koe apane makasad ka talabagar mila!***

bewafa shayarimere kalam se lafj kho gae shayad,aj vo bhe bewafa ho gae shayad,jab nend khule to palako mein pane tha,mere he khvab mujh par ro gae shayad***

mil jayenga hamen bhe koe toot ke chahane valab shahar ka shahar to bewafa nahin ho sakata***

arajoo the ke tere banho me, dam nikale, lekin bewafa tum nahe,badanaseb ham nikale.***

mazaboore mein jab koe juda hota hai;zaroore nahin ki vo bewafa hota hai;dekar vo apake ankhon mein ansoo;akele mein vo apase jyada rota hai.***

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9 thoughts on “Bewafa Shayari बेवफा शायरी

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