Majburi Shayari – मजबूरी शायरी 

Majburi Shayari :  ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे पल आते हैं जब इन्सान मजबूर हो जाता है, वह चाहकर भी अपने मन की नहीं कर सकता, ऐसे ही पलों के ज़ज्बात ज़ाहिर करने के लिए,  दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए मज़बूरी पर शायरी पेश कर रहे हैं, यहाँ मशहूर शायरों के मज़बूरी के बारे में शेर दिए गए हैं, इन्टरनेट पर यह मज़बूरी शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, मज़बूरी के बारे में मशहूर शायरों ने क्या क्या कहा है, मज़बूरी पर सारे शेर एक पेज पर पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, यहाँ मज़बूरी शायरी पर 150 से भी ज्यादा शेर संकलित जमा किये गए है. 

हमने यहाँ महान शायरों की Majburi shayari 2 lines देवनागरी font में दी है, यह मज़बूरी शायरी hindi (Majburi shayari in hindi ) और उर्दू भाषा में हैं, Majburi shayari in hindi को आप आसानी से कॉपी कर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, Majburi par shayari का यह संकलन आपको केसा लगा, कमेंट्स में ज़रूर लिखे.

मज़बूरी शायरी इमेजेस :- इस पेज के अंत में हमने कुछ  मज़बूरी शायरी इमेजेस दी हैं, आप इन मज़बूरी शायरी इमेजेस को आसानी से डाउनलोड और शेयर कर सकते हैं.

सभी hindi शायरी की लिस्ट यहाँ दी गयी है  All Topics Hindi Shayari

 

majburi shayari hindi

 

बोझ उठाना शौक़ कहाँ है मजबूरी का सौदा है

रहते रहते स्टेशन पर लोग क़ुली हो जाते हैं

~मुनव्वर राना

 

थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ

मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ

~मुनीर नियाज़ी

 

मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का

मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है

~बशीर बद्र

 

उन के सितम भी कह नहीं सकते किसी से हम

घुट घुट के मर रहे हैं अजब बेबसी से हम

~आले रज़ा रज़ा

 

हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है

वज्ह कोई मजबूरी भी हो सकती है

~बेदिल हैदरी

 

एक मजबूर का तन बिकता है मन बिकता है

इन दुकानों में शराफ़त का चलन बिकता है

~मुज़फ़्फ़र वारसी ~

 

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गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से

पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम

~साहिर_लुधियानवी

 

जितनी हिरनी की दूरी है ख़ुद अपनी कस्तूरी से,

उतनी ही दूरी देखी है इच्छा की मजबूरी से,

 

ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थी

मजबूर थे हम उस से मोहब्बत भी बहुत थी

~कलीम_आजिज़

 

कह तो सकता हूँ मगर मजबूर कर सकता नहीं

इख़्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह

~अनवर_शऊर

meri majburi shayari

 

आदत से लाचार है आदत नई अजीब

जिस दिन खाया पेट भर सोया नहीं ग़रीब

~अख़्तर_नज़्मी

 

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे

कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ

~RajeshReddy

 

ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना

ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते

~AkhtarSheerani

 

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम

मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम

~Ehsanvi 

 

दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत

उस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं ~Ameeq Hanafi

 

shayari on majburi

 

चलो हम भी वफ़ा से बाज़ आए

मोहब्बत कोई मजबूरी नहीं है

~मज़हर_इमाम

 

हमारी बेबसी शहरों की दीवारों पे चिपकी है

हमें ढूँडेगी कल दुनिया पुराने इश्तिहारों में ~दाराब_बानो_वफ़ा

 

ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना,

ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते !!

 

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे

कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ

~RajeshReddy

 

majburi shayari in urdu

 

जिस्म-ए-आज़ादी में फूंकी तूने मजबूरी की रूह

ख़ैर जो चाहा किया अब ये बता हम क्या करें ~Fani Badayuni

 

रात के राही थक मत जाना

सुबह की मंजिल दूर नहीं

ढलता दिन मजबूर सही

ढलता सूरज मजबूर नहीं

-साहीर लुधियानवी

 

हर तमन्ना से जुदा मैं

हर खुशी से दूर हूं

जी रहा हूं, क्योंकि

जीने के लिए मजबूर हूं

मुझको मरने भी ना देगा ये तुम्हारा इंतज़ार..

-अंजान

गर ज़िन्दगी में मिल गए फिर इत्तफ़ाक़ से

पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम ..

-साहिर लुधियानवी

 

रोक सको तो पहली बारिश की बूँदों को तुम रोको

कच्ची मिट्टी तो महकेगी है मिट्टी की मजबूरी ~Mohsin Bhopali

 

हमारी बेबसी शहरों की दीवारों पे चिपकी है

हमें ढूँडेगी कल दुनिया पुराने इश्तिहारों में

 

बचपन, यौवन और बुढ़ापा,

कुछ दशकों में ख़त्म कहानी।

फिर-फिर जीना, फिर-फिर मरना,

यह मजबूरी या मनमानी?

-अटलजी

 

किस को ख़बर थी मुख़्तारी में होंगे वो इतने मजबूर

हम अपने से शर्मिंदा हैं उन से अर्ज़-ए-हाल के बाद ~Zafar Gorakhpuri

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम

मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम ~Ahsan harvi

 

हम ऐब समझते हैं हर इक अपने हुनर को

क्या कीजिए मजबूर हैं क़िस्मत नहीं अच्छी ~Bekhud Dehlvi

 

हम मौत भी आए तो मसरूर नहीं होते

मजबूर-ए-ग़म इतने भी मजबूर नहीं होते ~Fani Badayuni

 

बेबसी किसे कहते हैं ये पूछो उस परिंदे से.

जिसका पिंजरा रखा भी तो खुले आसमान के तले.!

 

चाहत में क्या दुनिया-दारी इश्क़ में कैसी मजबूरी

लोगों का क्या समझाने दो उन की अपनी मजबूरी ~Mohsin Bhopali

 

majburi shayari image

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Majboori shayari in roman hinglish font

bojh uthana shauq kahan hai majaboori ka sauda hai

rahate rahate steshan par log qule ho jate hain

~munavvar rana

 

thake logon ko majaboori mein chalate dekh leta hun

main bas ke khidakiyon se ye tamashe dekh leta hun

~muner niyaze

 

un ke sitam bhe kah nahin sakate kise se ham

ghut ghut ke mar rahe hain ajab bebasi se ham

~ale raza raza

 

ham tum mein kal dure bhe ho sakate hai

vajh koe majaboori bhe ho sakate hai

~bedil haidare

 

ek majboor ka tan bikata hai man bikata hai

in dukanon mein sharafat ka chalan bikata hai

~muzaffar varase ~

 

pyar mai majburi shayari

 

gar zindage mein mil gae fir ittifaq se

puchhenge apana hal tere bebasi se ham

~sahir_ludhiyanave

 

jitane hirane ke dure hai khud apane kasture se,

utane he dure dekhe hai ichchha ke majaboori se,

 

zalim tha vo aur zulm ke adat bhe bahut the

majboor the ham us se mohabbat bhe bahut the

~kalem_ajiz

 

mairi majburi shayari

 

bahana koe to ai zindage de

ki jene ke lie majboor ho jaun

~rajaishraiddy

 

gam-e-zamana ne majboor kar diya varna

ye arazu the ki bas tere arazu karate

~akhtarshaiairani

 

donon ka milana mushkil hai donon hain majboor bahut

us ke panv mein mehande lage hai mere panv mein chhale hain ~amaiaiq hanafi

 

shayari on majburi

 

chalo ham bhe vafa se baz ae

mohabbat koe majaboori nahin hai

~mazahar_imam

 

 

majburi shayari in urdu

 

rat ke rahe thak mat jana

subah ke manjil dur nahin

dhalata din majboor sahe

dhalata suraj majboor nahin

-saher ludhiyanave

 

har tamanna se juda main

har khushe se dur hun

je raha hun, kyonki

jene ke lie majboor hun

 

rok sako to pahale barish ke bundon ko tum roko

kachche mitte to mahakege hai mitte ke majaboori ~mohsin bhopali

 

ham aib samajhate hain har ik apane hunar ko

kya kejie majboor hain qismat nahin achchhe ~baikhud daihlvi

 

bebasi kise kahate hain ye puchho us parinde se.

jisaka pinjara rakha bhe to khule asaman ke tale.!

 

chahat mein kya duniya-dare ishq mein kaise majaboori

logon ka kya samajhane do un ke apane majaboori ~mohsin bhopali

 

Khushi Shayari in hindi with photos

Khushi Shayari :  ख़ुशी शायरी,  दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए ख़ुशी पर शायरी पेश कर रहे हैं, यहाँ मशहूर शायरों के ख़ुशी के बारे में शेर दिए गए हैं, इन्टरनेट पर यह ख़ुशी शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, ख़ुशी के बारे में मशहूर शायरों ने क्या क्या कहा है, ख़ुशी पर सारे शेर एक पेज पर पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, यहाँ ख़ुशी शायरी पर 150 से भी ज्यादा शेर संकलित जमा किये गए है. 

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सभी hindi शायरी की लिस्ट यहाँ दी गयी है  All Topics Hindi Shayari

 

Khushi shayari in hindi

 

तेरे वा‘दे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना

कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए‘तिबार होता … Ghalib Khushi hindi shayari

    

लबों पर यूँही सी हँसी भेज दे

मुझे मेरी पहली ख़ुशी भेज दे

अँधेरा है कैसे तेरा ख़त पढ़ूँ

लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे

~मोहम्मद अल्वी

khushi shayari in hindi

वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझे ये ख़ुशी है

कि पास उन के रहता हूँ मैं दूर हो कर

~जलील मानिकपूरी

khushi shayari hindi

इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा

अँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है

~अख़्तर शीरानी ~

khushi happiness shayari hindi

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी

दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी

~Parveen Shakir –

hindi khushi shayari

अब्र है, गुलज़ार है, मय है, ख़ुशी का दौर है

आज तो डूबे हुए दिल को उछलने दीजिए

~हसन बरेलवी

2 line khushi shayari image

ख़ुशी जीने की क्या मरने का ग़म क्या

हमारी ज़िंदगी क्या और हम क्या

~मिर्ज़ा ग़ालिब

 

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दोस्ती अपनी जगह और दुश्मनी अपनी जगह

फ़र्ज़ के अंजाम देने की ख़ुशी अपनी जगह

~गणेश बिहारी तर्ज़

 

इतने संजीदा कि जैसे खेल ही हो ज़िंदगी

खेल ही में सारे ग़म हों खेल ही सारी ख़ुशी

 

‏मिल जाए मुझ को ख़ाक जो क़दमों की आप के

दिल क्या है मैं तो जान भी दे दूँ ख़ुशी के साथ

khushi par shayari

मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है

ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है

~अहसन मारहरवी ~

hindi me khushi shayari pics

 

Khushi sher o shayari in hindi

 

है ख़ुशी इंतिज़ार की हर दम

मैं ये क्यूँ पूछूँ कब मिलेंगे आप

~निज़ाम रामपुरी

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तमाम उम्र ख़ुशी की तलाश में गुज़री

तमाम उम्र तरसते रहे ख़ुशी के लिए

khushi naa mili shayari   

वो हयात क्या कि जिस में न ख़ुशी के साथ ग़म हो

वो सहर भी क्या सहर है कि जो शाम तक न पहुँचे

~मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी

khushi life shayari

Shayari on khushi

 

एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी

एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया

~आज़ाद_गुलाटी

khushi aur gam shayari

खुला ये राज़ कि ये ज़िंदगी भी होती है

बिछड़ के तुझ से हमें अब ख़ुशी भी होती है

~हसीब सोज़      

 

मजबूरियों को अपनी कहें क्या किसी से हम

लाए गए हैं, आए नहीं हैं ख़ुशी से हम

~बिस्मिल अज़ीमाबादी

 

उस से मिलने की ख़ुशी बाद में दुख देती है

जश्न के बाद का सन्नाटा बहुत खलता है

– Moin Shadab

milne ki khushi shayari with photo

कर रहा हूँ तुझे ख़ुशी से बसर

ज़िंदगी तुझ से दाद चाहता हूँ

~अंजुम सलीमी

 

khushi pr shayari hindi me

 

हर एक ग़म को ख़ुशी की तरह बरतना है

ये दौर वो है कि जीना भी इक हुनर सा लगे

~जाँ निसार अख़्तर

khusi gham zindagi me shayari   

 

लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले

अपनी ख़ुशी न आए न अपनी ख़ुशी चले

~ज़ौक़

zouk shayari

Khushi ke bare me shayari two lines

 

ज़िंदगी कितनी मसर्रत से गुज़रती या रब

ऐश की तरह अगर ग़म भी गवारा होता

~अख़्तर_शीरानी

 

वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता

किस घर में ख़ुशी होती है, मातम नहीं होता

~रियाज़_ख़ैराबादी

khushi duniya me shayari

ख़ुशी हुई थी कि अब मैं तन्हा नहीं हूँ लेकिन

ये शख़्स तो मेरे साथ चलता ही जा रहा है

~शारिक़_कैफ़ी

 

दिल में कोई ख़ुशी नहीं लेकिन

आदतन मुस्कुरा रहा हूँ मैं

~रिफ़अत सुलतान

 

अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला

हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला

~NidaFazli

khushi aur dard shayari

इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा

अँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है

~अख़्तर_शीरानी

 Khushi Gham shayari in hindi 

न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल न मलाल अच्छा है

यार जिस हाल में रक्खे वही हाल अच्छा है

~Jaleel Manikpuri

naa khushi achchi shayari

सुकूँ ही सुकूँ है ख़ुशी ही ख़ुशी है

तेरा ग़म सलामत मुझे क्या कमी है

~ख़ुमार_बाराबंकवी

khushi sukoon shayari

Khushi wali shayari

 

 

सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपना

क़ुबूल हम ने किए जिस के ग़म ख़ुशी की तरह

~क़तील_शिफ़ाई

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ख़ुशी है सब को रोज़-ए-ईद की याँ

हुए हैं मिल के बाहम आश्ना ख़ुश

बाहम – together

आश्ना – acquaintance

 

नए दीवानों को देखें तो ख़ुशी होती है

हम भी ऐसे ही थे जब आए थे वीराने में

~अहमद_मुश्ताक़

naye diwano ko dekhiye to khushi

ये कह के दिल ने मेरे हौसले बढ़ाए हैं

ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं

~Mahirul Qadri ~    

khusi aayegi shayari   

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है

जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है

~साहिर_लुधियानवी

chehre pe khushi chha jati he aankhon me suroor

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे

जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे

~Dagh Dehlvi ~

ranj aur khushi me

ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ दूर के साथी हैं

फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है

~निदा_फ़ाज़ली ~    

gham aur khushi shayari

इतने संजीदा कि जैसे खेल ही हो ज़िंदगी

खेल ही में सारे ग़म हों खेल ही सारी ख़ुशी

~सलीम_अहमद

 

Khushi ke shayari hindi with images

 

खुल के रो लूँ तो ज़रा जी सँभले

मुस्कुराना ही मसर्रत* तो नहीं

 – परवीन फ़ना सय्यद  *Happiness

 

ये चुपके चुपके न थमने वाली हँसी तो देखो

वो साथ है तो ज़रा हमारी ख़ुशी तो देखो

~शारिक़_कैफ़ी

hansi aur khushi shayari

  अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे

बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे

~Shakeel Badayuni

khushi ka gham

उससे मिलने की ख़ुशी बाद में दुख देती है

जश्न के बाद का सन्नाटा बहुत खलता है

~MoinShadab

 

2 line khushi shayari with pics

ये कह के दिल ने मेरे हौसले बढ़ाए हैं,

ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं

~Mahirul Qadri

 

नए दीवानों को देखें तो ख़ुशी होती है

हम भी ऐसे ही थे जब आए थे वीराने में

~Ahmad Mushtaq

 

ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ दूर के साथी हैं

फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है

~NidaFazli

 

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे

जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे

~Dagh Dehlvi

 

khushi Zindagi shayari in hindi

 

बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली सा

ख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते

~BashirBadr

 

तेरी ख़ुशी से अगर ग़म में भी ख़ुशी न हुई

वो ज़िंदगी तो मोहब्बत की ज़िंदगी न हुई

~Jigar

 

शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को

ख़ुशी की बज़्म में क्या काम जलने वालों का ~मोमिन

shab e visal shayari

 

 

हर तमन्ना से जुदा मैं

हर खुशी से दूर हूं

जी रहा हूं, क्योंकि

जीने के लिए मजबूर हूं

मुझको मरने भी ना देगा ये तुम्हारा इंतज़ार..

-अंजान

 

समझते हैं हम खेल दुनिया के ग़म को

हमारी ख़ुशी है तुम्हारी ख़ुशी से ~हैरतगोंडवी

 

बड़े घरों में रही है बहुत ज़माने तक

ख़ुशी का जी नहीं लगता ग़रीब-ख़ाने में Nomaan Shauq

 

लबों पर यूँही सी हँसी भेज दे

मुझे मेरी पहली ख़ुशी भेज दे ~Alvi

 

हँसी-ख़ुशी से बिछड़ जा अगर बिछड़ना है

ये हर मक़ाम पे क्या सोचता है आख़िर तू

~Faraz

5 khushi shayari image

khushi se bichadna shayari

आ धमके ऐश ओ तरब क्या क्या जब हुस्न दिखाया होली ने

हर आन ख़ुशी की धूम हुई यूँ लुत्फ़ जताया होली ने ~Nazir

 

अब खुशी है न कोई ग़म रुलानेवाला

हमने अपना लिया हर रंग ज़मानेवाला

हर बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा

जिस तरफ़ देखिए आने को है आनेवाला

-निदा

 

वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता

किस घर में ख़ुशी होती है मातम नहीं होता

~Riyaz Khairabadi

 

अरे ओ आसमाँ वाले, बता इसमें बुरा क्या है

ख़ुशी के चार झोंके, गर इधर से भी गुज़र जाएँ

~Sahir

 

shayari on khushi status

 

ख़ुशी की लहर दौड़ी दुश्मनों में

वो शायद दोस्तों में घिर गया है ~Amir Qazalbash

 

चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

 

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती हैं आँखों में सुरूर आ जाता हैं,

जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता हैं

-साहिर

 

‘इक ख़्वाब ख़ुशी का देखा नही,

देखा जो कभी तो भुल गये

माँगा हुआ तुम कुछ दे न सके,

जो तुमने दिया वो सहने दो’-कैफ़ी आझमी

 

हँसी ख़ुशी से बिछड़ जा अगर बिछड़ना है

ये हर मक़ाम पे क्या सोचता है आख़िर तू ~Faraz

 

ख़ुशी मिली तो ये आलम था बद-हवासी का

कि ध्यान ही न रहा ग़म की बे-लिबासी का ~Zafar

 

मेरी ज़िंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना

तेरे आने की ख़ुशी में मेरा दम निकल न जाए ~anwar mirzapuri

 

KHUSHI par SHAYARI IMAGES

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Khusi Shayari

 

Khusi Shayari in hindi

 

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Khushi par shayari in roman hinglish

abon par yunhe se hanse bhej de

mujhe mere pahale khushi bhej de

andhera hai kaise tera khat padhun

lifafe mein kuchh raushane bhej de

~mohammad alve

 

vo dil le ke khush hain mujhe ye khushi hai

ki pas un ke rahata hun main dur ho kar

~jalel manikapure

 

inhe gham ke ghataon se khushi ka chand nikalega

andhere rat ke parde mein din ke raushane bhe hai

~akhtar sherane ~

 

kuchh to hava bhe sard the kuchh tha tera khayal bhe

dil ko khushi ke sath sath hota raha malal bhe

~parvaiain shakir –

 

abr hai, gulazar hai, may hai, khushi ka daur hai

aj to dube hue dil ko uchhalane dejie

~hasan barelave

 

khushi jene ke kya marane ka gham kya

hamare zindage kya aur ham kya

~mirza galib

 

‏mil jae mujh ko khak jo qadamon ke ap ke

dil kya hai main to jan bhe de dun khushi ke sath

 

mujhe khabar nahin gham kya hai aur khushi kya hai

ye zindage ke hai surat to zindage kya hai

~ahasan maraharave ~

 

hai khushi intizar ke har dam

main ye kyun puchhun kab milenge ap

~nizam ramapure

 

tamam umr khushi ke talash mein guzare

tamam umr tarasate rahe khushi ke lie

 

vo hayat kya ki jis mein na khushi ke sath gham ho

vo sahar bhe kya sahar hai ki jo sham tak na pahunche

~muhammad ayyub zauqe

 

shayari on khushi

 

ek vo hain ki jinhen apane khushi le dube

ek ham hain ki jinhen gham ne ubharane na diya

~azad_gulate

 

us se milane ke khushi bad mein dukh dete hai

jashn ke bad ka sannata bahut khalata hai

– moin shadab

 

har ek gham ko khushi ke tarah baratana hai

ye daur vo hai ki jena bhe ik hunar sa lage

~jan nisar akhtar

 

lae hayat ae qaza le chale chale

apane khushi na ae na apane khushi chale

~zauq

 

vo kaun hai duniya mein jise gham nahin hota

kis ghar mein khushi hote hai, matam nahin hota

~riyaz_khairabade

 

ab khushi hai na koe dard rulane vala

ham ne apana liya har rang zamane vala

~nidafazli

 

na khushi achchhe hai ai dil na malal achchha hai

yar jis hal mein rakkhe vahe hal achchha hai

~jalaiail manikpuri

 

sukun he sukun hai khushi he khushi hai

tera gham salamat mujhe kya kame hai

~khumar_barabankave

 

khushi wali shayari

 

sitam to ye hai ki vo bhe na ban saka apana

qubul ham ne kie jis ke gham khushi ke tarah

~qatel_shifae

   

nae devanon ko dekhen to khushi hote hai

ham bhe aise he the jab ae the verane mein

~ahamad_mushtaq

 

ye kah ke dil ne mere hausale badhae hain

ghamon ke dhup ke age khushi ke sae hain

~mahirul qadri ~   

 

chehare pe khushi chha jate hai ankhon mein surur a jata hai

jab tum mujhe apana kahate ho apane pe gurur a jata hai

~sahir_ludhiyanave

 

dil de to is mizaj ka paravaradigar de

jo ranj ke ghade bhe khushi se guzar de

~dagh daihlvi ~

 

gham ho ki khushi donon kuchh dur ke sathe hain

fir rasta he rasta hai hansana hai na rona hai

~nida_fazale ~   

 

 

ye chupake chupake na thamane vale hanse to dekho

vo sath hai to zara hamare khushi to dekho

~shariq_kaife

 

 ab to khushi ka gham hai na gham ke khushi mujhe

be-his bana chuke hai bahut zindage mujhe

~shakaiail badayuni

 

 

shab-e-visal hai gul kar do in charagon ko

khushi ke bazm mein kya kam jalane valon ka ~momin

 

 

hanse-khushi se bichhad ja agar bichhadana hai

ye har maqam pe kya sochata hai akhir tu

~faraz

150 Khuda Shayari खुदा पर शायरी 

खुदा शायरी,  दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए खुदा पर शायरी पेश कर रहे हैं, यहाँ मशहूर शायरों के खुदा के बारे में शेर दिए गए हैं, इन्टरनेट पर यह खुदा शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, खुदा के बारे में मशहूर शायरों ने क्या क्या कहा है, खुदा पर सारे शेर एक पेज पर पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, यहाँ खुदा शायरी पर 150 से भी ज्यादा शेर संकलित जमा किये गए है.  

हमने यहाँ महान शायरों की khuda shayari 2 lines देवनागरी font में दी है, यह खुदा शायरी hindi (khuda shayari in hindi ) और उर्दू भाषा में हैं, khuda shayari in hindi को आप आसानी से कॉपी कर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, khuda par shayari का यह संकलन आपको केसा लगा, कमेंट्स में ज़रूर लिखे.

खुदा शायरी इमेजेस :- इस पेज के अंत में हमने कुछ शानदार खूबसूरत खुदा शायरी इमेजेस दी हैं, आप इन खुदा शायरी इमेजेस को आसानी से डाउनलोड और शेयर कर सकते हैं.

सभी hindi शायरी की लिस्ट यहाँ दी गयी है  All Topics Hindi Shayari

 

Khuda Shayari – खुदा शायरी

 

कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है

~बेदम शाह वारसी

 

ऐ दिल न अक़ीदा है दवा पर न दुआ पर

कम-बख़्त तुझे छोड़ दिया हम ने ख़ुदा पर

~सफ़ी औरंगाबादी

 

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं

~सुदर्शन फ़ाख़िर

 

ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे

कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे

~बशीर बद्र

 

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

~AllamaIqbal

 

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता

डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता

~MirzaGhalib

Khuda Status Pictures – Khuda dp Pictures – Khuda Shayari Pictures

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Khuda Status Pictures – Khuda dp Pictures – Khuda Shayari Pictures

न मंदिर में सनम होते न मस्जिद में ख़ुदा होता

हमीं से ये तमाशा है न हम होते तो क्या होता

~नौशाद अली

 

हर शख़्स बन गया है ख़ुदा, तेरे शहर में

किस किस के दर पे माँगीं दुआ तेरे शहर में

~नज़ीर सिद्दीक़ी

 

कोई चारह नहीं दुआ के सिवा

कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा

~हफ़ीज़_जालंधरी

    

सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले

तूने रोका भी था बंदे को ख़ता से पहले

– आनंद नारायण मुल्ला

 

ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़

डरते हैं ऐ ज़मीन तिरे आदमी से हम

– अज्ञात

 

आसमाँ पे है ख़ुदा और ज़मीं पे हम

आज कल वो इस तरफ़ देखता है कम

Sahir Ludhyanvi

 

ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को

बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख

~निदा फ़ाज़ली

 

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

बंदे भी हो गए हैं ख़ुदा तेरे शहर में

~ख़ातिर_ग़ज़नवी

 

 कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

ना-ख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है

~बेदम शाह वारसी

 

हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे

उन को देखा तो ख़ुदा याद आया

 

ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री ‘ग़ालिब’

हम भी क्या याद करेंगे कि ख़ुदा रखते थे

~Ghalib

2 khuda shayari 2 lines

बंदगी हम ने छोड़ दी है ‘फ़राज़’

क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ

~Faraz

 

ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है

यही जानता है तो क्या जानता है

 

अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’

फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया

~MirTaqiMir

 

उतार इन में कोई अपनी रौशनी या रब

कि लोग थक गए ज़ुल्मत से अब बहलते हुए

~उबैदुल्लाह_अलीम

 

पुकारता रहा किस किस को डूबने वाला

ख़ुदा थे इतने मगर कोई आड़े आ न गया

~यगाना_चंगेज़ी

 

ग़म मुझे, हसरत मुझे, वहशत मुझे, सौदा मुझे,

एक दिल दे कर ख़ुदा ने, दे दिया क्या क्या मुझे

~सीमाब_अकबराबादी

 

बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान

अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान

~NidaFazli ~shair

 

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब

क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो

~AllamaIqbal

 

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

बंदे भी हो गए हैं ख़ुदा तेरे शहर में

~ख़ातिर_ग़ज़नवी

 

कहने को ज़िंदगी थी बहुत मुख़्तसर मगर

कुछ यूँ बसर हुई कि ख़ुदा याद आ गया

~ख़ुमार_बाराबंकवी

 

न मंदिर में सनम होते न मस्जिद में ख़ुदा होता

हमीं से ये तमाशा है न हम होते तो क्या होता

~नौशाद_अली

 

बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए

दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है

~हैदर_अली_आतिश

 

ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं

दुआ करो कि अकेला ख़ुदा न रह जाए

~तसनीम_आबिदी

 

फ़लक-नशीं सही मेरा ख़ुदा मगर ‘मोहसिन’

कभी कभी वो ज़मीं पर उतर भी आता है

~मोहसिन_एहसान

 

किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में

मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं

~अख़्तर_सईद_ख़ान

 

न कर किसी पे भरोसा कि कश्तियाँ डूबें

ख़ुदा के होते हुए नाख़ुदा के होते हुए

~अहमद_फ़राज़

 

अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख

इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है

~QatilShifai

 

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता

डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता

~मिर्ज़ा_ग़ालिब

 

रक़ीबों ने रपट लिखवाई है जा जा के थाने में

कि ‘अकबर’ नाम लेता है ख़ुदा का इस ज़माने में

~अकबर_इलाहाबादी

 

हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे

उन को देखा तो ख़ुदा याद आया

~MirTaqiMir

 

नए सिरे से तलाश कीजिए !

ख़ुदा जहाँ था वहाँ नहीं है

~Nida Fazli

 

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है

कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं

~MirzaGhalib

    

हर एक दौर का मज़हब नया ख़ुदा लाया

करें तो हम भी मगर किस ख़ुदा की बात करें

2 khuda shayari in hindi

 

मैं इक थका हुआ इंसान और क्या करता

तरह तरह के तसव्वुर ख़ुदा से बाँध लिए

 

छोड़ा नहीं ख़ुदी को दौड़े ख़ुदा के पीछे,

आसाँ को छोड़ बंदे मुश्किल को ढूँडते हैं

 ~Adam

 

ख़ुदा तौफ़ीक़* देता है जिन्हें वो ये समझते हैं

कि ख़ुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तक़दीरें

 

परस्तिश की याँ तक कि ऐ बुत तुझे

नज़र में सभों की ख़ुदा कर चले

~मीर_तक़ी_मीर

 

जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़

उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं

~अब्दुल_हमीद_अदम

 

उस ख़ुदा की तलाश है ‘अंजुम’

जो ख़ुदा हो के आदमी सा लगे

~Anjum Saleemi

 

इश्क़ है मैं हूँ दिल-ए-नाकाम है

इस के आगे बस ख़ुदा का नाम है

~आनंद_नारायण_मुल्ला

 

ख़ुदा का घर भी है दिल में बुतों की चाह भी है

सनम-कदा भी है दिल अपना ख़ानक़ाह भी है

~असमान_जाह_अंजुम*

 

दिल है क़दमों पर किसी के सर झुका हो या न हो

बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो ~जिगर_मुरादाबादी

 

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है

रहे सामने और दिखाई न दे ~BashirBadr

 

आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद

बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता

~DaghDehlvi

 

जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद

फिर ये हंगामा ऐ ख़ुदा क्या है

~ग़ालिब

 

पत्थर के ख़ुदा वहाँ भी पाए

हम चाँद से आज लौट आए

~KaifiAzmi

 

वहाँ भी मुझ को ख़ुदा सर-बुलंद रखता है

जहाँ सरों को झुकाए ज़माना होता है ~असअद_बदायुनी

 

हर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से

हर साँस ये कहती है हम हैं तो ख़ुदा भी है ~AkbarAllahabadi

 

ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा

जिसे नफ़रत है उस के आदमी से ~NareshKu~Shad

 

उसका दरवाजा रात गए तक

हर ज़ात के आदमी के लिए खुला रहता है

ख़ुदा जाने उसके कमरे सी कुशादगी

मस्ज़िद और मंदिर के आँगनों में कब पैदा होगी?

-निदा

 

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है

रहे सामने और दिखाई न दे ~BashirBadr

 

सब कुछ ख़ुदा से माँग लिया तुझको माँग कर

उठते नहीं हैं हाथ मेरे इस दुआ के बाद

 

‘ज़फ़र’ आदमी उस को न जानिएगा

वो हो कैसा ही साहब-ए-फ़हम-ओ-ज़का/

जिसे ऐश में याद-ए-ख़ुदा न रही

जिसे तैश में ख़ौफ़-ए-ख़ुदा न रहा

Bahadur Shah Zafar

 

 shayari on khuda

 

तुम इतना हुस्न आख़िर क्या करोगे

अरे कुछ तो ख़ुदा के नाम पर दो

-Taaj Bhopali

 

दिल लिया है तो ख़ुदा के लिए कह दो साहब

मुस्कुराते हो तुम्हीं पर मिरा शक जाता है

~हबीब मूसवी

 

तेरे भी दिल में हूक सी उठ्ठे ख़ुदा करे

तू भी हमारी याद में तड़पे ख़ुदा करे

~ओवेस अहमद दौराँ

दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर

जो इधर दिल में है या रब वो उधर पैदा कर

~बेख़ुद देहलवी

 

मेरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए

~शाज़ तमकनत

 

तुम जिसे याद करो फिर उसे क्या याद रहे

न ख़ुदाई की हो परवा न ख़ुदा याद रहे

~शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

 

उठा सुराही ये शीशा वो जाम ले साक़ी

फिर इस के बाद ख़ुदा का भी नाम ले साक़ी

~कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर

 

न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए

ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए

 

आप के लब पे और वफ़ा की क़सम

क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम

~सबा अकबराबादी

 

कहे कोई किस से सताना तुम्हारा

ख़ुदाई तुम्हारी ज़माना तुम्हारा

~सिद्दीक़ अहमद बेनज़ीर

    

या ख़ुदा दर्द-ए-मोहब्बत में असर है कि नहीं

जिस पे मरता हूँ, उसे मेरी ख़बर है कि नहीं

~जलील_मानिकपूरी

 

 khuda ki shayari

हमारे साथ उठता बैठता था

वो इक बंदा ख़ुदा होने से पहले

~इसहाक़_विरदग

    

ज़मीं को ऐ ख़ुदा वो ज़लज़ला दे

निशाँ तक सरहदों के जो मिटा दे

 

चोरी ख़ुदा से जब नहीं बंदों से किस लिए

छुपने में कुछ मज़ा नहीं सबको दिखा के पी

– Fayyaz Hashmi

 

हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी

और उन की तरफ़ ख़ुदाई है

~जोश_मलीहाबादी

   

जो ज़माने से छुपानी थी मुझे हर वो बात,

शेर-दर-शेर बयाँ है कि ख़ुदा ख़ैर करे !!

 

ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है

यही जानता है तो क्या जानता है

~यगाना_चंगेज़ी

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इश्क़ में बू है किबरियाई की

आशिक़ी जिस ने की ख़ुदाई की

~बक़ा_उल्लाह_बक़ा

किबरियाई = pride, greatness

 

दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब

मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं

~हफ़ीज़_जालंधरी

  ~

ख़ुदा करे कि तिरी उम्र में गिने जाएँ

वो दिन जो हम ने तिरे हिज्र में गुज़ारे थे

~Nadeem

 

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से

ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है

~BashirBadr

 

या ख़ुदा अब के ये किस रंग में आई है बहार

ज़र्द ही ज़र्द है पेड़ों पे हरा कुछ भी नहीं

~राजेश_रेड्डी

 

मेरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए

~शाज़_तमकनत

 

मैंने दिन-रात ख़ुदा से ये दुआ मांगी थी,

कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए !!

    

ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद

हौसला देना उन्हें मेरे ख़ुदा मेरे बाद

~हकीम_नासिर

    

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने

बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला

~बशीर_बद्र

 

बृन्दाबन के कृष्ण कन्हैय्या अल्लाह हू

बंसी राधा गीता गैय्या अल्लाह हू

~NidaFazli

    

ख़ुदा के वास्ते ग़म को भी तुम न बहलाओ

इसे तो रहने दो मेरा यही तो मेरा है

~MeenaKu~i ~    

 

तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा

दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें

~AhmadFaraz

 

कश्ती का ज़िम्मेदार फ़क़त ना-ख़ुदा नहीं

कश्ती में बैठने का सलीक़ा भी चाहिए

 

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा

लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं

~मिर्ज़ा_ग़ालिब  

ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को

बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख

~निदा_फ़ाज़ली

 

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैंने

बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला

~बशीर_बद्र

 

तेरी आँखों में हम ने क्या देखा

कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा

~सुदर्शन_फ़ाकिर

 

क़फ़स में मौसमों का कोई अंदाज़ा नहीं होता

ख़ुदा जाने बहार आई चमन में या ख़िज़ाँ आई

~मुनव्वर_राना ~qafas ~Shair

     

क्यूँ मिरी शक्ल पहन लेता है छुपने के लिए

एक चेहरा कोई अपना भी ख़ुदा का होता

~Gulzar ~Jashne

 

सिर्फ़ ख़ंजर ही नहीं आँखों में पानी चाहिए

ऐ ख़ुदा दुश्मन भी मुझ को ख़ानदानी चाहिए

~राहत_इंदौरी

~साहिर_लुधियानवी

    

है कहाँ तमन्ना का दूसरा क़दम या रब

हम ने दश्त-ए-इम्काँ को एक नक़्श-ए-पा पाया

~MirzaGhalib

ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह

तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं

 – असरार-उल-हक़ मजाज़

 

जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है

जब याद हम आ जाएँ, मिलने की दुआ करना

 – जलील मानिकपुरी

 

मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो’तबर कर दे

मैं जिस मकान में रहता हूँ उसको घर कर दे

Iftikhar Arif

    

आँखें ख़ुदा ने दी हैं तो देखेंगे हुस्न-ए-यार

कब तक नक़ाब रुख़ से उठाई न जाएगी

~जलील_मानिकपुरी

 

मेरे हबीब मेरी मुस्कुराहटों पे न जा

ख़ुदा-गवाह मुझे आज भी तेरा ग़म है

~AhmadRahi

 

ज़माना दोस्त है किस किस को याद रखोगे

ख़ुदा करे कि तुम्हें मुझसे दुश्मनी हो जाए

~QabilAjmeri

 

अल्लाह रे नाज़ुकी, ये चमेली का एक फूल

सर पर जो रख दिया, तो कमर तक लचक गयी

    

ख़ुदा करे कि तेरी उम्र में गिने जाएँ

वो दिन जो हम ने तेरे हिज्र में गुज़ारे थे ~AhmadNadeemQasmi

 

अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’

फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया

~मीर

 

हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे

उन को देखा तो ख़ुदा याद आया

~मीर_तक़ी_मीर

    

उम्र भर कौन निभाता है तअल्लुक़ इतना

ऐ मिरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रक्खे

~अहमद_फ़राज़

    

उठा सुराही, ये शीशा, वो जाम ले साक़ी

फिर इसके बाद ख़ुदा का भी नाम ले साक़ी

~MahendraSinghBediSahar

 

बिकता रहता सर-ए-बाज़ार कई क़िस्तों में

शुक्र है मेरे ख़ुदा ने मुझे शोहरत नहीं दी

~AhmadAshfaq

 बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें शिकवा

वो मिन्नतों से कहें चुप रहो ख़ुदा के लिए

~दाग़

khuda shayari hindi

 

जो लोग मौत को ज़ालिम क़रार देते हैं

ख़ुदा मिलाए उन्हें ज़िंदगी के मारों से

~NazirSiddiqui

 

पूछेगा जो ख़ुदा तो ये कह देंगे हश्र में

हाँ हाँ गुनह किया तेरी रहमत के ज़ोर पर

 

शब जो मस्जिद में जा फँसे ‘मोमिन’

रात काटी ख़ुदा ख़ुदा कर के ~Momin

 

वो दिल ही क्या, तेरे मिलने की जो दुआ न करे

मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे

~QateelShifai

 

या रब हमें तो ख़्वाब में भी मत दिखाइयो

ये महशर-ए-ख़याल कि दुनिया कहें जिसे

~Ghalib

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा

लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं ~ग़ालिब

 

या ख़ुदा दर्द-ए-मोहब्बत में असर है कि नहीं

जिस पे मरता हूँ उसे मेरी ख़बर है कि नहीं

~JaleelManikpuri

 

किसी ने चूम के आँखों को ये दुआ दी थी

ज़मीन तेरी ख़ुदा मोतियों से नम कर दे ~बशीर_बद्र

 

मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से ये दुखों के फूल चुना करूँ

मेरी सल्तनत मेरा फ़न रहे मुझे ताज ओ तख़्त ख़ुदा न दे ~बशीर_बद्र

 

ख़ुदा रखे तेरी महफ़िल की रौनक़ें आबाद

नज़ारगी से नज़र में कमी नहीं आती ~ShanulHaqHaqqi

  

वो जल्द आएँगे या देर में ख़ुदा जाने

मैं गुल बिछाऊँ कि कलियाँ बिछाऊँ बिस्तर पर

~ArifLakhnawi

    

ख़ुदा के डर से हम तुम को ख़ुदा तो कह नहीं सकते

मगर लुत्फ़-ए-ख़ुदा क़हर-ए-ख़ुदा शान-ए-ख़ुदा तुम हो ~NoorNarvi

 

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है

कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं

 

ख़ुदा करे कि तिरी उम्र में गिने जाएँ

वो दिन जो हमने तिरे हिज्र में गुज़ारे थे

~Ahmadnadeemqasmi

    

जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा

आदमी की हैं सैकड़ों क़िस्में ~AltafHusainHali

 आबो-हवा देश की बहुत साफ है

कायदा है, कानून है, इंसाफ है,

अल्लाह मियाँ जाने कोई जिए या मरे,

आदमी को खून-वून सब माफ है

-गुलजार

 

मेरी नज़र की आड़ में उन का ज़ुहूर था

अल्लाह उन के नूर का पर्दा भी नूर था ~FaniBadayuni

 

कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर

अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा ~Jigar

 

ख़बर सुन कर मिरे मरने की वो बोले रक़ीबों से

ख़ुदा बख़्शे बहुत सी ख़ूबियाँ थीं मरने वाले में ~Dagh

 

जिस ज़ख़्म की हो सकती हो तदबीर रफ़ू की

लिख दीजियो या रब उसे क़िस्मत में अदू की  ~Ghalib

 

अनोखी वज़ा है सारे ज़माने से निराले हैं

ये आशिक कौन सी बस्ती के या रब रहने वाले हैं ~Allama Iqbal

 

हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे

उन को देखा तो ख़ुदा याद आया…

 

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता

डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता ~Ghalib

 

ख़ुदा की देन है जिस को नसीब हो जाए

हर एक दिल को ग़म-ए-जावेदाँ नहीं मिलता ~Asar

 

कुछ खटकता तो है पहलू में मेरे रह रह कर

अब ख़ुदा जाने तेरी याद है या दिल मेरा

  ~

हैरत है तुम को देख के मस्जिद में ऐ ‘ख़ुमार’

क्या बात हो गई जो ख़ुदा याद आ गया ~Khu~

 

या रब मुझे महफ़ूज़ रख उस बुत के सितम से

मैं उस की इनायत का तलबगार नहीं हूँ ~Akbar

 

तक़दीर के लिखे से सिवा बन गए हैं हम

बंदा न बन सके तो ख़ुदा बन गए हैं हम ~Bedi

 

नज़र आ रहा है जो वो आसमाँ

ये है मेरे रब का बनाया हुआ ~ShujaaKhawar

 

ख़बर सुन कर मेरे मरने की वो बोले रक़ीबों से

ख़ुदा बख़्शे बहुत सी ख़ूबियाँ थीं मरने वाले में ~Daag

 

फ़लसफ़ी को बहस के अंदर ख़ुदा मिलता नहीं

डोर को सुलझा रहा है और सिरा मिलता नहीं ~Akbar

 

तुम्हें चाहूँ मैं तुम रक़ीबों को चाहो

ये ~इंसाफ़ पेश-ए-ख़ुदा चाहता हूँ ~Zahir

khuda par shayari

ऐ आसमान! तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़

डरते हैं ऐ ज़मीन तेरे आदमी से हम

मआज़-अल्लाह उस की वारदात-ए-ग़म मआज़-अल्लाह

चमन जिस का वतन हो और चमन-बे-ज़ार हो जाए ~Jigar

 

उफ़ुक़ के पार जो देखी है रौशनी तुम ने

वो रौशनी है ख़ुदा जाने या अंधेरा है ~meena

    

कोई बोलता नहीं है मैं पुकारता रहा हूँ

कभी बुत-कदे में बुत को कभी काबे में ख़ुदा को ~ASjafri

 

जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा

आदमी की हैं सैकड़ों क़िस्में   ~haali

 

हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे /

 उन को देखा तो ख़ुदा याद आया

meer Taqi’ meer’ 

 

khuda pe shayari

रक़ीबों ने रपट लिखवाई है जा जा के थाने में

 ‘अकबर’ नाम लेता है ख़ुदा का इस ज़माने में

Akbar Allahabadi 

 

तुझी पर कुछ ऐ बुत नहीं मुनहसिर

/ जिसे हम ने पूजा ख़ुदा कर दिया

Miir taqii ‘miir’

 

हवा में फिरते हो क्या हिर्स और हवा के लिए

 ग़ुरूर छोड़ दो ऐ ग़ाफ़िलो ख़ुदा के लिए

Bahadur Shah Zafar  

 

नाराज़ हो ख़ुदा तो करें बंदगी से ख़ुश

/ माशूक़ रूठ जाए तो क्यूँकर मनाएँ हम

daag dehlvi 

ख़ुदा हिमाकत से मेरी ….कोई काफ़िर बदल जाये

 बुत था जो  पत्थर का….अब वो इंसा नज़र आये….!!

Khuda Shayari Images

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Khuda Shayari खुदा शायरी 2 lines

Khuda Shayari खुदा शायरी 2 lines

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Father Shayari with Images

Father Shayari :-  फादर, पापा, अब्बू, यानी पिता का किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, पिता ही व्यक्ति को बनता है, पिता के दिए हुए विचार, व्यहवार, आदतें, संस्कार ही व्यक्ति को बनाते हैं, इसी लिए मशहूर शायर निदा फाजली कहते हैं

“कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं अपनी कुर्सी में पाता हूं |

बदन में मेरे जितना भी लहू है,
वो तुम्हारी लगजिशों नाकामियों के साथ बहता है,
मेरी आवाज में छुपकर तुम्हारा जेहन रहता है,
मेरी बीमारियों में तुम मेरी लाचारियों में तुम |

तुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है,
वो झूठा है, वो झूठा है, वो झूठा है,
तुम्हारी कब्र में मैं दफन तुम मुझमें जिन्दा हो,
कभी फुरसत मिले तो फातहा पढनें चले आना |”

यूँ तो पिता को सम्मान,प्यार और तोहफे हमेशा देते ही रहना चाहिए, लेकिन पाश्चात्य संस्कृती में पिता के सम्मान का वर्ष में एक दिन ख़ास रहता है जिसे फादर्स डे कहते हैं, इस वर्ष 2019 में फादर्स दे Sunday 16 June को मनाया जायेगा, इस दिन सभी अपने पिता को प्यार भरा सन्देश और तोहफे देतें हैं.

इस पेज पर हम ख़ास आपके लिए पेश कर रहे हैं पिता के सम्मान में कही गयी कुछ शायरी, यह father shayari मशहूर शायरों ने लिखी है, आप इन शायरी को father day shayari

 के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, यह shayari on father in hindi हमने देवनागरी font में दी है ताकि आप आसानी से यह मेसेज कॉपी कर अपने पिताजी को भेज सकें.

इस पेज के आखिर में हम खूबसूरत फादर्स डे शायरी इमेज father shayari images भी दे रहे हैं ताकि आप आसानी से डाउनलोड कर सकें.

List of All Topics in Hindi Shayari

Fathers Day shayari in Hindi

 

वो पेड़ जिस की छाँव में कटी थी उम्र गाँव में

मैं चूम चूम थक गया मगर ये दिल भरा नहीं

हम्माद नियाज़ी

 

बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थे

फिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया

ख़ालिद महमूद

 

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

 

माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत

है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे नेमत

 

अज़ीज़-तर मुझे रखता था वो रग-ए-जाँ से

ये बात सच है मेरा बाप कम न था माँ से

 

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उम्मीदें माँ बाप की देखीं

बच्चों का जब बस्ता देखा

 

अब और क्या तेरा बीमार बाप देगा तुझे

बस इक दुआ कि ख़ुदा तुझ को कामयाब करे

#कैफ़ी_आज़मी (shayari on father and daughter in hindi,

)

 

गाँव,बचपन,नदी,महकते खजूर

ख़्वाब की बात मत सुना बाबा

#Sarshar

 

सुब्ह सवेरे नंगे पाँव घास पे चलना ऐसा है

जैसे बाप का पहला बोसा क़ुर्बत जैसे माओं की

#हम्माद_नियाज़ी

 

ज़िंदगी बाप की मानिंद सज़ा देती है

रहम-दिल माँ की तरह मौत बचाने आई

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***

तुम्हारी कब्र पर मैं
फ़ातेहा पढ़ने नही आया,

मुझे मालूम था, तुम मर नही सकते
तुम्हारी मौत की सच्ची खबर
जिसने उड़ाई थी, वो झूठा था,
वो तुम कब थे?
कोई सूखा हुआ पत्ता, हवा मे गिर के टूटा था ।

मेरी आँखे
तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, सोचता हूँ
वो, वही है
जो तुम्हारी नेक-नामी और बद-नामी की दुनिया थी ।

कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं अपनी कुर्सी में पाता हूं |

बदन में मेरे जितना भी लहू है,
वो तुम्हारी लगजिशों नाकामियों के साथ बहता है,
मेरी आवाज में छुपकर तुम्हारा जेहन रहता है,
मेरी बीमारियों में तुम मेरी लाचारियों में तुम |

तुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है,
वो झूठा है, वो झूठा है, वो झूठा है,
तुम्हारी कब्र में मैं दफन तुम मुझमें जिन्दा हो,
कभी फुरसत मिले तो फातहा पढनें चले आना |

***

हम दर-ए-अदल पे मिन्नत को गए जितनी बार

अपने माँ बाप की क़ब्रों पे भी इतने न गए #Mahshar Badayuni

 

नंहे बच्चों ने छू भी लिया चाँद को

बूढ़े बाबा कहानी सुनाते रहे #wasim

 

फूल कभी दोबारा नहीं खिलते

जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते

मिलते है लोग हजारों

पर हजारों गलतियां माफ़ करने वाले

मां बाप नहीं मिलते

 

पिता ने हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया,

शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया।

 

तुम्हारी क़ब्र पर

मैं फ़ातिहा पढ़ने नहीं आया

मुझे मालूम था

तुम मर नहीं सकते

#NidaFazli

 

धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,

जिन्दगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है।

हर दुख वो बच्चों का खुद पे वो सह लेतें है

उस ईश्वर की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते हैं।।

 

शौक तो पिता की कमाई से पूरे होते हैं,

अपनी कमाई से तो बस गुज़ारे होते हैं।

 

जिस व्यक्ति की छत्रछाया में हम बड़े हुए,

जिनके कर्मों से हमने नैतिकता की शिक्षा ली, उस पिता को हम आज नमन करते हैं। 

 

“पिता का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता।

पिता जैसा दुनिया में कोई और हो नहीं सकता।।”

 

मै उन्हें क्या तोहफा दूँ,,

जो खुद मुझे इस दुनियाँ में लाए हैं,,

जिन्होंने पढा लिखाकर मुझे,,इस काबिल बनाया जो मैं आज ये लिख पा रही हूँ,,

कभी मुझपर वो करने का दबाव नही डाला,,

जिसे करने का मेरा मन नही है,,

क्या तोहफा दूँ मै उन्हें????? (shayari on father and daughter in hindi,

)

Shayari on father in hindi

 

जब परेशानियों से घिर जाती हूँ

कभी खुद को तनहा पाती हूँ,

आप कि कहीं बातें बहुत याद करती हूँ

पापा, आपकी दी सिख हमेशा काम आई (shayari on father and daughter in hindi,

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“कुछ क़िस्से हैं जो हमेशा के लिए दिल पे दर्ज हो गए..

मेरी ख़ुशियाँ ख़रीदने में, मेरे बाबूजी ख़र्च हो गए..

 

थके पिता का उदास चेहरा,

उभर रहा है यूँ मेरे दिल में,

कि प्यासे बादल का अक्स जैसे,

किसी सरोवर से झाँकता है.

 

पिता

हमने पहचाना तुमको

अक्सर आहट से

साइकल की घंटियों की

टनटनाहट से

शाम को दरवाजे की लौटी

मुस्कुराहट से

 

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ

फिर पिता की याद आई है मुझे

-कुमार विश्वास

 

पिता रोटी है कपड़ा है मकान है

पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है

 

बुरी तरह थका देने वाली अनंत जिम्मेदारियो के बाद भी अगर

कोई व्यक्ति मुस्कुराता रहता है, तो वो निश्चित रूप से हमारे पिता ही है !!

 

पिता यानी..

पल-पल, पग-पग एक नई चुनौती स्वीकार कर किसी भी स्थिति मे

अंत तक अपने दायित्व और जिम्मेदारी को पूरा करने वाली प्रेरणा।

Father day shayari

बाप का रुत्बा भी कुछ कम नहीं होता लेकिन,

जितनी माँए हैं फ़रिश्तों की तरह होती हैं !

 

जिन पर लुटा चूका था मैं दुनियां की दौलतें,

उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया।

-डा. नवाज देवबंदी

 

बड़े मज़बूत होते हैं वो कंधे…

जो पूरे परिवार का बोझ उठाके भी “उफ़्फ़” तक नहीं करते

 

“पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है,

पिता  नहीं  तो  बचपन  अनाथ  है।।

 

“पिता रोटी है, कपडा है, मकान है,

पिता छोटे से परिंदे का बडा आसमान है।।

 

जिन्दगी के सफर ने कोशिश खूब की दुनिया दिखाने की,

पर पापा के कंधे से जितनी दिखाई देती है, असल में दुनिया उतनी ही है

 

“पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है,

पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है

 

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Eid shayari in Hindi

ईद शायरी, दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए कुछ बहुत खूबसूरत ईद शायरी, ईद स्टेटस और ईद मुबारक मेसेज पेश कर रहे हैं, इस वर्ष 2019 में एसा अनुमान है की ईद यानि की ईद उल फ़ित्र का त्यौहार 5 जून 2019 को मनाया जायेगा, यह ईद के चाँद के दिखाई देने पर निर्भर रहेगा, अगर 4 जून को चाँद दिख गया तो ईद 5 जून 2019 और अगर नहीं दिखा तो 6 जून 2019 को मनाई जाएगी.

यहाँ हम ईद चाँद शायरी और ईद मुबारक शायरी संगृहीत की है, इस पेज पर आपको eid shayari for lovers और  eid sad shayari भी मिल जाएगी

Eid Shayari Images: इस पेज के आखिर में हमने कुछ खुबसूरत Eid Shayari Images भी दी हैं जिनमे मशहूर शायरों की ईद शायरी है, आप सभी से गुज़ारिश है की इस ईद शायरी को अपने दोस्तों को शेयर करें, eid ki shayari उन्हें ज़रूर पसंद आएगी.

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ईद ख़ुशियों का दिन सही लेकिन

इक उदासी भी साथ लाती है

ज़ख़्म उभरते हैं जाने कब कब के

जाने किस किस की याद आती है (Eid Sad Shayari)

~फ़रहत एहसास

 

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ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का

ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का

 

ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो

और कहियो कि कोई याद किया करता है (Eid Sad Shayari)

 

किसी विसाल की आहट, किसी उम्मीद का दिन

फ़िज़ा में घुलते हुए नग़मा ऐ सईद का दिन

अब इस से बढ़ के मुबारक भी वक़्त क्या होगा

तुम्हारी याद का मौसम है और ईद का दिन (Eid Sad Shayari)

 

ईद अब के भी गई यूँही किसी ने न कहा

कि तिरे यार को हम तुझ से मिला देते हैं

 

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ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम

रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है

 

महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुश्बू से

चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है

दिलों में प्यार जगाने को ईद आई है

हँसो कि हँसने हँसाने को ईद आई है

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Eid ki shayari,

तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी

ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी (Eid Sad Shayari)

ZafarIqbal

 

मेरे यारों को ईद मुबारक हो

ग़म-गुसारो को ईद मुबारक हो

आशिक व माशूक़, रिंदों पर्सा

आज सबको को ईद मुबारक हो

 

Eid chand shayari

ज़माने भर की रौनक से हमें क्या वास्ता ग़ालिब,

हमारा चाँद दिख जाए हमारी ईद हो जाये !!

 

Eid chand shayari

माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़

शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी

 

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आप इधर आए उधर दीन और ईमान गए

ईद का चाँद नज़र आया तो रमज़ान गए

शुजाख़ावर

 

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ईद है क़त्ल मिरा अहल-ए-तमाशा के लिए

सब गले मिलने लगे जब कि वो जल्लाद आया

Daagh

 

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वो सुब्ह-ए-ईद का मंज़र तिरे तसव्वुर में,

वो दिल में आ के अदा तेरे मुस्कुराने की !!

 

ईद मुबारक़

बंदगी यह कि जज़्बात-ओ-ख़यालात हों पाक

फ़र्ज़ इताअत का मोहब्बत से अदा होता है

 

मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी

अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं

 

Eid chand shayari

फिर बाम की जानिब उठे अबरू-ए-हिलाली,

और चाँद ने शर्मा के कहा ईद-मुबारक !!

 

ये अजीब माजरा है कि ब-रोज़-ए-ईद-ए-क़ुर्बां

वही ज़ब्ह भी करे है वही ले सवाब उल्टा

इंशा अल्लाह ख़ान

 

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Eid chand shayari

कहीं है ईद की शादी, कहीं मातम है मक़्तल में

कोई क़ातिल से मिलता है, कोई बिस्मिल से मिलता है

Dagh

 

उठा दो दोस्तो इस दुश्मनी को महफ़िल से

शिकायतों के भुलाने को ईद आई है

असदुल्लाह

 

वादों ही पे हर रोज़ मेरी जान न टालो

है ईद का दिन अब तो गले हमको लगा लो

Mushafi

 

सभी मुराद हों पूरी हर एक सवाली की,

दुआ को हाथ उठाओ कि ईद का दिन है !!

– ईद मुबारक

 

तुझको मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी

ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी (Eid Sad Shayari)

ZafarIqbal

 

ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम

रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है

 

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मैं कर दूं सारी खुशियां कुर्बान तेरी दीद के बाद

मायूस ना हो इंशा अल्लाह हम निकाह कर लेंगे इस ईद के बाद…..

 

तुम दरवाजे पे कभी दस्तक न देना

कुछ आहटों में उम्मीद होनी चाहिए!

क्यूँ हो ये रिवाज इतने पकवानों का

गरीब केे घर भी तो ईद होनी चाहिए! (Eid Sad Shayari)

 

या खुदा! अपनी रहमतों  से सबके दिलों को नेक कर दे… 

इस  ईद पर मेरे मुल्क के लोगों को फिर से एक कर दे…….

 

ऐ चाँद तू किस मजहब का है

ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा है.

 

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तुम दिख जाओ कभी,,

वो दिन भी मेरा ईद से कम नहीं होता

 

खुशी चारों तरफ फैले, कलुषता द्वेष खो जाए

अमन का चाँद धरती पर, नई उम्मीद बो जाए..

    ईद मुबारक..

 

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उसे मालूम है उसके आने से हो जायेगी ईद मेरी,

चाँद सा वो मेरे आँगन में उतर क्यों नहीं आता।

बस एक झलक उसकी भर देगी खुशियों से मुझे,

वो मोतियों सा मेरे होठों पे बिखर क्यों नहीं जाता

 

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उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना

ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे

 

– दिलावर अली आज़र

 

रात को नया चांद मुबारक ,

चांद को चांदनी मुबारक ,

फलक को सितारें मुबारक ,

सितारों को बुलन्दी मुबारक ,

और आप सबको हमारी तरफ से ,

ईद_मुबारक

 

“ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशिया, ईद मिटा देती है इंसान में दुरियां;

ईद है खुदा का एक नायाम तबारोक, इसीलिए कहते हैँ ईद_मुबारक ।।”

 

उठा दो दोस्तों ! इस दुश्मनी को महफिल से

शिकायतों को भुलाने को ईद  आयी है

 

किया था अहेद कि खुशियाँ जहाँ में बाँटेंगे

इसी तल्ब के निभाने को ईद आयी है

महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुशबू से

चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है

 

तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,

हो आपका मुकद्दर इतना रोशन की,

आमीन कहने से पहले ही आपकी हर दुआ कबूल हो जाए..!

 

“तेरी दुनिया, तेरी उम्मीद तुझे मिल जाए

 चाँद इस बार तेरी ईद तुझे मिल जाए

 जिसकी यादों में चिराग़ों सा जला है शब-भर

 उस सहर-रुख़ की कोई दीद तुझे मिल जाए…”

– डॉ कुमार विश्वास

 

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लगता है,आज वो बेपर्दा निकल आए है बाज़ार में,

 चारों तरफ शोर है… ईद मुबारक, ईद मुबारक…

 

मेरी ख़ुशियों से वो रिश्ता है तुम्हारा अब तक

ईद हो जाए अगर ईद-मुबारक कह दो।

 

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Ehsaas Shayari एहसास पर खुबसूरत शायरी

Ehsaas Shayari :- हमारे देश के मशहूर शायरों ने दिल को छू लेने वाली एहसास पर खुबसूरत शायरी  यानी की Ehsaas shayari कही है, इस पेज पर हम कुछ अच्छे एहसास पर शेर प्रस्तुत कर रहे हैं, उम्मीद है आपको यह shayari on Ehsaas पसंद आएगी.

इस  Ehsaas shayari को आप अपने सोशल मिडिया पर शेयर कर अपने एहसासों को अल्फाजों का रूप दे सकते हैं, आप इस shayari on Ehsaas को Ehsaas whatsapp status के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं.

सभी टॉपिक्स पर hindi शायरी की लिस्ट देखें – हिंदी शायरी 

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इस पेज के आखिर में हम कुछ खुबसूरत एहसास शायरी इमेजेस भी पेश कर रहे हैं,

***

एहसास  शायरी 

 

बात सहरा में चली जब हमारी प्यास की,

दूर तक फैली रही फिर चाँदनी एहसास की

 

शबनम हैं या ख़्वाब उतरें हैं गुलों पर,

एहसास-ए-मोहब्बत का अंदाज़ सराबी

 

इन से ज़िंदा है ये एहसास कि ज़िंदा हूँ मैं

शहर में कुछ मेरे दुश्मन हैं बहुत अच्छा है

~अहमद वसी

 

कौन तन्हाई का एहसास दिलाता है मुझे

ये भरा शहर भी तन्हा नज़र आता है मुझे

~नूर जहाँ सरवत

 

अब तो ये भी नहीं रहा एहसास

दर्द होता है या नहीं होता

जिगर मुरादाबादी

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अब तो एहसास-ए-तमन्ना भी नहीं

क़ाफ़िला दिल का लुटा हो जैसे

~साहिर होशियारपुरी

 

मैं उस के सामने से गुज़रता हूँ इस लिए

तर्क-ए-तअल्लुक़ात का एहसास मर न जाए

-Fana Nizami Kanpuri

 

Shayari on Ehsaas

अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ

ख़ुद से मिलना मिरा इक शख़्स के खोने से हुआ

मुसव्विर_सब्ज़वारी

 

न था ज़ियादा कुछ एहसास जिस के होने का

चला गया है तो उस की कमी बहुत आई

ज़फ़र_इक़बाल

 

तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है

जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है

नसीम_शाहजहाँपुरी

 

अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास

कितना दुश्वार है ख़ुद को कोई चेहरा देना

अज़हर_इनायती

 

अपनी हालत का कुछ एहसास नहीं है मुझ को

मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं

आसी_उल्दनी

 

मेरे अल्फ़ाज़ में जो रंग है वो उस का है

मेरे एहसास में जो है वो फ़ज़ा उस की है

Javed Akhtar

 

ये मोहब्बत है कि एहसास है महरूमी का

मेरी आँखों में बहुत कुछ है ज़बानी कम है

शहज़ाद_अहमद

 

ज़िंदगी जैसी तवक़्क़ो थी नहीं कुछ कम है

हर घड़ी होता है एहसास कहीं कुछ कम है

शहरयार

 

तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको

ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिये थोड़ी है

 

उस को खो देने का एहसास तो कम बाक़ी है

जो हुआ वो न हुआ होता ये ग़म बाक़ी है

Nida Fazli

 

रौशनी दर पे खड़ी मुझ को बुलाती क्यूँ है

मैं अँधेरे में हूँ एहसास दिलाती क्यूँ है

शख़ावत_शमीम

 

तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया

ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया

Adam

Ehsaas ki Shayari

 

वो ज़ुल्म भी अब ज़ुल्म की हद तक नहीं करते

आख़िर उन्हें किस बात का एहसास हुआ है

Naseem Shahjahanpuri

 

कुछ तो एहसास-ए-मोहब्बत से हुईं नम आँखें

कुछ तेरी याद के बादल भी भिगो जाते हैं

Meeta

 

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है

रहे सामने और दिखाई न दे Bashir Badr

 

सिर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो

प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो..

-गुलज़ार

 

ये अलग बात कि एहसास जुदा हों वर्ना

राहतें एक सी अफ़सुर्दगियाँ एक सी हैं अहमद_फ़राज़

 

सदाए अपने सुरोंसे उठकर चली गयी है

बस एक एहसास की ख़ामोशी है-गूँजती है

बस एक तकमील का अँधेरा है-जल रहा है

गुलज़ार

 

थोड़ी ख़लिश होगी,थोड़ा सा ग़म होगा

तन्हाई तो होगी,एह्सास कम होगा

गहरी ख़्हराशों की गहरी निशानियाँ हैं

 

मेरी लिखी बात को

हर कोई समझ नहीं पाता

में एहसास लिखता हूँ

और लोग अल्फाज़ पढ़ते हैं

 

मामूरा-ए-एहसास  में है हश्र सा बरपा 

इंसान की तज़लील गवारा नहीं होती

Sahir

 

****

Ehsaas Hindi Shayari

 

तू रहना बेख़बर मेरे एहसासों से,

फिर भी सारी उमर शिद्दत से चाहेंगे तुझे…

 

तुम्हें सोच कर जो हम मुस्करातें है  !!

       वो तुम हो

  तुम्हें याद करके  रात भर जागते है !!

    वो तुम हो

 

तुम्हें ख्वाबों में नही एहसासों में समाया है !!

 वो तुम हो

 

आँखों से एहसासों को पढ़ लिया करो,

की ज़ुबाँ कभी कभी दिल का साथ नही देती  

 

*एहसासों के पांव नहीं होते,*

*फिर भी दिल तक पहुंच ही जाते हैं!*

 

क्या लिखूं और  कितना लिखूं , दिल के एहसासों को

जिंदगी भरी पड़ी है सब, अनकहें अल्फाज़ों से

 

तमन्नाएं तो बहुत

अधूरी पड़ी तो है

जहन में

 

फिर भी आख़री दीदार

मयस्सर हो अगर

तुमसे पूछ लूँ

कैसी लगती हूँ अब मैं

 

ये आँखें जो चमकती थी

तेरी मुहब्बत से

आज इनमें तेरे इंतज़ार की

चमक दिखती है क्या

 

ये ऱूखसार सुर्ख़ थे

एहसासों से तेरे

आज इनपर

तेरे नाम का ज़र्द

एहसास है क्या

 

स्याही एहसासों की शब्द प्रेम के

कलम बन गयी धड़कन दिल बन गयी किताब

और लो बन गयी इश्क़ की

इन नई दास्तान….

 

बस एक बार ही होता है असर

 दिल पर….”एहसासों “का…..

ये इश्क़ है ‘साहिब’……..सौ बार  नही होता….!!!!!

 

 

जिंदगी में ऐसे लोग भी मिलते हैं….

 

जो वादे तो नहीं करते लेकिन

निभा बहुत कुछ जाते है.,.अक्सर वही रिश्ते,

          लाजवाब होते हैं..

जो एहसानों से नहीं,

          एहसासों से बने होते हैं..!   

 

उम्र लग जाती है एहसासों को अल्फाज देने में

 फक़्त दिल टूटने से कोई शायर नहीं बनता!!

 

कुछ रंग बिखरे हैं अल्फाजों में ,

कुछ रंग उड़ रहे एहसासों में ‘

         हर रंग आज छू कर तुम्हें…

                  घुल कर समा रहें हैं ,

                             मेरी सांसों में…!

 

“उनके एहसासों की महक ना हो जिसमें ,

या खुदा दूर ही रखना वो हवाएं मुझसे .

 

कुछ एहसासों के साये ,

दिल_को_छू_जाते_हैं..

कुछ मंज़र दिल में ,,

उतर_जाते_हैं…

बेजान गुलशन में भी ,,,

फूल_खिल_जाते_हैं…

जब ज़िन्दगी में आप जैसे ,,,,

दोस्त_मिल_जाते_हैं..

 

 

बसंत की शीतल सी #बयार

जब मुझे छू कर गुजरती है,

तब वो महसूस मुझे

तुम्हारे एहसासों सी होती है..!!

 

मंद-मंद सी #बयार भी मुझमें

सौ ख़्बाव जगाती है,

ना चाहते हुए भी ये धड़कने

तुम्हारे लिए मचलती है..!!  

 

 

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,

कभी कबीरा दीवाना था,कभी मीरा दीवानी है।

यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं,

जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।।

 

जागना भी कबूल है तेरी यादो मे रात भर..

तेरे एहसासों मे जो सुकून है वो नींद मे कहां..

 

न लफ़्ज़ों से

न एहसासों से

मैं लिखती हूँ बस तुम्हारी यादों से

 

एहसासों के धागों में पिरोया था मैंने,

“उसे” जो मेरा कभी हुआ ही नही …!!

 

कभी कभी ये सोचती हूँ…….

तेरे *एहसासों* के बग़ैर तन्हा

  मक़ा सी तो दिखूंगी,

 

Ehsaas whatsapp status

 

जिसकी दीवारें तो बरकरार हो

   मग़र उजड़ी हुई..!!

 

एहसासों की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्ते में,

रेत भी सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है।

 

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है

कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है

 

बस एक कलम हूँ मैं

हर रंग के रिश्ते में डूबकर

खुद को ही रंग रही हूँ मैं

जिंदगी के पन्ने में जिम्मेदारी

संग लिए दौड़ रही हूँ मैं

कभी एहसासों और अल्फाज़ो

में छुप कर बह रही हूँ मैं

वक्त की बंदिश मैं कैद होकर

धीरे-धीरे चल रही हूँ मैं

किसी किताब के कोरे कागज पर

अपनी छाप छोड़ रही हूँ मै

 

सहेज रही हूँ खुद को

अपने ही अल्फाजों से

बदल रही हूँ अपना कल

शब्दों के एहसासों में..

 

कुछ अधूरे एहसासों ने ही थामा है हर पल…

चाँद तो पूरा हो कर भी रात का न हुआ…

 

मुक़द्दर से अब कोई शिक़ायत नहीं रही

जो एहसासों में जी लिया, हक़ीक़त से कम नहीं

 

एहसासों को विराम दो अब

इन रिश्तों को नाम दो अब

लबों की लबों से बुझती नही प्यास

किसी और चीज़ का जाम दो अब

मेरे नाम की मुझको शाम दो अब

 

थक सी गयी हूँ…. खुद से

ए दिल,बस अब कोई ख्वाईश ना कर..

वो मेरा है और हमेशा मेरा रहेगा

बेवज़ह… एहसासों की नुमाइश ना कर

 

शब्द एहसासों को सहारा देते है..

पर कुछ एहसास ख़ामोशी में संवरते है ….

 

महसूस होते हुए एहसासों का मिलना

यूँ तड़प कर के दो प्यासो को मिलना,

अक्सर याद आता है मुझे मेहब्बत में

उसकी साँसों से मेरी साँसों का मिलना,

 

मुश्किल ही लगता था..

उन एहसासों को भूल पाना..

पर ये ज़रूरी तो नही..

की हर मुश्किल सिज़..

नामुमकिन ही हो…

 

एहसासों की दुनियां को

इस कदर साथ मिल जाय

काश वो रूठ के गले लगे

और पूछे क्या हुआ चलो

फिर से मुस्कुराया जाय.

 

Ehsaas shayari images

इस पेज के आखिर में हम कुछ खुबसूरत एहसास शायरी इमेजेस भी पेश कर रहे हैं, you can download these Ehsaas Shayari Images and share.

Ehsaas Shayari

 

Ehsaas Shayari

 

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एहसास शायरी

 

 

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बच्चों पर खुबसूरत शायरी Beautiful Shayari on Children

हमारे देश के मशहूर शायरों ने दिल को छू लेने वाली बच्चों पर शायरी यानी की Children shayari कही है, इस पेज पर हम चंद कुछ अच्छे बच्चों पर शेर प्रस्तुत कर रहे हैं, उम्मीद है आपको यह shayari on children पसंद आएगी.

इस  Children shayari को आप अपने सोशल मिडिया पर चिल्ड्रन्स डे बाल दिवस और अन्य मौकों पर शेयर कर सकते हैं, आप इस shayari on children को children whatsapp status के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं.

बचपन शायरी और बचपन शायरी इमेजेस आप यहाँ देख सकते हैं

बचपन शायरी ~ बचपन शायरी इमेजेस

सभी टॉपिक्स पर हिन्दी शायरी की लिस्ट यहाँ हैं

हिंदी शायरी लिस्ट

*****

shayari on children

 

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो

चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे

 

भले लगते हैं स्कूलों की यूनिफार्म में बच्चे

कँवल के फूल से जैसे भरा तालाब रहता है

~मुनव्वर राना

 

दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह

या तो सब कुछ ही इसे चाहिए या कुछ भी नहीं

 

मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आग

अपने बच्चे के खिलौने को बचाने के लिए

~शकील जमाली

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अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

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“मुझ को थकने नहीं देता ये ज़रूरत का पहाड़

मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते”

 

सफ़र से लौट जाना चाहता है

परिंदा आशियाना चाहता है

कोई स्कूल की घंटी बजा दे

ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है

 

खिलौनों की दुकानों की तरफ़ से आप क्यूँ गुज़रे

ये बच्चे की तमन्ना है, ये समझौता नहीं करती

~मुनव्वर राना

 

2 Line Children Shayari

 

जब तक

मेरी माँ ज़िंदा थीं

मैं बच्चा था …

– Basir Kazmi

 

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें

किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए

NidaFazli

 

रोते-रोते थक कर जैसे कोई बच्चा सो जाता है

हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है

 

हम कुछ ऐसे तिरे दीदार में खो जाते हैं

जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं

मुनव्वर_राना

 

मेरी मोहब्बत में सारी दुनिया को इक खिलौना बना दिया है

ये ज़िंदगी बन गई है माँ और मुझ को बच्चा बना दिया है

फ़रहत_एहसास

 Sher on Children

बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थे

फिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया

ख़ालिद_महमूद

 

शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं

मुस्कुरा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं

राजेश_रेड्डी

 

किसी ने रख दिए ममता भरे दो हाथ क्या सर पर

मिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है

वसीम_बरेलवी

 

मिरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा

बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है

 

जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया

बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया

NidaFazli

 

Children whatsapp status in hindi

 

दुनिया जिसे कहते हैं बच्चे का खिलौना है

मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है

 

गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला

चिड़ियों को दाने बच्चों को गुड़-धानी दे मौला

 

मोहल्ले वाले मेरे कार-ए-बे-मसरफ़ पे हँसते हैं

मैं बच्चों के लिए गलियों में ग़ुब्बारे बनाता हूँ

सलीम_अहमद

 

दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन

बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया है

 

हम भी इन बच्चों की मानिंद कोई पल जी लें

एक सिक्का जो हथेली पे सजा लाते हैं

KafeelAazar

 

कितनी आसानी से दुनिया की गिरह खोलता है

मुझ में इक बच्चा बुज़ुर्गों की तरह बोलता है

 

घास पर खेलता इक बच्चा,पास माँ बैठी मुस्कुराती है,

मुझे हैरत है दुनिया क्यु काबा और सोमनाथ को जाती है।

निदा फ़ाजली

Children Shayari Images

Children Shayari

 

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बचपन शायरी

बचपन शायरी :- हेल्लो दोस्तों, इस पेज पर हम आपके लिए पेश कर रहे हैं कुछ बेहतरीन बचपन शायरी, हम सभी को अपना बचपन का वक्त बहुत प्यारा होता है, बचपन हमारे जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा होता है, यह बचपन की शायरी पढ़कर आप भावुक और जज्बाती हो जायेंगे, आपको अपने बचपन की यादें ताज़ा हो जाएँगी, हमने यहाँ महान शायरों की बचपन शायरी, 2 Lines shayari on Bachpan देवनागरी font में दी है, यह बचपन शायरी hindi और उर्दू भाषा में हैं,

बचपन शायरी इमेजेस :- इस पेज के अंत में हमने कुछ शानदार खूबसूरत बचपन शायरी इमेजेस दी हैं, आप इन बचपन शायरी इमेजेस को आसानी से डाउनलोड और शेयर कर सकते हैं.

Bachpan Shayri :- Hi Friends, in this post we are presenting you some excellent shayari on Bachpan, we all love our childhood times, it was the best part of our life, these childhood Shayari can make you emotional, when you read these Bachpan shayari in hindi, you will remember your sweet moments of your childhood and friends. These shayari on Bachpan ke din in hindi is excellent to read when you are feeling low in life, these memories of childhood can give freshness. We have collected here Bachpan par sahayri of some great poets. These 2 Lines shayari on Bachpan is in Urdu and in Hindi language, but for your easiness we are giving this Bachpan shayari in Devnagari font.

You can use it as Bachpan quotes and Bachpan status in your social media account.

Share this mera Bachpan shayari with your childhood friends,

Bachpan Shayari Images and photos – in the last of this page we have given some excellent beautiful Bachpan Shayari Images for you, Download Bachpan Shayari images and share with your friends. you can use it on these on children’s day as children’s day shayari and children’s day images

All Hindi Shayari Topics

Bachpan ki shayari

असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे

कहाँ गया मेरा बचपन ख़राब कर के मुझे

 

इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में

ढूँडता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा

~जावेद अख़्तर

 

कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से

कहीं भी जाऊँ मेरे साथ साथ चलते हैं

~बशीर_बद्र

 

कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ मेरी उम्र-ए-रवाँ

मेरा बचपन मेरे जुगनू मेरी गुड़िया ला दे

-नोशी गिलानी

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दादाजी ने सौ पतंगे लूटीं

टाँके लगे, हड्डियाँ उनकी टूटी,

छत से गिरे, न बताया किसी को,

शैतानी करके सताया सभी को,

बचपन के किस्से सुनो जी बड़ों के।

~रमेश तैलंग

 

यारों ने मेरे वास्ते क्या कुछ नहीं किया,

सौ बार शुक्रिया अरे सौ बार शुक्रिया

बचपन तुम्हारे साथ गुज़ारा है दोस्तो

ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो

 

Bachpan shayari in hindi

 

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते

~बशीर बद्र

 

देखकर रेल के डिब्बे बुहारता बचपन

लोग कह देते हैं– “ पाँवों पे खड़ा है तो सही”

 

मुमकिन है हमें गाँव भी पहचान न पाए

बचपन में ही हम घर से कमाने निकल आए

~मुनव्वर राना

 

मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन

वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

 Bachpan shayari in two lines

 

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो

भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी

मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन

वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

 

shayari on Bachpan

 

काग़ज़ की नाव भी है, खिलौने भी हैं बहुत

बचपन से फिर भी हाथ मिलाना मुहाल है

~ज़हीर ग़ाज़ीपुरी

 

~बचपन में शौक़ से जो घरौंदे बनाए थे

इक हूक सी उठी उन्हें मिस्मार देख कर

~शिफ़ा

मिरी मैली हथेली पर तो बचपन से

ग़रीबी का खरा सोना चमकता है

~फ़राग़रोहवी

फिर मुझे याद आएगा ~बचपन

इक ज़माना गुमाँ से गुज़रेगा

~गोविन्दगुलशन

 

मैं ने बचपन की ख़ुशबू-ए-नाज़ुक

एक तितली के संग उड़ाई थी

 

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते

~BashirBadr

 

मैं ने बचपन में अधूरा ख़्वाब देखा था कोई

आज तक मसरूफ़ हूँ उस ख़्वाब की तकमील में

~आलम_ख़ुर्शीद

 

shayari on Bachpan ke din in hindi

 

”घर का बोझ उठाने वाले ब्च्चे की तक़दीर न पूछ

बचपन घर से बाहर निकला और खिलौना टूट गया”

~मुनव्वर_राणा

 

 मुझको यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं

जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं

 

सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब

बचपन वाला इतवार अब नही आता !

-हरिवंशराय बच्चन

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था

इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं ~MuzaffarHanfi

 

शहज़ादा सो गया है कहानी सुने बग़ैर

बचपन के ताक़ में रखी गुड़िया उदास है ~सिदरा_सहर_इमरान

 

जो भूले से बचपन में पकड़ी थी तितली

सुरूर-ए-वफ़ा में भी उतरा वही रंग ~इन्दिरावर्मा

 

कैसे भूलू बचपन की यादों को मैं,

कहाँ उठा कर रखूं किसको दिखलाऊँ?

संजो रखी है कब से कहीं बिखर ना जाए,

अतीत की गठरी कहीं ठिठर ना जाये.!

 

mera Bachpan shayari

 

चाँदके माथेपर बचपन की चोट के दाग़ नज़र आते हैं

रोड़े,पत्थर और गुल्लोंसे दिनभर खेला करता था

बहुत कहा आवारा उल्काओं की संगत ठीक नहीं!

गुलज़ार

 

फ़िक्र से आजाद थे और, खुशियाँ इकट्ठी होती थीं..

वो भी क्या दिन थे,  जब अपनी भी,

गर्मियों की छुट्टियां होती थीं.

 

Bachpan ki dosti shayari

 

कैमरे जरा कम थे मेरे गांव में,

जब बचपन देखना होता है,

तो मां की आंखों में झांक लेता हूं।

 

जो सोचता था बोल देता था,

बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

 

कुछ अठन्नी और चार आनों  में,

कुछ मुफ़्त मूमफली के दानों में,

कुछ बंद हो चुकी दुकानों में,

कुछ असभ्यता के मुहानों में,

कुछ ग़ज़लों में कुछ गानों में,

कुछ मशीन से दूर इंसानों में,

कुछ बड़े होने के अरमानों में,!!

 

उम्र ने तलाशी ली, तो जेब से लम्हे बरामद हुए…

कुछ ग़म के थे, कुछ नम थे, कुछ टूटे…

बस कुछ ही सही सलामत मिले,

जो बचपन के थे…

 

जो गुज़र गया नादानियों मे

वो वक़्त कमाल था ……..

 

Bachpan ki shayari hindi

 

आज बचपन का टूटा हुआ खिलौना मिला…

उसने मुझे तब भी रुलाया था,

उसने मुझे आज भी रुलाया है

 

बचपना अब भी वही है हममें ….

बस ज़रूरतें बड़ी हो गयीं हैं …।

 

इन्हें तल्खियों से क्या मतलब, नफरतें भी कहां जानते हैं…

खुशी चेहरे की पढ़ लेते हैं, बच्चे इतना सा मजहब जानते हैं

 

“उम्र की सिढ़ी चढ़ थकने लगे है…

कदम जो कई छतें लाँघ जाते थे!!”

 

उम्र-ऐ-जवानी फिर कभी ना मुस्करायी बचपन की तरह;

मैंने साइकिल भी खरीदी, खिलौने भी लेके देख लिए।

 

2 lines shayari on Bachpan

 

बचपन में जब

धागों के बीच डब्बे फसाकर

फोन-फोन खेलते थे

नहीं तो मालूम नहीं था

एक दिन इस फोन में

जिन्दगी सिमटती चली जायेगी

 

ज़िन्दगी छोड़ आया हूँ कहीं उन गलियों मे

जहाँ कभी दौड़ जाना ही ज़िन्दगी हुआ करती थी

 

हम तो बचपन में भी अकेले थे

सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे

 

बचपन में भरी दोपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला…

 

जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे…

 

बचपन इसलिए भी प्यारा होता है

क्योंकि….. कंधे और दिल दोनों

ख़ाली होते हैं,

 

Bachpan par shayari

 

उम्र ने तलाशी ली, तो कुछ लम्हे

बरामद हुए…… कुछ ग़म के थे,

कुछ नम के थे, कुछ टूटे ।

बस कुछ ही सही सलामत मिले ,

जो बचपन के थे ।

 

बचपन भगवान की दी हुई सबसे खूबसूरत कृति है।

कागज़ के जहाज बरसात के पानी मे चलाकर, गली में सबसे अमीर हुआ करते थे।

 

छुट गया वो खेलने जाना,

पेडोँ की छाँव मे वक्त बिताना.

 

वो नदियोँ मे नहाने जाना,

शाम ढले घर वापस आना.

 

Bachpan shayari in urdu

 

यादे बचपन कि भूलती नहीं

सच्चाई से हमको मिलाती नहीं

जीना चाहते है हम बचपन फिर से

पर शरारतें बचपन कि अब हमे आती नहीं !

 

तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं,

तन्हा होती हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाती हूँ…।

 

ले चल मुझे  बचपन की,

उन्हीं वादियों में ए जिन्दगी…

जहाँ न कोई जरुरत थी,

और न कोई जरुरी था.!!

 

बचपन की खेल…..

भी गजब की न्यारी थी,,

कभी भट से चिढ़ जाना,,

तो फिर एक पल में भी मान जाना,,

न कोई रंजिश न कोई गम था,,

केवल मस्ती भरी दिन थे,,

और खुशीयों का साया था

 

बहुत ही संगीन ज़ुर्म को,

हम अंज़ाम देकर आए हैं!

बढ़ती उम्र के साए से,

कल बचपन चुरा लाए हैं!

 

बचपन के दिन भुला ना देना आज हंसे कल रुला ना देना इचक दाना पिचक दाना, दाने उपर दाना कितना प्यारा था बचपन मस्ताना….

 

बचपन मे लटटू घुमाते घुमाते, ना जाने कब दुनिया ही घूम गयी।

 

बचपन के खिलौने सा कही छुपा लू तुम्हे.. आँसू बहाऊ, पाव पटकूं, और पा लू तुम्हें।

 

कल हम भी बारिश मे छपाके लगाया करते थे,आज इसी बारिश मे कीटाणु देखना सीख गए,कल बेफिक्र थे कि माँ क्या कहेगी,आज बारिश से मोबाइल बचाना सीख गए,कल दुआ करते थे कि बरसे बेहिसाब तो छुट्टी हो जाए,अब डरते हैं कि रुके ये बारिश कही ड्यूटी न छूट जाए,किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश,हम ख़ुद अब काग़ज़ की नाव बनाना भूल गए,बारिश तो अब भी बारिश है, हम अपना ज़माना भूल गए…!!

 

फिर उसके बाद मैं बचपन से निकल आया था, मोहब्बत मेरी आखिरी श़रारत थी…

 

बचपन की सबसे बड़ी ग़लतफ़हमी ये थी किबड़े होते ही ज़िन्दगी मज़ेदार हो जाएगी

 

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देशभक्ति शायरी Deshbhakti shayari in hindi

Deshbhakti Shayari :- Hello दोस्तों, इस पेज पर हम आपके लिए सबसे बेहतरीन देशभक्ति शायरी पेश कर रहे हैं, हम सब अपने प्यारे भारत देश से बहुत प्यार करते हैं, भारत के लोग देश भक्ति की भावना से भरे हुए हैं, यह desh bhakti shayari in hindi आपके भारत के प्रति प्यार को व्यक्त कर सकती है, आप इस देश भक्ति शायरी को अपने सोशल मिडिया पर देश भक्ति कोट्स और देश भक्ति स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकते हैं, देश भक्ति पर यह कविता आपके अपने देश और देश के अमर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने में सहायक है, अपने दोस्तों से यह देश भक्ति शायरी अवश्य शेयर करें .

जो लोग अपने वतन से मोहब्बत करते हैं, वो  यह वतन शायरी पढ़कर बहुत खुश होंगे, अगर आप अपने वतन से प्यार करते हैं तो यह वतन शायरी अपने स्टेटस में ज़रूर लगायें, अगर आप अपने हिंदुस्तान से प्यार करते हैं तो यह हिंदुस्तान शायरी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें,

दोस्तों शानदार Deshbhakti Shayari Images निचे दी गयीं हैं 

सभी टॉपिक्स पर हिंदी शायरी इस पेज पर जाकर पढ़ें 

Desh bhakti shayari in hindi

Hi Friends, we are presenting the best patriotic poem in hindi for you in this page, these are patriotic shayari, we all love our India, These patriotic Shayari in hindi best describes our love for India, you can use these as patriotic quotes in hindi in your presentation / article, these are patriotic sher of famous poets, we are giving here 2 lines short patriotic poems in hindi and patriotic shayari in urdu. For your convenience we are giving these patriotic shayari in devnagri and Hinglish Font, because many people search the internet for desh bhakti song in hindi written. We will also add deshbhakti image in this page for users who searches for desh bhakti photo, desh bhakti image and desh bhakti shayari image

Please share this desh bhakti shayari with your friends.

 

ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा

आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है

~अमीन सलोनी

 

फ़िदा-ए-मुल्क होना हासिल-ए-क़िस्मत समझते हैं

वतन पर जान देने ही को हम जन्नत समझते हैं

~आनंद नारायण मुल्ला

  

किन मंज़िलों लुटे हैं मोहब्बत के क़ाफ़िले

इंसाँ ज़मीं पे आज ग़रीब-उल-वतन सा है

~अदा जाफ़री

patriotic shayari

हमारे मुल्क की भाषा वो है जिसे हिंदू और मुस्लमान दोनों बोलते हैं। ये भाषा देवनागरी लिखावट में लिखी जाए तो हिन्दी है और अरबी लिखावट में लिखे जाने पर उर्दू है।

महात्मा गाँधी

 

याद अपने वतन की मुझे आती नहीं अब तो

अब भूल चुका होगा मुझे मेरा वतन भी

~सौरभ शेखर

Deshbhakti Status Pictures – Deshbhakti dp Pictures – Deshbhakti Shayari Pictures

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शाम-ए-वतन कुछ अपने शहीदों का ज़िक्र कर

जिन के लहू से सुब्ह का चेहरा निखर गया

  

बहुत अज़ीज़ है अपने वतन की ख़ाक हमें

जो ख़्वाब आँखों में आया वो मोतबर आया

~जावेद अकरम फ़ारूक़ी

 

 देश भक्ति कोट्स Desh Bhakti Quotes

 

“सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा”

  

मुल्क़ का मुस्तक़बिल सजाने को ये,

माज़ी के गढ़े मुर्दे उखाड़ लाते हैं !!

चाहें जितना भी क़ातिल दामन धो ले,

ख़ून के छींटे साफ़ नज़र आते हैं !!

 

 “लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है

उछल रहा है ज़माने  में नाम-ए-आज़ादी”

  

ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे तय न हुए

हज़ार बार रुके हम हज़ार बार चले

न जाने कौन सी मट्टी वतन की मट्टी थी

नज़र में धूल जिगर में लिये ग़ुबार चले

 

देश भक्ति स्टेटस Deshbhakti Status

 

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी

सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा !!

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा !!

~Allama Iqbal 

    

वफ़ा करो जफ़ा मिले, भला करो बुरा मिले

है रीत देश देश की, चलन चलन की बात है

~अख़तर मुस्लिमी

  

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त

मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी

~Shaheed BhagatSingh

   

ना जन्नत मैंने देखी है, ना जन्नत की तवक्क़ो है

मगर मैं ख़्वाब में, इस मुल्क का नक़शा बनाता हूँ

~Munawwar Rana

 

ऐ वतन जब भी सर-ए-दश्त कोई फूल खिला

देख कर तेरे शहीदों की निशानी रोया

 

हाकिमान-ए-हिंद को अपनी ही इशरत से है काम

कौन करता है हमारी ग़म-गुसारी इन दिनों

 

 देश भक्ति  कविता  DeshBhakti Kavita     

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मेरा क़ुसूर ये है कि हुब्ब-ए-वतन में ‘शाद’

लिखता हूँ लिख चुका हूँ जो ~लिखना न चाहिए

~शाद_आरफ़ी

    

वतन की फ़िक्र कर नादाँ मुसीबत आने वाली है

तिरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में

~Iqbal

  

ये कैसी सियासत है मेरे मुल्क पे हावी

इंसान को इंसाँ से जुदा देख रहा हूँ

~साबिर_दत्त

  

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त

मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी

~Lal Chand Falak      

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ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से मैं शर्मिंदा बहुत हूँ

महँगाई के मौसम में ये त्यौहार पड़ा है

~मुनव्वर_राना

  

शहीदों की ज़मीं है जिसको हिंदुस्तान कहते हैं

ये बंजर हो के भी बुज़दिल कभी पैदा नहीं करती

~Munawwar Rana

  

ये कैसी सियासत है मेरे मुल्क पे हावी

इंसान को इंसाँ से जुदा देख रहा हूँ

~साबिर_दत्त

 

वतन शायरी watan Shayari

 

कर चले हम फ़िदा जान-व-तन साथियों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

~KaifiAzmi

 

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है

उछल रहा है ज़माना में नाम-ए-आज़ादी

~फ़िराक़_गोरखपुरी

 

मुल्क तो मुल्क घरों पर भी है क़ब्ज़ा उस का

अब तो घर भी नहीं चलते हैं सियासत के बग़ैर

~ज़िया_ज़मीर

 

ये सवाद-ए-शहर और ऐसा कहाँ हुस्न-ए-मलीह

शश-जिहत में मुल्क देखा ही नहीं पंजाब सा

  

सोचा था उन के देश में महँगी है ज़िंदगी

पर ज़िंदगी का भाव वहाँ और भी ख़राब

~दुष्यंत_कुमार

  

रोया था कौन कौन मुझे कुछ ख़बर नहीं

मैं उस घड़ी वतन से कई मील दूर था

~मुनीर_नियाज़ी

  

ज़िंदाँ में शहीदों का वो सरदार आया

शैदा-ए-वतन पैकर-ए-ईसार आया

है दार-ओ-रसन की सरफ़राज़ी का दिन

सरदार भगत-सिंह सरदार आया

~BhagatSingh

  

फ़िदा-ए-मुल्क होना हासिल-ए-क़िस्मत समझते हैं

वतन पर जान देने ही को हम जन्नत समझते हैं

  

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

~Allama Iqbal

 

रौशनी बाँटता हूँ सरहदों के पार भी मैं

हम-वतन इस लिए ग़द्दार समझते हैं मुझे

~Shahid Zaki

  

कभी कहीं सफ़र करते अगर कोई मुसाफ़िर शेर पढ़ दे ‘मीर’ ‘ग़ालिब’ का

वो चाहे अजनबी हो, यही लगता है वो मेरे वतन का है

~Gulzar

 

‏ये कैसी सियासत है मेरे मुल्क पे हावी

इंसान को इंसाँ से जुदा देख रहा हूँ

  

है नक़्श तेरे अहल-ए-वतन के दिल पर

फाँसी की रसन को चूमना वो तेरा

  

कोई नाम-व-निशां पूछे तो उस से कह देना

वतन हिन्दोस्तां अपना है हम हिन्दुस्तानी हैं

~Lal Chand Falak

 

ऐ वतन इस क़दर उदास न हो

इस क़दर ग़र्क़-ए-रंज-व-यास न हो

फूट की आग हम बुझा देंगे

क़त्ल-व-ग़ारत-गरी मिटा देंगे

~KaifiAzmi

   

‏वतन परस्त शहीदों की ख़ाक लायेंगे

हम अपनी आंख का सुर्मा उसे बनायेंगे

~चकबस्त

 

आज़ादी-ए-वतन से हमारी हैं हुर्मतें٭

देखी नहीं हैं तुमने ग़ुलामी की ज़िल्लतें

 

हिंद की उल्फ़त का जज़्बा मेरे जिस्म-व-जां में है

वो मेरा मतलूब है मैं उसके तलबगारों में हूँ

~LalChandFalak

 

कहाँ हैं आज वो शमा-ए-वतन के परवाने

बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ़साने

 

कितनी पुर-कैफ़ इसकी अदाएँ

कितनी दिलकश इसकी फ़ज़ाएँ

मुश्क से बढ़कर इसकी हवाएँ

ख़ुल्द से बढ़कर इसका नज़ारा

प्यारा भारत देश हमारा

 

ये और बात कि घर बुझ गए हैं ऐ ‘शाएर’

मगर वतन में चराग़ाँ तो कर गए हैं लोग

~शायर_लखनवी

  

वतन के लोग सताते थे जब वतन में थे

वतन की याद सताती है जब वतन में नहीं

~अंजुम_मानपुरी

  

उठो हिंद के बागवानो उठो

उठो इंक़िलाबी जवानो उठो

उठो जैसे दरिया में उठती है मौज

उठो जैसे आंधी की बढ़ती है फ़ौज

 ~S Jafri

  

ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप

क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद ~kaifi azmi

 

ग़ज़लें, दोहे, गीत की शोहरत मुल्क से बाहर फैली थी

हिन्दोस्ताँ से आने वाले, तोहफ़ों में ले जाते थे

~Jameeluddin Aali

  

आबो-हवा देश की बहुत साफ है

कायदा है, कानून है, इंसाफ है,

अल्लाह मियाँ जाने कोई जिए या मरे,

आदमी को खून-वून सब माफ है

-गुलजार

  

“ये वतन तेरी मेरी नस्ल की जागीर नहीं,

सैंकड़ो नस्लों की मेहनत ने संवारा है इसे..”

-साहिर

मैं किस वतन की तलाश में यूँ चला था घर से,

कि अपने घर में भी अजनबी हो गया हूँ आ कर..!

-गुलज़ार

 

हिंदुस्तान शायरी Hindustan Shayari

 

वतन की फ़िक्र कर नादाँ मुसीबत आने वाली है

तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में ~allama iqbal

  

ये उजले दरीचों में पायल की छनछन,

थकी हारी साँसों पे तबले की धनधन,

ये बेरुंह कमरों में खांसी की ठनठन..!

जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहा है?

  

‘अगर राह चलते कोई,

शेर पढ़ दे म़िर-ग़ालिब का

वो चाहे अजनबी हो,

लगता है वो मेरे ‘वतन’ का है’-गुलज़ार

 

घर तो क्या घर का निशाँ भी नहीं बाक़ी ‘सफ़दर’

अब वतन में कभी जाएँगे तो मेहमाँ होंगे

  

जिला-वतन हूँ मिरा घर पुकारता है मुझे

उदास नाम खुला दर पुकारता है मुझे ~Nasim

  

ग़ुर्बत की सुब्ह में भी नहीं है वो रौशनी

जो रौशनी कि शाम-ए-सवाद-ए-वतन में थी ~hasrat

  

मिरे साग़र में मय है और तिरे हाथों में बरबत है

वतन की सरज़मीं में भूक से कोहराम है साक़ी ~sahir

  

यूसुफ़ अज़ीज़-ए-दिला जा मिस्र में हुआ था

पाकीज़ा गौहरों की इज़्ज़त नहीं वतन में ~meer

 

मआज़-अल्लाह उस की वारदात-ए-ग़म मआज़-अल्लाह

चमन जिस का वतन हो और चमन-बे-ज़ार हो जाए ~Jigar

 

ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में

समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा ~iqbal

 

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा

 

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं

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Teacher Shayari  Guru shayari Ustad Shayari

टीचर शायरी हिंदी

Teacher Shayari उस्ताद, गुरु, टीचर इनके बिना कोई भी व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता, हमारे जीवन में टीचर का बड़ा महत्त्व होता है, हमें अपने टीचर को बहुत सम्मान देना चाहिए, केवल शिक्षक दिवस पर ही नहीं बल्कि दुसरे मौकों जेसे टीचर के बर्थ डे आदि पर भी उन्हें विश करना चाहिए. अगर आप अपने टीचर, गुरु या उस्ताद को कोई अच्छा सा मेसेज करना चाहते हैं तो आपका इस पेज पर स्वागत है, यहाँ हम Teacher shayari पेश कर रहे हैं, इन टीचर शायरी को आप अपने टीचर, गुरु, उस्ताद को भेजें और उन्हें अपना सम्मान और प्यार दें.

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All Topics Hindi Shayari

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Ustad Shayari उस्ताद शायरी

 

अदब ता’लीम का जौहर है ज़ेवर है जवानी का

वही शागिर्द हैं जो ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं

-चकबस्त ब्रिज नारायण

 

माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत

है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे नेमत

 

 

वो भी क्या ख़ूब हैं जो पूछते हैं

कौन सी ख़ूबियाँ हैं मुर्शिद में

~साबिर ज़फ़र

 

इह नुकता जद पुखता कीता,

ज़ाहर आख सुणाया हू ।

मैं तां भुल्ली वैंदी बाहू,

मुरशिद राह विखाया हू ।

 

देखा न कोहकन कोई फ़रहाद के बग़ैर

आता नहीं है फ़न कोई उस्ताद के बग़ैर

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वो करेंगे ना-ख़ुदाई तो लगेगी पार कश्ती,

है ‘नसीर’ वर्ना मुश्किल, तिरा पार यूँ उतरना !!

 

खुसरो मौला के रुठते, पीर के सरने जाय

कहे खुसरो पीर के रुठते, मौला नहिं होत सहाय

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सोहबत-ए-पीर-ए-रूम से मुझ पे हुआ ये राज़ फ़ाश

लाख हकीम सर-ब-जेब एक कलीम सर-ब-कफ़

 

माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत

है रोक-टोक उन की हक़ में, तुम्हारे नेमत

 

वही शागिर्द फिर हो जाते हैं उस्ताद ऐ ‘जौहर’

जो अपने जान ओ दिल से ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं

 

ख़िरद को गुलामी से आज़ाद कर

जवानों को पीरों का उस्ताद कर – इक़बाल

 

होना था हश्र-ए-हसरत-ओ-हिरमाँ अगर यही

‘रह्बर’ ज़हे-नसीब कि तू पीर हो गया

 

हम को तो मयस्सर नहीं मिट्टी का दिया भी

घर पीर का बिजली के चराग़ों से है रौशन

 

किस तरह ‘अमानत’ न रहूँ ग़म से मैं दिल-गीर

आँखों में फिरा करती है उस्ताद की सूरत

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Guru Shayari and Guru Dohe

 

सुनिये सन्तों साधु मिलि, कहहिं कबीर बुझाय।

जेहि विधि गुरु सों प्रीति छै कीजै सोई उपाय॥

 

तन मन शीष निछावरै, दीजै सरबस प्रान।

कहैं कबीर गुरु प्रेम बिन, कितहूँ कुशल नहिं क्षेम॥

 

सोइ-सोइ नाचनचाइये जेहि निबहे गुरु प्रेम

कहै कबीर गुरु प्रेम बिन कतहुँ कुशल नहि क्षेम

 

गुरु के सनमुख जो रहै, सहै कसौटी दुख।

कहैं कबीर तो दुख पर वारों, कोटिक सूख॥

 

रामहि सुमिरत रन भिरत देत परत गुरु पाँय।

तुलसी जिन्हहि न पुलक तनु ते जग जीवत जायँ॥

 

कबीरा ते नर अन्ध है गुरु को कहते और

हरि रूठे गुरु ठौर है गुरु रुठै नहीं ठौर

 

सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस

राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास॥

 

मंत्री, वैद्य और गुरु यदि अप्रसन्नता के भय या लाभ की आशा से हित की बात न कहकर प्रिय बोलते हैं तो  राज्य, शरीर और धर्म- इन तीन का शीघ्र ही नाश हो जाता है॥

 

जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु हैं मैं नाय।

प्रेम गली अति साँकरी, ता में दो न समाय॥

 

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