Dua shayari in hindi
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दुआ शायरी Dua Shayari

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दुआ यानी की प्रेयर, प्रार्थना …. हर व्यक्ति की जिंदगी में दुआ का बहुत महत्त्व पूर्ण स्थान होता है, आपने भी कभी दुआ के लिए हाथ उठायें होंगे…आइये जानते हैं की शायरों की नज़र में दुआ क्या है……दुआ पर हिंदी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस दुआ शायरी Dua Shayari को अपने हिंदी वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकतें है या आप इस बेहतरीन हिंदी शायरी को अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकतें हैं। दुआ लफ्ज़ पर हिंदी के यह शेर, भावनाओं को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं

दुआ के बारे में अपने विचार …शायरी नीचे कमेंट्स में ज़रूर बताएं ….

 

सुनते हैं की मिल जाती है हर चीज़ दुआ से….

वो क्यों नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से….

 

मेरा मजहब तो ये दो हथेलियाँ बताती है

जुड़े तो पूजा और खुले तो दुआ कहलाती है !!    

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शबनम की जगह आग की बारिश हो मगर हम

‘मंसूर’ न माँगेंगे दुआ और तरह की

~ मंसूर उस्मानी

 

दिल मर चुका है अब न मसीहा बना करो

या हँस पड़ो या हाथ उठा कर दुआ करो

~ज़हीर काश्मीरी

ऐ दिल न अक़ीदा है दवा पर न दुआ पर

कम-बख़्त तुझे छोड़ दिया हम ने ख़ुदा पर

~सफ़ी औरंगाबादी

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अब कहाँ ऐसी तबीअत वाले

चोट खा कर जो दुआ करते थे

बात फूलों की सुना करते थे

हम कभी शेर कहा करते थे

~साग़र सिद्दीक़ी

नाम होंटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले

तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है क्या है

~नक़्श लायलपुरी

जब भी मिलते हैं तो जीने की दुआ देते हैं

जाने किस बात की वो हम को सज़ा देते हैं

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

– Shakeel Badayuni

मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे

न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे

~शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं

मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है

~अमीर क़ज़लबाश

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

~इफ़्तिख़ार आरिफ़

जब लगें ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाए

है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाए

ये सलीक़ा कि मोहब्बत ने सिखाया है हमें

ज़ख़्म हँसते हुए खाते हैं दुआ करते हैं

हर शख़्स बन गया है ख़ुदा, तेरे शहर में

किस किस के दर पे माँगीं दुआ तेरे शहर में

~नज़ीर सिद्दीक़ी        ‏

कोई चारह नहीं दुआ के सिवा

कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा

~हफ़ीज़_जालंधरी 

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत

ये इक चराग़ कई आँधियों पे भारी है

~वसीम_बरेलवी

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी,

कोई आहट ना हो दर पर मेरे जब तू आए !!

या रब ग़म-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता,

जो हाथ जिगर पर है वो दस्त-ए-दुआ होता !!

मैं क्या करूँ मेरे क़ातिल न चाहने पर भी

तेरे लिए मेरे दिल से दुआ निकलती है

~ FARAZ

जिस के मरज़ पे सेहत-ए-आलम निसार हो

किस तरह वो मरीज़ दुआ-ए-शिफ़ा करे

मैं शहर में किस शख़्स को जीने की दुआ दूँ

जीना भी तो सब के लिए अच्छा नहीं होता

~Farhat Ehsas

जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है,

जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना !! – जलील मानिकपुरी

तुझ सा बेदाद-गर कहाँ होगा

लब-ए-हर- ज़ख्म  ने दुआ दी है

आख़िर दुआ करें भी तो किस मुद्दआ’ के साथ

कैसे ज़मीं की बात कहें आसमाँ से हम

~अहमद_नदीम_क़ासमी

राहों पे नज़र रखना होठों पे दुआ रखना,

आ जाये कोई शायद दरवाजा खुला रखना !! /

न चारागर* की ज़रूरत न कुछ दवा की है

दुआ को हाथ उठाओ कि ग़म की रात कटे

मैं फकिरों से भी करती हूं तिजारत अक्सर

कुछ पैसों में लाखों की दुआ देते हैं…!!

दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे

उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे

~बशीर_बद्र

उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन आज भी

दिल से दुआ निकलती है ख़ुश हो जहाँ भी हो

~मोहम्मद_अल्वी

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है

माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है

~MunawwarRana

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की

मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई

~नुशूर_वाहिदी

अब और क्या तिरा बीमार बाप देगा तुझे

बस इक दुआ कि ख़ुदा तुझ को कामयाब करे

~कैफ़ी_आज़मी AzmiShabana

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

~इफ़्तिख़ार_आरिफ़

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ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं

दुआ करो कि अकेला ख़ुदा न रह जाए

~तसनीम_आबिदी

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

~शकील_बदायुनी

कोई चारह नहीं दुआ के सिवा

कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा

~हफ़ीज़_जालंधरी

दुआ-ए-तौबा भी हम ने पढ़ी तो मय पी कर

मज़ा ही हम को किसी शय का बे-शराब न था

~अमीर_मीनाई

कोई दुआ कभी तो हमारी क़ुबूल कर

वर्ना कहेंगे लोग दुआ से असर गया

~SheenKaafNizam

हुई थी हम से जो लग़्ज़िश तो थाम लेना था

हमारे हाथ तुम्हें उम्र भर दुआ देते

~KhalilurRahmanAzmi

जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है

जब याद हम आ जाएँ, मिलने की दुआ करना

 – जलील मानिकपुरी

दुनिया मेरे पड़ोस में आबाद है मगर

मेरी दुआ-सलाम नहीं उस ज़लील से

~अहमद_जावेद

तेरे इख्तियार में क्या नहीं.मुझे इस तरह से नवाज़ दे,

यूँ दुआयें मेरी क़ुबूल हों, मेरे दिल में कोई दुआ न हो !!-बशीर बद्र

बुलंद हाथों में ज़ंजीर डाल देते हैं

अजीब रस्म चली है दुआ न माँगे कोई

कभी दुआ तो कभी बद-दुआ से लड़ते हुए

तमाम उम्र गुज़ारी हवा से लड़ते हुए

~ज़फ़र_मुरादाबादी

ज़ख़्म और पेड़ ने इक साथ दुआ माँगी है

देखिए पहले यहाँ कौन हरा होता है

~AabidMalik

मैं नज़र से पी रहा था तो ये दिल ने बद-दुआ दी

तेरा हाथ ज़िंदगी भर कभी जाम तक न पहुँचे ~ShakeelBadyuni

वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे

तुझे भूलने की दुआ करूँ तो मिरी दुआ में असर न हो

~बशीर_बद्र

जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ

दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो

सताते ना हम तो मनाते ही कैसे

तुम्हें अपने नज़दीक लाते ही कैसे

इसी दिन का चाहत को अरमान था

क़ुबूल आज दिल की दुआ हो गई।

-साहीर

न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बे-ख़बर सोता

रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूँ रहज़न को ~Ghalib

और क्या कहूँ?

छोटी-मोटी चोरी,रिश्वतखोरी

करती है अपना गुजारा यहाँ

आप की दुआ से बाकी ठीक ठाक है !

-गुलज़ार

हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल

दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है ~Dagh

मुसीबत और लम्बी ज़िंदगानी

बुज़ुर्गों की दुआ ने मार डाला 

यह किस्से सभी को सुनाते नही है मगर दोसतो से छुपाते नही है,

तेरे दर्दे दिल की दवा हम करेंगे

न कुछ कर सके तो दुआ हम करेंगे

-आनंद बक्षी

कहाँ से चले, कहाँ के लिए

ये खबर नहीं थी मगर

कोई भी सिरा,जहाँ जा मिला

वही तुम मिलोगे

के हम तक तुम्हारी दुआ आ रही थी..

गुलज़ार

अब इस से बढ़ के और भी कुछ बे-कसी होगी

इलाही अब तो मिरा दिल दुआ भी भूल गया

सब कुछ ख़ुदा से माँग लिया तुझको माँग कर

उठते नहीं हैं हाथ मेरे इस दुआ के बाद

मां ने जिस चांद सी दुल्हन की दुआ दी थी मुझे

आज की रात वह फ़ुटपाथ से देखा मैंने

रात भर रोटी नज़र आया है वो चांद मुझे..!

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम

मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम      

बर्बाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा

टूटा हुआ इक़रार-ए-वफ़ा साथ लिए जा ~sahir

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा

तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो ~BashirBadr

हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल

दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है ~Daagh

मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत

जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे ~IftikharArif

ये ज़िंदगी सज़ा के सिवा और कुछ नहीं

हर साँस बद-दुआ के सिवा और कुछ नहीं

जान तुम पर निसार करता हूँ

मैं नहीं जानता दुआ क्या है ~Mirza Ghalib

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dua shayari in roman hinglish font

sunate hain ki mil jati hai har chiz dua se….

vo kyon nahin milata jise manga tha khuda se….

mera majahab to ye do hatheliyan batati hai

jude to pooja aur khule to dua kahalati hai !!   

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shabanam ki jagah ag ki barish ho magar ham

mansoor na mangenge dua aur tarah ki

~ mansoor usmani

dil mar chuka hai ab na masiha bana karo

ya hans pado ya hath utha kar dua karo

~zahir kashmiri

ai dil na aqida hai dava par na dua par

kam-bakht tujhe chhod diya ham ne khuda par

~safi aurangabadi

ab kahan aisi tabiat vale

chot kha kar jo dua karate the

bat foolon ki suna karate the

ham kabhi sher kaha karate the

~sagar siddiqi

nam honton pe tera ae to rahat si mile

too tasalli hai, dilasa hai, dua hai kya hai

~naqsh layalapuri

jab bhi milate hain to jine ki dua dete hain

jane kis bat ki vo ham ko saza dete hain

mere ham-nafas mere ham-nava mujhe dost ban ke daga na de

main hoon dard-e-ishq se jan-ba-lab mujhe zindagi ki dua na de

– shakaiail badayuni    

maraz-e-ishq jise ho use kya yad rahe

na dava yad rahe aur na dua yad rahe

~shekh ibrahim zauq

log jis hal mein marane ki dua karate hain

main ne us hal mein jine ki qasam khai hai

~amir qazalabash

dua ko hat uthate hue larazata hoon

kabhi dua nahin mangi thi man ke hote hue

~iftikhar arif

jab lagen zakhm to qatil ko dua di jae

hai yahi rasm to ye rasm utha di jae

ye saliqa ki mohabbat ne sikhaya hai hamen

zakhm hansate hue khate hain dua karate hain

har shakhs ban gaya hai khuda, tere shahar mein

kis kis ke dar pe mangin dua tere shahar mein

~nazir siddiqi        ‏

koi charah nahin dua ke siva

koi sunata nahin khuda ke siva

~hafiz_jalandhari 

dua karo ki salamat rahe meri himmat

ye ik charag kai andhiyon pe bhari hai

~vasim_barelavi

mainne din rat khuda se ye dua mangi thi,

koi ahat na ho dar par mere jab too ae !!

ya rab gam-e-hijran mein itana to kiya hota,

jo hath jigar par hai vo dast-e-dua hota !!

main kya karoon mere qatil na chahane par bhi

tere lie mere dil se dua nikalati hai

~ faraz

jis ke maraz pe sehat-e-alam nisar ho

kis tarah vo mariz dua-e-shifa kare

main shahar mein kis shakhs ko jine ki dua doon

jina bhi to sab ke lie achchha nahin hota

~farhat aihsas

jate ho khuda-hafiz han itani guzarish hai,

jab yad ham a jaen milane ki dua karana !! – jalil manikapuri

tujh sa bedad-gar kahan hoga

lab-e-har- zakhm  ne dua di hai

akhir dua karen bhi to kis mudda ke sath

kaise zamin ki bat kahen asaman se ham

~ahamad_nadim_qasami

rahon pe nazar rakhana hothon pe dua rakhana,

a jaye koi shayad daravaja khula rakhana !! /

na charagar* ki zaroorat na kuchh dava ki hai

dua ko hath uthao ki gam ki rat kate

main fakiron se bhi karati hoon tijarat aksar

kuchh paison mein lakhon ki dua dete hain…!!

dua karo ki ye pauda sada hara hi lage

udasiyon mein bhi chehara khila khila hi lage

~bashir_badr

us se mile zamana hua lekin aj bhi

dil se dua nikalati hai khush ho jahan bhi ho

~mohammad_alvi

jab bhi kashti meri sailab mein a jati hai

man dua karati hui khvab mein a jati hai

~munawwarran

anjam-e-vafa ye hai jis ne bhi mohabbat ki

marane ki dua mangi jine ki saza pai

~nushoor_vahidi

ab aur kya tira bimar bap dega tujhe

bas ik dua ki khuda tujh ko kamayab kare

~kaifi_azami azmishaban

dua ko hat uthate hue larazata hoon

kabhi dua nahin mangi thi man ke hote hue

~iftikhar_arif

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khuda ke nam pe jis tarah log mar rahe hain

dua karo ki akela khuda na rah jae

~tasanim_abidi

mere ham-nafas mere ham-nava mujhe dost ban ke daga na de

main hoon dard-e-ishq se jan-ba-lab mujhe zindagi ki dua na de

~shakil_badayuni

koi charah nahin dua ke siva

koi sunata nahin khuda ke siva

~hafiz_jalandhari

dua-e-tauba bhi ham ne padhi to may pi kar

maza hi ham ko kisi shay ka be-sharab na tha

~amir_minai

koi dua kabhi to hamari qubool kar

varna kahenge log dua se asar gaya

~shaiainkafnizam

hui thi ham se jo lagzish to tham lena tha

hamare hath tumhen umr bhar dua dete

~khalilurrahmanazmi

jate ho khuda-hafiz han itani guzarish hai

jab yad ham a jaen, milane ki dua karana

 – jalil manikapuri

duniya mere pados mein abad hai magar

meri dua-salam nahin us zalil se

~ahamad_javed

tere ikhtiyar mein kya nahin.mujhe is tarah se navaz de,

yoon duayen meri qubool hon, mere dil mein koi dua na ho !!-bashir badr

buland hathon mein zanjir dal dete hain

ajib rasm chali hai dua na mange koi

kabhi dua to kabhi bad-dua se ladate hue

tamam umr guzari hava se ladate hue

~zafar_muradabadi

zakhm aur ped ne ik sath dua mangi hai

dekhie pahale yahan kaun hara hota hai

~abidmalik

main nazar se pi raha tha to ye dil ne bad-dua di

tera hath zindagi bhar kabhi jam tak na pahunche ~shakaiailbadyuni

vo bada rahim o karim hai mujhe ye sifat bhi ata kare

tujhe bhoolane ki dua karoon to miri dua mein asar na ho

~bashir_badr

jo dost hain vo mangate hain sulh ki dua

dushman ye chahate hain ki apas mein jang ho 

satate na ham to manate hi kaise

tumhen apane nazadik late hi kaise

isi din ka chahat ko araman tha

qubool aj dil ki dua ho gai.

-sahir

na lutata din ko to kab rat ko yoon be-khabar sota

raha khataka na chori ka dua deta hoon rahazan ko ~ghalib

aur kya kahoon?

chhoti-moti chori,rishvatakhori

karati hai apana gujara yahan

ap ki dua se baki thik thak hai !

-gulazar

hazar bar jo manga karo to kya hasil

dua vahi hai jo dil se kabhi nikalati hai ~dagh

musibat aur lambi zindagani

buzurgon ki dua ne mar dala 

yah kisse sabhi ko sunate nahi hai magar dosato se chhupate nahi hai,

tere darde dil ki dava ham karenge

na kuchh kar sake to dua ham karenge

-anand bakshi

kahan se chale, kahan ke lie

ye khabar nahin thi magar

koi bhi sira,jahan ja mila

vahi tum miloge

ke ham tak tumhari dua a rahi thi..

gulazar

ab is se badh ke aur bhi kuchh be-kasi hogi

ilahi ab to mira dil dua bhi bhool gaya

sab kuchh khuda se mang liya tujhako mang kar

uthate nahin hain hath mere is dua ke bad

man ne jis chand si dulhan ki dua di thi mujhe

aj ki rat vah futapath se dekha mainne

rat bhar roti nazar aya hai vo chand mujhe..!

nakam hain asar se duaen dua se ham

majaboor hain ki lad nahin sakate khuda se ham     

barbad-e-mohabbat ki dua sath lie ja

toota hua iqarar-e-vafa sath lie ja ~sahir

abhi rah mein kai mod hain koi aega koi jaega

tumhen jis ne dil se bhula diya use bhoolane ki dua karo ~bashirbadr

hazar bar jo manga karo to kya hasil

dua vahi hai jo dil se kabhi nikalati hai ~dagh

main zindagi ki dua mangane laga hoon bahut

jo ho sake to duaon ko be-asar kar de ~iftikhararif

ye zindagi saza ke siva aur kuchh nahin

har sans bad-dua ke siva aur kuchh nahin

jan tum par nisar karata hoon

main nahin janata dua kya hai ~mirz ghalib

 

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One thought on “Dua Shayari

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