An Essay on I want to be an Astronaut in Hindi
मैं एस्ट्रोनॉट बनना चाहता हूं पर एक निबंध
अक्सर स्कूल प्रोजेक्ट में मैं एस्ट्रोनॉट बनना चाहता हूं पर निबंध लिखने को दिया जाता है तो आज हम आपके लिए एक निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं जिसे पढ़कर आपको आइडिया हो जाएगा कि इस विषय पर किस प्रकार से निबंध किसना है, ध्यान रखिए पूरा निबंध कॉपी पेस्ट नहीं करना है आपको यह निबंध पढ़ कर आपके मन में जो उच्च विचार उठे और विचारों को लिखना है तभी अब अच्छा निबंध लिखना सीख सकेंगे तो यह शुरू करते हैं. अन्य विषयों पर निबंध के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर रिक्वेस्ट कर सकते हैं
एस्ट्रोनॉट कौन होते हैं? एस्ट्रोनॉट्स की लाइफ कैसी होती है?
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मैं एस्ट्रोनॉट बनना चाहता हूं पर एक निबंध
चांद, तारे, बादल और आसमान
मुझे आसमान देखना बहुत पसंद है, दिन में आसमान में उड़ते हुए सुंदर बादल दिखाई देते हैं इन बादलों में कभी खरगोश कभी लोमड़ी आदि कई मजेदार आकार का दिखाई पड़ जाते हैं, हम दोस्त लोग अक्सर बादलों में ऐसे आकार ढूंढ कर एक दूसरे को बताते हैं, रात में आसमान देखना और भी ज्यादा अच्छा लगता है क्योंकि रात में आसमान में चमकते हुए सितारे दिखाई देते हैं चांद दिखाई देता है, शहर में अत्यधिक रोशनी की वजह से यह सब देखना बहुत मुश्किल है लेकिन क्यों कि हमारा घर शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है इसलिए मेरे घर की छत से अंधेरी रात में बहुत -बहुत सारे तारे दिखाई देते हैं,
इन सुंदर तारों को देख कर मुझे एस्ट्रोनॉमी विषय में काफी दिलचस्पी है और मैं आगे चलकर एएस्ट्रोनॉट बनना चाहता हूं (चाहती हूं)
स्पेस एस्ट्रोनॉमी, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, मंगल ग्रह
मैं टीवी पर अक्सर एस्ट्रोनॉमी अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में समाचार और डॉक्यूमेंट्री देखता रहता हूं एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष स्टेशन पर देखकर मुझे बहुत हैरानी होती है आकर्षण के इधर उधर उड़ते रहते हैं. कई एस्ट्रोनॉट्स स्टेशन से बाहर निकल कर घूमते भी हैं , एस्ट्रोनॉट्स को हमारी पृथ्वी एक खूबसूरत नीले गोले की तरह दिखाई देती है, यह सब कितना मजेदार लगता होगा मैं यही सोचता रहता हूं. मनुष्य चंद्रमा पर तो कदम रख चुका है अब वैज्ञानिक मंगल पर पहला मानव भेजने का अभियान शुरू करने वाले हैं, मैं अक्सर सोचता रहता हूं कि न जाने कौन सा वह पहला इंसान होगा जो मंगल की धरती पर कदम रखेगा.
एस्ट्रोनॉट बनने के लिए क्या करना पड़ेगा
मैं एस्ट्रोनॉट बनना चाहता हूं पर मुझे ठीक ठीक है नहीं पता है की एस्ट्रोनॉट बनने के लिए क्या करना पड़ता है, मेरे पैरंट्स कहते हैं कि इसके लिए तुम्हें बहुत मेहनत करनी होगी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना होगा साथ ही साथ तुम्हें खेलों में भी हिस्सा लेना होगा ताकि तुम्हारा शरीर मजबूत बने.
एस्ट्रोनॉट को ताकतवर और स्वस्थ होना ही चाहिए तभी वह रॉकेट में बैठकर मंगल ग्रह की इतनी कठिन यात्रा कर सकता है, यह सब सोच कर मैं अब पढ़ाई में ध्यान देने लगा हूं और खासतौर पर विज्ञान और गणित विषयों का अधिक अध्ययन करता हूं, साथ ही साथ फुटबॉल और बॉस्केटबॉल खेल में भी काफी मेहनत करता हूं ताकि मेरा शरीर ताकतवर बन सके.
मेरे फेवरेट एस्ट्रोनॉट
नील आर्मस्ट्रांग और वेलेंटीना टैरेशकोवा मेरे फेवरेट एस्ट्रोनॉट है, नील आर्मस्ट्रांग वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चांद पर कदम रखा उनका नाम इतिहास में अमर हो गया, ठीक इसी तरह वेलेंटिना तेरेश्कोवा अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला थी वेलेंटीना 16 जून 1963 को वोस्तोक 6 मैं बैठकर अंतरिक्ष में गई थी और आश्चर्यजनक रूप से 3 दिन तक उन्होंने अंतरिक्ष में बिताए थे.
हमारा भारत और इसरो
हमारा भारत देश भी एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रहा है, भारत का अंतरिक्ष संस्थान इसरो मंगल पर चंद्रयान भेज चुका है जल्द ही भारत के एस्ट्रोनॉट भी अंतरिक्ष में जाने लगेंगे, यह सोच कर मैं और मेरे दोस्त भी भारतीय एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देख रहे हैं, कौन जाने हम दोस्तों में से ही कोई पहला भारतीय हो जो कि मंगल ग्रह पर कदम रखे.