पक्षियों के उड़ने के पीछे क्या वैज्ञानिक सिद्धांत हैं? Scientific Principle behind flying
दोस्तों हम सभी ने पक्षियों को उड़ते हुए देखा है परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि यह पक्षी आकाश में इतनी ऊंचाई तक और इतनी कुशलता से कैसे उड़ लेते हैं? जबकि पृथ्वी पर दूसरे जीव जंतु यह नहीं कर पाते, आप कहेंगे कि पक्षियों के पंख होते हैं इसलिए वह उड़ सकते हैं, लेकिन वास्तव में जवाब इतना सीधा साधा नहीं है, केवल पंखों से उड़ना संभव नहीं है क्योंकि पृथ्वी पर कई ऐसे पक्षी पाए जाते हैं जिनके पंख तो हैं परंतु वह उड़ नहीं पाते.
क्या पक्षियों और विमानों के उड़ने के पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत जानते हैं, आइए आज जानने का प्रयतन करते हैं कि पक्षी और विमान किस प्रकार उड़ते हैं? तथा आकाश में किस प्रकार गति करते हैं?
चाहे विमान हो या पक्षी उड़ने के लिए शक्ति की आवश्यकता पड़ती है, तथा साथ ही साथ कम वजन का होना भी आवश्यक है, पंखों के अलावा पक्षियों में ऐसी कई विशेषताएं होती है जो कि उनका आकाश में उड़ना संभव बनाती हैं, इसके लिए उनके शरीर का हल्का और सुडोल होना आवश्यक है , पक्षियों के उड़ने में 4 कारक प्रभाव डालते हैं यह कारक weight, lift, drag और thrust है.
पक्षियों को उड़ने के लिए किन भौतिक विशेषताओं की आवश्यकता पड़ती है
सभी उड़ने वाले पक्षियों में यह विशेषताएं आवश्यक रूप से पाई जाती है.
यह पक्षी हल्के होते हैं तथा इनके पंख एकदम स्मूथ चिकने होते हैं,
भारी जबड़े की बजाय इनके पास हल्की चोंच होती है जो कि इनके शरीर को हल्का बनाती है.
इन पक्षियों के पास एक बड़ी breastbone हड्डी होती है जिसे sternum कहा जाता है इससे मांसपेशियां जुड़ी होती है इन्हीं मांसपेशियों से पक्षियों को उड़ने के लिए पर्याप्त बल मिलता है.
इन पक्षियों की सभी हड्डियां हल्की होती है, सभी पक्षियों की हड्डियां खोखली होती है तथा इसमें वायु कोष पाए जाते हैं इससे पक्षियों के शरीर का वज़न बहुत कम हो जाता है.
इन सभी पक्षियों के पास एक कठोर कंकाल होता है जिस से मांसपेशियां जुड़ी होती हैं इन्हीं मांसपेशियों से इन्हें उड़ने के बल मिलता है.
इन पक्षियों का शरीर सुडौल होता है तथा वायुगतिकी के नियम के अनुसार होता है जिसे अंग्रेजी में एयरोडायनेमिक्स कहते हैं.
और अंत में स्थान आता है पंखों का, पंखों से ही पक्षियों को हवा में ऊपर उठने कब बल मिलता है.
पक्षी पंख के सहारे किस प्रकार उड़ते हैं?
पक्षी और विमान दोनों के पंखों का आकार उड़ने के लिए महत्वपूर्ण है, इनके पंखों के ऊपरी सतह मुड़ी हुई होती है तथा निचली सतह सपाट होती है ऊपरी सतह पर वायु की गति तेज होती है तथा निचली सपाट सतह पर वायु की गति धीमी होती है इससे पंख के ऊपर एक वायु का कम दबाव का क्षेत्र निर्मित हो जाता है, इससे नीचे की हवा ऊपर उठकर उस कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर जाना चाहती है, इसी ऊपर उठती हुई हवा से पक्षियों को और विमानों को ऊपर उड़ने का बल मिलता है.
बड़े आकार के पंख ज्यादा उछाल बल उत्पन्न करते हैं, छोटे पंखों की तुलना में, इसीलिए आपने देखा होगा कि छोटे पंख वाले पक्षियों को ऊंचाई पर रहने के लिए बार-बार तेजी से पंख फड़फड़ाना पड़ता है जबकि बड़े पंखों वाले पक्षीयों को कम बार पंखों को फड़फड़ाना पड़ता है.
पक्षियों के उड़ने के अलग-अलग तरीके
ग्लाइडिंग
आपने देखा होगा कि जो पक्षी ऊंचे आकाश में उड़ते हैं, और बिना पंख फडफड़ाये ही आसमान में तैरते रहते हैं इस तरह उड़ने को ग्लाइडिंग कहते हैं, ग्लाइडिंग करते वक्त पक्षी को कुछ भी कार्य करने की आवश्यकता नहीं होती, गलाइडिंग करते हुए पक्षी अपने पंखों को थोड़ा सा तिरछा करके रखते हैं यह तिरछे पंख हवा को नीचे की ओर फेकतें हैं और पक्षी को ऊपर उठने का बल मिलता है.
Soaring ऊपर की उड़ान
इस तरह की उड़ान में पक्षी गर्म हवा जो की ऊपर जा रही होती है उसका सहारा लेकर ऊपर की तरफ उड़ते हैं, अल्बेट्रॉस पक्षी जो कि सालों तक समुद्र के ऊपर उड़ते रहते हैं इसी तरह की उड़ान का सहारा लेते हैं, यह ऊपर उठती हुई गर्म हवा का सहारा लेकर उड़ते रहते हैं, इसलिए इसमें उन्हें कुछ भी ऊर्जा नहीं लगानी पड़ती यही कारण है कि वह कई वर्ष तक समुद्र के ऊपर उड़ते रहते हैं.
Flapping पंखों को फड़फड़ाना
पंखों के फड़फड़ाने से पक्षियों को आगे की तरफ बढ़ने का बल मिलता है, इन पंखों को तेजी से अलग-अलग दिशाओं में घुमाने से पक्षी आकाश में कई कलाबाजियां कर सकते हैं, कई पक्षी ऐसे होते हैं कि जो घने जंगलों में अपने पंखों को चारों दिशाओं में फड़फड़ाते हुए कीट पतंगों को पकड़ते हैं, इस तरह की उड़ान छोटे परिंदों के लिए बहुत फायदेमंद होती है.
Thrust प्राप्त करना
उड़ने के लिए पक्षी थ्रस्ट या प्रेरक बल कहां से प्राप्त करते हैं, पक्षी उड़ने के लिए प्रेरक बल अपनी मांसपेशियों के द्वारा प्राप्त करते हैं, कुछ पक्षी गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके भी थ्रस्ट हासिल करते हैं यह किसी ऊंची पहाड़ी यह पेड़ से कूदते हैं तथा अपने पंखों को खोल लेते हैं गुरुत्वाकर्षण बल के कारण इनको एक थ्रस्ट मिलता है, कुछ बड़े आकार के पक्षी जमीन पर पंख फड़फड़ाते हुए दौड़ते हैं इस प्रकार दौड़ने से भी इन्हें थ्रस्ट प्रेरक बल मिल जाता है
तो इस प्रकार अब आप जान गए हैं कि केवल पंखों के होने से कुछ नहीं होता हालांकि उड़ान के लिए पंख आवश्यक है किंतु पंखों के साथ साथ कई और चीजें हैं जो उड़ने के लिए अनिवार्य है पक्षियों की उड़ान इन सभी चीजों पर निर्भर करती है.
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