चारों ओर फैलता हुआ ब्रह्माण्ड
Our Universe is Expanding.
हमारा ब्रह्माण्ड चारों ओर फैलता जा रहा है और इसका आकार बड़ा होता जा रहा है, 13.82 बिलीयन वर्ष पूर्व, बिग बैंग की प्रक्रिया से जब ब्रह्माण्ड का जन्म हुआ, तभी से हमारा ब्रह्माण्ड चारों दिशाओं में बहुत तेज गति के साथ फैलता चला जा रहा है. केवल यही आश्चर्य की बात नहीं है, बल्कि हमारा आश्चर्य तब और बढ़ जाता है जब हम यह जानते हैं कि ब्रह्माण्ड के फैलने की दर बढ़ती जा रही है मतलब की कुछ हजार साल पहले ब्रह्माण्ड जिस दर से विस्तृत हो रहा था आज हमारा ब्रह्माण्ड उसकी तुलना में ज्यादा तेज गति से चारों ओर फैलता जा रहा है तथा भविष्य में भी ब्रह्माण्ड के फैलने की कि यह दर बढ़ती जाएगी
ब्रह्माण्ड के फैलने की दर क्या है? What is the rate of expansion of universe hindi
जनवरी 2018 में वैज्ञानिकों ने अलग अलग टेलीस्कोपस से आंकड़े एकत्रित कर यह अनोखी बात बताई कि ब्रह्माण्ड के फैलने की दर हर जगह अलग-अलग है!, हमारे पास के ब्रह्माण्ड में, ब्रह्माण्ड के फैलाव की दर 45.6 मील (73.5 Km) पर सेकंड पर मेगापारसेक है, यह आंकड़ा हबल टेलीस्कोप और Gaia स्पेस टेलीस्कोप के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित किया गया.
पृथ्वी से बहुत दूर स्थित गैलेक्सी में ब्रह्माण्ड के फैलने की दर थोड़ी कम है, यहां ब्रह्माण्ड 41.6 मील पर सेकंड पर मेगापारसेक की दर से फ़ैल रहा है. यह निष्कर्ष प्लांक टेलीस्कोप के आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है. एक मेगा पारसेक में 3.3 मिलियन प्रकाश वर्ष होते हैं, इस तरह हम देख सकते हैं कि हमारा ब्रह्माण्ड बहुत तेज गति से फैलता जा रहा है.
हबल कांस्टेंट क्या है? What is hubble constant hindi
ब्रह्माण्ड के फैलने की दर को नापने की इकाई को हबल कांस्टेंट कहते हैं, हबल कांस्टेंट का प्रस्ताव सबसे पहले वैज्ञानिक एडविन हबल ने रखा था, एडविन हबल ही वो वैज्ञानिक थे जिन्होंने सुदूर ब्रह्माण्ड में पाई जाने वाली गैलेक्सीयों का अध्ययन किया, सन 1929 में. हबल ने देखा कि जो गैलेक्सी पृथ्वी से जितनी दूर है वह उतनी ही तेज गति से पृथ्वी से दूर जाती हुई दिखाई देती है. ऐसा विस्तृत होते हुए ब्रह्माण्ड की वजह से होता है, आप ब्रह्माण्ड में कहीं भी खड़े हो आपको सभी गैलेक्सीया अपने से दूर जाती हुई दिखाई देंगी.
हबल कांस्टेंट वास्तव में एक कांस्टेंट नहीं है
Hubble constant is not Constant actually
हबल कांस्टेंट वास्तव में एक कांस्टेंट नहीं है, बल्कि है कि वेरिएबल है, क्योंकि ब्रह्माण्ड के फैलने की दर कम और ज्यादा हो सकती है, हबल कांस्टेंट नाम सही नहीं रखा गया है इसका नाम हबल पैरामीटर होना चाहिए. क्यों की यह ब्रह्माण्ड के फैलने की दर दर्शाता है.
रेड शिफ्ट या लाल विस्थापन red shift in hindi
जब भी कोई वस्तु पृथ्वी से दूर जाती है तो उससे आने वाले प्रकाश स्पेक्ट्रम में लाल रंग की और विस्थापित होता दिखाई देता है तथा उसकी तरंगधैर्य बढ़ती हुयी प्रतीत होती है, इस परिघटना को रेडशिफ्ट कहते हैं तथा जब कोई वस्तु पति की ओर आती है तो उससे आने वाला प्रकाश, स्पेक्ट्रम में नीले रंग की और विस्थापित होता दिखाई देता है, इसे ब्लू शिफ्ट प्रभाव कहतें हैं, भौतिकी की इस घटना के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि कोई गैलेक्सी पृथ्वी से दूर जा रही है या पृथ्वी के पास आ रही है, रेड शिफ्ट का ही उपयोग करके एडविन हबल ने पता लगाया था कि हमारा ब्रह्माण्ड फैलता जा रहा है और सारी गेलेक्सियाँ एक दुसरे से दूर जाती जा रही है.
हबल कांस्टेंट का महत्व Importance of Hubble constant hindi
हबल कांस्टेंट का कॉस्मोलॉजी में बड़ा महत्व है, इसी से हमें ब्रह्माण्ड के फैलने के बारे में पता चलता है यदि हबल कांस्टेंट भविष्य में लगातार बढ़ता जाता है तो इसका मतलब होगा कि यूनिवर्स में ऐसी कोई शक्ति है जो इसे चारों दिशाओं में लगातार फेलाती रहेगी! ऐसी स्थिति में पृथ्वी के आसपास दिखाई देने वाली सभी गैलेक्सिया हमसे बहुत दूर चली जाएँगी और केवल मिल्की वे तथा इसके आसपास की गैलेक्सीयां ही पृथ्वी से दिखाई देंगी.
What if Universe slows down
यदि हबल कांस्टेंट भविष्य में कम होता है तो, इसका अर्थ यह निकाला जाएगा कि ब्रह्माण्ड में डार्क मैटर ने अपनी गुरुत्वाकर्षण की शक्ति से ब्रह्माण्ड के फैलने को रोक दिया है, तथा यह दर धीरे-धीरे कम होती जाएगी और ब्रह्माण्ड का फैलना कम होते होते एक स्थिति ऐसी आएगी जब ब्रह्माण्ड सिकुड़ने लगेगा, यह बड़ा ही नाटकीय क्षण होगा, इसके बाद ब्रह्माण्ड धीरे धीरे सिकुड़ते – सिकुड़ते फिर से एक सघन बिंदु के रूप में बदल जाएगा.
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