प्यारा सा जीव कोआला बीयर lovely animal koala bear
हालांकि इस जीव को अक्सर कोआला बियर कहा जाता है, लेकिन यह मुलायम जीव भालू है ही नहीं बल्कि यह तो एक मारसूपियल प्राणी है, मारसूपियल प्राणी वे होते हैं जो कि अपने बच्चों को अपने पेट के पास बनी एक छोटी थैली में रखते हैं, सबसे प्रसिद्ध मारसूपियल प्राणी कंगारू है, एक फीमेल कोआला बियर बच्चे को जन्म देने के बाद उसे 6 महीने तक अपनी थेली में रखती है जब बच्चा थोड़ा बड़ा होता है तो वह मां की पीठ पर या उसके पेट से चिपका रहता है. लगभग 1 साल तक मां अपने बच्चे को अपनी पीठ या पेट पर सवार रखती है.
कोआला बियर के बारे में कुछ तथ्य facts about koala bear in hindi
सामान्य नाम – कोआला
वैज्ञानिक नाम – Phascolarctos cinereus
प्रकार – स्तनधारी मारसूपियल प्राणी
आहार – शाकाहारी प्राणी
जीवन काल – 20 वर्ष
आकार – 23 से 35 इंच
भार – 9 किलो
मनुष्य की तुलना में आकार
जब यूरोपियन लोग ऑस्ट्रेलिया आए तो उन्होंने कोआला को देखकर उसे एक भालू समझा और उसका नाम कोआला भालू रख दिया, उस समय तक मारसूपियल प्राणियों के बारे में किसी को ज्ञात नहीं था, और अब तक किसी यूरोपीय ने मारसूपियल प्राणी को नहीं देखा था क्योंकि यह केवल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ही पाए जाते हैं.
कोआला बियर सिर्फ यूकेलिप्टस के पत्ते खाते हैं – Diet of koala bear in hindi
कोआला बियर पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं जहां पर यूकेलिप्टस के पेड़ बहुत अधिक पाए जाते हैं, यह पेड़ कोआला को बहुत पसंद है, वास्तव में कोआला इन पेड़ों को कभी नहीं छोड़ते हैं और बहुत ही कम मौकों पर जमीन पर उतरते हैं, उनके तीखे पंजे उन्हें पेड़ों पर टिकाए रखते हैं. कोआला आश्चर्यजनक रूप से पानी नहीं पीते बल्कि यह यूकेलिप्टस की पत्तियों से ही पानी प्राप्त कर लेते हैं. 1 दिन में कोआला डेढ़ किलो तक पत्तियां खा जाते हैं यह पत्तियां चबाकर अपने गालों में इकट्ठा भी रखते हैं इनका पाचन तंत्र बहुत बड़ा होता है जिससे कि यह यूकेलिप्टस की पत्तियां आसानी से हजम कर लेते हैं और उसके जहर का इन पर कोई असर नहीं होता यह इतनी अधिक यूकेलिप्टस की पत्तियां खाते हैं कि इनके शरीर से उसकी ही गंध आने लगती है.
कोआला बियर के पंजे – claws of koala bear
कोआला बियर के चारों पंजे अनोखे होते हैं इनकी हथेलियां गद्देदार होती हैं जो कि इन्हे पेड़ों पर चढ़ने में सहायता प्रदान करती हैं इनके बड़े बड़े नाखून होते हैं जिससे इनकी ग्रिप बढ़ जाती है सामने के दो पंजों में दो उंगलियां बाकी तीन उंगलियों से अलग दिशाओं में निकली होती है, इस खास बनावट की वजह से कोआला पेड़ों की टहनियों को काफी मजबूती से पकड़े रहते हैं यहां तक की वे पेड़ों पर कई घंटों तक सोते रहते हैं और नीचे नहीं उतरतें हैं.
कोआला बियर का फर बहुत मोटा होता है यह इसे गर्मी और सर्दी दोनों से बचाता है बारिश होने पर यह एक रेनकोट की तरह कार्य करता है इस फर का कलर लाइट ग्रे और भूरा होता है. ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी क्षेत्र में पाए जाने वाले कोआला भूरे रंग के होते हैं और उत्तरी क्षेत्र में पाए जाने वाले कोआला सिलेटी कलर के होते हैं नीचे दिए गए चित्र में आप यह आश्चर्यजनक अंतर देख सकते हैं.
कोआला बियर का कम उर्जा वाला आहार मष्तिष्क को छोटा कर देता है.
Low energy diet of Koala bear
कोआला बियर का सर तो बहुत बड़ा होता है लेकिन उनका मस्तिष्क के छोटे आकार का होता है वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि कोआला सिर्फ यूकेलिप्टस की पत्तियां खाते हैं इससे उन्हें बहुत कम है एनर्जी मिलती है क्योंकि मस्तिष्क में सबसे अधिक एनर्जी की खपत होती है इसलिए कोआला के मस्तिष्क का आकार छोटा हो गया है जो कि उनकी कम ऊर्जा पाली डाइट की वजह से है.
दिन में 18 घंटे सोते हैं कोआला बियर Koala bear sleeps 18 Hours a day
दिन के समय कोआला अधिक सोते हैं पेड़ की शाखाओं पर लटकते हुए और दो बड़ी शाखाओं के बीच यह टिककर सोते रहते हैं, यह आश्चर्यजनक रूप से एक दिन में18 घंटे तक सोते हैं. कोआला रात में सक्रिय होते हैं और ययूकेलिप्टस पेड़ की पत्तियां खाते हैं.
ख़त्म होते जा रहे हैं कोआला बियर Koala bear is in danger
इन खूबसूरत प्राणियों का सन 1920 से लेकर 1930 तक बहुत अत्यधिक शिकार हुआ और उनकी जनसंख्या काफी कम हो गई वर्तमान समय में मनुष्य ने इन्हें फिर से लाकर बसाया परंतु इन की जनसंख्या अभी भी कम होती जा रही है एक कोआला बियर को रहने के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता पड़ती है एक कोआला को जीने के लिए 100 यूकेलिप्टस पेड़ों की आवश्यकता होती है ऑस्ट्रेलिया के जंगल खत्म होते जा रहे हैं इसका असर कोआला बियर पर भी पड़ रहा है.
All Picture and fact credit to National Geographic
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