मस्ती शायरी
Masti Shayari : मस्ती शायरी, दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए मस्ती पर शायरी पेश कर रहे हैं, यहाँ मशहूर शायरों के मस्ती के बारे में शेर दिए गए हैं, इन्टरनेट पर यह मस्ती शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, मस्ती के बारे में मशहूर शायरों ने क्या क्या कहा है, मस्ती पर सारे शेर एक पेज पर पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, यहाँ मस्ती शायरी पर 100 से भी ज्यादा शेर संकलित जमा किये गए है.
हमने यहाँ महान शायरों की Masti shayari 2 lines देवनागरी font में दी है, यह मस्ती शायरी hindi (Masti shayari in hindi ) और उर्दू भाषा में हैं, Masti shayari in hindi को आप आसानी से कॉपी कर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, Masti par shayari का यह संकलन आपको केसा लगा, कमेंट्स में ज़रूर लिखे.
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Masti shayari in hindi,
इक सिर्फ़ हम ही मय को आँखों से पिलाते हैं
कहने को तो दुनिया में मयखाने हज़ारों हैं
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
मैं मुहब्बत करूँ तुमसे मेरी हस्ती क्या है,
मस्तियाँ अर्श की हैं ख़ाक की मस्ती क्या है !!
~JM Sinha Rahbar
यहाँ चौडी छाती वीरो की,
यहाँ भोली शकले हीरो की
यहाँ गाते है रांझे मस्ती मे,
मचती है धूमे बसती में..!
~साहीर_लुधीयानवी
ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
~आरिफ़ जलाली
किसी की आँख में मस्ती तो आज भी है वही
मगर कभी जो हमें था ख़ुमार, जाता रहा
~जावेद अख़्तर
आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी
एक छलकते साग़र में मय भी है मय-ख़ाना भी
~साग़र_निज़ामी
Masti wali shayari
Masti Status Pictures – Masti dp Pictures – Masti Shayari Pictures
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क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ
रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन
~मिर्ज़ा_ग़ालिब
‘मीर’ उन नीम-बाज़ आँखों में
सारी मस्ती शराब की सी है
उनकी आंखो से छलकती है मय की मस्ती
लोग समझते हैं की हम मैखाने से आए हैं
जाहिद उन आंखों की टपकती हुई मस्ती,
पत्थर में गढ्ढा डाल के पैमाना बना दें !! -आरज़ू लखनवी
मिट्टी का तन मस्ती का मन
क्षण भर जीवन-मेरा परिचय
है और ही कारोबार-ए-मस्ती
जी लेना तो ज़िंदगी नहीं है
~अली_सरदार_जाफ़री
friends masti shayari
नज़्ज़ारे ने भी काम किया वाँ नक़ाब का
मस्ती से हर निगह तेरे रुख़ पर बिखर गई
~ग़ालिब
कभी झगडा तो कभी मस्ती,
कभी आंसू तो कभी हंसी,
छोटा सा पल और छोटी छोटी ख़ुशी,
एक प्यार की कश्ती और ढेर सारी मस्ती,
बस खुद्दारी ही है मेरी दौलत, जो मेरी हस्ती में रहती है !
बाक़ी ज़िंदगी तो फ़कीरी है, जो अपनी मस्ती में रहती है !!
समंदर न हो तो कश्ती किस काम की
मजाक न हो तो मस्ती किस काम की
दोस्तों के लिए कुर्बान है ये ज़िन्दगी
Besties न हो तो ये ज़िन्दगी किस काम की
कोई पत्थर तुम्हें मारे तो आसमां हो जा।
फूल कदमों में गर डाले तो फ़ना हो जा।।
क्या अहमियत है किसी के भी नुक्ताचीनी का ?
तू जहाँ है अपनी मस्ती में शहंशा हो जा।।
आते हैं खाब मे अब जो, बेगानो की तरह!
कहानी सिमट कर हो गई अफसानों की तरह!!
गुलजार है, अजीज शक्स वो मस्ती मे भूल कर!
कभी बदले गये थे हम भी मकानों की तरह!!
जिसकी मस्ती जिंदा है,*
*उसकी हस्ती जिंदा है*।
*वरना यूँ समझ लें*,
*हम यूँ ही जिंदा हैं।*
हस्ती की बद-मस्ती क्या, हस्ती ख़ुद इक मस्ती है
मौत उसी दिन आएगी, होश में जिस दिन आएँगे
– साग़र निज़ामी
funny masti shayari
प्यार एक शब्द नहीं है,
है एक प्यारा सा एहसास,
चाहे वो परिवार का प्यार हो,
चाहे दोस्त या प्रेमी का प्यार हो,
सब में अलग होता है एहसास,
परिवार के प्यार में होती है
जीवन जीने की कला,
दोस्तों के प्यार में होता है
मौज मस्ती की धुन,
सच्चे प्रेमी के प्यार में होता है समर्पण।
रात को फूल को भी नही मालूम की
उसे सुबह मंदिर पर जाना है
या कब्र पर जाना है,
इसलिये जिंदगी जितनी जीओ मस्ती से जीओ।।
सारी सृष्टि है मस्ती में,
बस एक मनुज है दुखी यहाँ।
थोड़ा-सा बोध जगाओ तो,
हो सकते हो चिर सुखी यहाँ।
अब मस्त जरा रहना सीखो,
बस थोड़ा-सा बहना सीखो।
जिंदगी को गमले के पौधे
की तरह मत बनाओ जो
जो थोड़ी सी धूप लगने पर
मुरझा जाये….
जिंदगी को जंगल के पेड़ की
तरह बनाओ जो हर परिस्तिथि में
मस्ती से झूमता रहे
जो रहता अपनी मस्ती में,
जिंदगी बोध की गीता है।
निष्काम और निरहंकार,
जो धन्यवाद में जीता है।
वह बोधिसत्व है, वन्दित है,
उसका बुद्धत्व सुनिश्चित है।
सोचा ना था कभी
ऐसी दोस्ती होगी,
साथ मेरे आप लोगों जैसी
हस्ती होगी, जन्नत की गलियों के
ख्वाब क्यूँ देखूं,
अगर हम सारे दोस्त
साथ होंगे तो नरक में भी
मस्ती होगी….
जंगल में रहो या बस्ती में..
लहरों में रहो या कश्ती में..
महंगी में रहो या सस्ती में…
पर रहो मस्ती में…
मस्ती में झूमता जहाँ है
खुशियों में झूमता समाँ है
आये हो बीच हमारे तुम
कैसे करें तेरा अभिनंदन
यह होश है कि उसकी मस्ती पे गुफ़्तुगू थी
बाद उसके होश हम को फिर रात भर न आया
जॉन एलिया
इस महफ़िल-ए-कैफ़-ओ-मस्ती में इस अंजुमन-ए-इरफ़ानी में
सब जाम-ब-कफ़ बैठे ही रहे हम पी भी गए छलका भी गए …….
जीवन हो ऐसी मधुशाला,
हो प्यास मगर संतोष रहे।
जब होश रहे तब पीता जा,
जब पीता जा तब होश रहे।
मस्ती का ऐसा आलम हो,
पीने से होश नहीं कम हो।
जाता सूरज कल फिर लौट आएगा
बिता बचपन फिर कैसे लौट पाएगा
वो मस्ती वो बेफिक्री का आलम
याद बन कर ही जब-तब सताएगा
ये नज़रों का लड़ाना कुछ छेड़ कुछ हंगामा,
चढ़ता है होली में मस्ती पे धमाल का रंग !!
Masti shayari images
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Masti shayari in Roman Hinglish for those who cant read devnagri
ik sirf ham he may ko ankhon se pilate hain
kahane ko to duniya mein mayakhane hazaron hain
in ankhon ke masti ke mastane hazaron hain
main muhabbat karoon tumase mere haste kya hai,
mastiyan arsh ke hain khak ke masti kya hai !!
~jm sinh rahbar
yahan chaude chhate vero ke,
yahan bhole shakale hero ke
yahan gate hai ranjhe masti me,
machate hai dhoome basate mein..!
~saher_ludheyanave
khud apane masti hai jis ne machae hai halachal
nasha sharab mein hota to nachate botal
~arif jalale
kise ke ankh mein masti to aj bhe hai vahe
magar kabhe jo hamen tha khumar, jata raha
~javed akhtar
ankh tumhare mast bhe hai aur masti ka paimana bhe
ek chhalakate sagar mein may bhe hai may-khana bhe
~sagar_nizame
masti wali shayari
qarz ke pete the may lekin samajhate the ki han
rang lavege hamare faqa-masti ek din
~mirza_galib
mer un nem-baz ankhon mein
sare masti sharab ke se hai
unake ankho se chhalakate hai may ke masti
log samajhate hain ke ham maikhane se ae hain
friainds masti shayari
nazzare ne bhe kam kiya van naqab ka
masti se har nigah tere rukh par bikhar gae
~galib
kabhe jhagada to kabhe masti,
kabhe ansoo to kabhe hanse,
chhota sa pal aur chhote chhote khushe,
ek pyar ke kashte aur dher sare masti,
bas khuddare he hai mere daulat, jo mere haste mein rahate hai !
baqe zindage to fakere hai, jo apane masti mein rahate hai !!
samandar na ho to kashte kis kam ke
majak na ho to masti kis kam ke
doston ke lie kurban hai ye zindage
baistiais na ho to ye zindage kis kam ke
jisake masti jinda hai,*
*usake haste jinda hai*.
*varana yoon samajh len*,
*ham yoon he jinda hain.*
haste ke bad-masti kya, haste khud ik masti hai
maut use din aege, hosh mein jis din aenge
– sagar nizame
funny masti shayari
rat ko fool ko bhe nahe maloom ke
use subah mandir par jana hai
ya kabr par jana hai,
isaliye jindage jitane jeo masti se jeo..
sare srshti hai masti mein,
bas ek manuj hai dukhe yahan.
thoda-sa bodh jagao to,
ho sakate ho chir sukhe yahan.
ab mast jara rahana sekho,
bas thoda-sa bahana sekho.
jindage ko gamale ke paudhe
ke tarah mat banao jo
jo thode se dhoop lagane par
murajha jaye….
jindage ko jangal ke ped ke
tarah banao jo har paristithi mein
masti se jhoomata rahe
jo rahata apane masti mein,
jindage bodh ke geta hai.
nishkam aur nirahankar,
jo dhanyavad mein jeta hai.
vah bodhisatv hai, vandit hai,
usaka buddhatv sunishchit hai.
socha na tha kabhe
aise doste hoge,
sath mere ap logon jaise
haste hoge, jannat ke galiyon ke
khvab kyoon dekhoon,
agar ham sare dost
sath honge to narak mein bhe
masti hoge….
masti mein jhoomata jahan hai
khushiyon mein jhoomata saman hai
aye ho bech hamare tum
kaise karen tera abhinandan
yah hosh hai ki usake masti pe guftugoo the
bad usake hosh ham ko fir rat bhar na aya
jon eliya
is mahafil-e-kaif-o-masti mein is anjuman-e-irafane mein
sab jam-ba-kaf baithe he rahe ham pe bhe gae chhalaka bhe gae …….
jevan ho aise madhushala,
ho pyas magar santosh rahe.
jab hosh rahe tab peta ja,
jab peta ja tab hosh rahe.
masti ka aisa alam ho,
pene se hosh nahin kam ho.
jata sooraj kal fir laut aega
bita bachapan fir kaise laut paega
vo masti vo befikre ka alam
yad ban kar he jab-tab sataega