Mausam shayari in Hindi
मौसम-रुत पर हिंदी शायरी
दोस्तों, मौसम कभी सुहावना होता है कभी सर्द कभी गर्म, कभी चारो तरफ फूल खिले होते हैं कभी वीरानी, इसी तरह इन्सान की ज़िन्दगी में भी उतार चढाव आते रहते है, ज़िन्दगी और मोसम के इन्ही बदलते रंगों को शायरों ने कुछ इस तरह बयां किया है, पेश है मौसम और रुत पर कुछ अच्छे शेर.
सर्दी में दिन सर्द मिला,
हर मौसम बेदर्द मिला।
~मोहम्मद_अल्वी
प्यार में एक ही मौसम है बहारों का मौसम
लोग मौसम की तरह फिर कैसे बदल जाते हैं
~Faraz
हर एक बदलती हुई रुत में याद आता है
वो शक्स स जो मेरा नामों निशां भूल गया।
~anjum khalik
बरसता भीगता मौसम धुआं धुआं होगा..
पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे गुमां होगा
ये शाख़-ए-गुल है आईना-ए-नुमू से आप वाकिफ़ है
समझती है कि मौसम के सितम होते ही रहते हैं
धुप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसा
उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके
~क़तील शिफ़ाई
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Mausam shayari in Hindi
वह मुझ को सौंप गया फुरकतैं दिसंबर में
दरखते जां पे वही सर्दियों का मौसम है।
हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं
तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा।
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें !! -प्रकाश फ़िक्री
तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है !!-साबिर
आमद से पहले तेरी सजाते कहाँ से फूल,
मौसम बहार का तो तेरे साथ आया है !!
बरसता भीगता मौसम है कमज़ोरी मेरी लेकिन,
मैं ये सावन, घटा, बादल तुम्हारे नाम करता हूँ…
Mausam shayari in Hindi
ज़वाल-ए-मौसम-ए-ख़ुश-रंग का गिला ‘आसिम’
ज़मीन से तो नहीं आसमाँ से होता है
उरूज पर है चमन में बहार का मौसम
सफ़र शुरू ख़िज़ाँ का यहाँ से होता है
कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को,
बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका !! – शहज़ाद अहमद
किसके नक्श-ए-पा पड़े पलकें वजू करने लगीं,
मौसमो का रंग बदला रुत सुहानी हो गयी
वही पर्दा,वही खिड़की,वही मौसम,वही आहट
शरारत है,शरारत है,शरारत है,शरारत है
Mausam shayari in Hindi
क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी,
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा !!
सर्द मौसम में छनी हुयी धुप सी लगते हो
कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है,
अबके बरसात की रुत और भी भड़कीली है,
जिस्म से आग निकलती है, क़बा गीली है !!
हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे,
हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ !!
लो बदल गया मौसम
हूबहू तुम्हारी तरह!
Mausam shayari in Hindi
बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे,
मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की।
~अज्ञात
मौसम-ए-बहार है अम्बरीं ख़ुमार है
किस का इंतिज़ार है गेसुओं को खोलिए !! -अदम
रंग पैराहन का खुश्बू जुल्फ लहराने का नाम,
मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम !!-फ़ैज़
हमारे ही ख़याल लिख दिए कुछ …
हम तो आज भी रूठी हुई रुत को माना लेते हैं….
Mausam shayari in Hindi
किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज
उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!
हम तो रूठी हुयी रुत को भी मना लेते थे
तुम ने देखा ही नही मौसम ऐ हिज्राँ जानाँ !!
मौसम सर्द ही सही दिल का आहों से मगर,
तेरे ख्यालों से आज भी पिघल जाते हैं हम।
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!
ये हसीं मौसम, ये नज़ारे, ये बारिश, ये हवाएँ,
लगता है मोहब्बत ने फिर मेरा साथ दिया है…
Mausam shayari in Hindi
अपनी सी लगती है हर नमी अब तो,
आँखों ने खुश्क मौसम कभी देखे ही नहीं।
कोई मौसम हो दिल-गुलिस्ताँ में,
आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं …
मौसम सा मिज़ाज़ है मेरा,
कभी बरसता सावन तो कभी सर्द हवा।
आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए !!
मेरी दीवानगी क्यों मुन्तज़िर है रुत बदलने की,
कोई मौसम भी होता है जुनूँ को आज़माने का !! –आलम खुर्शीद
Mausam shayari in Hindi
मुझको बे-रंग ही कर दें न कहीं रंग इतने,
सब्ज़ मौसम है, हवा सुर्ख़, फ़ज़ा नीली है!! -MuzaffarWarsi
चम्पई सुब्हें पीली दो-पहरें सुरमई शामें
दिन ढलने से पहले कितने रंग बदलता है
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी,
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है!!
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हों तनहाई भी
बरसता, भीगता मौसम है कमज़ोरी मेरी लेकिन,
मैं ये रिमझिम, घटा, बादल तुम्हारे नाम करता हूँ …
Mausam shayari in Hindi
तुम्हारे शहर का मौसम बङा सुहाना है
मैं एक शाम चुरा लूं अगर बुरा न लगे!
रातें महकी, सांसें दहकी, नज़रे बहकी, रुत लहकी
स्वप्न सलोना, प्रेम खिलौना, फूल बिछौना,वह पहलू
ऐ इश्क़ सुन मुझे भी चाहिए मुआवजा
इस बे-मौसम बारिश का,
तेरे दर्द की बारिशों से बहुत नुकसान हुआ है
मेरे अरमानों की फसल का.!!
जो अपनी औलाद से बढ़ कर,समझे पौधों-पेड़ों को
आने वाले मौसम में इस बाग़ को ऐसा माली दे.!!
मौसम-ए-गुल में तो आ जाती है काँटों पे बहार
बात तो जब है ख़िजाँ में गुल-ए-तर पैदा कर
~फ़ना निज़ामी
Mausam shayari in Hindi
अभी तो खुश्क़ है मौसम,बारिश हो तो सोचेंगे
हमें अपने अरमानों को,किस मिट्टी में बोना है.!!
कहाँ धुँए की परस्तिश में जा फंसे यारो
यही तो रुत थी ख़यालों में आग बोने की.!!
नईम हिजरतों की रुत ने,ज़ोर भी दिया मगर
न बाग़ से हवा गई,न झील से कँवल गया.!!
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं.!!
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है “दोस्त”
दुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये.!!
Mausam shayari in Hindi
इनपे कभी मौसम का असर क्यों नहीं होता।।
रद्द क्यों तेरी यादों की उड़ाने नहीं होती..!!
उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को।।
ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से..!!
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्त।।
दुनिया की धूप-छांव से, आगे निकल गये ..!!
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sarde mein din sard mila,
har mausam bedard mila.
~mohammad_alve
pyar mein ek he mausam hai baharon ka mausam
log mausam ke tarah fir kaise badal jate hain
~faraz
har ek badalate hue rut mein yad ata hai
vo shaks jo mera namon nishan bhool gaya.
~anjum khalik
barasata bhegata mausam dhuan dhuan hoga..
pighalate shammon pe dil ka mere guman hoga
dhup sa rang hai aur khud hai vo chhanvo jaisa
usake payal mein barasat ka mausam chhanake
~qatel shifae
mausam shayari in hindi
vah mujh ko saump gaya furakatain disambar mein
darakhate jan pe vahe sardiyon ka mausam hai.
hamen is sard mausam mein tere yaden satate hain
tumhen ehasas hone tak disambar bet jayega.
bahut he sard hai ab ke dayar-e-shauq ka mausam,
chalo guzare dinon ke rakh mein chingariyan dhoonden !! -prakash fikre
tere tasavvur ke dhoop odhe khada hoon chhat par
mire lie sardiyon ka mausam zara alag hai !!-sabir
amad se pahale tere sajate kahan se fool,
mausam bahar ka to tere sath aya hai !!
barasata bhegata mausam hai kamazore mere lekin,
main ye savan, ghata, badal tumhare nam karata hoon…
urooj par hai chaman mein bahar ka mausam
safar shuroo khizan ka yahan se hota hai
kab talak dil mein jagah doge hava ke khauf ko,
badaban kholo ki mausam ka ishara ho chuka !! – shahazad ahamad
kisake naksh-e-pa pade palaken vajoo karane lagen,
mausamo ka rang badala rut suhane ho gaye
mausam shayari in hindi
kyon ag se laga ke gumasum hai chandane,
sone bhe nahin deta mausam ka ye ishara !!
sard mausam mein chhane huye dhup se lagate ho
koe badal hare mausam ka fir ailan karata hai,
ham ki roothe hue rut ko bhe mana lete the,
ham ne dekha he na tha mausam-e-hijran janan !!
lo badal gaya mausam
hoobahoo tumhare tarah!
mausam shayari in hindi
badala jo rang usane hairat huye mujhe,
mausam ko bhe mat de gaye fitarat janab ke.
~agyat
mausam-e-bahar hai ambaren khumar hai
kis ka intizar hai gesuon ko kholie !! -adam
mausam shayari in hindi
kisane jana hai badalate hue mausam ka mizaj
usako chaho to samajh paoge fitarat usake !!
mausam sard he sahe dil ka ahon se magar,
tere khyalon se aj bhe pighal jate hain ham.
lutf jo us ke intazar mein hai
vo kahan mausam-e-bahar mein hai !!
ye hasen mausam, ye nazare, ye barish, ye havaen,
lagata hai mohabbat ne fir mera sath diya hai…
mausam shayari in hindi
apane se lagate hai har name ab to,
ankhon ne khushk mausam kabhe dekhe he nahin.
koe mausam ho dil-gulistan mein,
arazoo ke gulab taza hain …
mausam sa mizaz hai mera,
kabhe barasata savan to kabhe sard hava.
mere devanage kyon muntazir hai rut badalane ke,
koe mausam bhe hota hai junoon ko azamane ka !! –alam khurshed
mausam shayari in hindi
mujhako be-rang he kar den na kahen rang itane,
sabz mausam hai, hava surkh, faza nele hai!! -muzaffarwarsi
champe subhen pele do-paharen surame shamen
din dhalane se pahale kitane rang badalata hai
mausam ne banaya hai nigahon ko sharabe,
jis fool ko dekhoon vohe paimana hua hai!!
ek purana mausam lauta yad bhare puravae bhe
aisa to kam he hota hai vo bhe hon tanahae bhe
mausam shayari in hindi
tumhare shahar ka mausam bana suhana hai
main ek sham chura loon agar bura na lage!
mausam-e-gul mein to a jate hai kanton pe bahar
bat to jab hai khijan mein gul-e-tar paida kar
~fana nizame
mausam shayari in hindi
abhe to khushq hai mausam,barish ho to sochenge
hamane apane aramanon ko,kis mitte mein bona hai.!!
kahan dhune ke parastish mein ja fanse yaro
yahe to rut the khayalon mein ag bone ke.!!
mausam ke misal doon ya tumhare
koe poochh baitha hai badalana kisako kahate hain.!!
jab se tere khayal ka, mausam hua hai “dost”
duniya ke dhoop-chhanv se age nikal gaye.!!
mausam shayari in hindi
udas chhod gaya vo har ek mausam ko..
gulab khilate the kal jisake muskurane se..!!