मोबाईल टावर रेडिएशन Mobile Tower Radiation
वर्तमान समय में हम मोबाइल संचार प्रणाली पर पूरी तरह निर्भर हो गए हैं शहरों में लगभग हर व्यक्ति के पास एक मोबाइल है, तथा थोड़ी थोड़ी दूर पर आपको मोबाइल के बड़े-बड़े टॉवर्स देखने को मिल जाएंगे. मोबाइल संचार प्रणाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स का उपयोग करती है, इस संचार प्रणाली में माइक्रोवेव्स का उपयोग होता है जिनकी फ्रिकवेंसी आवृति 450 मेगाहर्ट्ज से 3800 मेगाहर्ट्ज तक होती है, फिफ्थ जेनरेशन मोबाइल संचार प्रणाली या 5g में 24 गीगाहर्टज से लेकर 80 गीगाहर्टज की फ्रीक्वेंसी का उपयोग किया जाएगा किया जा रहा है.
आज हम अपने पूर्वजों की तुलना में लाखों गुना ज्यादा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का सामना कर रहे हैं, क्योंकि आज से मात्र 20- 25 साल तक पहले मोबाइल टॉवर्स नहीं थे, तथा केवल अंतरिक्ष से आने वाला बहुत हल्का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन ही था. लेकिन अब मोबाइल के साथ साथ इंटरनेट का भी संचार माइक्रोवेव्स के द्वारा किया जा रहा है जिससे भी रेडिएशन बढ़ता जा रहा है.
विद्युत चुंबकीय रेडिएशन क्या है?
What is electromagnetic radiation hindi
हम हमेशा विद्युत चुंबकीय तरंगों से घिरे रहते हैं, प्रकाश भी एक विद्युत चुंबकीय तरंग है, इस तरंग की वेवलेंथ तरंग दैर्ध्य बदलने से अलग अलग तरह कि विद्युत चुंबकीय तरंगें उत्पन्न होती है, सबसे कम तरंग धैर्य की विद्युत चुंबकीय तरंग गामा रे हैं, उसके बाद एक्सरे, अल्ट्रावॉयलेट, दृश्य प्रकाश , उष्मीय किरण तथा माइक्रोवेव तथा रेडियो तरंगे आती है, रेडियो वेव की तरंगधैर्य सबसे अधिक होती है.
ज्यादा तरंग दैर्ध्य वाली विद्युत चुंबकीय तरंग दीवारों और मकानों के आर पार भी जा सकती हैं, मोबाइल और इंटरनेट संचार माध्यम में इसीलिए माइक्रोवेव और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है.
मोबाइल रेडिएशन का मापन तथा निर्धारण
How to check mobile radiation hindi
मोबाइल रेडिएशन को सार Specific absorption rate (SAR) वैल्यू में नापा जाता है, SAR रेडिएशन नापने की इकाई है जिससे उतकों द्वारा सौंपी गई ऊर्जा को नापा जाता है, प्रत्येक देश की सरकारें यह निर्धारित करती है कि मोबाइल बनाने वाली कंपनियां कितने रेडिएशन छोड़ने वाला मोबाइल बना सकती है जैसे कि ऑस्ट्रेलिया में यह दर 2 वाट पर किलोग्राम है जबकि भारत में यह 1.6 व्हाट पर केजी रखा गया है इसे परमीसिबल सार वैल्यू कहते हैं.
आप किसी भी मोबाइल का सार वैल्यू तथा तथा रेडिएशन लेवल आसानी से चेक कर सकते हैं इसके लिए दो तरीके हैं. मोबाइल का रेडिएशन लेवल चेक करने के लिए आपको केवल एक छोटा सा कोड डायल करना होता है यह कोड *#07# है अपने मोबाइल में यह कोड डायल करें को डायल करते ही आपको मोबाइल की सार वैल्यू पता चल जाएगी तथा आपके देश में मानक सार वैल्यू की जानकारी भी स्क्रीन पर आ जाएगी.
अगर आप इस तरीके से मोबाइल का रेडिएशन लेवल चेक ना कर पाए तो मोबाइल की बॉडी या मोबाइल के बॉक्स पर सार वैल्यू लिखी होती है यह प्रत्येक कंपनी के लिए लिखना आवश्यक है इस वैल्यू को पढ़कर भी आप मोबाइल का रेडिएशन लेवल जान सकते हैं.
मोबाईल रेडिएशन से नुकसान
Harmful effects of mobile radiation hindi
ऐसे में प्रश्न उठता है कि मोबाइल टावर रेडिएशन क्या हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है तथा इससे क्या-क्या नुकसान संभव है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कहती है कि” पिछले दो दशकों में किए गए कई अध्ययनों से पता चलता है कि मोबाइल के उपयोग से कोई भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रभाव उत्पन्न नहीं हो रहे हैं” सन 2018 में एफडीए फूड एंड ड्रग एसोसिएशन ने अपने एक बयान में कहा कि वर्तमान समय में उपयोग किए जा रहे मोबाइल के सिग्नल हानि पहुंचा सकने वाले रेडियो फ्रिकवेंसी से 50 गुना कम है”
मोबाइल रेडिएशन का उतकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Mobile radiation Effects on cells hindi
अभी तक ज्ञात अध्ययनों से पता चला है कि मोबाइल रेडिएशन का हमारे शरीर के ऊतकों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता एक अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का उपयोग करते समय आपके मस्तिष्क कोर्टेक्स की कोशिकाओं का तापमान 0.1 डिग्री बढ़ जाता है, इतने कम उतार-चढ़ाव का कोशिकाओं पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता इसे कहीं ज्यादा तापमान में बदलाव शरीर में होता रहता है.
मोबाइल रेडिएशन का मस्तिष्क की क्रियाविधि पर प्रभाव
Effect of Mobile Radiation on Mind
हमारा मस्तिष्क बहुत ही नाजुक अंग है इसमें कई न्यूरॉन्स कोशिकाएं होती है जिनमें विद्युत का संचार होता रहता है ऐसे में समाज में यह चिंता उत्पन्न होने लगी है कि क्या मोबाइल की रेडिएशन इन न्यूरॉन्स के काम में कुछ प्रभाव उत्पन्न करती है? वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन के उपयोग से मस्तिष्क में अल्फ़ा वेव एक्टिविटी में 5% का इजाफा होता है, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई विशेष बात नहीं है क्योंकि जब हम आंखें बंद करते हैं तो हमारी अल्फा वे एक्टिविटी दुगनी बढ़ जाती है मतलब इसमें सौ प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है, ऐसी स्थिति में अभी तक मोबाइल रेडिएशन का मस्तिष्क पर कोई बुरा असर देखने को नहीं मिला है.
क्या मोबाइल रेडिएशन से कैंसर हो सकता है?
Can mobile radiation cause cancer hindi
अभी तक किसी भी अध्ययन में यह तथ्य नहीं मिला है कि मोबाइल रेडिएशन से कैंसर हो सकता है ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि मोबाइल फोन का जब से उपयोग शुरू हुआ है तब से लेकर कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, मोबाइल आने से पहले जितने कैंसर के मरीज थे उतने ही वर्तमान समय में भी होते हैं. क्योंकि आस्ट्रेलिया एक विकसित देश है तथा वहां प्रत्येक कैंसर के मामले को दर्ज किया जाता है इसलिए इन आंकड़ों पर भरोसा किया जा सकता है.
भारत जैसे देश जहां पर प्रत्येक कैंसर का मामला पिछले सालों में दर्ज नहीं हुआ है और ना ही वर्तमान समय में सभी केसेस दर्ज होते हैं अतः भारत में इस प्रकार किया कोई भी अध्ययन संभव नहीं है.
क्या 5G मोबाइल रेडिएशन से नुकसान संभव है?
Is 5g Radiation is harmful hindi
2G, 3G, 4G और 5G मोबाइल सेवा में केवल तरंगदैर्ध्य का अंतर है 4G अधिक तरंग दैर्ध्य वाले रंगो का इस्तेमाल करता है तथा 5G, 4G से भी ज्यादा तरंगदैर्ध्य वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों का इस्तेमाल करता है, अधिक तरंगदैर्ध्य वाली विद्युत चुंबकीय तरंगें शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती, 5G की तरंगे केवल आपकी त्वचा पर ही केन्द्रित होगी तथा मस्तिष्क की कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएंगी, 5G की नई तकनीक स्वास्थ्य के लिए और ज्यादा अच्छी हैं तथा इनके किसी भी प्रकार के नुकसान का पता वैज्ञानिकों को अभी तक नहीं चला है.
क्या वाईफाई रेडिएशन से नुकसान होता है? Wifi tower radiation
Effects of Wifi radiation
वर्तमान समय में घरों में वाई फाई टेक्नोलॉजी का भी उपयोग बढ़ गए हैं वाईफाई हॉटस्पॉट के द्वारा कई मोबाइल मैं इंटरनेट चलाया जाता है, वाईफाई हॉटस्पॉट, वाईफाई टावर से भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विद्युत चुंबकीय रेडिएशन निकलते हैं तथा यह मोबाइल के टावर के रेडिएशन से ज्यादा होते हैं. वाईफाई टावर से निकलने वाले रेडिएशन इतने खतरनाक नहीं होते कि मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकें एक अध्ययन के मुताबिक 1 वर्ष तक वाईफाई हॉटस्पॉट से इतना रेडिएशन नहीं निकलता जितना कि एक मोबाइल से 20 मिनट तक बात करने पर निकलता है. इस अध्ययन से यह बात साफ हो जाती है कि वाई फाई रेडिएशन से मनुष्य के स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है.
वास्तव में मोबाइल से नुकसान होता है!
Harmful effects of Mobile misuse hindi
हालांकि मोबाइल रेडिएशन से कोई विशेष नुकसान अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन स्वयं मोबाइल का उपयोग करने के कई सामाजिक, अध्यात्मिक और मानसिक नुकसान देखने में आए हैं मोबाइल का उपयोग बढ़ने से आज हम असामाजिक होते जा रहे हैं, बहुत कम लोग अपने स्वास्थ्य और अध्यात्म की तरफ ध्यान दे रहे हैं, तथा लाखों लोग ऐसे हैं जो अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं पढ़ाई करने वाले बच्चे मोबाइल पर अधिक ध्यान देते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई में बहुत नुकसान होता है इस तरह मोबाइल के कई नुकसान है जो हमें हो रहे हैं इन नुकसानों की तरफ हमें ध्यान देना चाहिए और मोबाइल के उपयोग को कम से कम करना चाहिए.
रेडिएशन कम करने वाले झूठे उत्पाद तथा अनुपयोगी उत्पाद
Fake anti radiation products hindi
वर्तमान समय में बाजार में कई ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं जो आपको मोबाइल के रेडिएशन और वाईफाई के रेडिएशन से बचाने का दावा करते हैं इनमें से ज्यादातर प्रोडक्ट भ्रमित करने वाले हैं, अनुपयोगी तथा केवल पैसे कमाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं क्योंकि इन उत्पादों से रेडिएशन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता.
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