Neend Shayari नींद पर शायरी

Neend Shayari in hindi
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नींद पर शायरी

Neend Shayari :  नींद शायरी,  दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए नींद पर शायरी पेश कर रहे हैं, यहाँ मशहूर शायरों के नींद के बारे में शेर दिए गए हैं, इन्टरनेट पर यह नींद शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, नींद के बारे में मशहूर शायरों ने क्या क्या कहा है, नींद पर सारे शेर एक पेज पर पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, यहाँ नींद शायरी पर 100 से भी ज्यादा शेर संकलित जमा किये गए है. 

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नींद शायरी इमेजेस :- इस पेज के अंत में हमने कुछ शानदार खूबसूरत नींद शायरी इमेजेस दी हैं, आप इन नींद शायरी इमेजेस को आसानी से डाउनलोड और शेयर कर सकते हैं.

सभी hindi शायरी की लिस्ट यहाँ दी गयी है  All Topics Hindi Shayari

 

Neend shayari 2 lines

 

किसी हमदम का सर-ए-शाम ख़याल आ जाना

नींद जलती हुई आँखों की उड़ा देता है

~नक़्श लायलपुरी

 

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा

आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई

~इक़बाल अशहर

 

सुकून दे न सकीं राहतें ज़माने की

जो नींद आई तेरे ग़म की छाँव में आई

~पयाम फ़तेहपुरी

 

थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब

वो आए तो भी नींद न आई तमाम शब

-Momin Khan Momin

 

तारों का गो शुमार में आना मुहाल है

लेकिन किसी को नींद न आए तो क्या करे

~अफ़सर मेरठी

 

हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे

अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ

~क़तील शिफ़ाई

 

तेरी आँखों की कशिश कैसे तुझे समझाऊँ

इन चराग़ों ने मेरी नींद उड़ा रक्खी है

~इक़बाल_अशहर

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सितारे ये ख़बर लाए कि अब वो भी परेशाँ हैं

सुना है उनको नींद आती नहीं, मैं कैसे सो जाऊँ

~अनवर_मिर्ज़ापुरी

 

अगर ऐसा भी हो सकता

तुम्हारी नींद में,सब ख़्वाब अपने मुंतकिल करके,

तुम्हें वो सब दिखा सकता,जो मैं ख्वाबो में

अक्सर देखा करता हूँ..!

-गुलज़ार

 

मुकदमा चला कर मेरी नींद पे

तूने मेरे सारे ख्वाब अपने नाम कर लिए

 

दब गई थी नींद कहीं करवटों के बीच

दर पर खड़े रहे कुछ ख्वाब रात भर

 

नींद में भी गिरते है मेरे आँख से आँसू …!

जब तुम ख़्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देते हो !!

 

Shayari on neend

 

नींद आएगी भला कैसे उसे शाम के बाद

रोटियाँ भी न मयस्सर हों जिसे काम के बाद

 

सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अख़बार बिछा कर

मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते

~मुनव्वर राना

 

ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ

हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते

~उम्मीद फ़ाज़ली

 

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए

कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए

~इरफ़ान सिद्दीक़ी –

 

वो क्या गए कि नींद भी आँखों से ले गए

यानी कि ख़्वाब में भी न आए तमाम रात

 

 

हमारे ख़्वाब चोरी हो गए हैं

हमें रातों को नींद आती नहीं है

~बख़्श लाइलपूरी

आई होगी किसी को हिज्र में मौत

मुझ को तो नींद भी नहीं आती

~अकबर इलाहाबादी

 

सहर न आई कई बार नींद से जागे

थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले

~गुलज़ार

 

आँखों को सब की नींद भी दी ख़्वाब भी दिए

हम को शुमार करती रही दुश्मनों में रात

~शहरयार

 

नींद आती है न वो आते हैं

रात गुज़री ही चली जाती है

ज़िंदगी आप के दीवाने की

किसी सूरत से कटी जाती है

~बिस्मिल_अज़ीमाबादी

 

Neend shayari hindi

 

मुद्दतों बाद मयस्सर हुआ माँ का आँचल

मुद्दतों ब’अद हमें नींद सुहानी आई

~इक़बाल अशहर

 

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा

आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई

पा कर भी तो नींद उड़ गई थी

खो कर भी तो रत-जगे मिले हैं

जब तेरा जमाल ढूँडते थे

अब तेरा ख़याल ढूँडते हैं

~अहमद_नदीम_क़ासमी

 

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए

कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए

~IrfanSiddiqi ~

 

बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे

सूरज निकल रहा था कि नींद आ गई मुझे

~क़ैसर_उल_जाफ़री

Neend shayari romantic

 

मौत का एक दिन मुअय्यन है

नींद क्यूँ रात भर नहीं आती

~MirzaGhalib ~maut

 

कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को

नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर

~भारत_भूषण_पन्त

 

इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई

हम न सोए रात थक कर सो गई

~राही_मासूम_रज़ा

 

 नींद से आँख खुली है अभी देखा क्या है

देख लेना अभी कुछ देर में दुनिया क्या है

~ShahidKabeer

  

ज़रा सी रात ढल जाए तो शायद नींद आ जाए

ज़रा सा दिल बहल जाए तो शायद नींद आ जाए

~FrahIqbal

 

तुम्हें भी नींद सी आने लगी है थक गए हम भी

चलो हम आज ये क़िस्सा अधूरा छोड़ देते हैं

~मुनव्वर_राना

    

मैं ने मुद्दत से कोई ख़्वाब नहीं देखा है

हाथ रख दे मिरी आँखों पे कि नींद आ जाए

~वसीम_बरेलवी

 

छत टपकती थी अगरचे फिर भी आ जाती थी नींद

मैं नए घर में बहुत रोया पुराने के लिए

 – ज़फ़र गोरखपुरी

 

जो भी कुछ अच्छा बुरा होना है जल्दी हो जाए

शहर जागे या मेरी नींद ही गहरी हो जाए

~रउफ़_रज़ा

 

जगा रहा है ज़माना मगर नहीं खुलतीं

कहाँ की नींद इन आँखों में आ के बैठ गई

 

Neend shayari in hindi

 

किसी हमदम का सर-ए-शाम ख़याल आ जाना

नींद जलती हुई आँखों की उड़ा देता है

~NaqshLayalpuri

  

मैं रोना चाहता हूँ, ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं

फिर उसके बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं

~FarhatEhsas

 

बात करने से धुआ उठता है जो दिल का नहीं,

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं

रात भी आई थी और चाँद भी था,

हाँ मगर नींद नहीं…नींद नहीं..!!

-गुलज़ार

 

मेरे सरहाने जलाओ सपनें

मुझे जरासी तो नींद आये..

-गुलज़ार

 

नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गयी,

पाँव तलक उठे न थे कि जिंदगी फिसल गयी…

-नीरज

 

नींद आती है अगर जलती हुई आँखों में

कोई दीवाने की ज़ंजीर हिला देता है

~ShahzadAhmad

 

यों लगता है सोते जागते औरों का मोहताज हूँ मैं

आँखें मेरी अपनी हैं पर उनमें नींद पराई है ..

-कतील शिफ़ाई

  

रात भी नींद भी कहानी भी

हाए क्या चीज़ है जवानी भी

~Firaq

 

कल जो मुझको नींद ना आये पास बुला लेना,

गोद में अपनी सर रख लेना, लोरी सुना देना…

-गुलज़ार

  

neend shayari urdu

वो हवा दे रहे हैं दामन की

हाए किस वक़्त नींद आई है ~ShakilBadayuni

 

दुआएँ लोरियाँ माओं के पास छोड़ आए

बस एक नींद बची है ख़रीद लाएँगे ~Aashufta Changezi

  

नींद आँख में भरी है कहाँ रात भर रहे

किस के नसीब तुम ने जगाए किधर रहे

~MadhavRam Jauhar

  

 

“उस गरीब माँ ने अपने बेटे को

यह कर सुलाया की,

नींद में फ़रिश्ते आते है रोटिया लेकर..।”

  

रात ख़ूब-सूरत है

नींद क्यूँ नहीं आती

~AliSardarJafri

 

हाइल थी बीच में जो रज़ाई तमाम शब

इस ग़म से हम को नींद न आई तमाम शब ~hasrat mohani

   

चैन की नींद मिल जाए मुझे

बस शिद्दत से यही चाहत है

अब मेरे कमरे की सीढियों में

जाने क्यों एक लड़खड़ाहट है

लगता है आज फिर से उसी

खामोशी के साये की आहट है..

 

हम को आँखों में न आँजो लेकिन

ख़ुद को ख़ुद पर तो सजा लो तुम भी

 

जिस्म की नींद में सोने वालों

रूह में ख़्वाब तो पालो तुम भी

 

सुलझ सी गई पहेली जिंदगी की

जब से ख्वाबों ने नींद का पर्दा दिया है

 

कहीं तो बचा रहे प्रेम

कहीं तो हो स्वार्थ से पड़े बातें

बस पूरा दिन इसी खोज बिन में निकल जाता है

और रात चुपके से

नींद की चादर ओढ़ा देती है

की थोड़ी देर तो सुकून मिले..✍️

 

नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई,

पांव जब तलक उठे कि ज़िन्दगी फिसल गई।।

पात-पात झर गए कि शाख-शाख जल गयी

चाह तो सकी निकल न पर उमर निकल गयी

गीत अश्क़ बन गए

छंद हो हवन गए…

उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे

कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे’

 

Neend Shayari Images

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Neend Shayari Images

 

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Neend Shayari in Roman Hinglish font for those who cant read devnagari font

kise hamadam ka sar-e-sham khayal a jana

Neend jalate hue ankhon ke uda deta hai

~naqsh layalapure

 

aj fir Neend ko ankhon se bichhadate dekha

aj fir yad koe chot purane ae

~iqabal ashahar

 

sukoon de na saken rahaten zamane ke

jo Neend ae tere gam ke chhanv mein ae

~payam fatehapure

 

the vasl mein bhe fikr-e-judae tamam shab

vo ae to bhe Neend na ae tamam shab

-momin khan momin

 

taron ka go shumar mein ana muhal hai

lekin kise ko Neend na ae to kya kare

~afasar merathe

 

hamen bhe Neend a jaege ham bhe so he jaenge

abhe kuchh be-qarare hai sitaro tum to so jao

~qatel shifae

 

tere ankhon ke kashish kaise tujhe samajhaoon

in charagon ne mere Neend uda rakkhe hai

~iqabal_ashahar

 

sitare ye khabar lae ki ab vo bhe pareshan hain

suna hai unako Neend ate nahin, main kaise so jaoon

~anavar_mirzapure

 

agar aisa bhe ho sakata

tumhare Neend mein,sab khvab apane muntakil karake,

tumhen vo sab dikha sakata,jo main khvabo mein

aksar dekha karata hoon..!

-gulazar

 

mukadama chala kar mere Neend pe

toone mere sare khvab apane nam kar lie

 

dab gae the Neend kahen karavaton ke bech

dar par khade rahe kuchh khvab rat bhar

 

Neend mein bhe girate hai mere ankh se ansoo …!

jab tum khvabon mein mera hath chhod dete ho !!

 

shayari on naiaind

 

Neend aege bhala kaise use sham ke bad

rotiyan bhe na mayassar hon jise kam ke bad

 

so jate hain futapath pe akhabar bichha kar

mazadoor kabhe Neend ke gole nahin khate

~munavvar rana

 

ye sard rat ye avarage ye Neend ka bojh

ham apane shahar mein hote to ghar chale jate

~ummed fazale

 

utho ye manzar-e-shab-tab dekhane ke lie

ki Neend shart nahin khvab dekhane ke lie

~irafan siddeqe –

 

vo kya gae ki Neend bhe ankhon se le gae

yane ki khvab mein bhe na ae tamam rat

 

 

hamare khvab chore ho gae hain

hamen raton ko Neend ate nahin hai

~bakhsh lailapoore

ae hoge kise ko hijr mein maut

mujh ko to Neend bhe nahin ate

~akabar ilahabade

 

sahar na ae kae bar Neend se jage

the rat rat ke ye zindage guzar chale

~gulazar

 

 

Neend ate hai na vo ate hain

rat guzare he chale jate hai

zindage ap ke devane ke

kise soorat se kate jate hai

~bismil_azemabade

 

naiaind shayari hindi

 

muddaton bad mayassar hua man ka anchal

muddaton bad hamen Neend suhane ae

~iqabal ashahar

 

pa kar bhe to Neend ud gae the

kho kar bhe to rat-jage mile hain

jab tera jamal dhoondate the

ab tera khayal dhoondate hain

~ahamad_nadem_qasame

 

 

barason ke rat-jagon ke thakan kha gae mujhe

sooraj nikal raha tha ki Neend a gae mujhe

~qaisar_ul_jafare

naiaind shayari romantich

 

maut ka ek din muayyan hai

Neend kyoon rat bhar nahin ate

~mirzaghalib ~maut

 

kitana asan tha bachapan mein sulana ham ko

Neend a jate the pariyon ke kahane sun kar

~bharat_bhooshan_pant

 

is safar mein Neend aise kho gae

ham na soe rat thak kar so gae

~rahe_masoom_raza

 

  

zara se rat dhal jae to shayad Neend a jae

zara sa dil bahal jae to shayad Neend a jae

~frahiqbal

 

tumhen bhe Neend se ane lage hai thak gae ham bhe

chalo ham aj ye qissa adhoora chhod dete hain

~munavvar_rana

   

main ne muddat se koe khvab nahin dekha hai

hath rakh de mire ankhon pe ki Neend a jae

~vasem_barelave

 

chhat tapakate the agarache fir bhe a jate the Neend

main nae ghar mein bahut roya purane ke lie

 – zafar gorakhapure

 

 mere sarahane jalao sapanen

mujhe jarase to Neend aye..

-gulazar

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