न्यूट्रॉन स्टार – सबसे छोटा परंतु ताकतवर तारा Neutron star
ब्रह्मांड में पाए जाने वाला सबसे छोटा तारा न्यूट्रॉन तारा होता है, इसका व्यास 12.5 यानी कि केवल 20 किलोमीटर होता है, यह ब्रह्मांड का एक ताकतवर तारा होता है, भयानक घनत्व और अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण इसे एक प्रबल तारा बनाते हैं.
ग्रह, उपग्रह, एस्ट्रॉयड, धूमकेतु सभी का आकार इससे बड़ा होता है किंतु न्यूट्रॉन तारे मैं केवल 20 किलोमीटर के क्षेत्र में अत्यधिक पदार्थ बहुत छोटी जगह पर सघन अवस्था में मौजूद रहता है जिससे कि न्यूट्रॉन स्टार का घनत्व बहुत बढ़ जाता है.
न्यूट्रॉन स्टार कैसे बनते हैं? How neutron stars forms?
न्यूट्रॉन तारे दरअसल प्राचीन तारों के अवशेष हैं, जो कि अपने जीवन काल के अंतिम चरण में हैं, न्यूट्रॉन तारों का जन्म एक सुपरनोवा विस्फोट के समय होता है, जब कोई बड़ा तारा अपने अंदर की सारी हाइड्रोजन गैस को हिलियम में परिवर्तित कर देता है तो वह लाल दानव तारा बन जाता है, इस लाल दानव Red Giant में भयानक विस्फोट होता है जिसे हम सुपरनोवा विस्फोट Supernova कहते हैं, इस महा विस्फोट में तारे का ऊपरी हिस्सा तो पूरी तरह ब्रह्मांड में बिखर जाता है तथा केवल तारे का क्रोड़ बचा रहता है बचा हुआ तारे का क्रोड़ ही ठंडा होकर एक न्यूट्रॉन तारा बनता है.
भयानक घनत्व Density in Neutron stars hindi
न्यूट्रॉन तारे आकार में तो छोटे होते हैं लेकिन बहुत ही प्रभावकारी होते हैं, ऐसा इनके घनत्व और घूर्णन गति की वजह से होता है, एक न्यूट्रॉन तारे में हमारे सूर्य से दूर गुना तक द्रव्यमान होता है, सोचिए पूरे सूर्य के द्रव्यमान को अगर आप संपीड़ित करके 20 किलोमीटर का एक गोला बनाएं तो उस गोले में कितना अधिक घनत्व होगा?, इतना ही घनत्व किसी न्यूट्रॉन तारे में होता है, न्यूट्रॉन तारे के एक छोटे से कण में भी करोड़ों टर्न पदार्थ भरा होता है, इतने अधिक घनत्व की वजह से न्यूट्रॉन तारे के अंदर प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन मिलकर न्यूट्रॉन बना लेते हैं इसीलिए इन तारों को न्यूट्रॉन स्टार कहते हैं, न्यूट्रॉन तारे के अंदर पदार्थ कई अजीब अवस्थाओं में रहता है जिनकी अभी तक खोज नहीं की जा सकती है.
न्यूट्रॉन तारे में कोणीय गति संरक्षण का नियम angular momentum conservation in Neutron star
न्यूट्रॉन तारे का गुरुत्वाकर्षण बहुत ज्यादा होता है, इसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से कई गुना ज्यादा होता है इसका आकार छोटा होने की वजह से गुरुत्वाकर्षण का असर और बढ़ जाता है, न्यूट्रॉन तारे स्थिर नहीं होते बल्कि बहुत तेज गति से घूम रहे होते हैं जैसे जैसे यह सिकुड़ते जाते हैं इनकी गति बहुत बढ़ती जाती है, इसका कारण कोणीय गति के संरक्षण का नियम है angular momentum, जैसा कि आपने अक्सर देखा होगा स्केटिंग करने वाले डांसर जब घूमते हुए अपने फैले हुए हाथों को बंद कर लेते हैं तो उनके घूमने की गति बहुत तेज हो जाती है ठीक यही न्यूट्रॉन स्टार में भी होता हैआकर कम होते जाते जाने से इन की घूर्णन गति बढ़ती जाती है.
न्यूट्रॉन तारे और पल्सार तारे Neutron stars and Pulsar
न्यूट्रॉन स्टार लाखों सालों में घूमना बंद करते हैं परन्तु जब यह बहुत तेजी से घूम रहे होते हैं तब इन के घूर्णन अक्ष से एक विद्युत चुंबकीय किरणों का रेडिएशन निकलता है यह एक पल्स की तरह होता है जो कि ऑन ऑफ होता रहता है, ऐसे घूमते हुए न्यूट्रॉन स्टार को ही पलसार कहते हैं. लाखों सालों तक घूमते रहने के बाद यह पल सार अपनी उर्जा खो देते हैं तथा एक सामान्य न्यूट्रॉन स्टार बन जाते हैं, ब्रह्मांड में अब तक केवल 1000 पल्सार ही देखे गए हैं, जबकि हमारी गैलेक्सी में ही लाखों न्यूट्रॉन स्टार मौजूद हो सकते हैं.
ठंडे और रुके हुए न्यूट्रॉन स्टार को ब्रह्मांड में देख पाना बड़ा ही मुश्किल है, क्योंकि यह किसी भी प्रकार का रेडिएशन या प्रकाश उत्पन्न नहीं करते हैं इसलिए इन्हें डिटेक्ट कर पाना बहुत मुश्किल है केवल इनके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से ही इन्हें देखा जा सकता है.
हाल ही में दो न्यूट्रॉन स्टार आपस में टकरा गए थे, उन्होंने मिलकर एक बड़ा न्यूट्रॉन स्टार बनाया था लेकिन इस घटना ने एक भयानक ग्रेविटेशनल वेव को उत्पन्न किया जिसे वैज्ञानिक पहली बार पृथ्वी पर डिटेक्ट कर पाए थे.
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