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ओजोन परत की सम्पूर्ण जानकारी – Net In Hindi.com

ओजोन परत की सम्पूर्ण जानकारी

ozone layer information in hindi
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ओजोन परत क्या होती है? What is ozone layer hindi

पृथ्वी के वायुमंडल में यह विशेषता है कि इसमें अलग अलग परते पाई जाती है, पृथ्वी की सतह से 20 से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ओजोन गैस की एक परत पाई जाती है, इसे ही ओजोन लेयर या ओजोन परत का नाम दिया गया है, यह परत बहुत पतली होने के बावजूद बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सूर्य से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन यानि की पराबैगनी विकिरणों को सोख लेती है. पराबैगनी विकिरण अगर धरती तक पहुंच जाए तो यह सभी प्रकार के पेड़-पौधों और जीवो को नुकसान पहुंचाते हैं.  इसीलिए पृथ्वी पर जीवन के लिए ओजोन परत बहुत महत्वपूर्ण है.

ओजोन परत की खोज किसने और कैसे की थी Who invented ozone layer hindi

ओजोन परत की खोज किसने और कैसे की थी Who invented ozone layer hindi

ओजोन परत की खोज सन 1913 में फ्रेंच भौतिक शास्त्री चार्ल्स फेबरी Charles Fabry और हेनरी बुशन Henri Bussion ने की थी, इन वैज्ञानिकों ने जब सूर्य से आने वाले प्रकाश का स्पेक्ट्रम देखा तो उन्होंने पाया कि उसमें कुछ काले रंग के क्षेत्र थे तथा 310 nm  से कम वेवलेंग्थ का कोई भी रेडिएशन सूर्य से पृथ्वी तक नहीं आ रहा था! स्पेक्ट्रम का यह हिस्सा अल्ट्रावॉयलेट हिस्सा कहलाता है, वैज्ञानिकों ने इससे यह निष्कर्ष निकाला कि कोई ना कोई तत्व आवश्य पराबैगनी किरणों को सोख रहा है, जिससे कि स्पेक्ट्रम में काला क्षेत्र बन रहा है तथा अल्ट्रावायलेट हिस्से में कोई भी विकिरण दिखाई नहीं दे रहे हैं.

सूर्य से आने वाले प्रकाश के स्पेक्ट्रम का जो हिस्सा नहीं दिखाई दे रहा था वह ओजोन नाम के तत्व से पूरी तरह मैच कर गया, जिससे वैज्ञानिक जान गए हैं कि पृथ्वी के वायुमंडल में ओजोन ही वह तत्व है जो कि अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित कर रहा है.

ओजोन परत का निर्माण कैसे होता है How ozone layer is made hindi

ओजोन परत का निर्माण कैसे होता है How ozone layer is made hindi

ओजोन परत का निर्माण सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों की वजह से होता है, जब यह अल्ट्रावायलेट किरणें सामान्य ऑक्सीजन O2 के अणुओं पर गिरती हैं तो यह अक्सीजन के दोनों परमाणुओं को अलग अलग कर देती है, मुक्त हुए यह दोनों ऑक्सीजन परमाणु, ऑक्सीजन के दूसरे अणु से मिलकर ओजोन O3 का निर्माण करते हैं.

ओजोन का अणु अस्थाई होता है, यह अल्ट्रावॉयलेट किरणों को सोख कर पुनः ऑक्सीजन के अणु और एक मुक्त ऑक्सीजन के परमाणु में बदल जाता है, यह मुक्त ऑक्सीजन परमाणु किसी अन्य ऑक्सीजन के अणु के साथ मिलकर ओजोन का अणु  बना लेता है, इस तरह ओजोन परत में ओजोन चक्र चलता रहता है, ओजोन लेयर का अल्ट्रावायलेट किरणों को सूखने का यही कारण है, अल्ट्रावॉयलेट किरने सोख कर ओजोन, ऑक्सीजन में और ऑक्सीजन ओजोन में बदलती रहती है.

ओजोन परत हमारे लिए महत्वपूर्ण क्यों है Why Ozone is important for us hindi

हालांकि ओजोन परत वायुमंडल में एक पतली परत है, फिर भी यह हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्व की है, क्योंकि यह सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को सोख लेती है तथा पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुंचने देती. पराबैंगनी विकिरण न केवल मनुष्य के लिए, बल्कि पेड़ पौधों और जानवरों के लिए भी बहुत हानिकारक है, यह जीवो में कैंसर और कई खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकतें हैं.

ओजोन परत का ह्रास  Ozone layer depletion kya hai

ओजोन परत का ह्रास  Ozone layer depletion kya hai

कई तरह के रसायन ओजोन परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह ओजोन परत को पतला या पूरी तरह नष्ट भी कर सकते हैं, इन्हें फ्री रेडिकल केटलिस्ट कहा जाता है. इनमें प्रमुख नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, हाइड्रोसिल क्लोरीन, तथा ब्रोमीन शामिल है.  मनुष्य के औद्योगिक क्रियाकलापों से क्लोरीन ब्रोमीन के रसायनों का निर्माण बहुत अधिक मात्रा में हुआ है. इनमें मुख्यतः क्लोरोफ्लोरोकार्बंस तथा ब्रोमो फ्लोरोकार्बंस प्रमुख है, यह रसायन गैस रूप में स्ट्रेटोस्फीयर तक पहुंचने में सक्षम है.

ओजोन परत पर पहुंचने के बाद अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव से क्लोरीन और ब्रोमीन के परमाणु अपने योगिकों से अलग हो जाते हैं, तथा फ्री रेडिकल्स बन जाते हैं, क्लोरीन और ब्रोमिन का एक परमाणु  ओजोन के एक लाख परमाणु को नष्ट कर सकता हैं, नाइट्रस ऑक्साइड भी ओजोन परत के पतले होने का प्रमुख कारण है, पृथ्वी के दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव पर ओजोन परत को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसमें छेद हो गए हैं! इन्हें ओजोन होल्स कहा जाता है, इन ओजोन होल्स का पहली बार पता सन 1985 में तीन वैज्ञानिकों  Joe farman, Brian Gardiner तथा Jonathan shanklin ने लगाया था.

ओजोन परत के क्षय के लिए कौन जिम्मेदार है

who is responsible for ozone depletion

ओजोन परत के क्षय के लिए मुख्य रूप से मानव द्वारा स्थापित किये गए उद्योग ही जिम्मेदार हैं, ये उद्योग लगभग सभी प्रमुख देशों में विद्यमान है, इनमें अमेरिका, चीन, भारत और यूरोप प्रमुख रूप से ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है. कई देश की सरकारों ने ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है,  लेकिन केवल सरकारों द्वारा पाबंदी लगाने से इन पर रोक लगाना संभव नहीं है क्योंकि भ्रष्टाचार की सहायता से उद्योग अपने फायदे के लिए इन रसायनों का उपयोग करते रहते हैं. ओजोन परत को नुकसान से बचाने के लिए आम जनता को इसके बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए तथा उन्हें यह सिखाया जाना चाहिए कि ऐसे उद्योगों पर नजर रखें जो कि प्रदूषण फैला रहे हैं तथा ऐसे उद्योग पाए जाने पर उनकी शिकायत अपने देश की सरकार तथा विभिन्न संस्थानों में करें जिससे कि ओजोन परत को बचाया जा सके.

ओजोन दिवस क्या है यह कब मनाया जाता है? Ozone day hindi

ओजोन परत के महत्व को देखते हुए यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेंबली ने 16 सितंबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के नाम से मनाने का फैसला लिया है INTERNATIONAL DAY FOR THE PRESERVATIN OF THE OZONE Layer , यह फैसला 19 दिसंबर सन 2000 को लिया गया. 25 वा ओजोन दिवस 16 सितम्बर 2019 को आयोजित किया जायेगा.

 

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