Paleontologist जीवाश्म विज्ञानी कैसे बने?
अगर आपको पृथ्वी के इतिहास में, जीवो में, डायनासोरों में दिलचस्पी है, अगर आप डायनासोर की नई नई प्रजातियां खोजना चाहते हैं तो आप एक जीवाश्म विज्ञानी, पैलियोनटोलॉजिस्ट Paleontologist बन सकते हैं.
जीवाश्म विज्ञान पैलियोनटोलॉजी पृथ्वी के अतीत में पाए जाने वाले पेड़ पौधों और जीवो के अध्ययन को कहते हैं, इन प्राचीन जीवो का अध्ययन करने के लिए जीवाश्म विज्ञानी पैलियोनटोलॉजिस्ट जीवाश्म का सहारा लेते हैं, कभी कभी प्राचीन काल में मृत जीवों के अवशेष दलदल में या पृथ्वी की सतह के नीचे गहराई में सुरक्षित रह जाते थे इन सुरक्षित अवशेषों को ही फॉसिल या जीवाश्म कहते हैं,
चट्टानों की परतों में, रेगिस्तान में कई प्रकार के जीवाश्म मिलते हैं, इन जीवाश्मों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध डायनासोर के जीवाश्म है, इसका कारण यह है कि डायनासोरों में आम जनता की अत्यधिक दिलचस्पी है, हर नई खोजी गई डायनासोर की प्रजाति के बारे में समाचारों में दिखाया जाता है जिसके बारे में लोग शौक से सुनते और पढ़ते हैं, हॉलीवुड की फिल्मों में भी डायनासोर में आम जनता की दिलचस्पी को काफी बढ़ा दी है.
पैलियोनटोलॉजी का कार्य क्षेत्र काफी बड़ा है इसके अंतर्गत एक कोशीय जीवों के जीवाश्म से लेकर सभी रीड धारी जंतुओं के जीवाश्म तक का अध्ययन किया जाता है, इसमें पेड़ पौधों के जीवाश्म का अध्ययन भी किया जाता है, यह काफी विस्तृत विज्ञान है, इसलिए एक पैलियोनटोलॉजिस्ट को जहां एक और जीव विज्ञान का अच्छा ज्ञान होना चाहिए उसके साथ ही भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और भूगर्भ विज्ञान, जियोलॉजी का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए, एक आधुनिक पैलियोनटोलॉजिस्ट को कंप्यूटर का ज्ञान भी होना अत्यावश्यक है, क्योंकि कंप्यूटर पर ही जीवाश्म से प्राप्त हड्डियों के मॉडल बनाए जाते हैं तथा जीवाश्म से प्राप्त डाटा का अध्ययन किया जाता है.
पैलियोनटोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको स्कूल से ही विज्ञान और गणित विषय पर ध्यान देना होगा, आपको स्कूल में ही विज्ञान विषय में काफी उच्च अंक प्राप्त करने होंगे, ऐसा करने से आप आसानी से कॉलेज के सभी विषयों का व्यापक अध्ययन कर पाएंगे.
किताबी ज्ञान के अलावा आपको प्रकृति का ज्ञान भी होना चाहिए, ट्रैकिंग करना, कैंपिंग करना, पहाड़ों पर चलना इत्यादि का व्यावहारिक ज्ञान भी आपको होना चाहिए क्योंकि एक पैलियोनटोलॉजिस्ट फील्ड में काम करता है, जहां उसे सभी प्रकार के वातावरण में काम करना पड़ता है,
पैलियोनटोलॉजिस्ट का कार्य
पैलियोनटोलॉजिस्ट अक्सर गर्म रेगिस्तान में काम करते हैं, पैलियोनटोलॉजिस्ट का कार्य काफी नाज़ुक होता है उन्हें घंटों तक जीवाश्म की खोज और जीवाश्मों को चट्टानों से सही सलामत निकालने कार्य करना होता है, थोड़ी सी गलती से भी पूरा जीवाश्म का नमूना बर्बाद हो सकता है, इसलिए इस फील्ड में व्यवहारिक ज्ञान का होना आवश्यक है.
पैलियोनटोलॉजिस्ट बनने के लिए आप ऐसा कॉलेज ढूंढिए, जहां विज्ञान का अध्यन कराया जाता हो, यहां पर आप बायोलॉजी, जियोलॉजी का व्यापक अध्ययन कीजिए, अगर आप एक से अधिक विषय ले ले तो यह आपके लिए अच्छा होगा, अगर यह संभव नहीं है तो केवल एक ही विषय का भी व्यापक अध्यन कीजिये.
कॉलेज डिग्री के दौरान आप भौतिक, रसायन, और गणित विषयों पर भी ध्यान दीजिए, इसके बाद आप पैलियोनटोलॉजिस्ट का कोर्स ज्वाइन कीजिए, अगर आपको लगता है कि आपका ज्ञान अभी कम है तो आप विज्ञान में मास्टर की डिग्री भी ले सकते हैं उसके बाद पैलियोनटोलॉजी का अध्ययन कर सकते हैं, कॉलेज में दाखिला लेते समय आपको यह भी देखना होगा कि पैलियोनटोलॉजी के किस क्षेत्र में आपकी विशेष दिलचस्पी है, अगर आप केवल डायनासोरों की खोज करना चाहते हैं तो ऐसे कॉलेज में दाखिला लीजिए जहां पर इस विषय के अच्छे प्रोफेसर हो.
हालांकि इस क्षेत्र में, दूसरे क्षेत्रों की तुलना में जॉब की संभावना थोड़ी कम होती है, पैलियोनटोलॉजि में जितने भी लोग कार्य कर रहे हैं उनमें से ज्यादातर किसी ना किसी यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए, इन यूनिवर्सिटीज में यह लोग जूलॉजी, पैलियोनटोलॉजि पढ़ाते हैं, इनमें से कुछ म्यूजियम्स में काम करते हैं तथा केवल बहुत कम लोग अपना स्वतंत्र रिसर्च कार्य कर रहे हैं, इस क्षेत्र में ऑयल कंपनी में भी जॉब मिल सकती है.
Paleontologist, Paleontologist kese bane, how to become Paleontologist hindi, जीवाश्म विज्ञानी,