सफर शायरी Safar Shayari Travel Shayari
सफ़र मतलब यात्रा Travel, जीवन भी एक अनोखा सफ़र है …किसी ना किसी मंजिल की तलाश में हम सब सफ़र में हैं, दुनिया के सभी शायरों ने सफ़र के बारे में शायरी लिखी हैं, इस पेज पर हम आपके लिए बेहतरीन सफर शायरी पेश कर रहें हैं, जिंदगी के सफ़र के बदलाव को शायरों ने केसे व्यक्त किया है यह आप इस सफ़र शायरी को पढ़कर जान सकते हैं.
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Travel Shayari in hindi (सफर शायरी)
क्या बताऊँ कैसे खुद को दरबदर मैंने किया उम्र भर
किस-किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया
तू तो नफ़रत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया…
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
~अहमद फ़राज़
न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है
~निदा फ़ाज़ली
ज़िंदगी का सफ़र तय तो करते रहे
रात कटती रही दिन गुज़रते रहे
~ख़ान रिज़वान
ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल
एक अंधी दौड़ है किस को ख़बर
कौन है किस राह पर आहिस्ता चल
~शाहीन ग़ाज़ीपुरी
हम जुदा हो गए आग़ाज़-ए-सफ़र से पहले
जाने किस सम्त हमें राह-ए-वफ़ा ले जाती
~शहरयार
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ये भी इक शर्त-ए-सफ़र है हम-सफ़र कोई न हो
जिस किसी भी रास्ते को तय करूँ तन्हा करूँ
~रियाज़ मजीद
Safar Shayari सफर शायरी Travel Shayari Netinhindi.com
समुंदरों के सफ़र जिन के नाम लिक्खे थे
उतर गए वो किनारों पे कश्तियाँ ले कर
~ज़ुबैर रिज़वी
ख़ामोश ज़िंदगी जो बसर कर रहे हैं हम
गहरे समुंदरों में सफ़र कर रहे हैं हम
~रईस अमरोहवी
धीरे धीरे ढलते सूरज का सफ़र मेरा भी है
शाम बतलाती है मुझ को एक घर मेरा भी है
~स्वप्निल तिवारी
इक क़दम के फ़ासले पर दोनों आ कर रुक गए
बस यही मंज़िल सफ़र की आख़िरी अच्छी लगी
~अबसार अब्दुल अली
मंज़िलों से बेगाना आज भी सफ़र मेरा
रात बे-सहर मेरी दर्द बे-असर मेरा
~ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
~बशीर बद्र
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है
~सैफ़ुद्दीन सैफ़
कोई रस्ता है न मंज़िल न तो घर है कोई
आप कहियेगा सफ़र ये भी सफ़र है कोई
~कुंवर बेचैन
क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैं ने किया
उम्र-भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैं ने किया
~वसीम बरेलवी
एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र
ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे
~फ़ैज़ अनवर
मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
~वसीम बरेलवी
हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब
दिन का सफ़र तो कट गया सूरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
~अमीर क़ज़लबाश
ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल
~शाहीन ग़ाज़ीपुरी
ज़िंदगी का सफ़र तय तो करते रहे
रात कटती रही दिन गुज़रते रहे
~ख़ान रिज़वान
तुम्हें पता ये चले घर की राहतें क्या हैं
हमारी तरह अगर चार दिन सफ़र में रहो
उम्र भर चल के भी पाई नहीं मंज़िल हम ने
कुछ समझ में नहीं आता ये सफ़र कैसा है
~सुलेमान ख़ुमार
ज़िंदगी अपना सफ़र तय तो करेगी लेकिन
हम-सफ़र आप जो होते तो मज़ा और ही था
~अमीता परसुराम ‘मीता’
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो
~राहत इंदौरी
सफ़र से लौट जाना चाहता है
परिंदा आशियाना चाहता है
कोई स्कूल की घंटी बजा दे
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
हज़ार राह चले फिर वो रहगुज़र आई
कि इक सफ़र में रहे और हर सफ़र से गए
~उबैदुल्लाह अलीम
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हम-सफ़र हो तो कोई अपना-सा
चाँद के साथ चलोगे कब तक
~शोहरत बुख़ारी
ख़ामोश ज़िंदगी जो बसर कर रहे हैं हम
गहरे समुंदरों में सफ़र कर रहे हैं हम
~रईस अमरोहवी
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
#AhmadFaraz
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
हम-सफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ
राह चलते लोग क्या समझें मेरी मजबूरियाँ
~सरदार अंजुम
सिर्फ़ दरवाज़े तलक जा के ही लौट आया हूँ
ऐसा लगता है कि सदियों का सफ़र कर आया
#कैफ़ी_वजदानी
हम-सफ़र ढूँडो न रहबर का सहारा चाहो
ठोकरें खाओगे तो ख़ुद ही सँभल जाओगे
~इक़बाल अज़ीम
एक लम्हे का सफ़र है दुनिया
और फिर वक़्त ठहर जाता है
चंद ख़ुशियों को बहम* करने में
आदमी कितना बिखर जाता है
#फ़ैसल_अजमी *along with
जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा
जब तक मंदिर और मस्जिद हैं
मुश्किल में इंसान रहेगा
गोपालदास नीरज
है थोड़ी दूर अभी सपनों का नगर अपना
मुसाफ़िरो अभी बाक़ी है कुछ सफ़र अपना
~जावेद अख़्तर
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
~राहत इंदौरी
कोई चले तमाम उम्र कोई सिर्फ़ दो क़दम
कहाँ है मंज़िलों की हद सफ़र सफ़र की बात है
~अकबर हैदराबादी #goodmornig
उम्र-सफ़र जारी है बस ये खेल देखने को
रूह बदन का बोझ कहाँ तक कब तक ढोती है
~शहरयार
वही तवील सी राहें सफ़र वही तन्हा
बड़ा हुजूम है फिर भी है ज़िंदगी तन्हा
~रशी पटियालवी
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
~अहमद फ़राज़
ख़ामोश ज़िंदगी जो बसर कर रहे हैं हम
गहरे समुंदरों में सफ़र कर रहे हैं हम
#रईस_अमरोहवी
अजब मुसाफ़िर हूँ मैं मेरा सफ़र अजीब
मेरी मंज़िल और है मेरा रस्ता और
#राजेश_रेड्डी
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र
कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं
#Faraz
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
#NidaFazli
सफ़र में अब मुसलसल ज़लज़ले हैं
वो रुक जाएँ जिन्हें गिरने का डर है
– Manish Shukla
कल सामने मंज़िल थी पीछे मेरी आवाज़ें
चलता तो बिछड़ जाता रुकता तो सफ़र जाता
#अज़्म_बहज़ाद
अब कहाँ वो पहली सी फ़ुर्सतें मयस्सर हैं
सारा दिन सफ़र करना सारी रात ग़म करना
#राम_रियाज़
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
#निदा_फ़ाज़ली
अभी से पाँव के छाले न देखो
अभी यारो सफ़र की इब्तिदा है
सफ़र में होती है पहचान कौन कैसा है
ये आरज़ू थी मेरे साथ तू सफ़र करता
#तैमूर_हसन
मेरे साथ चलने वाले तुझे क्या मिला सफ़र में
वही दुख-भरी ज़मीं है वही ग़म का आसमाँ है
#बशीर_बद्र
मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का
#SaleemAhmad
गो कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा
लौट कर न देखूँगा चल पड़ा अगर तन्हा
#अनवर_शऊर
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ज़िंदगी अपना सफ़र तय तो करेगी लेकिन
हम-सफ़र आप जो होते तो मज़ा और ही था
#अमीता_परसुराम
परिंदे बे-ख़बर थे सब पनाहें कट चुकी हैं
सफ़र से लौट कर देखा कि शाख़ें कट चुकी हैं
#ख़ुशबीर_सिंह_शाद
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
#राही_मासूम_रज़ा
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुरअत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
कोई रस्ता है न मंज़िल न तो घर है कोई
आप कहियेगा सफ़र ये भी सफ़र है कोई
#KunwarBechain
हम-सफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ
राह चलते लोग क्या समझें मेरी मजबूरियाँ
#SardarAnjum
दिन का सफ़र तो कट गया सूरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
#अमीर_क़ज़लबाश
सुना है सच्ची हो नीयत तो राह खुलती है
चलो सफ़र न करें कम से कम इरादा करें
#मंज़ूर_हाशमी
मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का
#SaleemAhmad
सफ़र भी दूर का है और कहीं नहीं जाना
अब इब्तिदा इसे कहिए कि इंतिहा कहिए
#शहज़ाद_अहमद
मुझ को चलने दो, अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
#waseembarelvi at
हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है
कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता
#AkhtarAmaan
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
#राही_मासूम_रज़ा
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं
#AhmadFaraz Travel Shayari in hindi
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
#बशीर_बद्र
मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें
#NidaFazli
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है
#बशीर_बद्र
बहुत अज़ीज़ थे उस को सफ़र के हंगामे
वो सब के साथ चला था मगर अकेला था
#खलील_तनवीर
कल सामने मंज़िल थी पीछे मेरी आवाज़ें
चलता तो बिछड़ जाता रुकता तो सफ़र जाता
#अज़्म_बहज़ाद
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
#अहमद_फ़राज़
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
#राही_मासूम_रज़ा
सफ़र में ऐसे कई मरहले भी आते हैं
हर एक मोड़ पे कुछ लोग छूट जाते हैं
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
#निदा_फ़ाज़ली
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
#WaseemBarelvi Travel Shayari in hindi
क़दमों में भी तकान थी घर भी क़रीब था
पर क्या करें कि अब के सफ़र ही अजीब था
#परवीन_शाकिर
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
#निदा_फ़ाज़ली
मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो कुछ हम भी बदल कर देखें #निदा_फ़ाज़ली
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
#मुनव्वर_राना
बदल देना है रस्ता या कहीं पर बैठ जाना है
कि थकता जा रहा है हम-सफ़र आहिस्ता आहिस्ता
#ParveenShakir
न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है
#निदा_फ़ाज़ली
किन राहों से सफ़र है आसाँ कौन सा रस्ता मुश्किल है
हम भी जब थक कर बैठेंगे औरों को समझाएँगे
#निदा_फ़ाज़ली
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो ज़ुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
#NawazDeobandi
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं
#AhmadFaraz
हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं
इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे
#अहमद_फ़राज़
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है अजीब शहर कि ज़िंदगी, न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर, कहीं बदमिज़ाज सी शाम है
#बशीर_बद्र
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
#NidaFazli Travel Shayari in hindi
ये और बात कि मंज़िल-फ़रेब था लेकिन
हुनर वो जानता था हम-सफ़र बनाने का
#SaleemAhmad
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
#WaseemBarelvi
मुझे ख़बर थी मेरा इंतिज़ार घर में रहा
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा
– साक़ी फ़ारुक़ी
यूँ तो सब की है हम-सफ़र दुनिया
सब की होती नहीं मगर दुनिया
मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें
#NidaFazli
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
#NidaFazli
बस कोई ऐसी कमी सारे सफ़र में रह गई
जैसे कोई चीज़ चलते वक़्त घर में रह गई
#AdeemHashmi
अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
#MunawwarRana
ये उम्र भर का सफ़र है इसी सहारे पर
कि वो खड़ा है अभी दूसरे किनारे पर
साबिर_वसीम
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बदल देना है रस्ता या कहीं पर बैठ जाना है
कि थकता जा रहा है हम-सफ़र आहिस्ता आहिस्ता
#ParveenShakir
मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें
#NidaFazli
कभी कहीं सफ़र करते अगर कोई मुसाफ़िर शेर पढ़ दे ‘मीर’ ‘ग़ालिब’ का
वो चाहे अजनबी हो, यही लगता है वो मेरे वतन का है
#Gulzar #Urdu
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
#NidaFazli
मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का
#SaleemAhmed
न मंज़िलों को, न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं
#Faraz
मिलना सफ़र का और बिछड़ना सफ़र का है
दुनिया तो रहगुज़ार है महफ़िल न कह इसे
#मुग़नी_तबस्सुम
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
#Gulzar
ये उम्र भर का सफ़र है इसी सहारे पर
कि वो खड़ा है अभी दूसरे किनारे पर
#SabirWaseem
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
#वसीम_बरेलवी
सफ़र में धुप की शिद्दत कहाँ तक झेलता आख़िर
तेरी यादों को ओढ़ा और साया कर लिया मैंने
#Shafaq
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है
#बशीर_बद्र
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
#राहीमासूमरज़ा
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
#Faraz
सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
पहलू में मेरे दिल को न ऐ दर्द कर तलाश
मुद्दत हुई तबाही का मारा सफ़र में है #अमीर_मीनाई
कभी युहीं सफर करते अगर कोई मुसाफिर शेर पढ़ दे मीर,ग़ालिब का
वो चाहे अजनबी हो,यूँ लगता है वो मेरे वतन का है.!!
-गुलज़ार
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इन्हीं रास्तों ने जिन पर मिरे साथ तुम चले थे
मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है #बशीर_बद्र
#Kavya
सूरज की मानिंद सफ़र पे रोज़ निकलना पड़ता है
बैठे-बैठे दिन बदलेंगे इसके भरोसे मत रहना
-इंदीवर
दम लिया था न क़यामत ने हुनूज़
फिर तिरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया #Ghalib
मैं अकेला बहोत देर चलता रहा
अब सफ़र जिंदगानी का कटता नही
जब तलक़ कोई रंगीन सहारा ना हो
वक्त काफ़िर जवानी का कटता नही
-साहीर
@shayar_yaar
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं #NidaFazali
Safar Shayari सफर शायरी Netinhindi.com
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
#WasimBarelvi at
सिर्फ़ दरवाज़े तलक जा के ही लौट आया हूँ
ऐसा लगता है कि सदियों का सफ़र कर आया
#KaifiWazdani
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
#Faraz
ये उम्र भर का सफ़र है इसी सहारे पर
कि वो खड़ा है अभी दूसरे किनारे पर
#SabirWaseem
हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं
इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे #AhmadFaraz
#poetry @anu @albellee
अभी से पाँव के छाले न देखो
अभी यारो सफ़र की इब्तिदा है #EjazRehmani
@chitraiyer @avidaanchal
जो आता है वो जाता है ये दुनिया आनी जानी है..यहां हर राह मुसाफिर है और सफर मेँ जिँदगानी है
-निदा फाजली
एक सफ़र वो है जिसमें
पाँव नहीं दिल दुखता है
#AghaDehlvi
यूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र
सर पर ख़याल-ए-यार की चादर ही ले चलें #NasirKazmi
जिंदगी यु हुई बसर तनहा
काफ़िला साथ और सफ़र तनहा,
अपने साये से भी चौक जाते है
उम्र गुज़री है इस कदर तनहा-गुलज़ार
अब उस के शहर में ठहरें कि कूच कर जाएँ
‘फ़राज़’ आओ सितारे सफ़र के देखते हैं #Faraz
हम-सफ़र थम तो सही दिल को सँभालूँ तो चलूँ
मंज़िल-ए-दोस्त पे दो अश्क बहा लूँ तो चलूँ #Wasif
जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे
चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे #Parvin
उरूज पर है चमन में बहार का मौसम
सफ़र शुरू ख़िज़ाँ का यहाँ से होता है #Aasim
यूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र
सर पर ख़याल-ए-यार की चादर ही ले चलें
Nasir Kazmi
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफिला साथ और सफ़र तन्हा
अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा
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Hinglish Font Safar Shayari
safar shayari safar shaayari
safar shaayari
safar matalab yaatra, jivan bhi ek anokha safar hai …kisi na kisi manjil ki talaash mein ham sab safar mein hain, duniya ke sabhi shaayaron ne safar ke baare mein shaayari likhi hain, is pej par ham aapake lie behatarin safar shaayari pesh kar rahen hain, jindagi ke safar ke badalaav ko shaayaron ne kese vyakt kiya hai yah aap is safar shaayari ko padhakar jaan sakate hain.
agar aapako yah safar shaayari achchhi lage to ise apane doston ke saath sheyar zaroor kijiye.
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kya bataoon kaise khud ko darabadar mainne kiya umr bhar
kis-kis ke hisse ka safar mainne kiya
too to nafarat bhi na kar paayega is shiddat ke saath
jis bala ka pyaar bekhabar tujhase mainne kiya…
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
~ahamad faraaz
na jaane kaun sa manzar nazar mein rahata hai
tamaam umr musaafir safar mein rahata hai
~nida faazali
zindagi ka safar tay to karate rahe
raat katati rahi din guzarate rahe
~khaan rizavaan
zindagi hai mukhtasar aahista chal
kat hi jaega safar aahista chal
ek andhi daud hai kis ko khabar
kaun hai kis raah par aahista chal
~shaahin gaazipuri
ham juda ho gae aagaaz-e-safar se pahale
jaane kis samt hamen raah-e-vafa le jaati
~shaharayaar
ye bhi ik shart-e-safar hai ham-safar koi na ho
jis kisi bhi raaste ko tay karoon tanha karoon
~riyaaz majid
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
samundaron ke safar jin ke naam likkhe the
utar gae vo kinaaron pe kashtiyaan le kar
~zubair rizavi Travel Shayari in hindi
khaamosh zindagi jo basar kar rahe hain ham
gahare samundaron mein safar kar rahe hain ham
~rais amarohavi
dhire dhire dhalate sooraj ka safar mera bhi hai
shaam batalaati hai mujh ko ek ghar mera bhi hai
~svapnil tivaari
ik qadam ke faasale par donon aa kar ruk gae
bas yahi manzil safar ki aakhiri achchhi lagi
~abasaar abdul ali
manzilon se begaana aaj bhi safar mera
raat be-sahar meri dard be-asar mera
~gulaam rabbaani taabaan
dushmani ka safar ik qadam do qadam
tum bhi thak jaoge ham bhi thak jaenge
~bashir badr
kitana bekaar tamanna ka safar hota hai
kal ki ummid pe har aaj basar hota hai
~saifuddin saif
koi rasta hai na manzil na to ghar hai koi
aap kahiyega safar ye bhi safar hai koi
~kunvar bechain
kya bataoon kaisa khud ko dar-ba-dar main ne kiya
umr-bhar kis kis ke hisse ka safar main ne kiya
~vasim barelavi
ek lamhe mein simat aaya hai sadiyon ka safar
zindagi tez bahut tez chali ho jaise
~faiz anavar
mujh ko chalane do akela hai abhi mera safar
raasta roka gaya to qaafila ho jaoonga
~vasim barelavi
har gaam haadasa hai thahar jaie janaab
rasta agar ho yaad to ghar jaie janaab
din ka safar to kat gaya sooraj ke saath saath
ab shab ki anjuman mein bikhar jaie janaab
~amir qazalabaash
zindagi hai mukhtasar aahista chal
kat hi jaega safar aahista chal
~shaahin gaazipuri
zindagi ka safar tay to karate rahe
raat katati rahi din guzarate rahe
~khaan rizavaan
tumhen pata ye chale ghar ki raahaten kya hain
hamaari tarah agar chaar din safar mein raho
umr bhar chal ke bhi pai nahin manzil ham ne
kuchh samajh mein nahin aata ye safar kaisa hai
~sulemaan khumaar
zindagi apana safar tay to karegi lekin
ham-safar aap jo hote to maza aur hi tha
~amita parasuraam mita
raah ke patthar se badh kar kuchh nahin hain manzilen
raaste aavaaz dete hain safar jaari rakho
~raahat indauri
safar se laut jaana chaahata hai
parinda aashiyaana chaahata hai
koi skool ki ghanti baja de
ye bachcha muskuraana chaahata hai
hazaar raah chale phir vo rahaguzar aai
ki ik safar mein rahe aur har safar se gae
~ubaidullaah alim
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
ham-safar ho to koi apana-sa
chaand ke saath chaloge kab tak
~shoharat bukhaari
khaamosh zindagi jo basar kar rahe hain ham
gahare samundaron mein safar kar rahe hain ham
~rais amarohavi
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
#ahmadfaraz
zindagi yoon hui basar tanha
qaafila saath aur safar tanha
ham-safar hota koi to baant lete dooriyaan
raah chalate log kya samajhen meri majabooriyaan
~saradaar anjum
sirf daravaaze talak ja ke hi laut aaya hoon
aisa lagata hai ki sadiyon ka safar kar aaya
#kaifi_vajadaani
ham-safar dhoondo na rahabar ka sahaara chaaho
thokaren khaoge to khud hi sanbhal jaoge
~iqabaal azim
ek lamhe ka safar hai duniya
aur phir vaqt thahar jaata hai
chand khushiyon ko baham* karane mein
aadami kitana bikhar jaata hai
#faisal_ajami *along with
jitana kam saamaan rahega
utana safar aasaan rahega
jab tak mandir aur masjid hain
mushkil mein insaan rahega
gopaaladaas niraj
hai thodi door abhi sapanon ka nagar apana
musaafiro abhi baaqi hai kuchh safar apana
~jaaved akhtar
na ham-safar na kisi ham-nashin se nikalega
hamaare paanv ka kaanta hamin se nikalega
~raahat indauri
koi chale tamaam umr koi sirf do qadam
kahaan hai manzilon ki had safar safar ki baat hai
~akabar haidaraabaadi #goodmornig
umr-safar jaari hai bas ye khel dekhane ko
rooh badan ka bojh kahaan tak kab tak dhoti hai
~shaharayaar
vahi tavil si raahen safar vahi tanha
bada hujoom hai phir bhi hai zindagi tanha
~rashi patiyaalavi
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
~ahamad faraaz
khaamosh zindagi jo basar kar rahe hain ham
gahare samundaron mein safar kar rahe hain ham
#rais_amarohavi
ajab musaafir hoon main mera safar ajib
meri manzil aur hai mera rasta aur
#raajesh_reddi
judaiyaan to muqaddar hain phir bhi jaan-e-safar
kuchh aur door zara saath chal ke dekhate hain
#faraz
apani marzi se kahaan apane safar ke ham hain
rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain
#nidafazli
safar mein ab musalasal zalazale hain
vo ruk jaen jinhen girane ka dar hai
– manish shukl
kal saamane manzil thi pichhe meri aavaazen
chalata to bichhad jaata rukata to safar jaata
#azm_bahazaad
ab kahaan vo pahali si fursaten mayassar hain
saara din safar karana saari raat gam karana
#raam_riyaaz
safar mein dhoop to hogi jo chal sako to chalo
sabhi hain bhid mein tum bhi nikal sako to chalo
#nida_faazali
abhi se paanv ke chhaale na dekho
abhi yaaro safar ki ibtida hai
safar mein hoti hai pahachaan kaun kaisa hai
ye aarazoo thi mere saath too safar karata
#taimoor_hasan
mere saath chalane vaale tujhe kya mila safar mein
vahi dukh-bhari zamin hai vahi gam ka aasamaan hai
#bashir_badr
manzil ka pata hai na kisi raahaguzar ka
bas ek thakan hai ki jo haasil hai safar ka
#salaiaimahmad
go kathin hai tay karana umr ka safar tanha
laut kar na dekhoonga chal pada agar tanha
#anavar_shoor
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
zindagi apana safar tay to karegi lekin
ham-safar aap jo hote to maza aur hi tha
#amita_parasuraam
parinde be-khabar the sab panaahen kat chuki hain
safar se laut kar dekha ki shaakhen kat chuki hain
#khushabir_sinh_shaad
is safar mein nind aisi kho gai
ham na soe raat thak kar so gai
#raahi_maasoom_raza
safar mein mushkilen aaen to jurat aur badhati hai
koi jab raasta roke to himmat aur badhati hai
koi rasta hai na manzil na to ghar hai koi
aap kahiyega safar ye bhi safar hai koi
#kunwarbaichhain
ham-safar hota koi to baant lete dooriyaan
raah chalate log kya samajhen meri majabooriyaan
#sardaranjum
din ka safar to kat gaya sooraj ke saath saath
ab shab ki anjuman mein bikhar jaie janaab
#amir_qazalabaash
suna hai sachchi ho niyat to raah khulati hai
chalo safar na karen kam se kam iraada karen
#manzoor_haashami
manzil ka pata hai na kisi raahaguzar ka
bas ek thakan hai ki jo haasil hai safar ka
#salaiaimahmad
safar bhi door ka hai aur kahin nahin jaana
ab ibtida ise kahie ki intiha kahie
#shahazaad_ahamad
mujh ko chalane do, akela hai abhi mera safar
raasta roka gaya to qaafila ho jaoonga
#wasaiaimbarailvi at
har ek shakhs ki apani hi ek manzil hai
koi kisi ka yahaan ham-safar nahin hota
#akhtaramaan
is safar mein nind aisi kho gai
ham na soe raat thak kar so gai
#raahi_maasoom_raza
na manzilon ko na ham rahaguzar ko dekhate hain
ajab safar hai ki bas ham-safar ko dekhate hain
#ahmadfaraz
dushmani ka safar ik qadam do qadam
tum bhi thak jaoge ham bhi thak jaenge
#bashir_badr
mumakin hai safar ho aasaan ab saath bhi chal kar dekhen
kuchh tum bhi badal kar dekho, kuchh ham bhi badal kar dekhen
#nidafazli
hai ajib shahar ki zindagi na safar raha na qayaam hai
kahin kaarobaar si dopahar kahin bad-mizaaj si shaam hai
#bashir_badr
bahut aziz the us ko safar ke hangaame
vo sab ke saath chala tha magar akela tha
#khalil_tanavir
kal saamane manzil thi pichhe meri aavaazen
chalata to bichhad jaata rukata to safar jaata
#azm_bahazaad
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
#ahamad_faraaz
is safar mein nind aisi kho gai
ham na soe raat thak kar so gai
#raahi_maasoom_raza
safar mein aise kai marahale bhi aate hain
har ek mod pe kuchh log chhoot jaate hain
safar mein dhoop to hogi jo chal sako to chalo
sabhi hain bhid mein tum bhi nikal sako to chalo
#nida_faazali
raat to vaqt ki paaband hai dhal jaegi
dekhana ye hai charaagon ka safar kitana hai
#wasaiaimbarailvi
qadamon mein bhi takaan thi ghar bhi qarib tha
par kya karen ki ab ke safar hi ajib tha
#paravin_shaakir
apani marzi se kahaan apane safar ke ham hain
rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain
#nida_faazali
mumakin hai safar ho aasaan ab saath bhi chal kar dekhen
kuchh tum bhi badal kar dekho kuchh ham bhi badal kar dekhen #nida_faazali
ab judai ke safar ko mire aasaan karo
tum mujhe khvaab mein aa kar na pareshaan karo
#munavvar_raana
badal dena hai rasta ya kahin par baith jaana hai
ki thakata ja raha hai ham-safar aahista aahista
#parvaiainshakir
na jaane kaun sa manzar nazar mein rahata hai
tamaam umr musaafir safar mein rahata hai
#nida_faazali
kin raahon se safar hai aasaan kaun sa rasta mushkil hai
ham bhi jab thak kar baithenge auron ko samajhaenge
#nida_faazali
safar mein mushkilen aaen to zurrat aur badhati hai
koi jab raasta roke to himmat aur badhati hai
#nawazdaiobandi
na manzilon ko na ham rahaguzar ko dekhate hain
ajab safar hai ki bas ham-safar ko dekhate hain
#ahmadfaraz
ham-safar chaahie hujoom nahin
ik musaafir bhi qaafila hai mujhe
#ahamad_faraaz
hai ajib shahar ki zindagi, na safar raha na qayaam hai
kahin kaarobaar si dopahar, kahin badamizaaj si shaam hai
#bashir_badr
safar mein dhoop to hogi jo chal sako to chalo
sabhi hain bhid mein tum bhi nikal sako to chalo
#nidafazli @naraindramodi #rajyasabh
ye aur baat ki manzil-fareb tha lekin
hunar vo jaanata tha ham-safar banaane ka
#salaiaimahmad
raat to vaqt ki paaband hai dhal jaegi
dekhana ye hai charaagon ka safar kitana hai
#wasaiaimbarailvi
mujhe khabar thi mera intizaar ghar mein raha
ye haadasa tha ki main umr bhar safar mein raha
– saaqi faaruqi
yoon to sab ki hai ham-safar duniya
sab ki hoti nahin magar duniya
mumakin hai safar ho aasaan ab saath bhi chal kar dekhen
kuchh tum bhi badal kar dekho, kuchh ham bhi badal kar dekhen
#nidafazli
apani marzi se kahaan apane safar ke ham hain
rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain
#nidafazli
bas koi aisi kami saare safar mein rah gai
jaise koi chiz chalate vaqt ghar mein rah gai
#adaiaimhashmi
ab judai ke safar ko mere aasaan karo
tum mujhe khvaab mein aa kar na pareshaan karo
#munawwarran
ye umr bhar ka safar hai isi sahaare par
ki vo khada hai abhi doosare kinaare par
saabir_vasim
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
badal dena hai rasta ya kahin par baith jaana hai
ki thakata ja raha hai ham-safar aahista aahista
#parvaiainshakir
mumakin hai safar ho aasaan ab saath bhi chal kar dekhen
kuchh tum bhi badal kar dekho, kuchh ham bhi badal kar dekhen
#nidafazli
kabhi kahin safar karate agar koi musaafir sher padh de mir gaalib ka
vo chaahe ajanabi ho, yahi lagata hai vo mere vatan ka hai
#gulzar #urdu
apani marzi se kahaan apane safar ke ham hain
rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain
#nidafazli
manzil ka pata hai na kisi raahaguzar ka
bas ek thakan hai ki jo haasil hai safar ka
#salaiaimahmaid
na manzilon ko, na ham rahaguzar ko dekhate hain
ajab safar hai ki bas ham-safar ko dekhate hain
#faraz
milana safar ka aur bichhadana safar ka hai
duniya to rahaguzaar hai mahafil na kah ise
#mugani_tabassum
zindagi yoon hui basar tanha
qaafila saath aur safar tanha
#gulzar
ye umr bhar ka safar hai isi sahaare par
ki vo khada hai abhi doosare kinaare par
#sabirwasaiaim
raat to vaqt ki paaband hai dhal jaegi
dekhana ye hai charaagon ka safar kitana hai
#vasim_barelavi
safar mein dhup ki shiddat kahaan tak jhelata aakhir
teri yaadon ko odha aur saaya kar liya mainne
#shafaq
hai ajib shahar ki zindagi na safar raha na qayaam hai
kahin kaarobaar si dopahar kahin bad-mizaaj si shaam hai
#bashir_badr
is safar mein nind aisi kho gai
ham na soe raat thak kar so gai
#raahimaasoomaraza
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
#faraz
safar ka ek naya silasila banaana hai
ab aasamaan talak raasta banaana hai
pahaloo mein mere dil ko na ai dard kar talaash
muddat hui tabaahi ka maara safar mein hai #amir_minai
kabhi yuhin safar karate agar koi musaaphir sher padh de mir,gaalib ka
vo chaahe ajanabi ho,yoon lagata hai vo mere vatan ka hai.!!
-gulazaar
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
inhin raaston ne jin par mire saath tum chale the
mujhe rok rok poochha tira ham-safar kahaan hai #bashir_badr
#kavy
sooraj ki maanind safar pe roz nikalana padata hai
baithe-baithe din badalenge isake bharose mat rahana
-indivar
dam liya tha na qayaamat ne hunooz
phir tira vaqt-e-safar yaad aaya #ghalib
main akela bahot der chalata raha
ab safar jindagaani ka katata nahi
jab talaq koi rangin sahaara na ho
vakt kaafir javaani ka katata nahi
-saahir
@shayar_yaar
apani marzi se kahaan apane safar ke ham hain
rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain #nidafazali
safar shayari safar shaayari naitinhindi.chom
raat to vaqt ki paaband hai dhal jaegi
dekhana ye hai charaagon ka safar kitana hai
#wasimbarailvi at
sirf daravaaze talak ja ke hi laut aaya hoon
aisa lagata hai ki sadiyon ka safar kar aaya
#kaifiwazdani
kisi ko ghar se nikalate hi mil gai manzil
koi hamaari tarah umr bhar safar mein raha
#faraz
ye umr bhar ka safar hai isi sahaare par
ki vo khada hai abhi doosare kinaare par
#sabirwasaiaim
ham-safar chaahie hujoom nahin
ik musaafir bhi qaafila hai mujhe #ahmadfaraz
#poaitry @anu @albaillaiai
abhi se paanv ke chhaale na dekho
abhi yaaro safar ki ibtida hai #aijazraihmani
@chhitraiyair @avidaanchhal
jo aata hai vo jaata hai ye duniya aani jaani hai..yahaan har raah musaaphir hai aur safar men jindagaani hai
-nida phaajali
ek safar vo hai jisamen
paanv nahin dil dukhata hai
#aghadaihlvi
yoon kis tarah katega kadi dhoop ka safar
sar par khayaal-e-yaar ki chaadar hi le chalen #nasirkazmi
jindagi yu hui basar tanaha
kaafila saath aur safar tanaha,
apane saaye se bhi chauk jaate hai
umr guzari hai is kadar tanaha-gulazaar
ab us ke shahar mein thaharen ki kooch kar jaen
faraaz aao sitaare safar ke dekhate hain #faraz
ham-safar tham to sahi dil ko sanbhaaloon to chaloon
manzil-e-dost pe do ashk baha loon to chaloon #wasif
justujoo khoe huon ki umr bhar karate rahe
chaand ke hamaraah ham har shab safar karate rahe #parvin
urooj par hai chaman mein bahaar ka mausam
safar shuroo khizaan ka yahaan se hota hai #aasim
yoon kis tarah katega kadi dhoop ka safar
sar par khayaal-e-yaar ki chaadar hi le chalen
nasir kazmi
zindagi yoon hui basar tanha
qaaphila saath aur safar tanha
apane saaye se chaunk jaate hain
umr guzari hai is qadar tanha
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