सौर हवाएं और सौर तूफान क्या होते हैं?
What is Solar Winds and Solar Storms in hindi
सौर हवाएं सूर्य से चलने विकिरणों और आवेशित कणों की अत्यधिक गर्म धाराएं होती हैं जो सूर्य के वायुमंडल कोरोना से निकल कर सारे सौरमंडल में फैल जाती है. ये अत्यधिक गर्म, विकिरण युक्त और हानिकारक हौती हैं.
सौर हवाएं क्यों चलती हैं ? how solar winds originate?
सूर्य एक मध्यम आकार का तारा है, तारों का तापमान अधिक होता है जिसकी वजह से यहां पदार्थ प्लाज्मा की अवस्था में पाया जाता है पदार्थ की यह अत्यधिक गर्म और आयनीकृत अवस्था होती है, इस अवस्था में परमाणु के इलेक्ट्रान निकल जाते हैं तथा परमाणु एक धनात्मक आवेश युक्त आयन बन जातें है. सूर्य के वायुमंडल का तापमान इसकी सतह से भी कई गुना अधिक है, सूर्य की सतह का तापमान 5000 से 6000 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, लेकिन इसके वायुमंडल कोरोना का तापमान दस लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है. इतने भयंकर तापमान पर सभी तत्व और धातुएं गैस और प्लाज्मा बन जाती है.इस रहस्य को वैज्ञानिक अभी तक नहीं सुलझा सकें हैं सूर्य के वायु मंडल का तापमान इसकी सतह से भी इतना ज्यादा क्यों है ?
इतने अत्यधिक तापमान की वजह से प्लाज्मा के आवेशित कण सूर्य के प्रबल गुरुत्वाकर्षण को भी तोड़कर निकल जाते हैं, इन कणों की धाराओं को ही सौर हवाएं कहते हैं.
सौर हवाएं बदलती रहती हैं
जिस प्रकार धरती पर कभी तेज़ हवा चलती है कभी धीमी, कभी गर्म हवा चलती है कभी ठंडी हवा . ठीक इसी प्रकार सूरज से आने वाली सौर हवाओं की गति भी तेज़ और धीमी होती रहती है, इनका तापमान और घनत्व भी बदलता रहता है. इसका कारण क्या है? सूरज की सक्रियता बदलती रहती है, सौर सक्रियता का चक्र 11 साल का हौता है. इस सौर चक्र के दौरान सौर धब्बे, सूर्य के विकिरणों के स्तर में बदलाव, तथा सूर्य के मैग्नेटिक लूप से निकलने वाले प्रदार्थ की मात्रा बदलती रहती है जिससे की सौर हवाओं में भी बदलाव आता रहता है.
सौर हवाओं का प्रभाव Effect of Solar Wind on Planets
सौर हवाओं की गति 800 किलोमीटर प्रति सेकंड से लेकर 300 किलोमीटर प्रति सेकंड तक हौती है, तेज़ चलने वाली सौर पवन का तापमान 8 लाख डिग्री सेल्सियस तथा धीमी चलने वाली सौर हवाओं का तापमान 16 लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है.
इतनी अधिक गति और इतने अधिक तापमान के आवेशित कण जब किसी भी ग्रह या चंद्रमा से टकरातें हैं तो वे अत्यधिक विनाश ही करते है.
सौर हवाओं का पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Effect of Solar Wind on Earth
जब सूर्य से सौर हवाएं चलती है तो यह पूरे सौरमंडल में फैल जाती है तथा सभी ग्रहों और उपग्रहों को प्रभावित करती है सोर हवाओं के साथ आने वाले आवेशित विकिरण सभी प्रकार के जीवों के लिए नुकसानदायक होतें है, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र हमें इस भयानक मुसीबत से बचा लेता है. पृथ्वी का अपना एक मैग्नेटिक फील्ड-चुंबकीय क्षेत्र है, सोर हवाओं से आने वाले आयनीत कण इस चुंबकीय क्षेत्र से परावर्तित होकर पृथ्वी से दूर चले जाते हैं तथा कुछ उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव की तरफ खिच जाते हैं
उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर जब यह आवेशित कण वायुमंडल से टकराते हैं तो बहुत ही खूबसूरत नजारा उत्पन्न होता है जिसे उत्तरी प्रकाश या नॉर्दन लाइट्स कहते हैं इस परिघटना का वैज्ञानिक नाम अरोरा बोरेअलिसिन Aurora Borealisin है.
सौर हवाएं और सौर तूफान काफी तबाही मचा सकते हैं
Solar storms is harmful for us
सोर हवाओं के साथ साथ कभी कभी सूर्य प्लाज्मा की बहुत बड़ी मात्रा बाहर फेंकता है इसे सौर तूफान कहते हैं इसका वैज्ञानिक नाम कोरोनल मास इजेक्शन CME है, यह सौर तूफान सौर हवाओं की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं, यह सौर तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा कर देते हैं, इससे पृथ्वी पर जिओ मैग्नेटिक तूफान उत्पन्न हो जाता है, सौर तूफान हमारे सैटेलाइट और जीपीएस सिस्टम को नष्ट कर सकते हैं, सौर तूफान की तीव्रता अधिक होने होने पर सैटेलाइट पूरी तरह काम करना बंद कर पृथ्वी पर गिर भी सकते हैं, सौर तूफानों की वजह से हमारा टेली कम्युनिकेशन सिस्टम काम करना बंद कर सकता है.
सौर तूफान और बिजली संयंत्र Solar storms and power grids
सौर तूफानों का सबसे बड़ा खतरा विद्युत पावर ग्रिड कब बंद हो जाना है!!! सौर तूफान विद्युत संयंत्रों को बंद कर सकते हैं जिससे कि लाखों लोग अंधेरे में डूब जाते हैं, वर्तमान समय में मानव सभ्यता पूरी तरह बिजली पर निर्भर है विद्युत संयंत्र बंद हो जाने पर हमारे सारे काम रुक सकते हैं. यह कल्पना नहीं है बल्कि वास्तव में ऐसा हो चुका है,
13 मार्च सन 1989 को एक सौर तूफान की वजह से कनाडा और उत्तरी अमेरिका के पावर ग्रिड बंद हो गए थे जिससे कि 9 घंटे तक विद्युत प्रदाय बंद रहा और 600000 लोग प्रभावित हुए. अभी वैज्ञानिक इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं कि सूर्य से कब कोई भयानक सोर हवाओं का तूफान पृथ्वी की तरफ आ जाए और हमारे पावर ग्रिड्स को बंद कर दे, इसीलिए यह खतरा हमारे ऊपर मंडराता रहता है, वैज्ञानिक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, जैसे पृथ्वी पर मौसम की भविष्यवाणी करने का केंद्र होता है ठीक उसी तरह एक स्पेस वेदर की भविष्यवाणी करने का केंद्र भी बनाया गया जो कि सूर्य पर नजर रखता है तथा सूर्य से निकलने वाली हवाओं और सौर तूफानों की भविष्यवाणी करता है.
सौर हवाएं सौर मंडल पर क्या प्रभाव उत्पन्न करती हैं ?
Effects of Solar winds on Planets
जिन ग्रहों और उपग्रहों के चुंबकीय क्षेत्र नहीं है उनकी सतह पर सौर हवाएं और आय्नित कण सीधे टकराते हैं जैसे कि पृथ्वी के चंद्रमा पर कोई भी वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र नहीं है जिस से आयनित कण सीधे इसकी सतह पर आकर गिरते हैं यह जीवित प्राणियों के लिए काफी खतरनाक है,
बुध ग्रह सूर्य के सबसे ज्यादा नजदीक है बुध ग्रह का अपना एक चुंबकीय क्षेत्र है इतना पास होने के बावजूद यह सौर हवाओं से तो बच जाता है लेकिन सौर तूफानों से इसका चुंबकीय क्षेत्र विकृत हो जाता है और विकिरण इसकी सतह पर गिरने लगते हैं. कई ग्रहों पर जीवन उत्पन्न ना होने का एक कारण सूर्य किरणों से बचाव का ना होना भी हो सकता है, ऐसा हो सकता है कि अतीत में इन ग्रहों पर जीवन उत्पन्न हुआ हो परन्तु सौर पवन के प्रभाव से वह विकसित नहीं हो पाया, क्योंकि पृथ्वी पर चुंबकीय क्षेत्र और वातावरण की ओजोन लेयर विकिरण को पृथ्वी की सतह तक नहीं आने देते इसलिए पृथ्वी जीवन के लिए सुरक्षित है.
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