तारों का जीवन चक्र Stages of star
आकाश में दिखाई देने वाले तारों का भी जीवन चक्र होता है, जिस तरह से मनुष्य का जन्म होता है धीरे धीरे वह बड़ा होकर व्यस्क होता है फिर धीरे-धीरे बुढा हो कर मर जाता है इसी प्रकार एक तारे का भी जन्म होता है तथा वह धीरे-धीरे बड़ा होकर व्यस्क होता है तथा अंत में तारा भी मर जाता है, इसे तारे का जीवन चक्र कहते हैं.
तारों का जन्म कैसे होता है?
सभी तारों का जन्म अंतरिक्ष में पाए जाने वाले गैस और धूल के बादल नेब्युला में होता है, जब किसी नेब्युला में धूल के कण और गैसे गुरुत्वाकर्षण की वजह से पास पास आकर संघनित होने लगते हैं तो एक तारे का निर्माण होता है, धीरे धीरे यह तारा बड़ा होता जाता हे जब इसके क्रोड़ में अत्यधिक तापमान और दबाव होता है तो इसमें नाभिकीय संलयन प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तारे के करोड़ में दो हाइड्रोजन परमाणु मिलकर एक हीलियम का परमाणु बनाते हैं जिससे कि प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न होती है इस ऊर्जा से और अधिक हाइड्रोजन के परमाणु परमाणुओं में यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है इस तरह तारा चमकने लगता है और एक नए तारे का जन्म होता है.
किसी तारे की उम्र कितनी होगी यह उसके आकार पर निर्भर करता है, बड़े आकार के तारे, छोटे तारों की तुलना में अपने अंदर हाइड्रोजन ईंधन को बहुत जल्दी जला कर खत्म कर देते हैं , छोटे आकार के तारे अरबो साल तक चमकते रहते हैं इनका जीवन चक्र लंबी अवधि का होता है.
तारों की मुर्त्यु कैसे होती है?
अरबों साल तक चमकने के बाद सभी तारों के अंदर हाइड्रोजन पूर्ण रूप से हिलियम में बदल जाती है और इस तरह इन तारों के जीवन का अंतिम चरण शुरू होता है, धीरे-धीरे यह तारे बड़े होने लगते हैं, यह ठंडे होते जाते हैं तथा इनका रंग भी बदल जाता है.
अपने जीवन के अंतिम चरण में यह तारे बहुत बड़े आकार के और लाल रंग के दिखाई देने लगते हैं इसीलिए इन्हें लाल दानव तारा कहते हैं, इसके बाद तारे का भविष्य उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है.
तारे के जीवन चक्र के अंतिम चरण
कम द्रव्यमान वाले तारे जैसे कि हमारा सूर्य का अंत इतना भयानक नहीं होता जितना कि बड़े आकार के तारों का, कम द्रव्यमान वाले तारे धीरे धीरे बड़े होते जाते हैं एवं इनकी बहरी सतह टूटकर अंतरिक्ष में बिखर जाती है और आंतरिक क्रोड़ एक White Dwarf तारे में बदल जाता है यह White Dwarf आकार में बहुत छोटा होता है.
White Dwarf श्वेत वामन तारा क्या होता है?
श्वेत वामन तारा कम द्रव्यमान वाले तारों के जीवन का अंतिम चरण है, हमारे सूर्य के आस पास लगभग 6% श्वेत वामन तारे पाए जाते हैं, इस अंतिम अवस्था में तारे का क्रोड़ एक बहुत ही छोटे आकर के White Dwarf श्वेत वामन तारे में बदल जाता है, जिसमें की कार्बन और ऑक्सीजन तत्व अत्यधिक घनत्व में पाए जाते हैं, श्वेत वामन तारा आकार में पृथ्वी के बराबर होता है लेकिन उसका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है, इस White Dwarf तारे की सतह पर लगभग 100000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है, परन्तु छोटा होने की वजह से यह बहुत धुंधले होते हैं और पृथ्वी से दिखयी नहीं देते, श्वेत वामन तारों में नाभिकीय संलयन अभिक्रिया नहीं होती इसीलिए इनमें कोई भी नई उर्जा उत्पन्न नहीं होती है, यह केवल अपनी उष्मीय ऊर्जा के द्वारा ही चमकते रहते हैं, धीरे-धीरे यह अपनी ऊर्जा को खो देते हैं तथा ठंडे हो कर एक Brown Dwarf भूरे वामन तारे बन जाते हैं.,
कम द्रव्यमान वाले तारों इस जीवन के अंतिम चरण Brown Dwarf भूरे वामन तारे में प्रकाश की उत्पत्ति नहीं होती है तथा यह ठंडे और शांत पिंड बन जाते.
बड़े तारों का विस्फोटक अंत
दूसरी तरफ जिन तारों का द्रव्यमान सूर्य से बहुत ज्यादा होता है उनकी मृत्यु विस्फोटक होती है, ऐसे तारों में एक भयानक विस्फोट होता है जिससे कि उनकी बाहरी सतह पूरे ब्रह्मांड में दूर-दूर तक फैल जाती है इस घटना को सुपरनोवा कहते हैं, सुपरनोवा विस्फोट होने के बाद जब गैसे ठंडी होती है तो अंत में एक बहुत ही छोटे आकार का न्यूट्रॉन स्टार बचता है इस तारे पर केवल न्यूट्रॉन ही होते हैं, न्यूट्रॉन तारे का घनत्व बहुत अधिक होता है ये बहुत तेजी से घूमते हुए विकिरण की पल्स छोड़ते हैं, तारों के जीवन की इस अवस्था को पल्सार कहते हैं, अगर तारे का द्रव्यमान बहुत अधिक होता है तो न्यूट्रॉन स्टार की बजाए ये एक ब्लैक होल में बदल जाते हैं, ब्लैक होल तारे के जीवन चक्र की अंतिम अवस्था है जिसका गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक होता है, इनसे प्रकाश भी बाहर नहीं निकल पाता.
इस तरह हम देखते हैं कि सभी तारों के जीवन काल की अंतिम अवस्था में प्रकाश उत्पन्न करना बंद कर देते हैं तारों की अंतिम अवस्था जिसमें वे प्रकाश उत्पन्न करना बंद कर देते हैं वह अवस्थाये ब्राउन ड्वार्फ brown dwarf star और ब्लैक होल है.
सूर्य का अंत कैसे होगा
सूर्य के जीवन चक्र की अंतिम अवस्था क्या होगी, हमारा सूर्य क्योंकि एक कम द्रव्यमान का तारा है इसलिए यह एक प्लैनेटरी नाब्युला में बदल जाएगा इसकी बाहरी सतह अंतरिक्ष में खो जाएगी तथा आंतरिक क्रोड एक श्वेत वामन तारे में बदल जाएगा, यह श्वेत वामन तारा धीरे-धीरे ठंडा होकर brown dwarf star तारा बन जाएगा जो की ठंडा और अंधकार युक्त होगा.
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