हरियाणा का राज्य पक्षी काला तीतर
हरियाणा का राज्य पक्षी एक सुंदर तितर पक्षी को चुना गया है, जिसे स्थानीय भाषा में काला तीतर के नाम से जाना जाता हैं, इसका वैज्ञानिक नाम Francolinus francolinus, लेकिन विश्व भर में से Black Partridge के नाम से जाना जाता है यह एक pheasant परिवार का पक्षी है.
काला तीतर एक संकट ग्रस्त प्रजाति नहीं है बल्कि इनकी अच्छी खासी तादाद पाई जाती है यह एक Schedule – IV प्रकार का पक्षी है जिसे की वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट 1972 के अनुसार Least Concern यानी कि कम चिंता वाले वाली प्रजातियों में रखा गया है.
काले तीतर का आकार 33 से 36 सेंटीमीटर के बीच होता है, एक पूर्ण व्यस्क काले तीतर का वजन 400 से 490 ग्राम होता है इनके पंखों की चौड़ाई 50 से 56 सेंटीमीटर के बीच होती है.
हरियाणा के राज्य पक्षी को केसे पहचाने?
काले तीतर का सर और शरीर काले रंग का होता है इसके दोनों गालों पर सफेद धब्बे होते हैं तथा गर्दन पर लाल पंख पाए जाते हैं इसके आँखों के नीचे सफेद धब्बे पाए जाते हैं जिस वजह से इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है इसकी चोंच काली, छोटी और कठोर होती है इनकी आंखें भूरे और काले रंग की होती हैं इसके पैर भूरे लाल रंग के होते हैं.
हरियाणा के राज्य पक्षी काले तीतर का वर्गीकरण
काले तीतर का वैज्ञानिक वर्गीकरण इस प्रकार है
Classification
Common Name – Black francolin
Local Lame – Kala titer / Karo tittar
Zoological Name – Francolinus francolinus
Kingdom – Animalia
Phylum – Chordata
Class – Aves
Order – Galliformes
Family – Phasianidae
Sub-family – Perdicinae
Genus – Francolinus
काला तीतर भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, सुमात्रा, जावा और मालदीव देशों में पाया जाता है भारत में यह में गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और आसाम में पाया जाता है यह कभी भी 2700 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं देखा गया है.
काले तीतर का आवास और व्यहवार
काले तीतर मुख्यतः झाड़ियों वाले इलाकों में तथा खेतों में रहना पसंद करते हैं, यह घने जंगलों में रहते हैं जहां पानी आसपास ही उपलब्ध हो, यह नेहरों के आस पास पाए जाने वाले खेतों और जंगलों में पाए जाते हैं, बास के जंगल, झाड़ियों वाले जंगल, दलदली जंगल इनके सबसे प्रिय इलाके, यह पक्षी बहुत अधिक शर्मीले होते हैं तथा मनुष्य को देख कर भाग जाते हैं ये हमेशा दो या दो से ज्यादा के झुण्ड में ही देखे जाते हैं.
काले तीतर मुख्यतः अनाज बीज छोटे फल अंकुर चीटियां छोटे कीड़े आते हैं
काले तीतर उड़ने की बजाय दौड़ना पसंद करते हैं, यह ज्यादा दूर तक नहीं उड़ते हैं और ग्लाइड करते हुए जमीन पर आ जाते हैं, इनकी आवाज बहुत तेज “क्लिक चीक चीक चीरकिक” की तरह होती है. काले तीतर का प्रजनन काल मार्च से सितंबर के बीच में होता है यह जमीन पर ही घोसला बनाते हैं, यह घनी झाड़ियों के बीच जमीन में गड्ढा खोदकर घोसला बनाते हैं तथा उसमें अंडे देते हैं, यह एक बार में 6 से 12 अंडे देते हैं इन के अंडों का रंग ओलिव रंग का होता हे जिस पर धब्बे होते हैं, नर काला तीतर तथा मादा दोनों अंडों को 18 से 20 दिन तक सेते हैं तथा अंडे से बच्चे बाहर निकलने पर नर और मादा दोनों ही उनकी देख भाल करतें है, काले तीतर का जीवनकाल 13 से 16 साल का होता है.
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