टीचर स्टेटस टीचर dp और टीचर शायरी pictures
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अदब ता’लीम का जौहर है ज़ेवर है जवानी का
वही शागिर्द हैं जो ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं
-चकबस्त ब्रिज नारायण
माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत
है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे नेमत
इह नुकता जद पुखता कीता,
ज़ाहर आख सुणाया हू ।
मैं तां भुल्ली वैंदी बाहू,
मुरशिद राह विखाया हू ।
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देखा न कोहकन कोई फ़रहाद के बग़ैर
आता नहीं है फ़न कोई उस्ताद के बग़ैर
वो करेंगे ना-ख़ुदाई तो लगेगी पार कश्ती,
है ‘नसीर’ वर्ना मुश्किल, तिरा पार यूँ उतरना !!
खुसरो मौला के रुठते, पीर के सरने जाय
कहे खुसरो पीर के रुठते, मौला नहिं होत सहाय
वही शागिर्द फिर हो जाते हैं उस्ताद ऐ ‘जौहर’
जो अपने जान ओ दिल से ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं
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किस तरह ‘अमानत’ न रहूँ ग़म से मैं दिल-गीर
आँखों में फिरा करती है उस्ताद की सूरत
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Guru Shayari and Guru Dohe
सुनिये सन्तों साधु मिलि, कहहिं कबीर बुझाय।
जेहि विधि गुरु सों प्रीति छै कीजै सोई उपाय॥
तन मन शीष निछावरै, दीजै सरबस प्रान।
कहैं कबीर गुरु प्रेम बिन, कितहूँ कुशल नहिं क्षेम॥
सोइ-सोइ नाचनचाइये जेहि निबहे गुरु प्रेम
कहै कबीर गुरु प्रेम बिन कतहुँ कुशल नहि क्षेम
गुरु के सनमुख जो रहै, सहै कसौटी दुख।
कहैं कबीर तो दुख पर वारों, कोटिक सूख॥
रामहि सुमिरत रन भिरत देत परत गुरु पाँय।
तुलसी जिन्हहि न पुलक तनु ते जग जीवत जायँ॥
कबीरा ते नर अन्ध है गुरु को कहते और
हरि रूठे गुरु ठौर है गुरु रुठै नहीं ठौर
सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस
राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास॥
जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु हैं मैं नाय।
प्रेम गली अति साँकरी, ता में दो न समाय॥