उत्तराखंड का राज्य पक्षी कौन सा है? Uttarakhand state bird
उत्तराखंड का राज्य पक्षी हिमालयन मोनल है जो कि एक अत्यधिक खूबसूरत पक्षी होता है, नर हिमालय मोनल तो मोर से भी ज्यादा सुंदर दिखाई देता है. हिमालयन मोनल एक बहुत ही ज्यादा रंग बिरंगा पक्षी होता है, नर हिमालयन मोनल बहुत सुंदर होता है तथा इसके शरीर पर कई रंगों के पंख पाए जाते हैं जबकि मादा हिमालयन मोनल भूरे रंग की तित्तर के समान होती है.
मोनाल पक्षी का आकर 60 से 72 सेंटीमीटर के बीच होता है, एक व्यस्क हिमालयन मोनल 1 किलो 70 ग्राम से 2 किलो 40 ग्राम तक के वजन का होता है, अक्सर जंगलों में इन्हें अकेला या फिर दो के जोड़ों में देखा जा सकता है, इसके सर पर एक विशेष प्रकार की कलगी भी पाई जाती है, नर हिमालयन मोनल मोर से भी सुंदर होता है बस इसका आकर ही मोर की तुलना में छोटा होता है. मोर की तरह नर हिमालयन मोनल भी प्रजनन काल में अपने रंग बिरंगे पंखों को दिखाकर नृत्य करता है इन का प्रजनन काल अप्रैल से अगस्त के बीच होता है.
हिमालयन मोनल का वैज्ञानिक वर्गीकरण
हिमालयन मोनल पक्षी का वैज्ञानिक वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है
Classification
Common Name – Himalayan monal, Local Lame – Monal, Zoological Name – Lophophorus impejanus, Kingdom – Animalia ,Phylum – Chordata, Class – Aves, Order – Galliformes, Family – Phasianidae, Subfamily – Phasianinae, Genus – Lophophorus,
हिमालयन मोनल एक संकटग्रस्त प्रजाति नहीं है तथा इसे 1972 के वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट के तहत कम चिंता वाली श्रेणी में डाला गया है.
उत्तराखंड का राज्य पक्षी हिमालयन मोनल कहां पाया जाता है?
उत्तराखंड का राज्य पक्षी हिमालयन मोनल है इसे सामान्य भाषा में मोनाल भी कहा जाता है भारत के अलावा यह अफगानिस्तान पाकिस्तान नेपाल तिब्बत और भूटान में पाया जाता है, भारत में मोनल पक्षी हिमालय के आसपास कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है.
उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल का आवास व्यवहार.
मोनल को छितरे और बिखरे जंगल पसंद है जहां पर कम पेड़ हो और विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष पाए जाते हों ऐसे जंगलों में मोनल रहना पसंद करते हैं, यह एक ऊंचाई पर रहने वाला पक्षी है यह हमेशा 2000 समुद्र तल से 2000 मीटर से 4500 मीटर की ऊंचाई के बीच पाया जाता है.
गर्मियों के दिनों में हिमालयन मोनल अक्सर घास के मैदानों में घूमते हुए देखे जा सकते हैं यह सिटी की तरह आवाज निकालते हैं, सर्दियों के मौसम में यह कम ऊंचाई वाले स्थानों पर आ जाते हैं.
दूसरे पक्षियों की तरह हिमालयन मोनल भी सर्वाहारी होते हैं यह बीज अंकुर छोटे फल तथा छोटे कीट पतंगे खाते हैं इन्हें इल्लियाँ और लार्वे खाना भी पसंद है, ये अपनी चोंच से जमीन खोदकर उसके अंदर से जड़ें और कीड़े निकाल कर खाते हैं, मोनल पक्षी अक्सर अकेले या जोड़ों में दिखाई देते हैं कभी-कभी यह समूह में भी दिखाई देते हैं, बसंत के मौसम में यह अपने इलाके की रक्षा करते हैं तथा दूसरे पक्षियों को इलाके में नहीं आने देते.
हिमालयन मोनल का प्रजनन काल अप्रैल से लेकर अगस्त के बीच होता है, एक मोनाल पक्षी 12 से 24 महीनों में व्यस्क अवस्था तक पहुंचता है, प्रजनन काल के दौरान मोर की तरह ही मोनाल भी अपने रंग बिरंगे पंखों को दिखाकर मादा को आकर्षित करता है, प्रजनन काल में इनकी आवाज सारी दिन सुनी जा सकती है, यह अपना घोंसला किसी पहाड़ी की ढलान पर झाड़ियों के नीचे बनाते हैं
मोनाल पक्षी एक बार में 2 से 5 अंडे देते हैं जिनका रंग फीका सफेद होता है इन पर भूरे धब्बे होते हैं, इन अंडों को 26 से 29 दिन तक घोसले में रखकर सेय जाता है, मादा मोनाल पक्षी ही अंडों को सेती है नर मोनाल पक्षी घोंसले की सुरक्षा करता है, 6 महीने तक मोनल पक्षी के बच्चे माता-पिता के साथ रहते हैं इसके बाद यह स्वतंत्र हो जाते हैं.
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