पक्षी घोंसला क्यों बनाते हैं? Why birds make nest hindi
पक्षी पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे सुंदर प्राणियों में से एक प्राणी है, पृथ्वी पर हजारों प्रकार के सुंदर रंग बिरंगे पक्षी पाए जाते हैं, छोटे और बड़े सभी आकार के पक्षी पाए जाते हैं, जहां एक और हमिंग बर्ड पक्षी का वजन मात्र ढाई ग्राम होता है वहीं दूसरी ओर ऑस्टरिच जैसे बड़े पक्षी भी मौजूद हैं जिनका वजन 160 किलो तक होता है, सभी पक्षों में एक बात समान रूप से देखने को मिलती है वह यह कि सभी पक्षी अंडे देते हैं, कुछ दिनों के तक पक्षी इन अंडों को गर्म रखने के लिए सेते हैं मतलब कि यह दिन रात उन अंडों पर बैठ कर अपने शरीर की गर्मी उन्हें देते हैं इस प्रक्रिया को सेना कहते हैं.
अलग-अलग प्रकार के पक्षी अलग-अलग प्रकार के घोंसले बनाते हैं, लेकिन अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि पक्षी घोंसला क्यों बनाते हैं? पक्षियों के इस व्यवहार का कारण क्या है?
अगर ध्यान से देखा जाए तो सभी पक्षी घोंसला नहीं बनाते, पक्षियों की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं जो कि जमीन पर ही अंडे दे देती है, कुछ पहाड़ों की चट्टानों पर अंडे देते हैं, कोयल जैसे परजीवी पक्षी brood parasites अपना स्वयं का घोंसला नहीं बनाते हैं बल्कि किसी और पक्षी के घोसले में अंडे देते हैं.
पक्षियों का विकास डायनासौरों की एक प्रजाति से हुआ है, कई डायनासोर घोंसला बनाते थे और अपने अंडे उसमे सुरक्षित रखते थे, पक्षियों का यह व्यहवार काफी पुराना है.
ज्यादातर पक्षी प्रजनन काल में एक नया घोंसला बनाते हैं, कुछ पक्षी ऐसे भी हैं जो अपने घोसले को ठीक करके उसे कई सालों तक इस्तेमाल करते हैं, पक्षियों की ज्यादातर प्रजातियों में मादा पक्षी ही घोंसला बनाती है हालांकि इस काम में नर पक्षी भी मदद करता है, कुछ कम प्रजातियों में इसका उल्टा व्यवहार भी देखा जाता है जहां केवल नर पक्षी ही सुंदर घोसला बनाकर मादाओं का आकर्षित करता है.
पक्षियों के घोंसले बनाने का कारण अंडों को सुरक्षा प्रदान करना है, घोंसले के अंदर अंडे परभक्षियों से और मौसम के प्रभाव से सुरक्षित रहते हैं, उन पर तापमान धूप और हवाओं का असर नहीं होता है इससे पक्षी अपने प्रजाति का जिंदा रहना सुनिश्चित करते हैं.
सभी पक्षी घोंसला नहीं बनाते हैं
वह पक्षी जो घोंसला नहीं बनाते हैं उसके पीछे मुख्य कारण यह है कि उन्हें इसकी आवश्यकता ही नहीं पड़ती क्योंकि वह ऐसे माहौल में रहते हैं जहाँ घोसले की कोई आवश्यकता नहीं है, जैसे कि पेंग्विन पक्षी पर बर्फीले माहौल एंटार्कटिक में रहता है अगर पेग्विन पक्षी जमीन पर घोंसला बनाए तो उसका अंडा बर्फ में जैम सकता है इसीलिए नर पक्षी अंडे को अपने पैरों के बीच दबा कर रखता है, ताकि उस का तापमान सही बना रहे.
उत्तरी अमेरिका में कुछ इस प्रकार के उल्लू पाए जाते हैं जो की जमीन खोद कर उसके अंदर अपने अंडे को रखते हैं, इस तरह से वह अपने अन्डो को परभक्षियों और रेगिस्तानी गर्म वातावरण से बचा लेते.
छोटा सा हमिंग बर्ड पक्षी के अंडे मटर के दाने के बराबर होते हैं, सुरक्षा के लिए हमिंग बर्ड पक्षी छोटा सा लटकता हुआ घोंसला बनाता है, यह घोषणा अक्सर मकड़ी के जाले से बनाया जाता है.
पक्षियों के घोंसला बनाने के व्यवहार को इस प्रकार समझा जा सकता है कि जब घोंसले की आवश्यकता होती है तब ही उसे बनाया जाता है, यह सभी पक्षियों के लिए अनिवार्य नहीं है, घोंसला बनाने से पक्षियों को कई फायदे प्राप्त होते हैं, जैसे कि उनके अंडों को बरसात हवा धूप आदि से बचाव मिलता है, घोसले में अंडे और पक्षियों के बच्चे एक निश्चित स्थान पर रखे रहते हैं, इधर-उधर नहीं जाते जिससे कि शिकारियों से बच जाते हैं, घोंसले में अंडे और बच्चे रखने से नर तथा मादा पक्षी इन का आसानी से ध्यान रख पाते. अंडे से बच्चे निकलने के लिए सही तापमान होना बहुत आवश्यक है पक्षियों के घोंसले इस काम में बहुत मदद करते हैं वे अन्डो के आसपास तापमान को स्थिर बनाए रखते हैं.
यही कारण है कि पक्षियों की प्रजातियां घोंसला बनाती है तथा कुछ प्रजातीय एसी है जो घोंसला नहीं बनाती क्यों की वातावरण के अनुसार उन्हें घोंसले की आवश्यकता नहीं होती है.
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