अल्बर्ट आइंस्टाइन ने दुनिया को किस तरह बदल दिया
अल्बर्ट आइंस्टाइन को विश्व के महान वैज्ञानिकों में गिना जाता है ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्बर्ट आइंस्टाइन का आधुनिक विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, क्या आप जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रमुख खोजें और आविष्कार क्या है? अल्बर्ट आइंस्टाइन का तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान है? आइंस्टाइन ने ऐसा क्या किया जिसकी वजह से उन्हें आज भी जीनियस माना जाता है, यही नहीं जीनियस शब्द ही आइंस्टाइन का पर्यायवाची हो गया है!!!
जीनीयस सुनते ही आइंस्टाइन की तस्वीर दिमाग में आती है. तो आइए यह जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टाइन के प्रमुख खोज और आविष्कार क्या क्या है? जिसे उन्होंने विज्ञान की दुनिया को बदल दिया.
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने ऐसा क्या किया जो उन्हें महान बनाता है?
अल्बर्ट आइंस्टीन एक भौतिक शास्त्री थे, साथ ही साथ वह एक बहुत ही उच्च गणितज्ञ थे, वे वर्तमान समय के सबसे बड़े विचारकों में से एक थे जिन्होंने विज्ञान को एक नई दिशा दी . अल्बर्ट आइंस्टाइन को मुख्यतः उनकी थ्योरी और वैज्ञानिक सिद्धांतों की वजह से विश्व भर में जाना जाता है.
अल्बर्ट आइंस्टाइन किस लिए प्रसिद्ध है?
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने विज्ञान के विकास में कई योगदान दिए, इनमें प्रकाश, आणविक ऊर्जा, स्पेस एक्सप्लोरेशन, आदि के क्षेत्र प्रमुख हैं, अल्बर्ट आइंस्टाइन के वैज्ञानिक सिद्धांतों ने द्रव्यमान गुरुत्वाकर्षण, व्योम, और समय को समझने में हमारी मदद की और विज्ञान को एक नई दिशा दी.
अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रमुख उपलब्धियां
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कई ऐसे विचार प्रस्तुत किए इससे विज्ञान का विकास हुआ और कई तरह की खोजें करना संभव हो सकी अल्बर्ट आइंस्टाइन के कुछ कार्य जिनसे विज्ञान का विकास हुआ इस तरह से हैं
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प्रकाश क्वांटम थ्योरी
आइंस्टाइन के प्रकाश क्वांटम थ्योरी ने ही बताया कि प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे कणों फोटोन से मिलकर बना हुआ है, यह फोटोन तरंगों की तरह भी व्यवहार करते हैं. इस सिद्धांत के द्वारा उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट को भी समझाया, जब किसी धातु पर प्रकाश पड़ता है तो उसमें से इलेक्ट्रॉन निकलने लगते हैं इसे ही फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहा जाता है, आइंस्टाइन ने इसकी सही व्याख्या की.
इसी सिद्धांत की वजह से आगे चलकर टेलीविजन सौर ऊर्जा पैनल, एलसीडी पैनल आदी का आविष्कार संभव हो सका.
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आइंस्टीन का समीकरण E=MC2
अपने इस समीकरण से अल्बर्ट आइंस्टाइन ने ऊर्जा और द्रव्यमान में संबंध बताया और यह साबित किया कि द्रव्यमान को ऊर्जा में बदला जा सकता है तथा प्रकाश ऊर्जा का ही संघनित रूप है. अल्बर्ट आइंस्टाइन के इस सिद्धांत के द्वारा न्यूक्लियर एनर्जी और परमाणु बम का आविष्कार संभव हो सका. आण्विक बम के अविष्कारक ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया जिन देशों के पास परमाणु बम थे वे सुपर पावर बन गए.
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कणों की ब्राउनी गति
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कणों कि ब्राउनी गति का अध्ययन कर अणुओं और परमाणुओं के अस्तित्व को साबित किया उन्होंने किसी द्रव्य में छोटे-छोटे कणों की अनियमित गति की व्याख्या की इस वैज्ञानिक सिद्धांत ने भी विज्ञान के विकास में योगदान दिया.
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स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी सापेक्षता का विशिष्ट सिद्धांत
आइंस्टीन के इस सिद्धांत ने यह समझने में मदद की की समय और गति सापेक्ष होते हैं तथा प्रकाश की गति हर माध्यम में निश्चित रहती है इस सिद्धांत के अनुसार प्रकृति के नियम पूरे यूनिवर्स में एक ही तरह से काम करते हैं.
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जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत
इस वैज्ञानिक सिद्धांत के द्वारा अल्बर्ट आइंस्टाइन ने समझाया कि ग्रेविटी गुरुत्वाकर्षण और कुछ नहीं बल्कि समय और व्योम का घुमाव है. द्रव्यमान अपने आसपास के समय और व्योम को घुमा देता है जिससे गुरुत्वाकर्षण पैदा होता है. यह ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी तनी हुई चादर में एक लोहे की गेंद रखने पर चादर नीचे झुक जाती है.
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आइंस्टाइन का मेनहेटटन प्रोजेक्ट
यह आइंस्टाइन का एक रिसर्च प्रोजेक्ट था जिसे अमेरिका ने सपोर्ट किया था इसी प्रोजेक्ट में आगे चलकर 1945 में परमाणु बम का निर्माण किया गया .लेकिन जब जापान पर परमाणु बम गिराया गया और उसके विनाशकारी असर को पूरी दुनिया ने देखा तो अल्बर्ट आइंस्टाइन ने परमाणु बम के विरोध में अभियान शुरू किया था.
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आइंस्टाइन का रेफ्रिजरेटर
आइंस्टाइन के इस अविष्कार की बहुत कम लोगों को जानकारी है!!! आइंस्टाइन ने एसा रेफ्रिजरेटर तैयार किया था जो कि बिना विद्युत या और किसी तरह की उर्जा से चलता था इस रेफ्रिजरेटर में अमोनिया, पानी और ब्यूटेन का इस्तेमाल किया गया था. वर्तमान समय में जब ऊर्जा के स्रोत कम होते जा रहे हैं ऐसे में आइंस्टाइन का यह अविष्कार बिना ऊर्जा के रेफ्रिजरेटर बनाने में उपयोगी हो सकता है.
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आइंस्टाइन ने ही बताया कि आसमान का रंग नीला क्यों होता है
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने ही इस बात की सही सही व्याख्या कि की आकाश का रंग नीला क्यों होता है हालांकि यह एक सामान्य बात है परंतु उस समय इसके वैज्ञानिक सिद्धांत को लोग नहीं जानते थे आइंस्टाइन ने इसकी सही व्याख्या की.
इस तरह से अपने आविष्कारों और वैज्ञानिक सिद्धांतों से अल्बर्ट आइंस्टाइन ने आधुनिक विज्ञान को पूरी तरह से बदल दिया जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा इसलिए उन्हें जीनीयस कहा जाता है और उनकी गणना विश्व के महानतम वैज्ञानिकों में की जाती है