भारत में उपयोग होने वाले आपातकालीन सुविधाओं के फोन नंबर क्या है
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इमरजेंसी टेलीफोन नंबर्स क्या होते हैं?
आपने अक्सर देखा होगा कि एंबुलेंस और अग्निशमन सेवाओं को बुलाने के लिए तीन अंको का टेलिफोन नंबर होता है, क्या आपने कभी सोचा है कि यह आपातकालीन नंबर क्या होते हैं तथा इनके पीछे क्या इतिहास है. इन आपातकालीन नंबर के बारे में के बारे में पता होना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है क्योंकि आपातकालीन परिस्थिति कभी भी प्रकट हो सकती है ऐसी स्थिति में अगर आपके मोबाइल में आपातकालीन नंबर सेव है या आप की डायरी में लिखे हुए हैं तो आप तुरंत सुविधाओं को बुला सकते हैं. तो अगर आपके पास यह इमरजेंसी टेलीफोन नंबर नहीं है तो इन्हें यहां से नोट कर लीजिए या अपने मोबाइल में सेव कर लीजिए जीवन में कभी ना कभी यह आपके अवश्य काम आएंगे.
3 अंकों के इमरजेंसी टेलिफोन नंबर्स की शुरुआत कैसे हुई?
इमरजेंसी टेलीफोन नंबर सिर्फ 3 अंकों के टेलीफोन नंबर होते हैं जिन्हें आसानी से तुरंत डायल किया जा सकता है तीन नंबर का होने की वजह से आसानी से याद भी रखा जा सकता है इस कॉन्सेप्ट की शुरुआत 1937 में लंदन मैं की गई और पहला तीन अंको का इमरजेंसी नंबर 999 था,
लंदन की विमपोल स्ट्रीट पर आग लग गई थी, जिस में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी, जिस मकान में आग लगी थी उसके पड़ोसी ने फायर बिग्रेड को फोन करने की कोशिश की परंतु उसे टेलीफोन ऑपरेटर ने वेट करने के लिए कहा और इसमें काफी वक्त लग गया, इस घटना से क्रोधित होकर उस पड़ोसी ने टाइम्स अखबार को एक पत्र लिखा जिसमें घटना का पूरा वर्णन किया गया था तथा बताया गया था कि टेलीफोन न लगने की वजह से 5 महिलाओं की मृत्यु हो गई, सरकार ने टाइम्स में छपे इस पत्र पर ध्यान दिया और 3 अंकों का इमरजेंसी नंबर शुरू किया.
अमेरिका में आपातकालीन सुविधाओं के लिए 911 का इस्तेमाल किया जाता है सन 1959 में कनाडा के विनिपेग शहर में सबसे पहले 3 अंकों का आपातकालीन फोन नंबर इस्तेमाल किया गया जिसे सन 1968 में अमेरिका ने अपना लिया. हर देश में आपातकालीन सुविधाओं के अलग-अलग नंबर होते हैं, यह हमेशा मुख्यतः दो या तीन अंको के होते हैं?
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर तीन अंको के क्यों होते हैं?
अगर आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 10 अंकों के हो तो कोई भी उन्हें याद नहीं रख पाएगा और इन्हें डायल करने में भी काफी टाइम लगेगा इसीलिए ज्यादातर आपातकालीन नंबर दो या तीन अंको के ही रखे जाते हैं ताकि उन्हें आसानी से याद रखा जा सके और उन्हें तुरंत डायल किया जा सके यही कारण है कि इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 3 अंकों के होते हैं.
भारत में उपयोग होने वाले इमरजेंसी टेलीफोन नंबर
भारत में उपयोग होने वाले कुछ प्रमुख इमरजेंसी टेलीफोन नंबर इस प्रकार है
NATIONAL EMERGENCY NUMBER 112
POLICE 100
FIRE 101
AMBULANCE 102
Disaster Management Services 108
Women Helpline 1091
Women Helpline – ( Domestic Abuse ) 181
Air Ambulance 9540161344
Aids Helpline 1097
Anti Poison ( New Delhi ) 1066 or 011-1066
Disaster Management ( N.D.M.A ) 1078
Deputy Commissioner Of Police – Missing Child And Women 1094
Railway Enquiry 139
Senior Citizen Helpline 1091 , 1291
Medical Helpline in Andhra Pradesh, Gujarat, Uttarakhand, Goa, Tamil Nadu, Rajasthan, Karnataka, Assam, Meghalaya, M.P And U.P 108
Railway Accident Emergency Service 1072
Road Accident Emergency Service 1073
Road Accident Emergency Service On National Highway For Private Operators 1033
ORBO Centre, AIIMS (For Donation Of Organ) Delhi 1060
Kisan Call Centre 1551
Relief Commissioner For Natural Calamities 1070
Children In Difficult Situation 1098
Central Vigilance Commission. 1964
Indian Railway Security Helpline 1322
LPG Leak Helpline 1906
अपने प्रदेश के हेल्पलाइन नंबर जानने के लिए आप इस उपयोगी वेबसाइट पर जा सकते हैं www.indianhelpline.com