ब्लैक होल और भयंकर गुरुत्वाकर्षण
What is Black Hole in Hindi black hole kya hota he?
ब्लैक होल क्या होता है?
ब्लैकहोल अंतरिक्ष में एक एसी जगह है जहां पर गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक होता है, यह इतना भयंकर होता है कि पदार्थ तो क्या प्रकाश भी इसके प्रभाव से नहीं बच पाता. अपने आसपास के सभी प्रदार्थ को यह अपनी तरफ खींच लेता है, इतना भयंकर गुरुत्वाकर्षण इसलिए होता है क्योंकि एक बहुत ही छोटे स्थान पर अत्यधिक मात्रा में पदार्थ जमा हो जाता है, बड़े तारों के सुपरनोवा विस्फोट के बाद ब्लैक होल बनते हैं.
चुकी ब्लैक होल में से प्रकाश भी नहीं निकल पाता इसलिए हम उसे नहीं देख सकते हैं, ब्लैक होल अदृश्य होते हैं, केवल स्पेशल तरह के टेलीस्कोप से ही उन्हें डिटेक्ट किया जा सकता है, आसपास के तारे जब अलग तरह का व्यवहार करते हैं तो इस बात का अंदाजा होता है की यहां पर कोई ब्लैक होल मौजूद है.
ब्लैक होल्स कितने बड़े होते हैं?
ब्लैक होल्स छोटे भी हो सकते हैं और बड़े भी! वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे छोटे ब्लैक होल एक अणु के बराबर होते हैं यह ब्लैक होल आकार में बहुत छोटे होते हैं लेकिन इनके अंदर किसी पर्वत के बराबर द्रव्यमान होता है
कुछ ब्लैक होल बड़े होते हैं इन्हें स्टेलर ब्लैक होल कहते हैं, इन का द्रव्यमान सूर्य से 20 गुना अधिक होता है इस तरह के कई कई ब्लैक होल हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में विद्यमान है.
सबसे बड़े ब्लैक होल सुपरमैसिव ब्लैक होल्स होते हैं यह आकाशगंगा के केंद्र में पाए जाते हैं इनका द्रव्यमान लाखों सूर्य के बराबर होता है, वैज्ञानिकों के पास इस बात का प्रमाण है कि हर गैलेक्सी के केंद्र में एक महा ब्लैक होल य सुपरमैसिव ब्लैक होल मौजूद है.
हमारी गैलेक्सी मिल्की वे के केंद्र में जो सुपरमैसिव ब्लैक होल है उसका नाम सेजीटेरियस A है इसका द्रव्यमान 40 लाख सूर्य के बराबर है, और इसका आकार लाखों प्रथ्वियों के बराबर है.
ब्लैक होल कैसे बनते हैं?
वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे छोटे ब्लैक होल तब बने जब बिग बैंक की प्रक्रिया द्वारा यूनिवर्स की शुरुआत हुई.
स्टेलर ब्लैक होल्स बड़े तारों के सुपरनोवा विस्फोट के बाद बनते हैं इस विस्फोट में तारे का केंद्र संकुचित होकर एक ब्लैक होल का निर्माण करता है.
सुपरमेसिव ब्लैक होल्स किस प्रकारअस्तित्व में आए यह आज भी एक रहस्य है!!! वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तभी बने थे जबकि गैलेक्सी अस्तित्व में आ रही थी.
ब्लैक होल का पता वैज्ञानिक कैसे लगाते हैं?
किसी भी प्रकार के ब्लैक होल को देखा नहीं जा सकता!!! क्योंकि यह प्रकाश को अपने अंदर खींच लेते हैं लेकिन इन ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव आसपास के तारों ग्रहों और गैस पर साफ-साफ देखा जा सकता है, यदि वैज्ञानिक ऐसा तारा देखते हैं जो कि परिक्रमा कर रहा है परंतु उसे केंद्र में कोई दूसरा तारा नहीं है तो इसका अर्थ यही होता है कि वहां पर एक ब्लैक होल मौजूद है.
ब्लैक होल जब किसी तारे को निगलते हैं तो उसकी सारी गैस को अपने अंदर खींच लेते हैं इस प्रक्रिया में बहुत अधिक प्रकाश और विकिरण उत्पन्न होते हैं जिन्हें वैज्ञानिक आसानी से देख लेते हैं इस तरह वैज्ञानिक ब्लैक होल का आसानी से पता लगा लेते हैं.
क्या ब्लैकहोल पृथ्वी को नष्ट कर सकता है?
ब्लैक होल सारी गैलेक्सी में घूमकर तारों ग्रह को खाते नहीं रहते हैं, क्योंकि पृथ्वी के आस पास दूर दूर तक कोई भी ब्लैक होल मौजूद नहीं है, इसलिए पृथ्वी के ब्लैक होल में गिरने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है अगर सूर्य की जगह कोई ब्लैक होल उत्पन्न हो भी जाए तब भी पृथ्वी उसका चक्कर लगाती रहेगी उस में गिरेगी नहीं.
सूर्य कभी भी ब्लैक होल नहीं बनेगा क्योंकि वह एक छोटा तारा है और छोटे तारों में सुपरनोवा विस्फोट नहीं होते हैंइसलिए हम लोग ब्लैक होल के खतरे से सुरक्षित हैं हां अगर मिल्की वे में पाए जाने वाले स्टेलर ब्लैक होल्स घूमते घूमते कभी हमारे सौरमंडल के पास से गुजरे तो हमारे लिए संकट पैदा हो सकता है.
प्रकाश और फोटोन ब्लैक होल से क्यों नहीं निकल पाते?