मिलिए सौरमंडल के सबसे बड़े एस्टेरॉयड Asteroid से
दोस्तों, सबसे बड़े एस्टरॉयड का नाम सेरेस है, इसका आकार चंद्रमा से एक चौथाई के बराबर है, बाकी ग्रहों की तरह यह भी सूर्य का चक्कर लगाता रहता है, यह मंगल और जुपिटर के बीच पाए जाने वाले एस्टरॉयड बेल्ट में स्थित है, केवल सेरेस ही एसा स्टेरॉयड जो गोलाकार हे, सेरेस की खोज इटालियन खगोल शास्त्री जीयुसेप्पे पियाजी ने 1801 में की थी, जब वह एक नया ग्रह खोज रहे थे
वैज्ञानिकों ने मंगल और जुपिटर के बीच एक और गृह होने की भविष्यवाणी की थी, जीयुसेप्पे पियाजी इसी ग्रह को खोजने में लगे हुए थे, तभी उन्होंने सेरेस को खोजा, सेरेस को अब ड्वार्फ प्लेनेट या बोने गृह का दर्जा प्राप्त है. एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाने वाले एस्टरॉयडस में सेरेस सबसे बड़ा है
यह मंगल की कक्षा के थोड़ा करीब स्थित है, इसका व्यास लगभग 945 किलोमीटर है ,अगर आकार की तुलना में देखा जाए तो सेरेस का स्थान पूरे सौरमंडल में 33 वे नंबर पर आता है
क्या सेरेस पर जीवन है ?
सेरेस पूर्णता चट्टानों और बर्फ का बना हुआ है, पूरे एस्टरॉयड बेल्ट का 30% द्रव्यमान सेरेस में ही मौजूद है एस्टेरॉयड बेल्ट में केवल सेरेस ही ऐसा एस्टेरोइड है जो कि गोलाकार है, यह उसके गुरुत्व की वजह से है. नासा के यान डौन द्वारा भेजे गए सेरेस के फोटोज और डाटा में यह पता चला हे की इसके एक गड्डे क्रेटर के आस पास ओरगेनिक यौगिग भी मौजूद है, कार्बनिक और नाइट्रोजन योगिको के मिलने से सेरेस पर जीवन के पाए जाने के सम्भावना भी बढ़ गयी है ..इससे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं.
क्या सेरेस को नंगी आँखों से देखा जा सकता है?
सेरेस बहुत धुंधला होता है, इसलिए इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता, इसका मैग्निट्यूड 6.7 –9.3 के बीच होता है. नासा का स्पेसक्राफ्ट डॉन 6 मार्च 2015 को सेरेस के पास से गुजरा था और उसने सेरेस की कई तस्वीरें लेकर प्रथ्वी पर भेजी थी.