मंगल और शुक्र ग्रहों पर जीवन क्यों नहीं है?
पृथ्वी के सबसे दो करीबी ग्रह हैं शुक्र ग्रह और मंगल ग्रह, अगर हम सूर्य की तरफ जाएं तो सबसे पहले हम शुक्र ग्रह से गुजरेंगे और अगर हम सूर्य से दूर जाएं तो हमारा सामना मंगल ग्रह से होगा.
पृथ्वी पर जीवन की भरमार है परंतु पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह शुक्र ग्रह और मंगल ग्रह पर जीवन का नामोनिशान भी नहीं है ऐसे में प्रश्न उठता है कि मंगल और शुक्र ग्रह पर जीवन क्यों नहीं है
शुक्र ग्रह पर जीवन क्यों नहीं है?
ज्यादातर वैज्ञानिकों का यह मानना है कि शुक्र ग्रह पर जीवन असंभव है. शुक्र ग्रह एक बहुत खतरनाक जगह है, यह बहुत सूखा है और यहां पानी का कोई नामोनिशान नहीं है, यहां तापमान इतना ज्यादा है कि लीड भी पिघल जाता है,
यह वायुमंडल इतना घना है की इसका दबाव पृथ्वी के वायुमंडल की तुलना में 90 गुना ज्यादा है, जो अंतरिक्ष यान हमने शुक्र ग्रह पर उतारे वह कुछ ही घंटों में अत्यधिक तापमान और अत्यधिक दबाव में दबकर नष्ट हो गए, शुक्र ग्रह पूरी तरह बादलों से ढका हुआ है, यह बादल ग्रीन हाउस इफेक्ट पैदा करते हैं और इसके तापमान को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं
शुक्र ग्रह वैसे भी सूर्य के काफी करीब है करीब होने के कारण काफी गर्म है, इतनी गर्मी में जीवन का पनपना लगभग असंभव है, शुक्र ग्रह पर कई खतरनाक ज्वालामुखी भी है, ये लावा और जहरीली कैसे उगलते रहते हैं, शुक्र ग्रह का वायुमंडल मुख्यता कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड का बना हुआ है, शुक्र ग्रह की सतह का तापमान 470 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जबकि पृथ्वी पर है केवल 50 डिग्री सेल्सियस तक ही सिमित रहता है.
यही कारण है कि शुक्र ग्रह पर जीवन नहीं है
मंगल ग्रह पर जीवन क्यों नहीं है
मंगल सूर्य से चौथा ग्रह हे, सूर्य से दूर होने के कारण यह बहुत ठंडा है यह एक धूल भरे रेगिस्तान की तरह है इसका वातावरण बहुत पतला है सूर्य की किरणों को मंगल तक पहुंचने में 13 मिनट का समय लगता है जबकि यह पृथ्वी पर केवल 8 मिनट में ही पहुंच जाती है मंगल ग्रह पर भी एक दिन लगभग 24 घंटे का होता है मंगल ग्रह की सतह लाल रेगिस्तान की तरह है इस पर कुछ भूरी चट्टाने भी पाई जाती हैं मंगल का लाल रंग इस पर पाए जाने वाले आयरन ऑक्साइड की वजह से है
मंगल पर भयंकर धूल भरी आंधी और तूफान आते रहते हैं मंगल पर एक बहुत ही पतला वातावरण है जोकि कार्बन डाइऑक्साइड नाइट्रोजन और आर्गन गैस से बना हुआ है, मंगल पर तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस -153 डिग्री सेल्सियस तक की रेंज में रहता है क्योंकि मंगल का वातावरण बहुत पतला है इसलिए सूर्य से आने वाली ऊर्जा आसानी से पुनः स्पेस में खो जाती है, मंगल पर धूल भरी आंधीयों के कारण वातावरण बहुत धुंधला हो जाता है और धूल को पुनः सेटल होने में महीनों का समय लग जाता. है,
मंगल का अपना कोई मैग्नेटिक फील्ड नहीं है जिस तरह की हमारी प्रथ्वी का हे, इस वजह से यह सूर्य से आने वाली खतरनाक विकिरणों से नहीं बच पाता.
यही कारण है कि मंगल जीवन के लिए अनुपयुक्त ग्रह हे इसीलिए मंगल पर जीवन नहीं पाया जाता.