इंसान का दिमाग तेज है या कंप्यूटर का?

computer ka dimag tez he ya manushy ka
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क्या कंप्यूटर आपसे भी तेज़ दिमाग वाला है?

 दोस्तों कंप्यूटर दिन-ब-दिन विकसित होते जा रहे हैं, तेज से तेज होते जा रहे हैं, ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि कंप्यूटर ज्यादा तेज और शक्तिशाली है यह इंसान का दिमाग ज्यादा तेज है? आज के युग में कंप्यूटर काफी शक्तिशाली हो गए हैं, परंतु अभी भी वह मानव मस्तिष्क की बराबरी नहीं कर सकते,

कंप्यूटर किसी पहले से प्रोग्राम किए हुए सिंगल टास्क को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है, जिसके लिए उसे पहले से प्रोग्राम किया गया, जेसे की शतरंज खेलना अगर पहले से प्रोग्राम किया जाए तो कंप्यूटर मनुष्य को शतरंज में हरा सकता है, जैसा कि हमने आजकल के दौर में कई कंप्यूटर और मनुष्य की शतरंज प्रतियोगिता में देखा है, परंतु कंप्यूटर की तुलना मनुष्य के मस्तिष्क के कार्यों से की जाए तो वह मस्तिष्क से बहुत पीछे है,

वैज्ञानिकों ने कई सुपर कंप्यूटरों का निर्माण किया है, और कोशिश की है कि वह मानव मस्तिष्क के कार्यों की नकल कर सके, वैज्ञानिकों के अनुसार इंसान के दिमाग में 90 बिलियन नर्व सेल्स होते हैं जो कि आपस में जुड़े हुए होते हैं, ये इन नर्व सेल्स के बीच ट्रिलियन्स  कनेक्शन होते हैं जिन्हें सिनोप्सिस कहा जाता है,

इतने ट्रिलियन कनेक्शन हो जाने से इंसान के दिमाग में एक विशाल सर्किट का निर्माण होता हे जिसकी तुलना नहीं की जा सकती, इस विशालकाय सर्किट बोर्ड में ही दिमाग सिग्नल्स भेजता है.

मनुष्य के मष्तिष्क का सर्किट 

 इस बड़े नेटवर्क की नकल करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक बार प्रयास किया इसके लिए उन्होंने 82,000 प्रोसेसर्स की  आवश्यकता पड़ी, यह प्रोसेसर्स उन्होंने फास्ट सुपर कंप्यूटर में लगाए थे इतने सारे प्रोसेसर्स भी केवल मानव मस्तिष्क के केवल 1 सेकंड के कार्य की ही नकल कर सका!

 हाल ही में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है की  इंसान का दिमाग जैसा कि पहले समझा जाता था उससे 10 गुना ज्यादा सूचनाएं संग्रहित कर सकता है.  वैज्ञानिक मानते हैं की मानव मस्तिष्क की क्षमता एक पेटाबाइट के बराबर है एक पेटाबाइट 1000  टेराबाइट के बराबर होता है और एक टेराबाइट 1000 गीगाबाइट के बराबर होता है.

manushy ka dimag tez he computer se

इन्सान का दिमाग कई तरह की चीजों को करने में सक्षम है जैसे कि पैटर्न को पहचानना भाषा का ज्ञान, रचनात्मक थिंकिंग, जबकि दूसरी और कंप्यूटर्स पैटर्न को पहचानने की कला धीरे-धीरे सीख रहे हैं, फिर भी अभी तक कंप्यूटर्स की पैटर्न पहचानने की क्षमता बच्चों के बराबर है

इसका एक उदाहरण फेस रिकग्निशन है, इंसान कई तरह के चेहरे पहचान सकता है और चेहरे देखकर उम्र, थकान, मेल फेमेल, धर्म समुदाय, व्यक्ति के खुश होने और दुखी होने और ना जाने कितनी चीजों के बारे में बता सकता है कम्पुटर इस तरह के काम नहीं कर सकते.

कंप्यूटर

 कंप्यूटर उन कामों में ज्यादा सक्षम है जिन्हें स्टेप बाय स्टेप निर्देशों में विभाजित किया जा सकता है, इंसान का दिमाग उन कार्यों में ताकतवर है जिन कार्यों को आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं जा सकता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इस दिशा में कार्य कर रही हैं की विभिन्न कार्यों को छोटे-छोटे टुकड़ों में किस तरह बांटा जाए कि कंप्यूटर उन्हें समझ सके.

 वर्तमान समय में कंप्यूटरों का दिमाग सिर्फ सूचना देने वाले यंत्रों की तरह है वह अपने लिए कुछ भी नहीं सोच सकते और इंसानी दिमाग से उनकी तुलना नहीं की जा सकती इस तरह हम देखते हैं कि मानव मस्तिष्क ही कंप्यूटरों से श्रेष्ठ है.

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