कैक्टस के पौधे का अनुकूलन
कैक्टस का पौधा सभी पौधों में अनोखा होता है इसे आसानी से पहचाना जा सकता है, लगभग प्रत्येक प्रजाति के कैक्टस के पौधे पर काटे पाए जाते हैं, यह एक रेगिस्तानी पौधा है, कैक्टस के पौधे में कांटे ही नहीं बल्कि बहुत सुंदर रंग-बिरंगे फूल भी आते हैं, कैक्टस के पौधे मोटे तने के होते हैं तथा यह 40 फीट लंबे तक हो सकते हैं, इन विशालकाय कैक्टस पौधों को देखने के लिए प्रकृति प्रेमी अक्सर रेगिस्तान में बने कैक्टस पार्कों में जाते हैं, कैक्टस पौधे की कई प्रजातियां पाई जाती है, इनमें सबसे छोटी प्रजाति 3 इंच की fishhook cactus फिशहूक कैक्टस है तो वहीं 40 फीट लंबा saguaro cactus भी होता है.
कैक्टस पथरीले मैदानों और रेगिस्तान में उगते हैं, कैक्टस के पौधे में रेगिस्तान के गर्म और सूखे माहौल में रहने के लिए एडेप्टेशन विशेष अनुकूलन उत्पन्न हो गया है.
कैक्टस के पौधे का अनुकूलन Adaptations in Cactus
कैक्टस का पौधा अपने अनुकूलन की वजह से रेगिस्तान में भी पनप सकता है, दूसरे रेगिस्तानी पौधों में भी हमें कांटे और रसदार तना देखने को मिलता है परन्तु कैक्टस के पौधे में रेगिस्तान में रहने के अनुकूलन अपने उच्चतम स्तर में दिखाई देते हैं.
कैक्टस के पौधे में कई प्रकार के विशेष अनुकूलन पाए जाते हैं, कैक्टस बहुत कम वर्षा के जल का भी उपयोग कर लेता है कैक्टस की जड़ें जमीन कि सतह के बहुत पास होती है जिससे कि कम वर्षा में गिरने वाला थोड़ा पानी भी इसकी जड़ें सोख लेती हैं, इस पानी को यह अपने मोटे तने में सुरक्षित रखता है जो कि से सख्त सूखे और गर्मी के मौसम में काम आता है, कैक्टस की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं जिनके तने पानी सोख कर मोटे हो जाते हैं जब इस पानी का इस्तेमाल कर लिया जाता है तो यह पतले हो जाते हैं, कैक्टस के पौधे की बहरी बनावट ऐसी होती है कि इस पर बनी सिलवटे पानी को इसकी जड़ों तक पहुंचा देती है.
गर्मी के मौसम में जब पानी उपलब्ध नहीं होता है तो कैक्टस के कई पौधे अपनी पत्तियां गिरा देते हैं और निष्क्रिय हो जाते हैं, लेकिन ऐसी अवस्था में भी कैक्टस का पौधा फोटोसिंथेसिस की प्रकिर्या से अपना भोजन बनाता रहता है इसका हरा तना फोटोसिंथेसिस से पौधे के लिए खाना बनाता है, पत्तों के ना होने से कैक्टस काफी पानी बचा लेता है, क्यों की पत्तियों की सतह से अधिक मात्रा में पानी वाष्पीकृत होता है.
कैक्टस के पौधे पर पाए जाने वाले बहुत से कांटे इसे छाया प्रदान करते हैं, जिससे कि यह आसपास के वातावरण से ठंडा रहता है, कई प्रकार के barrel cactus ऐसे हैं जो कि दक्षिण दिशा की तरफ झुक जाते हैं ताकि यह दिन में सूरज की गर्मी से बच सकें, कैक्टस के पौधे को अनुकूलन की एक कीमत भी चुकानी पड़ती है और वह कीमत है धीमा विकास, कैक्टस के पौधे बहुत ही धीमे बढ़ते हैं इनके बढ़ने की गति 0.25 इंच प्रतिवर्ष होती है.
कैक्टस के पौधे कहां पाए जाते हैं?
कैक्टस के पौधों की कई प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है, यह मुख्यतः रेगिस्तान में ही पाए जाते हैं, कैक्टस के पौधे पर फूल मार्च से मई के महीने में आते हैं, अलग अलग कैक्टस की जातियों के पौधे में अलग-अलग प्रकार के फूल आते हैं जिनका रंग गहरे नीले से लेकर सफेद क्रीम कलर तक होता है.
सबसे बड़ा कैक्टस का पौधा कौन सा होता है तथा यह कहां पाया जाता है
सबसे बड़े आकार का कैक्टस का पौधा Saguaro है जोकि arborescent cactus कि प्रजाति का एक प्रकार है, यह कैक्टस का पौधा 40 फीट तक लंबा हो होता है, यह पौधा अमेरिका के एरिजोना राज्य के रेगिस्तान, मैक्सिको के रेगिस्तान तथा कैलिफोर्निया के पहाड़ी इलाकों में भी पाया जाता है,
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