एस्पिरिन क्या हौती है? Aspirin introduction
एस्पिरिन एक दवाई है जो कि बुखार, दर्द और सूजन आदि रोगों में उपयोग में ली जाती है, इसका पूरा नाम Acetylsalicylic acid (ASA) है, एस्प्रिन सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली दवाओं में से एक है. सूजन संबंधित सभी बीमारियों में इसका उपयोग होता है, जैसे की वात ज्वर. कावासाकी डिजीज, वात रोग आदि. हार्ट अटैक के तुरंत बाद एस्पिरिन दी जाती है जिससे की मृत्यु का खतरा कम हो जाता है. एस्पिरिन एक ऐसी दवाई है जो कि ब्लड क्लॉट्स को खत्म करती है तथा खून को पतला करती है.
एस्पिरिन कुछ खास किस्म के कैंसर की संभावना को भी कम करती है जैसे की आंतों का कैंसर, एस्प्रिन एक अच्छी दर्द निवारक दवा है और यह 30 मिनट में काम करना शुरू करती हैं, एस्पिरिन एक Nonasterodial anti inflammatory durg (NSAID) है.
एस्पिरिन की खोज किसने की? Discovery of Aspirin hindi
एस्पिरिन बनाने वाला एक यौगिक विलो ट्री Willo tree की पत्तियों में पाया जाता है, इस पेड़ की पत्तियों और इस रसायन का उपयोग ओषधिय रूप में लगभग 2400 सालों से किया जा रहा है, सन 1853 में चार्ल्स फेडरिक Charles frederic Gerhardt ने पहली बार Sodium salicylate और acetyl chloride को मिलाकर Acetylsalicylic acid एस्पिरिन तैयार किया, सन 1799 में बियर नाम की कंपनी ने इस रसायन को एस्प्रिन नाम से बनाना और दुनिया भर में बेचना शुरू किया एस्पिरिन की लोकप्रियता 20 वीं सदी में दिन-ब-दिन बढ़ती गई.
एस्प्रिन एक बहुत लोकप्रिय दवाई है, इसका दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाता है प्रतिवर्ष 40000 टन एस्पिरिन का उपयोग किया जाता है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी जरूरी दवाइयों की सूची में एस्पिरिन शामिल किया है.
एस्पिरिन किन बिमारियों में काम आती है Aspirin in which diseases
एस्पिरिन मुख्यतः बुखार, दर्द तथा सूजन में काम आती है, यह वाट ज्वर, जोड़ों की सूजन आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है, तथा शरीर में रक्त को पतला करने के लिए तथा रक्त के थक्के को घोलने के लिए भी एस्पिरिन का उपयोग किया जाता है, इसी वजह से एस्पिरिन को हार्ट अटैक के बाद दिया जाता है तथा ताकि रोगी के शरीर में जमे हुए रक्त के थक्के घुल जाएं और रक्त पतला होकर आसानी से बहने लगे.
निम्न प्रकार के रोगों में एस्प्रिन का उपयोग किया जाता है.
- दर्द
- बुखार
- जोड़ों की सूजन
- रक्त में थक्के की रोकथाम Blood Clot Prevention
- रक्त के थक्के को मष्तिष्क में जाने से रोकने
- संधिशोथ Rheumatoid Arthritis
- दिल के बीमारियाँ
- ह्रदय आघात heart attack
- Transient Ischemic Attack
- सिने में दर्द
- आघात
- सूजन
- वात ज्वर Rheumatic Fever
- दिल की सुजन
- Kawasaki बीमारी
- जोड़ों की सूजन
एस्पिरिन के साइड इफेक्ट्स क्या क्या हैं Aspirin ke side effects
एस्प्रिन का सबसे मुख्य साइड इफेक्ट पाचन क्रिया का गड़बड़ हो जाना है, इससे पेट दर्द भी उत्पन्न हो जाता है, एस्पिरिन के ज्यादा नुकसान से पेट में अल्सर तथा आंतों में रक्त स्त्राव आदि साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं, एस्प्रिन रक्त को पतला कर देता है जिससे कि चोट लगने पर रक्त नहीं जम पाता और व्यक्ति रक्तस्त्राव से पीड़ित हो जाता है, यह खतरा वृद्धजनों और उन रोगियों को अधिक रहता है जो अन्य NSAID दवाइयां लेते हैं.
एस्पिरिन के साथ दूसरी दवाइयां Aspirin and combiflam
एस्पिरिन को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए, अक्सर पूछा जाता है कि क्या एस्प्रिन को अन्य दर्द निवारक गोलियों के साथ लिया जा सकता है? इस प्रश्न का सही सही उत्तर आप का डॉक्टर ही आपको बता सकता है क्योंकि कई बार दर्द निवारक गोलियों का ओवरडोज ले लेने से आपको हानि हो सकती है इसलिए एस्प्रिन लेने या एस्पिरिन के साथ और कोई दवाई है जैसे कॉन्बिफ्लेम आदि साथ में लेने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें.
पेट दर्द में एस्पिरिन Aspirin in stomach pain
क्या पेट दर्द में एस्प्रिन लिया जा सकता है? पेट दर्द में एस्पिरिन नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि एस्पिरिन का साइड इफेक्ट ही पेट में दर्द उत्पन्न होना है, ऐसी स्थिति में आपका रोग बढ़ सकता है इसलिए केवल डॉक्टर की सलाह पर ही पेट दर्द में या किसी और बीमारी में आप एस्पिरिन का उपयोग कीजिए.
डेली एस्पिरिन थेरेपी Daily Aspirin Therapy
डेली एस्पिरिन थेरेपी कई रोगियों की जान बचा सकती है, पर यह थेरेपी हर व्यक्ति के लिए नहीं है बिना सोचे समझे एस्पिरिन को रोज़ लेने पर नुकसान भी हो सकता है
यदि किसी रोगी को हार्टअटैक या हृदयाघात होता है तो डॉक्टर उसे प्रतिदिन एस्प्रिन लेने की सलाह दे सकते हैं अगर किसी रोगी को हार्ट अटैक होने की प्रबल संभावना है तब भी डॉक्टर उस रोगी को डेली एस्प्रिन लेने की सलाह देते हैं.
कई बार लोग अपनी मर्जी से ही स्वयं प्रतिदिन एस्प्रिन खाना शुरू कर देते हैं जो कि गलत है, कभी कभी सर दर्द जुकाम वगैरह में एस्पिरिन लेना ठीक है, परन्तु रोज़ एस्पिरिन लेने से इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं यहां तक कि आंतरिक रक्तस्राव भी हो सकता है.
एस्पिरिन हार्ट अटैक को कैसे रोकता है?
एस्प्रिन रक्त के जमने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है जब आपको चोट लगती है और खून निकलने लगता है तो आप की कोशिकायें जिन्हें प्लेटलेट्स कहते हैं खून का थक्का जमा देती है और खून बहना बंद हो जाता है.
हृदय की रक्त वाहिकाओं में भी ब्लड का थक्का जम जाता है, जिससे की हार्टअटैक की संभावना उत्पन्न हो जाती है, एस्प्रिन इस रक्त के थक्के को घोल देता है तथा रक्त को जमने नहीं देता इससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.
क्या आपको हर रोज एक एस्प्रिन लेनी चाहिए?
डेली एस्पिरिन लेना शुरू करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए, डॉक्टर डेली एस्पिरिन थेरेपी केवल उन्ही मरीजों को देतें हैं जिन्हें पहले हार्ट अटैक आ चूका हो या बायपास सर्जरी हो चुकी है या हार्ट अटैक आने की प्रबल संभावना हो.
प्रतिदिन एस्पिरिन लेने के कई नुकसान हैं, इसलिए डॉक्टर भी से सिर्फ उन मरीजों को ही इसकी सलाह देते हैं जिनको इसकी सख्त आवश्यकता होती है.
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