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Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी
Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

Dillagi Shayari in Hindi

दिल्लगी शायरी

दोस्तों “दिल्लगी शेर ओ शायरी का एक मज़ेदार संकलन हम इस पेज पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों के “दिल्लगी के बारे में ज़ज्बात जान सकेंगे. अगर आपके पास भी दिल्लगी शायरी का कोई अच्छा शेर है तो उसे कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें.

सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है.

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अब तो मुझको लोग तेरे नाम से पहचानते हैं

दिल्लगी में रुतबा हमने भी पाया है।

 

ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती,

न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता !! -दाग़ देहलवी

 

नसीम-ए-सुबह गुलशन में गुलों से खेलती होगी,

किसी की आखरी हिचकी किसी की दिल्लगी होगी !!

 

बेहतर तो है यही के न दुनिया से दिल लगे,

पर क्या करें जो काम न बे-दिल्लगी चले !! – ज़ौक़

 

अब लगा भी दिल तब दिल्लगी होगी

हम उस पे अपनी मुह्ब्बत तमाम कर आऐ!

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Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

किसी ने दिल्लगी जाना,मगर हमारा दिल

ख़ुदा का घर था,मुसाफ़िर क़ियाम रखते थे.!!

 

तीर पे तीर खाए जा और यार से लौ लगाये जा

आह न कर , लबों को सी..इश्क़ है दिल्लगी नहीं ..!

 

दिल्लगी में बहुत जख्म मिले,

मेरा मेहबूब मुस्कुराता बहुत था।

 

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

तुझे महोब्बत कहा थी बस दिल्लगी थी ।।

वरना मेरे पल भर का बिछड़ना भी तेरे लिए क़यामत होता ।

 

हमने भी बहुत दिल लगा कर देख लिया है,

चलो थोड़ी दिल्लगी भी कर ले,

जहां वफ़ा नहीं जीत सकी,

थोड़ी बेवफाई ही आज़मा ले…

 

जितनी वफ़ा थी मुझमे, सब ख़त्म हो गयी है ।

आ जाओ इश्क़ में दिललगी करने वालो,

कि, मुझमे अब सिर्फ, बेवफाई रह गयी है ।।

 

दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल….

जिंदगी है थोड़ी, हमेशा मुस्कुराते चल..!!

 

ना तोल मेरी मोहब्बत को अपनी दिल्लगी से,

देख कर मेरी चाहत को अक्सर तराजू भी टूट जाते हैं

 

ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती..

न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता..

~दाग

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,

अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को….!!

 

तुझे हक दिया है मैंने, मेरे साथ दिल्लगी का..

मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल ना जाए…!?

 

बेहतर तो है यही की न दुनिया से दिल लगे..

पर क्या करें जो काम न बे-दिल्लगी चले|| ~ज़ौक

 

कोई दिल की ख़ुशी के लिए.,,, तो कोई दिल्लगी के लिए.

हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ.,,, अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए…!!!!

 

धड़कनें बढ़ा गई . उसकी जरा सी दिल्लगी ..

खुदा करे उसका मजाक ही सच हो जाए …

 

दूरियां बढ जाए,या फासले हो दरमियान

धडकन थम जाए,चाहे होठ हो बेजबान

दिल्लगी रहेगी शादाब,इश्क़ रहेगा नौजवान

दुनिया की किसे फिक्र,जब तु है मेहरबान

 

तुम्हारे बाद जो होगी वो दिल्लगी होगी ..

मोहब्बत वो थी जो तुम पे तमाम कर बैठे ..

 

कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर…

वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा..!!

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

आपकी इस दिल्लगी में हम अपना दिल खो बैठे

कल तक उस खुदा के थे आज आपके हो बैठे

प्यार सुना तो था दिवाना कर देता है

आज खुद करके हम भी होश खो बैठे

 

दिल्लगी नाम रख दिया किसने

दिल जलाने का जी से जाने का

~सरवर

 

एक सवाल छोड़ गए आज   भी वो मेरे जहन में…

कि ये रिश्ता मोहब्बत का था या सिर्फ़ दिल्लगी…!!!

 

मिले वो यार जो दिल की लगा कर

हमें बहला रहे हैं दिल्लगी से

 

माना दोस्त, कि दिल्लगी तेरी फ़ितरत नहीं,

फ़िर वाबस्तगी मुझसे, क्यों तेरी हसरत नहीं !

 

मज़ा आ रहा है दिलबर से दिल्लगी में,

नज़रे भी हमी पे है और पर्दा भी हमी से है…..

 

दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही

इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही

~दीप

 

दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया

दिल लगाने का नतीजा मिल गया

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

अनछुए अरमानोंको दिलके,

अब तेरी ही सूरत है…

इजाजत हो ना हो किसीकी,

तुझसे दिल्लगी की सहूलत है…

 

बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल्लगी से हम

बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी से हम

 

हमने तो बिना सोचे ही उनसे दिल्लगी कर ली,

गर सोच के करते तो कभी मुहब्बत ना होती !

 

बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया

वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह

~Qateel

 

मोहोब्बत एक बार ही होती है

तुम ने जो की वो दिल्लगी है जो बार बार होती है

 

दिल्लगी करते सभी हैं,दिल लगाते हैं नहीं..

दर्दे-दिल की है दवा क्या,?ये बताते हैं नहीं..

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

मोहब्बत मिलती है सभी को जिंदगी में कहीं कहीं

दिल भी टूटते है काँच की तरह दिल्लगी में

कहीं कहीं |

 

उनके ग़ेसूओं के साये में जिसनें जान दी

ख़ुदकुशी का मज़ा उनसे पूछिए…!

उनको बता कर हाल-ए-दिल,हंसा दिया

एैसे दिल्लगी का मज़ा उनसे पूछिए…!

 

वोह तेरी होश ओ हवास मे बेरुखी अच्छी ना थी

या फिर तेरी मुख़्तसर सी दिल्लगी अच्छी ना थी

 

मुख्तसर सी दिल्लगी से तो तेरी बेरुखी अच्छी थी

कम से कम ज़िंदा तो थे एक कस्मकस के साथ

 

मेरे सनम की दिल्लगी न पूछो यारो, गैर का ख़त

लिफाफे में रख कर उसपर मेरा ही पता लिख दिया

है…

 

कुछ पाबंदी भी लाज़मी है दिल्लगी के लिए..

किसी से इश्क़ अगर हो तो बेपनाह न हो

 

क़लम उठाते हैं, काग़ज़ से दिल्लगी करते हैं।

लफ़्ज़ों के शहर में एक पाक मोहब्बत करते हैं।

चलिए… कुछ लिखते हैं…

 

दिल्लगी, दिल्लगी नहीं नासेह

तेरे दिल को अभी लगी ही नहीं

~दाग_देहलवी

 

मौत से पहले हमें तो दिल्लगी ने मारा है

ऩूर के दीवाने है कुसूर नज़रों का सारा है

 

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

इश्कवाले हैं हम भी जज्बातों की कदर जानते हैं,

नहीं करते हैं दिल्लगी किसी से दीवानों की कदर जानते है

 

दिल की इस लगी को न दिल्लगी समझिए ,

मौत का सामान है इश्क इसको न जिंदगी समझिए

 

अब इसके बाद लगा दिल तो फिर दिल्लगी होगी

हम तुम पर अपनी मोहब्बत तमाम कर बैठे

 

चाहत का दिल में नामो-निशाँ ना रहे,

या तो ख़त्म हो कशमकश तेरी, या मेरी दिल्लगी का आशियाँ ना रहे…

 

तुम्हारी दिल्लगी देखो, हमारे दिल पर भारी है,

तुम तो चल दिए हंसकर, यहाँ बरसात जारी है..!!!

 

Dillagi Shayari in Hindi दिल्लगी शायरी

 

कुछ -ऐसी -बेरुखी से तकता है हमको दिलबर,

अब दिल्लगी भी उसकी दिलकी लगी लगी है

 

टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,

न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,

मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी..

 

भीतर भीतर कुछ बिखर गया ए यार,

खूं -ए- जिगर आँखों में उतर गया ऐ यार

तू दोस्ती को समझा बस दिल्लगी ऐ यार,

मैं दोस्ती को समझा मेरी जिंदगी ऐ यार

 

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Hinglish

Dillagi Shayari in Hinglish font

ab to mujhako log tere nam se pahachanate hain

dillage mein rutaba hamane bhe paya hai.

 

ye maza tha dillage ka ki barabar ag lagate,

na tumhen qarar hota na hamen qarar hota !! -dag dehalave

 

nasem-e-subah gulashan mein gulon se khelate hoge,

kise ke akhare hichake kise ke dillage hoge !!

 

behatar to hai yahe ke na duniya se dil lage,

par kya karen jo kam na be-dillage chale !! – zauq

 

ab laga bhe dil tab dillage hoge

ham us pe apane muhbbat tamam kar aai!

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

kise ne dillage jana,magar hamara dil

khuda ka ghar tha,musafir qiyam rakhate the.!!

 

ter pe ter khae ja aur yar se lau lagaye ja

ah na kar , labon ko se..ishq hai dillage nahin ..!

 

dillage mein bahut jakhm mile,

mera mehaboob muskurata bahut tha.

 

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

tujhe mahobbat kaha the bas dillage the ..

varana mere pal bhar ka bichhadana bhe tere lie qayamat hota .

 

hamane bhe bahut dil laga kar dekh liya hai,

chalo thode dillage bhe kar le,

jahan vafa nahin jet sake,

thode bevafae he azama le…

 

jitane vafa the mujhame, sab khatm ho gaye hai .

a jao ishq mein dilalage karane valo,

ki, mujhame ab sirf, bevafae rah gaye hai ..

 

dillage kar jindage se, dil laga ke chal….

jindage hai thode, hamesha muskurate chal..!!

 

na tol mere mohabbat ko apane dillage se,

dekh kar mere chahat ko aksar tarajoo bhe toot jate hain

 

ye maza tha dillage ka ki barabar ag lagate..

na tumhen qarar hota na hamen qarar hota..

~dag

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

hamare kadr unako hoge tanhaeyo mein ek din,

abhe to bahut log hain unake pas dillage karane ko….!!

 

tujhe hak diya hai mainne, mere sath dillage ka..

mere dil se khel jab tak tera dil bahal na jae…!?

 

behatar to hai yahe ke na duniya se dil lage..

par kya karen jo kam na be-dillage chale|| ~zauk

 

koe dil ke khushe ke lie.,,, to koe dillage ke lie.

har koe pyar dhoondhata hai yahan.,,, apane tanaha se zindage ke lie…!!!!

 

dhadakanen badha gae . usake jara se dillage ..

khuda kare usaka majak he sach ho jae …

 

dooriyan badh jae,ya fasale ho daramiyan

dhadakan tham jae,chahe hoth ho bejaban

dillage rahege shadab,ishq rahega naujavan

duniya ke kise fikr,jab tu hai meharaban

 

tumhare bad jo hoge vo dillage hoge ..

mohabbat vo the jo tum pe tamam kar baithe ..

 

kuchh yoon huva hal dillage mein chot khakar…

vafae fitarat mein rah gae aur mohabbat se vasta na raha..!!

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

apake is dillage mein ham apana dil kho baithe

kal tak us khuda ke the aj apake ho baithe

pyar suna to tha divana kar deta hai

aj khud karake ham bhe hosh kho baithe

 

dillage nam rakh diya kisane

dil jalane ka je se jane ka

~saravar

 

ek saval chhod gae aj   bhe vo mere jahan mein…

ki ye rishta mohabbat ka tha ya sirf dillage…!!!

 

mile vo yar jo dil ke laga kar

hamen bahala rahe hain dillage se

 

mana dost, ki dillage tere fitarat nahin,

fir vabastage mujhase, kyon tere hasarat nahin !

 

maza a raha hai dilabar se dillage mein,

nazare bhe hame pe hai aur parda bhe hame se hai…..

 

dil todana kise ka ye jidange nahe

ibadat the mere koe dillage nahe

~dep

 

dillage he dillage mein dil gaya

dil lagane ka nateja mil gaya

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

anachhue aramanonko dilake,

ab tere he soorat hai…

ijajat ho na ho kiseke,

tujhase dillage ke sahoolat hai…

 

be-zar ho chuke hain bahut dillage se ham

bas ho to umr bhar na milen ab kise se ham

 

hamane to bina soche he unase dillage kar le,

gar soch ke karate to kabhe muhabbat na hote !

 

badha ke pyas mere us ne hath chhod diya

vo kar raha tha muravvat bhe dillage ke tarah

~qataiail

 

mohobbat ek bar he hote hai

tum ne jo ke vo dillage hai jo bar bar hote hai

 

dillage karate sabhe hain,dil lagate hain nahin..

darde-dil ke hai dava kya,?ye batate hain nahin..

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

mohabbat milate hai sabhe ko jindage mein kahen kahen

dil bhe tootate hai kanch ke tarah dillage mein

kahen kahen |

 

unake gesooon ke saye mein jisanen jan de

khudakushe ka maza unase poochhie…!

unako bata kar hal-e-dil,hansa diya

eaise dillage ka maza unase poochhie…!

 

voh tere hosh o havas me berukhe achchhe na the

ya fir tere mukhtasar se dillage achchhe na the

 

mukhtasar se dillage se to tere berukhe achchhe the

kam se kam zinda to the ek kasmakas ke sath

 

mere sanam ke dillage na poochho yaro, gair ka khat

lifafe mein rakh kar usapar mera he pata likh diya

hai…

 

kuchh pabande bhe lazame hai dillage ke lie..

kise se ishq agar ho to bepanah na ho

 

qalam uthate hain, kagaz se dillage karate hain.

lafzon ke shahar mein ek pak mohabbat karate hain.

chalie… kuchh likhate hain…

 

dillage, dillage nahin naseh

tere dil ko abhe lage he nahin

~dag_dehalave

 

maut se pahale hamen to dillage ne mara hai

noor ke devane hai kusoor nazaron ka sara hai

 

 

dillagi shayari in hindi dillage shayari

 

ishkavale hain ham bhe jajbaton ke kadar janate hain,

nahin karate hain dillage kise se devanon ke kadar janate hai

 

dil ke is lage ko na dillage samajhie ,

maut ka saman hai ishk isako na jindage samajhie

 

ab isake bad laga dil to fir dillage hoge

ham tum par apane mohabbat tamam kar baithe

 

chahat ka dil mein namo-nishan na rahe,

ya to khatm ho kashamakash tere, ya mere dillage ka ashiyan na rahe…

 

tumhare dillage dekho, hamare dil par bhare hai,

tum to chal die hansakar, yahan barasat jare hai..!!!

 

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kuchh -aise -berukhe se takata hai hamako dilabar,

ab dillage bhe usake dilake lage lage hai

 

toote hue dil ne bhe usake lie dua mange,

na jane kaise dillage the us bevafa se,

mainne akhire khvahish mein bhe usake vafa mange..

 

bhetar bhetar kuchh bikhar gaya e yar,

khoon -e- jigar ankhon mein utar gaya ai yar

too doste ko samajha bas dillage ai yar,

main doste ko samajha mere jindage ai yar

 

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