Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the ad-inserter domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u484288794/domains/netinhindi.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the json-content-importer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u484288794/domains/netinhindi.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the add-search-to-menu domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u484288794/domains/netinhindi.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the health-check domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u484288794/domains/netinhindi.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
ईद उल फ़ित्र की बरकतें – Net In Hindi.com

ईद उल फ़ित्र की बरकतें

दोस्तों को शेयर कीजिये

फजाइले ईदुल फ़ित्र – ईद की बरकतें

(हुज्जतुल इस्लाम इमाम मोहम्मद गज़ाली र.अ. की किताब मुकाशफतुल क़ुलूब से हिंदी अनुवाद)

 

फजाइले ईदुल फ़ित्र – ईद नाम है माहे शव्वाल के पहले दिन और ज़िल हिज्जा के दसवें दिन का, इन दोनों को ईद इस लिये कहते हैं कि इस में लोग इताअते इलाही या’नी माहे रमज़ान के फ़र्ज़ रोजे और हज से फ़ारिग हुवे और इताअते रसूल सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम की तरफ़ लौट आए या’नी इन्हों ने शव्वाल के छे रोजे रखे और हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम की जियारत की तय्यारी की, या इन्हें ईद इस लिये कहा जाता है कि येह दिन हर साल लौट आते हैं, या इस लिये कि इस में अल्लाह तआला बार बार फज्लो करम करता है, या इस लिये कि इन के आने से खुशियां लौट आती हैं, बहर हाल तमाम तौजीहात में औद का मा’ना पाया जाता है।

सभी इस्लामी विषयों टॉपिक्स की लिस्ट इस पेज पर देखें – इस्लामी जानकारी-कुरआन, हदीस, किस्से हिंदी में

पहली नमाजे ईद कब हुई ?

हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लमने पहली नमाजे ईद सन 2 हिजरी में नमाजे ईदुल फित्र अदा की और फिर इसे कभी तर्क नहीं फ़रमाया लिहाज़ा येह सुन्नते मुअक्कदा है।

हज़रते अबू हुरैरा रज़ीअल्लाहो अन्हो से मरवी है कि अपनी ईदों को तक्बीरों से जीनत बख़्शो। हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम फ़रमाते हैं कि जिस शख्स ने ईद के दिन तीन सो मरतबा सुबहान अल्लाहे वबे हम्देही  पढ़ा और मुसलमान मुर्दो की रूहों को इस का सवाब हदिय्या किया तो हर मुसलमान की कब्र में एक हज़ार अन्वार दाखिल होते हैं और जब वोह मरेगा अल्लाह तआला उस की कब्र में एक हज़ार अन्वार दाखिल फ़रमाएगा।

हज़रते वब बिन मुनब्बेह रज़ीअल्लाहो अन्हो का कहना है कि शैतान हर ईद पर नौहा व जारी करता है और तमाम शैतान उस के इर्द गिर्द जम्अ हो कर पूछते हैं : ऐ आका ! आप क्यूं गज़बनाक और उदास हैं ? वोह कहता है : अल्लाह तआला ने आज के दिन उम्मते मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम को बख़्श दिया है लिहाज़ा तुम उन्हें लज्जतों और ख्वाहिशाते नफ्सानी में मश्गूल करो।

हज़रते वहब बिन मुनब्बेह रज़ीअल्लाहो अन्हो से येह भी मरवी है कि अल्लाह तआला ने ईदुल फ़ित्र के दिन जन्नत को पैदा फ़रमाया और दरख्त तूबा ईदुल फ़ित्र के दिन बोया, जिब्रील का वहय के लिये ईदुल फित्र के दिन इन्तिख़ाब किया और फ़िरऔन के जादूगरों की तौबा भी अल्लाह तआला ने ईदुल फ़ित्र के दिन कबूल फ़रमाई।

फ़रमाने नबवी है कि जिस ने ईद की रात तलबे सवाब के लिये कियाम किया, उस दिन उस का दिल नहीं मरेगा जिस दिन तमाम दिल मर जाएंगे।।)

हिकायत – हज़रत उमर की ईद का किस्सा

हज़रते उमर रज़ीअल्लाहो अन्हो ने ईद के दिन अपने बेटे को पुरानी कमीस पहने देखा तो रो पड़े, बेटे ने कहा : अब्बाजान ! आप किस लिये रोते हैं ? आप ने फ़रमाया : ऐ बेटे ! मुझे अन्देशा है कि आज ईद के दिन जब लड़के तुझे इस फटे पुराने कमीस में देखेंगे तो तेरा दिल टूट जाएगा, बेटे ने जवाब दिया : दिल तो उस का टूटे जो रज़ाए इलाही को न पा सका या उस ने मां या बाप की ना फ़रमानी की हो और मुझे उम्मीद है कि आप की रजामन्दी के तुफैल अल्लाह तआला भी मुझ से राजी होगा। येह सुन कर हज़रते उमर रज़ीअल्लाहो अन्हो रो पड़े, बेटे को गले लगाया और उस के लिये दुआ की।

किसी शाइर ने क्या खूब कहा है :

उन्हों ने कहा : कल ईद है तुम क्या पहनोगे ? मैं ने कहा ऐसी पोशाक जिस ने बन्दे को रफ़्ता रफ़्ता बहुत कुछ दिया। .फकर  और सब्र दो कपड़े हैं और इन के दरमियान दिल है जिस को इस का मालिक ईदों

और जुमुओं में देखता है। .तब मेरी ईद नहीं होगी, ऐ उम्मीद अगर तू मुझ से गाइब हो जाए और अगर तू मेरे सामने और कानों के करीब हुई तो फिर मेरी ईद है।

 

येह बात भी वारिद है कि जब ईद की सुब्ह होती है तो अल्लाह तआला फ़िरिश्तों को भेजता है जो ज़मीन पर उतरते हैं और वोह गली कूचों और रास्तों में खड़े हो जाते हैं और बुलन्द आवाज़ से कहते हैं जिसे जिन्न व इन्सान के सिवा तमाम मख्लूक सुनती है, वोह कहते हैं : ऐ मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम की उम्मत ! अपने रब्बे करीम की तरफ़ आओ, वो तुम्हें अताए अज़ीम देगा और तुम्हारे बहुत बड़े गुनाह मुआफ़ फ़रमाएगा और जब लोग ईदगाहों में आ जाते हैं तो अल्लाह तआला फ़िरिश्तों से फ़रमाता है : मजदूरी का बदला क्या है जब वोह अपना काम मुकम्मल कर ले ? फ़रिश्ते कहते हैं : उस का बदला येह है कि उसे पूरा अज्र दिया जाए, तब अल्लाह तआला फ़रमाता है : मैं तुम्हें गवाह बनाता हूं, मैं ने उन लोगों के लिये अपनी बखिशश और रज़ा को उन का अज्र बनाया है।

-इमाम मोहम्मद गज़ाली र.अ., किताब मुकाशफतुल क़ुलूब

 

Tags

Pahli eid, eid ul fitr, eid ki barkaten

 

 

 

दोस्तों को शेयर कीजिये
Net In Hindi.com