Hindi Whatsapp message –
कमल है ना
आँखे तालाब नहीं फिर भी भर आती हैं ,
दुश्मनी बीज नहीं फिर भी बोई जाती है,
होंठ कपडा नहीं फिर भी सील जातें हैं ,
किस्मत सखी नहीं फिर भी रूठ जाती है,
बुद्धि लोहा नहीं फिर भी जंग खा जाती है,
आत्मसम्मान शरीर नहीं फिर भी घायल हो जाता है,
और इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है।
Good one