Junun Shayari in Hindi
जुनूं पर हिंदी शायरी
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जूनून / जुनूं पर कुछ अच्छे शेर नेट इन हिंदी के पाठको के लिए हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है हिंदी शायरी
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मेरे जुनूं का नतीजा ज़रूर निकलेगा….
इसी स्याह समंदर से नूर निकलेगा!
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फिर इश्क़ का जुनूं चढ़ रहा है सिर पे ,
मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे !
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कहां कहां पुकार आई उसे हद मेरे जुनूं की
हाशिए से गुमा तक, मकां से ला-मकां तक
***
खुशफहमी अभी तक यही थी कार-ए- जुनूं में ,
जो मुझसे ना हो पाया किसी से ना होगा
***
ये जुनूं, और फिर उल्फत का जुनूं है
ए दोस्त मार डालेगा मुझे तुझ को खबर होने तक
*** Junun Shayari in Hindi
मुझे जुनूं नहीं ‘ग़ालिब’ वले ब-कौल-ए-हुज़ूर
फ़िराक़-ए-यार में तस्कीन हो तो क्यूँकर हो ~MirzaGhalib
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इक जुनूं है जो मुझे दश्त में ले जाता है…
वरना प्यासे तो समंदर की तरफ जाते हैं
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बक रहा हूं जुनूं मे क्या क्या कुछ
कुछ न समझे, खुदा करे कोई
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मेरे जुनूं को ज़ुल्फ के साये से दूर रख..
रस्ते में छाँव पाके मुसाफिर ठहर न जाए.
*** Junun Shayari in Hindi
हमको जुनूं क्या सिखलाते हो हम थे परेशां तुम से ज़ियादा
चाक किये हैं हम ने अज़ीज़ों चार गरेबां तुम से ज़ियादा ~मज़रुह_सुल्तानपुरी
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संग और हाथ वही वो ही सर ओ दाग ए जुनूं
वो ही हम होंगे वही दश्त ओ बियाबां होंगे ~मोमिन_खां_मोमिन
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आवारगी का आलम अब कुछ यूँ है…
भटके हैं लफ्ज़ मेरे, तेरा ही जुनूं है।
***
तू मेरे इश्क़े-जुनूं से अभीतलक नावाकिफ़ है..
जुर्रते शौक में हम हर हद से गुज़र जायेंगे.!
*** Junun Shayari in Hindi
नवाज़ीश ग़र ख़फा हो ज़ाऐ,मनाने क़े क़ई तरीक़े हो जाऐ,
तुझे हरदम सर ऑख़ो पे रख़ने का जुनूं,ग़र महोब्बत मेरी क़बुल हो ज़ाऐ
***
इश्क जुनूं जब हद से बढ़ जाए,
हंसते-हंसते आशिक सूली चढ़ जाए!!!
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नहीं रही अब जुनूं की ज़ंजीर पर वह पहली इजारदारी
गिरफ्त करते हैं करनेवाले खिरद पे दीवानपन से पहले ~Faiz
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अजब जुनूं है ये इंतक़ाम का जज़्बा
शिकस्त खा के वो पानी में ज़हर डाल आया ~अज़हर_इनायती
*** Junun Shayari in Hindi
मुहब्बत तो मुहब्बत है कहाँ सोचे क्या तकलीफें
जुनूं का एक अजब मंजर जिधर देखे सनम ही है
***
जुनूं मंजिल का, राहों में बचाता है भटकने से,
मेरी दीवानगी अपना ठिकाना ढूंढ लेती है !!
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जितने मुँह उतनी बातें हैं बढ़े क्यूँ ना जुनूं
सबने दीवाना बना रक्खा है दीवाने को ~कादिर
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फ़ारिग तो ना बैठेगा महशर में जुनूं अपना
या अपना गिरेबां चाक या दामने यज़दां चाक
*** Junun Shayari in Hindi
काफिले रेत हुए दश्त-ए-जुनूं में कितने !
फिर भी आवारा मिजाजों का सफर जारी है !!
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ये दश्त-ए-जुनूं दीवानों का, ये बज़्म-ए-वफ़ा परवानों की
ये शहर-ए-तरब रूमानों का, ये ख़ुल्द-ए-बरी अरमानों की
***
अक्ल वालों के मुकद्दर में ये ज़ोर ए जुनूं कहाँ
ये इश्क़ वाले हैं जो हर चीज़ लूटा देते हैं
***
दौलत-ए-जुनूं में….लग गयी आग सुकूँ में….
काश! के गरीब होते…अभी तक खुशनसीब होते
***
अफ़साने भी वही तराने भी वही हुजूम भी वही है जुनूं भी तो वही
हालाते मौजूद: इससे ज्यादा क्या वक्त गुज़रा ज़रूर मगर मंजर वही
*** Junun Shayari in Hindi
इक जाम-ए-जुनूं को लबों से लगाया है, दिल को इक नये ग़म का नशा कराया है,
ये कैसी हलचल मची है, महफ़िल में क्या कोई चाक जिगर महफ़िल में आया है
***
इधर मचलकर उन्हें पुकारे जुनूं मेरा…. . .
धड़क उठे उधर दिल तो समजो ग़ज़ल हुई.
***
तू इस कद़र ; मेरे इश्क़ का इम्तिहां भी न ले मेरी जां..
के तुझको पाने के जुनूं में /मैं खुद को ही फ़ना कर दूं
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फासले बढ़ते हैं जिस कदर मेरे दिल को करार आता है,
इस ग़म के बहर-ए-बेकरां में मेरे जुनूं पे निख़ार आता है।
***
ये किस मक़ाम पे लाया जुनूं, खुदा जाने,
संभल संभल के क़दम रख रहे हैं दीवाने .
*** Junun Shayari in Hindi
तेज़ रखना सरे हर खार को अए दश्त-ए-जुनूं
शायद आ जाए कोई आबला पा मेरे बाद ~मीर
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जुनूं कम है तो मुझ से शायरी कम हो रही है
तुम्हे पाकर मेरी दीवानगी कम हो रही है
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क्या क्या हुआ है हम से जुनूं में न पूछिये,
उलझे कभी ज़मीं से कभी आसमां से हम !! -मजाज़ लखनवी
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एक से एक जुनूं का मारा इस बस्ती में रहता है
एक हमीं हुशियार थे यारो एक हमीं बदनाम हुए
इब्ने इंशा
*** Junun Shayari in Hindi
‘फ़राज़’ अब कोई सौदा कोई जुनूं भी नहीं
मगर क़रार से दिन कट रहे हों, यूं भी नहीं। ~ Ahmad Faraz
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मेरी नजर को जुनूं का पयाम दे साकी मेरी हयात को ला फानी शाम दे साकी
ये रोज रोज का पिना मुझे पसंद नही, कभी न होश मे आऊ वो जाम दे साकी
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कारवान-ए-जुनूं दे रहा है सदा , जान हो जिसे प्यारी हम में शामिल न हो
काश वो वक्त भी आये दुनिया में , जब ज़र पुकारे पर कोई साहिल न हो ।।
***
कुछ तो होते हैं मोहब्बत में जुनूं के आसार,
और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं…!
*** Junun Shayari in Hindi
ए जुनूं हो मुबारक़ ये आवारगी !
राहे उल्फ़त में कोई दीवाना तो है !! ~ शाह मंज़ूर आलम “शाह”
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गिरते हैं, संभलते हैं ऐ जिंदगी,
तेरे जोशो जुनूं से हम फिर से उठ के चलते हैं।
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शमा एक जली देखी चाँद एक खिला पाया !
अब जुनूं से क्या पूछें, तूने और क्या पाया !!
~ शाह मंज़ूर आलम “शाह”
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बहुत हैं जुल्म के दस्ते-बहाना-जू के लिए
जो चन्द अहले-जुनूं तेरे नाम-लेवा हैं
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ठहर के पाँव के कांटे निकालने वाले
ये होश है तो जुनूं कामयाब क्या होगा
वही आज मंज़िल के मालिक बने, जो कांटे सरे राह बोते रहे।
गिरेबां के तारों में अहले-जुनूं, मुहब्बत की कलियाँ पिरोते रहे।
*** Junun Shayari in Hindi
था उन्हें भी मेरी तरह जुनूं, तो फिर उनमें मुझमें ये फर्क क्यूं,
मैं गिरफ्त-ए-ग़म से ना बच सका, वो हुदूद-ए-ग़म से निकल गए
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तेरी चारागिरी की राह तकता वो इश्क का मरीज होता है
जिसके अंदर जुनूं है दुनिया में उसके खातिर सलीब होता है
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उलझा हुआ सवाल सा..सुलझा हुआ ख्याल सा
जुनूं बनकर दहकता है साँसों में उल्फत का इक उबाल सा..
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इधर देखते हैं, उधर देखते हैं,
तसव्वुर में तेरा ही घर देखते हैं…
नुमायां जुनूं का, असर देखते हैं,
तुझे जबकि रश्क-ए-क़मर देखते हैं…
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“फ़ैयाज़” अब आया है जुनूं जोश पे अपना,
हँसता है जमाना, मैं गुजरता हूँ जिधर से। “फ़ैयाज़ हाशमी”
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अब के बच्चों में नहीं है पहले सा जुनूं ,
बस नशे में, हौसलों की पालकी सोई हुई…!! ~Gulzar
*** Junun Shayari in Hindi
देख ज़िन्दां के परे जोशे जुनूं, जोशे बहार
रक्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर ना देख! ~मजरूह
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जला के मशाल-ए-जान हम जुनूं सिफात चले
जो घर को आग लगाए हमारे साथ चले~मजरूह
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जहां पे इश्क़ की सरहद जूनून से मिलती है
वहीँ पे आ के मिले ….वो अगर महोब्बत है ..
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मेरे नामुराद जूनून का है इलाज कोई तो मौत है,
जो दवा के नाम पे ज़हर दे उसी चारागर की तलाश है
*** Junun Shayari in Hindi
हाथ, जिनमें है जूनून, कटते नहीं तलवार से,
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से! ~BismilAzimabadi
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Junun Shayari in Hindi Roman font
Junun / junoon par kuchh achchhe sher net in hindi ke pathako ke lie ham yahan prastut kar rahe hain.
mere junoon ka natija zaroor nikalega….isi syah samandar se noor nikalega!***
fir ishq ka junoon chadh raha hai sir pe ,mayakhane se kah do daravaza khula rakhe !***
kahan kahan pukar ai use had mere junoon kihashie se guma tak, makan se la-makan tak**
*khushafahami abhi tak yahi thi kar-e- junoon mein ,jo mujhase na ho paya kisi se na hoga***
ye junoon, aur fir ulfat ka junoon haie dost mar dalega mujhe tujh ko khabar hone tak***
junun shayari in hindimujhe junoon nahin galib vale ba-kaul-e-huzoorafiraq-e-yar mein taskin ho to kyoonkar ho ~mirzaghalib*
**ik junoon hai jo mujhe dasht mein le jata hai…varana pyase to samandar ki taraf jate hain***bak raha hoon junoon me kya kya kuchhakuchh na samajhe, khuda kare koi**
*mere junoon ko zulf ke saye se door rakh..raste mein chhanv pake musafir thahar na jae.*
** junun shayari in hindihamako junoon kya sikhalate ho ham the pareshan tum se ziyadachak kiye hain ham ne azizon char gareban tum se ziyada ~mazaruh_sultanapuri**
*sang aur hath vahi vo hi sar o dag e junoonvo hi ham honge vahi dasht o biyaban honge ~momin_khan_momin**
*avaragi ka alam ab kuchh yoon hai…bhatake hain lafz mere, tera hi junoon hai.**
*too mere ishqe-junoon se abhitalak navakif hai..jurrate shauk mein ham har had se guzar jayenge.!**
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**ajab junoon hai ye intaqam ka jazbashikast kha ke vo pani mein zahar dal aya ~azahar_inayati**
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**kya kya hua hai ham se junoon mein na poochhiye,ulajhe kabhi zamin se kabhi asaman se ham !! -majaz lakhanavi*
**ek se ek junoon ka mara is basti mein rahata haiek hamin hushiyar the yaro ek hamin badanam hueibne insha**
* junun shayari in hindifaraz ab koi sauda koi junoon bhi nahimmagar qarar se din kat rahe hon, yoon bhi nahin। ~ ahmad faraz**
*meri najar ko junoon ka payam de saki meri hayat ko la fani sham de sakiye roj roj ka pina mujhe pasand nahi, kabhi na hosh me aoo vo jam de saki**
*karavan-e-junoon de raha hai sada , jan ho jise pyari ham mein shamil na hokash vo vakt bhi aye duniya mein , jab zar pukare par koi sahil na ho ..*
**kuchh to hote hain mohabbat mein junoon ke asar,aur kuchh log bhi divana bana dete hain…!***
junun shayari in hindie junoon ho mubaraq ye avaragi !rahe ulfat mein koi divana to hai !! ~ shah manzoor alam “shah”**
*girate hain, sambhalate hain ai jindagi,tere josho junoon se ham fir se uth ke chalate hain.**
*shama ek jali dekhi chand ek khila paya !ab junoon se kya poochhen, toone aur kya paya !!~ shah manzoor alam “shah”*
**bahut hain julm ke daste-bahana-joo ke liejo chand ahale-junoon tere nam-leva hain***
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ulajha hua saval sa..sulajha hua khyal sajunoon banakar dahakata hai sanson mein ulfat ka ik ubal sa..**
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ab ke bachchon mein nahin hai pahale sa junoon ,bas nashe mein, hausalon ki palaki soi hui…!! ~gulzar**
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*jala ke mashal-e-jan ham junoon sifat chalejo ghar ko ag lagae hamare sath chale~majarooh***
jahan pe ishq ki sarahad Junun se milati haivahin pe a ke mile ….vo agar mahobbat hai ..**
*mere namurad Junun ka hai ilaj koi to maut hai,jo dava ke nam pe zahar de usi charagar ki talash hai**
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