Love letter shayari in hindi ख़त पर शायरी
ख़त पर शायरी
Love letter shayari in hindi :- Here we are presenting a Collection of Hindi Shayari on Khat (The letter)
ख़त पर हिंदी और उर्दू शायरी का संग्रह हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहें हैं, जब भी आप किसी को ख़त लिखें तो अपने ख़त की शुरुवात इन्ही शेरों से करें.
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जैसे हो उम्र भर का असासा ग़रीब का
कुछ इस तरह से मैंने सँभाले तुम्हारे ख़त
~वसी_शाह
हमपे जो गुज़री बताया न बताएंगे कभी
कितने ख़त अब भी तेरे नाम लिखे रखे हैं
ख़त नहीं हूँ जिस पे तुम राहों की तफ़सील लिखो
उसके घर जाऊंगा मैं जिसका पता कोई नहीं
ख़त पढ़ के कहीं और बिगड़ बैठे न यारब ~
याद आई है अबरू दम-ए-तहरीर किसी की!
फिर एक बे-नाम ख़त आया है मेरे नाम,
फिर कागज़ में उसकी तस्वीर उभर आई है। ~पाकीज़ा
मैं मुहब्बत से महकता हुआ ख़त हूँ मुझको
ज़िंदगी अपनी किताबों में छुपा कर ले जाये
-बशीर बद्र
हो चुका ऐश का जलसा तो मुझे ख़त पहुँचा,
आपकी तरह से मेहमान बुलाए कोई!
~दाग़_देहलवी
तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किसका था
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किसका था!
~दाग़
क्या–क्या फ़रेब दिल को दिए इज़्तिराब में,
उनकी तरफ़ से आप लिखे ख़त जवाब में!
~दाग़ (Love letter shayari in hindi)
हो लिये क्यूँ नामावर के साथ-साथ ~
या-रब! अपने ख़त को हम पहुँचाएँ क्या!
~ग़ालिब
~नामावर तू ही बता तूने तो देखे होंगे
कैसे होते हैं वो ख़त जिनके जवाब आते हैं!
~क़मर_बदायुनी
क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूं
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में ~ग़ालिब
हाए कैसी कशमकश है यास भी है आस भी ~
दम निकल जाने को है ख़त का जवाब आने को है!
ग़ैर को ख़त लिखा उस पे पता मेरा रखा
हंस के आईने से कहा ’आतिश’ ज़िंदा है अभी
दिल-ए-नादाँ न धड़क, ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क
कोई ख़त ले के पड़ौसी के घर आया होगा
हमारे ख़त के तो पुर्जे किए पढ़ा भी नहीं ~
सुना जो तुमने बा-दिल वो पयाम किसका था!
(Love letter shayari in hindi)
मिरा ख़त उसने पढ़ा, पढ़ के नामावर से कहा,
यही जवाब है- इसका कोई जवाब नहीं!
कोई तोहफ़ा, न कोई ख़त, न किसी की तस्वीर,
और मेरे घर से तिरे ग़म के सिवा क्या निकला!
ख़त लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
मगर लिखवाए कोई उस को ख़त तो हम से लिखवाए
हुई सुब्ह और घर से कान पर रख कर कलम निकले
~मिर्ज़ा_ग़ालिब
हम तो इक हर्फ़ के नहीं ममनून,
कैसा ख़त–ओ–पयाम होता है!
~Meer
“दे के ख़त मुंह देखता है नामावर
कुछ तो पैगामे ज़बानी और है” ~ग़ालिब
वो एक ख़त जो उसने कभी लिखा ही नहीं,
मैं रोज़ बैठ कर उस का जवाब लिखता हूँ !!
ग़ुस्से में, बरहमी में, ग़ज़ब में, इताब में…
ख़ुद आ गए हैं वो मेरे ख़त के जवाब में!
कितने ख़त आये गए शाख़ पे फूलों की तरह
आज दरिया में चराग़ों के सफ़र याद आये
ज़हन में जब भी तेरे ख़त की इबारत चमकी
एक ख़ुशबू सी निकलने लगी अलमारी से
लिखा वही था की जो था नसीब का लिखा
बला से, ख़त का जवाब उसने कुछ दिया तो सही
किसी को भेज के ख़त हाय ये कैसा आज़ाब आया
कि हर एक पूछता है नामावर आया? जवाब आया?
~एहसान मरहरवी ( Love letter shayari in hindi)
हर-दम यही दुआ है ख़ुदा की जनाब में,
आ जाए यार ख़ुद मेरे ख़त के जवाब में !!
उनके ख़त की आरज़ू है उनकी आमद का ख़याल
किस क़दर फैला हुआ है कारोबार ए इंतज़ार
वो अनपढ़ था फिर भी उसने पढ़े लिखे लोगों से कहा
एक तस्वीर कई ख़त भी हैं साहब आप की रद्दी में
बशीर बद्र
मैंने गीतों में बहुत प्यार किया है तुमको
जो कोई गीत सुनाये तो मुझे ख़त लिखना
आज सीवन को उधेड़ो तो ज़रा देखेंगे….
आज संदूक से वो ख़त तो निकालो यारो!
वो ख़त पागल हवा के आंचलों पर,
किसे तुमने लिखा था याद होगा।।
एक मुद्दत से न क़ासिद है, न ख़त है न पयाम,
अपने वादे को कर तू याद, मुझे याद न कर!
जवाब-ए-ख़त का न क़ासिद से माजरा पूछो,
है साफ़ चेहरे से ज़ाहिर कि शर्मसार आया!
उसने अपने ख़त में मुझको कितने दर्द से लिखा है,
अब तो गाँव आया करना अब तो सड़केँ पक्की है!
मेरे ख़त यूँ सरेआम जलाया ना करो,
राख से भी आती हैँ ख़ुशबू मेरी मोहब्बत की!
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में!
( Love letter shayari in hindi)
जब प्यार नहीं है तो भुला क्यूँ नहीं देते
ख़त किस लिए रक्खे हैं जला क्यूँ नहीं देते!
कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तु ऐ ‘कैफ़’
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले
अंधेरा है कैसे तिरा ख़त पढूँ
लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे
वो एक ख़त जो तूने कभी लिखा ही नहीं,
में रोज बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ।।
वो ख़त तेरे, अभी भी सलामत हैं मेरे पास
खोजती हूँ उनमें, अब भी वही एहसास
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है!
किस ख़त में लिख कर भेजूं अपने इंतज़ार को तुम्हें;
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा और ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।
जिधर देखो उधर मिल जाएंगे अख़बार नफरत के…!!
बहुत दिनों से मोहब्बत का न देखा एक ख़त यारों…!!
इक ख़त लिखा था बादलों को
भीगा भीगा जवाब आया अभी
( Love letter shayari in hindi)
वो तड़प जाए इशारा कोई ऐसा देना…
उस को ख़त लिखना तो मेरा भी हवाला देना.. ~ अज़हर इनायती
रात खोले थे कुछ पुराने ख़त
फिर मुहब्बत दराज़ में रख दी ।।
वो भी शायद रो पड़े वीरान काग़ज़ देख कर
मेने उस को आख़री ख़त में लिखा कुछ नहीं था
मुद्दत के बाद ख़त आया जो इज़हार-ए-मोह्हबत का,,
बैरन अँखियों ने बिन पढ़े भिगो हर लफ़्ज मिटा दिये।।
ख़त हो, किताब हो, या दिल का ज़ख़्म हो,
जो भी है मेरे पास, निशानी उसी की है ••!
वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में…
मेरे सनम की दिल्लगी न पूछो यारो, गैर का ख़त.
लिफाफे में रख कर उसपर मेरा ही पता लिख दिया. है
प्यार छिपा है ख़त में इतना. जितने सागर में मोती.
चूम ही लेता हाथ तुम्हारा. पास जो मेरे तुम होती. -इंदीवर.
बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ; ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ;
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को; पानी में भी आग लगा के आया हूँ
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है,
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है।।
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया होता
तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता
कुछ ख़्वाबों के ख़त इनमें
कुछ चाँदके आईने सूरज की शुजाएँ हैं
नज़मों के लिफाफ़ोंमें कुछ मेरे तजुर्बे हैं
कुछ मेरी दुआएँ हैं
गुलज़ार
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gazab का कलेक्शन किया हैं आप ने इस ब्लॉग पोस्ट में ख़त को लेकर सच काबिले तारीफ हैं आप का यह ब्लॉग अच्छा लगता हैं आप के द्वारा की गयी शायरियों के संग्रह को पढ़ कर वाह वाह