Mohabbat Shayari in Hindi
मोहब्बत शायरी
दोस्तों “मोहब्बत” पर शेर ओ शायरी का एक विशाल संकलन हम इस पेज पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों के “मोहब्बत” के बारे में ज़ज्बात जान सकेंगे.
सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है.
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निगह-ए-नाज़ न मिलते हुए घबरा हम से
हम मोहब्बत नहीं कहने के शनासाई को
~अहमद मुश्ताक़
वो कहते हैं ज़माना तेज़ है लम्बी मसाफ़त है
मोहब्बत का सितारा हूँ सभी के साँथ चलता हूँ
~अहमद रिज़वान
जब तक के मोहब्बत में दिल दिल से नहीं मिलता
नज़रों के तसादुम पर हम ग़ौर नहीं करते
~नसीम शाहजहाँपुरी
ग़म हो के ख़ुशी दोनों यक-साँ हैं मोहब्बत में
कुछ अश्क-ओ-तबस्सुम पर हम ग़ौर नहीं करते
~नसीम
मरना तो बहुत सहल सी इक बात लगे है,
जीना ही मोहब्बत में करामात लगे है !! – कलीम आजिज़
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मिटा कर हस्ती-ए-नाकाम को राह-ए-मोहब्बत में
ज़माने के लिए इक दरस-ए-इबरत ले के आया हूँ
~नसीम शाहजहाँपुरी
Mohabbat Shayari in Hindi
न अरमाँ ले के आया हूँ न हसरत ले के आया हूँ
दिल-ए-बे-ताब में तेरी मोहब्बत ले के आया हूँ
~नसीम शाहजहाँपुरी
कैफ़-ए-जुनूँ सही यही हालत बनी रहे,
लिल्लाह मेरी उनकी मोहब्बत बनी रहे !!
अक्स पानी में मोहब्बत के उतारे होते,
हम जो बैठे हुए दरिया के किनारे होते !! -अदीम हाशमी
औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने
बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई
एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है
~Faraz
बंजारे हैं रिश्तों की तिजारत नहीं करते,
हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते !! -नसीम निकहत
डूबे कि रहे कश्ती दरिया-ए-मोहब्बत में,
तूफ़ान ओ तलातुम पर हम ग़ौर नहीं करते !!
ये दौरे मोहब्बत है सरमाया-ए-हस्ती है,
बे-वज़ह नहीं इसको सीने से लगाए हैं !! ~binish
यूँ तो होते हैं मोहब्बत में जुनूँ के आसार,
और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं !! – ज़हीर देहलवी
Mohabbat Shayari in Hindi
हुस्न पाबन्द-ए-कफ़स इश्क़ असीर-ए-आलाम
ज़िंदगी जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा आज भी है
~बाक़र मेंहदी
दर्द-ए-दिल आज भी है जोश-ए-वफ़ा आज भी है
ज़ख्म खाने का मोहब्बत में मज़ा आज भी है
~बाक़र मेंहदी
सीना-चाकान-ए-मोहब्बत को ख़बर है कि नहीं,
शहर-ए-ख़ूबाँ के दर-ओ-बाम सदा देते हैं !!
हम तर्क-ए-रब्त-ओ-ज़ब्त-ए-मोहब्बत के बावजूद,
सौ बार खिंच के कूचा-ए-जानाँ में आ गए !!
वो जिस ने दिये मुझ को मोहब्बत के खज़ाने
बादल की तरह आँख से बरसता भी वही है
ये बज़्म-ए-मोहब्बत है इस बज़्म-ए-मोहब्बत में,
दीवाने भी शैदाई फ़रज़ाने भी शैदाई !! -सूफ़ी तबस्सुम
अब के उम्मीद के शोले से भी आँखें न जलीं,
जाने किस मोड़ पे ले आई मोहब्बत हमको
कम से कम इतना तो ज़ाहिर हो मोहब्बत का असर,
मुँह से निकली हुई हर बात ग़ज़ल बन जाए !!
Mohabbat Shayari in Hindi
ना कोई थकन है,न कोई ख़लिश है
मोहब्बत की जाने ये कैसी कशिश है
जिसे देखिए वो चला जा रहा है,
जहान-ए-ग़ज़ल की सुहानी डगर है
मोहब्बत नाम है ला-हासिल और ना तमामी का,
मोहब्बत है तो दिल को फ़ारिग-ए-सुदो-जियां कर ले
और मैं उसके लिए गाऊँ मोहब्बत की ग़ज़ल
वो मेरे दिल के धड़कने की सदा है मेरे दोस्त
~क़तील शिफाई
मुझसे अब मेरी मोहब्बत के फ़साने न पूछो
मुझको कहने दो के मैंने उन्हें चाहा ही नहीं
मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं
ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये पी लिया मैंने
~साहिर
किस दरजा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे
हम ज़िन्दगी में फिर कोई अरमाँ न कर सके
~साहिर
टूटा तलिस्म-ए-अहद-ए-मोहब्बत कुछ इस तरह
फिर आरज़ू की शमा फ़ुरेज़ाँ न कर सके
~साहिर
मैं क्या कहूँ कहाँ है मोहब्बत कहाँ नहीं
रग रग में दौड़ी फिरती है नश्तर लिए हुए
Mohabbat Shayari in Hindi
ये फ़ासला भी मोहब्बत में लुत्फ़ देता है
जब इंतेज़ार में हम इंतेज़ार करते हैं
शिद्दत से बहारों के इंतेज़ार में सब हैं
पर फूल मोहब्बत के तो खिलने नहीं देते
हाय री मजबूरियाँ तर्क-ए-मोहब्बत के लिये
मुझ को समझाते हैं वो और उन को समझाता हूँ मैं
हाय री मजबूरियाँ तर्क-ए-मोहब्बत के लिये
मुझ को समझाते हैं वो और उन को समझाता हूँ मैं
मोहब्बत में ज़ुबा चूप हो तो आँखे बात करती हैं
वो कह देती हैं सब बातें जो कहना भूल जाते हैं
दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर,
जो इधर दिल में है या रब वो उधर पैदा कर !!
बंजारे हैं रिश्तों की तिजारत नहीं करते,
हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते !!
मैं समझता हूँ हर दिल में ख़ुदा रहता है
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे.
~shair
वो शोहरत मिली है मोहब्बत में ‘रह्बर’,
कि हर हुस्न वाला फिदा हो रहा है !! ~Rahbar
Mohabbat Shayari in Hindi
इज़हारे-मोहब्बत की हसरत को ख़ुदा समझे
हमने ये कहानी भी सौ बार सुना डाली !!
ये राह-ए-मोहब्बत है इसमें ऐसे भी मक़ाम आ जाते हैं
रुकिए तो पसीना आता है चलिये तो क़दम थर्राते हैं
मैंने हसरत से नज़र भर के उसे देख लिया,
जब समझ में न मोहब्बत के मआनी आए !!
फिर की थी मैने मोहब्बत से तौबा,
फिर उसकी तस्वीर देखकर नियत बदल गई !!
मोहब्बत लफ़्ज़ तो सादा सा है लेकिन ‘अज़ीज़’ इस को
मता-ए-दिल समझते थे मता-ए-दिल समझते हैं
आरजु अरमान इश्क तमन्ना वफा मोहब्बत
चीजे तो अच्छी हैं, पर दाम बहुत हैं
ज़माना कुफ़्र-ए-मोहब्बत से कर चुका था गुरेज़,
तिरी नज़र ने पलट दी हवा ज़माने की !!
और कुछ ज़ख़्म मेरे दिल के हवाले मेरी जाँ,
ये मोहब्बत है मोहब्बत में शिकायत कैसी !!
मैं खुलकार आज महफ़िल में ये कहता हूँ मुझे तुझसे
मोहब्बत है,मोहब्बत है मोहब्बत है मोहब्बत है
मुझको नफ़रत से नहीं प्यार से मस्लूब करो
मैं तो शामिल हूँ मोहब्बत के गुनहगारों में
Mohabbat Shayari in Hindi
मैं तिनकों का दामन पकड़ता नहीं हूँ,
मोहब्बत में डूबा तो कैसा सहारा !!
मोहब्बत भी ज़ालिम अजब बेबसी है,
न वो ही हमारे न दिल ही हमारा !!
मोहब्बत आम सा इक वाक़िआ था,
हमारे साथ पेश आने से पहले !! -सरफ़राज़ ज़ाहिद
यूँ तो होते हैं मोहब्बत में जुनूँ के आसार,
और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं !!
बेगाना रहे दर्द-ए-मोहब्बत की दवा से,
ये दर्द ही कुछ और सिवा छोड़ गए हम !!
माहौल की ज़ुल्मात में जिस राह से गुज़रे,
क़िंदील-ए-मोहब्बत की ज़िया छोड़ गए हम !!
इशारे काम करते हैं मोहब्बत में निगाहों के
निगाहों से ही बाहम इन्किशाफ़-ए-राज़ होता है
लबों पर कुल्फ आँखों में लिहाज़-ए-नाज़ होता है
मोहब्बत करने वालों का अज़ब अंदाज़ होता है
कौन काफ़िर तुझे इल्ज़ाम-ए-तग़ाफ़ुल देगा
जो भी करता है मोहब्बत से गिला करता है!!
मोहब्बत सी शय उस ने मुझ को अता की,
कि ख़ुश ख़ुश चलूँ उम्र बर्बाद कर के !! –
Mohabbat Shayari in Hindi
तेरा नाम ले कर जिए जा रहे हैं,
गुनाह-ए-मोहब्बत किए जा रहे हैं !!
दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती,
इतनी ख़ूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती !!
चराग़-ए-राह-ए-मोहब्बत ही बन गए होते,
तमाम उम्र का जलना अगर मुक़द्दर था !!
ज़माना याद करे या सबा करे ख़ामोश,
हम इक चराग़-ए-मोहब्बत जलाए जाते हैं !!
राख बर्बाद मोहब्बत की जो बचा रखी हैं,
बार बार इसको छेड़ा तो बिखर जायेगी !! -कैफी आज़मी
वो देखते जाते हैं कनखियों से इधर भी,
चलता हुआ जादू है मोहब्बत की नज़र भी !! -बेख़ुद देहलवी
आज तक उस की मोहब्बत का नशा तारी है,
फूल बाक़ी नहीं ख़ुश्बू का सफ़र जारी है!!
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है !!
जान जाने को है और रक़्स में परवाना है,
कितना रंगीन मोहब्बत तिरा अफ़्साना है !!
हर कदम पर गिरे, मगर सीखा
Mohabbat Shayari in Hindi
कैसे गिरतों को थाम लेते हैं
बस यही एक जुर्म है अपना
हम मोहब्बत से काम लेते हैं
मोहब्बत में नही है फर्क जीने और मरने का,
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले !!
चाहिए अहल-ए-मोहब्बत को कि दीवाना बनें,
कोई इल्ज़ाम न आएगा इस इल्ज़ाम के बाद !!
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के ‘दाग़’,
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं !!
‘अनीस’ आसाँ नहीं आबाद करना घर मोहब्बत का
ये उनका काम है जो ज़िंदगी बर्बाद करते हैं
मोहब्बत में लुटे लेकिन बहुत अच्छे रहे ~रहबर
गुमाँ था जिन पे रहज़न का वो मीरे कारवाँ निकले
कुछ ऐसा हो कि तस्वीरों में जल जाए तसव्वुर भी,
मोहब्बत याद आएगी तो शिकवे याद आएँगे !! -सरदार सलीम
अकेला दिन है कोई और न तन्हा रात होती है,
मैं जिस पल से गुज़रता हूँ मोहब्बत साथ होती है !!
मोहब्बत में नही है इब्तिदा या इन्तहा कोई,
हम अपने इश्क़ को ही इश्क़ की मंज़िल समझते हैं !! ~रहबर
Mohabbat Shayari in Hindi
मोहब्बत ना-रवा तक्सीम की काएल नहीं फिर भी
मेरी आँखों को आँसूं तेरे होठों को हँसी दी है
~ जाँ निसार अख़्तर
इस कहानी का तो अंजाम वही है कि जो था,
तुम जो चाहो तो मोहब्बत की शुरुआत लिखो !! -निदा फ़ाज़ली
इक लफ्ज़-ए-मोहब्बत का अदना सा फ़साना है,
सिमटे तो दिल-ए-आशिक, फैले तो ज़माना है !!
ख़ुदी और बे-ख़ुदी में फ़र्क़ है तो सिर्फ़ इतना है,
मोहब्बत आशना होना,मोहब्बत में फ़ना होना!!
यही है कमाल इश्क़-ओ-मोहब्बत करने का.
उमर जीने की है ओर शौक तुम्हें मरने का
मोहब्बत में बुरी नीयत से कुछ सोचा नहीं जाता,
कहा जाता है उसको बेवफा, समझा नहीं जाता !!
मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,
कगाज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !!
मोहब्बत में लुटे लेकिन बहुत अच्छे रहे ‘रहबर’,
गुमाँ था जिन पे रहज़न का वो मीरे कारवाँ निकले !!
दिल की हसरत का पैमाना कोई बाकी है,
ए मोहब्बत तुझे आज़माना अभी बाकी है!!
Mohabbat Shayari in Hindi
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है !!
मोहब्बत को समझना है तो नासेह खुद मोहब्बत कर,
किनारे से कभी अंदाज़-ए-तूफ़ां नहीं होता !!
इंकार-ए-मोहब्बत को तौहीन समझते हैं,
इज़हार-ए-मोहब्बत पर हो जाते हैं बरहम भी.!!
हर दिल को लुभाता है ग़म तेरी मोहब्बत का,
तेरी ही तरह ज़ालिम दिल-कश है तिरा ग़म भी.!!
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को
मेरी बात और है,मैंने तो मोहब्बत की है.!!
चाँदनी रात मोहब्बत में हसीन थी “फ़ाकिर”
अब तो बीमार उजालों पे हँसी आती है.!!
~सुदर्शन फ़ाक़िर
मोहब्बत के साँचे में ढलता रहा
इशारे पे मैं दिल के चलता रहा.!!
मोहब्बत के साँचे में ढलता रहा
इशारे पे मैं दिल के चलता रहा.!!
ख़ुद को यूँ जर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा देते हैं
दिल के अरमान को,आँखों से बहा देते हैं.!!
Mohabbat Shayari in Hindi
आया परवाना गिरा शमा पे जल-जल के मरा
तू अभी सोच रहा है के मोहब्बत क्या है.!!
कोई मोहब्बत के पटवारी को जानता है क्या
मुझे मेरा महबूब अपने नाम करवाना है.!!
मेरी मुश्किल ये है मुझ को अदाक़ारी नहीं आती
हक़ीकी आदमी रस्मी मोहब्बत कर नहीं सकता.!!
लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं
दिल ने हर राज़ मोहब्बत का छुपा रक्खा है.!!
ठहरी-ठहरी सी तबियत में रवानी आई
आज फिर याद मोहब्बत की कहानी आई
मोहब्बत से इनायत से वफ़ा से चोट लगती है
बिखरता फूल हूँ मुझको हवा से चोट लगती है.!!
इख़लास की दौलत को हम अहले-मोहब्बत
तक़सीम तो कर देते हैं बेचा नही करते.!!
ये मैं नहीं हूँ खाक़े-मोहब्बत का ढेर है
कुछ भी नहीं मिलेगा तुम्हें इस ग़ुबार से.!!
करना हि पड़ेगा ज़ब्ते-अलम पीने हि पड़ेंगे ये आँसू
फरियादो-फुगाँ से ऐ नादाँ,तौहिने-मोहब्बत होती है
आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है, रहे
चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने.!!
Mohabbat Shayari in Hindi
डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले
ये दरिया-ए-मोहब्बत है,यहाँ साहिल नहीं मिलता.!!
किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता
इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता.!!
फुर्सत अगर मिल तो, पढ़ना मुझे ज़रूर
मै अधूरी मोहब्बत की, मुकम्मल किताब हूँ
वो हि महसूस करते हैं , ख़लिश दर्द-ए-मोहब्बत की।।
जो अपने आप से बढ़ कर , किसी को प्यार करते हैं..!!
ये ज़ाहिद हैं इन्हें क्या तजुर्बा एजाज़-ए-मोहब्बत का!!
ये तो जन्नत में पूछेंगे, गुनाहगारों पे क्या गुज़री
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिये
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिये….
इश्क़ मोहब्बत क्या होते हैं, क्या समझाऊँ वाइज़ को।।
भैंस के आगे बीन बजाना, मेरे बस की बात नहीं
हाय री मजबूरियाँ तर्क़े-मोहब्बत के लिये।।
मुझको समझाते हैं वो और उनको समझाता हूँ मैं
आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है, रहे।।
चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने..!!
Mohabbat Shayari in Hindi
इश्क़ मोहब्बत क्या होते हैं, क्या समझाऊँ वाइज़ को।।
भैंस के आगे बीन बजाना, मेरे बस की बात नहीं
करें हम दुश्मनी किस से, कोई दुश्मन भी हो अपना।।
मोहब्बत ने नहीं छोड़ी, जगह दिल में अदावत की..!!
छोड़ो , बहुत हुई है , सियासत पे गुफ़्तुगु।।
हो जाए साल-ए-नौ में , मोहब्बत पे गुफ़्तुगु ..!!
ना मुरव्वत, ना मोहब्बत, ना खुलूस है मोहसिन
मै तो शर्मिन्दा हूँ इस दौर का इंसा होकर..!!
मै खुश हूँ कि उसकी नफरतों का अकेला वारिस हूँ
मोहब्बत तो उनको बहुत से लोगों से है
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Mohabbat Shayari love shayari in hinglish
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mohabbat ka sitara hoon sabhe ke santh chalata hoon
~ahamad rizavan
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nazaron ke tasadum par ham gaur nahin karate
~nasem shahajahanpure
gam ho ke khushe donon yak-san hain mohabbat mein
kuchh ashku-o-tabassum par ham gaur nahin karate
~nasem
marana to bahut sahal se ik bat lage hai,
jena he mohabbat mein karamat lage hai !! – kalem ajiz
mita kar haste-e-nakam ko rah-e-mohabbat mein
zamane ke lie ik daras-e-ibarat le ke aya hoon
~nasem shahajahanpure
mohabbat shayari in hindi
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dil-e-be-tab mein tere mohabbat le ke aya hoon
~nasem shahajahanpure
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lillah mere unake mohabbat bane rahe !!
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mohabbat bhe sakoon valon ko bade takalef dete hai
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aur kuchh log bhe devana bana dete hain !! – zaher dehalave
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zindage jurm-e-mohabbat ke saza aj bhe hai
~baqar menhade
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zakhm khane ka mohabbat mein maza aj bhe hai
~baqar menhade
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sau bar khinch ke koocha-e-janan mein a gae !!
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ham zindage mein fir koe araman na kar sake
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fir arazoo ke shama furezan na kar sake
~sahir
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jo idhar dil mein hai ya rab vo udhar paida kar !!
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mohabbat se shay us ne mujh ko ata ke,
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tamam umr ka jalana agar muqaddar tha !!
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ham ik charag-e-mohabbat jalae jate hain !!
rakh barbad mohabbat ke jo bacha rakhe hain,
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chalata hua jadoo hai mohabbat ke nazar bhe !! -bekhud dehalave
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mohabbat mein lute lekin bahut achchhe rahe ~rahabar
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main jis pal se guzarata hoon mohabbat sath hote hai !!
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ham apane ishq ko he ishq ke manzil samajhate hain !! ~rahabar
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mohabbat na-rava taksem ke kael nahin fir bhe
mere ankhon ko ansoon tere hothon ko hanse de hai
~ jan nisar akhtar
is kahane ka to anjam vahe hai ki jo tha,
tum jo chaho to mohabbat ke shuruat likho !! -nida fazale
ik lafz-e-mohabbat ka adana sa fasana hai,
simate to dil-e-ashik, faile to zamana hai !!
khude aur be-khude mein farq hai to sirf itana hai,
mohabbat ashana hona,mohabbat mein fana hona!!
yahe hai kamal ishq-o-mohabbat karane ka.
umar jene ke hai or shauk tumhen marane ka
mohabbat mein bure neyat se kuchh socha nahin jata,
kaha jata hai usako bevafa, samajha nahin jata !!
dil ke hasarat ka paimana koe bake hai,
e mohabbat tujhe azamana abhe bake hai!!
mohabbat shayari in hindi
mohabbat ko samajhana hai to naseh khud mohabbat kar,
kinare se kabhe andaz-e-toofan nahin hota !!
inkar-e-mohabbat ko tauhen samajhate hain,
izahar-e-mohabbat par ho jate hain baraham bhe.!!
har dil ko lubhata hai gam tere mohabbat ka,
tere he tarah zalim dil-kash hai tira gam bhe.!!
tum mujhe bhool bhe jao to ye haq hai tum ko
mere bat aur hai,mainne to mohabbat ke hai.!!
chandane rat mohabbat mein hasen the “fakir”
ab to bemar ujalon pe hanse ate hai.!!
~sudarshan faqir
mohabbat ke sanche mein dhalata raha
ishare pe main dil ke chalata raha.!!
khud ko yoon jarm-e-mohabbat ke saza dete hain
dil ke araman ko,ankhon se baha dete hain.!!
mohabbat shayari in hindi
aya paravana gira shama pe jal-jal ke mara
too abhe soch raha hai ke mohabbat kya hai.!!
mere mushkil ye hai mujh ko adaqare nahin ate
haqeke adame rasme mohabbat kar nahin sakata.!!
lab pe ahen bhe nahin ankh mein ansoo bhe nahin
dil ne har raz mohabbat ka chhupa rakkha hai.!!
thahare-thahare se tabiyat mein ravane ae
aj fir yad mohabbat ke kahane ae
mohabbat se inayat se vafa se chot lagate hai
bikharata fool hoon mujhako hava se chot lagate hai.!!
ye main nahin hoon khaqe-mohabbat ka dher hai
kuchh bhe nahin milega tumhen is gubar se.!!
karana hi padega zabte-alam pene hi padenge ye ansoo
fariyado-fugan se ai nadan,tauhine-mohabbat hote hai
ap ko shab ke andhere se mohabbat hai, rahe
chun liya subah ke sooraj ka ujala mainne.!!
mohabbat shayari in hindi
dubo de apane kashte ko,kinara dhoondhane vale
ye dariya-e-mohabbat hai,yahan sahil nahin milata.!!
kis shai pe yahan vaqt ka saya nahe hota
ik khvab-e-mohabbat hai ke boodha nahe hota.!!
fursat agar mil to, padhana mujhe zaroor
mai adhoore mohabbat ke, mukammal kitab hoon
vo hi mahasoos karate hain , khalish dard-e-mohabbat ke..
jo apane ap se badh kar , kise ko pyar karate hain..!!
ye zahid hain inhen kya tajurba ejaz-e-mohabbat ka!!
ye to jannat mein poochhenge, gunahagaron pe kya guzare
na mohabbat na doste ke liye
vaqt rukata nahin kise ke liye….
mohabbat shayari in hindi
karen ham dushmane kis se, koe dushman bhe ho apana..
mohabbat ne nahin chhode, jagah dil mein adavat ke..!!
chhodo , bahut hue hai , siyasat pe guftugu..
ho jae sal-e-nau mein , mohabbat pe guftugu ..!!
na muravvat, na mohabbat, na khuloos hai mohasin
mai to sharminda hoon is daur ka insa hokar..!!
mai khush hoon ki usake nafaraton ka akela varis hoon
mohabbat to unako bahut se logon se hai
Kya baat hai nice lines and thanks for sharing