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Mohabbat Shayari in Hindi मोहब्बत शायरी
Mohabbat Shayari in Hindi मोहब्बत शायरी

Mohabbat Shayari in Hindi

मोहब्बत शायरी

दोस्तों “मोहब्बत पर शेर ओ शायरी का एक विशाल संकलन हम इस पेज पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों के “मोहब्बत” के बारे में ज़ज्बात जान सकेंगे.

सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है.

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निगह-ए-नाज़ न मिलते हुए घबरा हम से

हम मोहब्बत नहीं कहने के शनासाई को

~अहमद मुश्ताक़

 

वो कहते हैं ज़माना तेज़ है लम्बी मसाफ़त है

मोहब्बत का सितारा हूँ सभी के साँथ चलता हूँ

~अहमद रिज़वान

 

जब तक के मोहब्बत में दिल दिल से नहीं मिलता

नज़रों के तसादुम पर हम ग़ौर नहीं करते

~नसीम शाहजहाँपुरी

 

ग़म हो के ख़ुशी दोनों यक-साँ हैं मोहब्बत में

कुछ अश्‍क-ओ-तबस्सुम पर हम ग़ौर नहीं करते

~नसीम

 

मरना तो बहुत सहल सी इक बात लगे है,

जीना ही मोहब्बत में करामात लगे है !! – कलीम आजिज़

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मिटा कर हस्ती-ए-नाकाम को राह-ए-मोहब्बत में

ज़माने के लिए इक दरस-ए-इबरत ले के आया हूँ

~नसीम शाहजहाँपुरी

Mohabbat Shayari in Hindi

न अरमाँ ले के आया हूँ न हसरत ले के आया हूँ

दिल-ए-बे-ताब में तेरी मोहब्बत ले के आया हूँ

~नसीम शाहजहाँपुरी

 

कैफ़-ए-जुनूँ सही यही हालत बनी रहे,

लिल्लाह मेरी उनकी मोहब्बत बनी रहे !!

 

अक्स पानी में मोहब्बत के उतारे होते,

हम जो बैठे हुए दरिया के किनारे होते !! -अदीम हाशमी

 

औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने

बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई

 

एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़

मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है

~Faraz

 

बंजारे हैं रिश्तों की तिजारत नहीं करते,

हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते !! -नसीम निकहत

 

डूबे कि रहे कश्ती दरिया-ए-मोहब्बत में,

तूफ़ान ओ तलातुम पर हम ग़ौर नहीं करते !!

 

ये दौरे मोहब्बत है सरमाया-ए-हस्ती है,

बे-वज़ह नहीं इसको सीने से लगाए हैं !! ~binish

 

यूँ तो होते हैं मोहब्बत में जुनूँ के आसार,

और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं !! – ज़हीर देहलवी

Mohabbat Shayari in Hindi

हुस्न पाबन्द-ए-कफ़स इश्‍क़ असीर-ए-आलाम

ज़िंदगी जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा आज भी है

~बाक़र मेंहदी

 

दर्द-ए-दिल आज भी है जोश-ए-वफ़ा आज भी है

ज़ख्म खाने का मोहब्बत में मज़ा आज भी है

~बाक़र मेंहदी

 

सीना-चाकान-ए-मोहब्बत को ख़बर है कि नहीं,

शहर-ए-ख़ूबाँ के दर-ओ-बाम सदा देते हैं !!

 

हम तर्क-ए-रब्त-ओ-ज़ब्त-ए-मोहब्बत के बावजूद,

सौ बार खिंच के कूचा-ए-जानाँ में आ गए !!

 

वो जिस ने दिये मुझ को मोहब्बत के खज़ाने

बादल की तरह आँख से बरसता भी वही है

 

ये बज़्म-ए-मोहब्बत है इस बज़्म-ए-मोहब्बत में,

दीवाने भी शैदाई फ़रज़ाने भी शैदाई !! -सूफ़ी तबस्सुम

 

अब के उम्मीद के शोले से भी आँखें न जलीं,

जाने किस मोड़ पे ले आई मोहब्बत हमको

 

कम से कम इतना तो ज़ाहिर हो मोहब्बत का असर,

मुँह से निकली हुई हर बात ग़ज़ल बन जाए !!

 

Mohabbat Shayari in Hindi

ना कोई थकन है,न कोई ख़लिश है

मोहब्बत की जाने ये कैसी कशिश है

जिसे देखिए वो चला जा रहा है,

जहान-ए-ग़ज़ल की सुहानी डगर है

 

मोहब्बत नाम है ला-हासिल और ना तमामी का,

मोहब्बत है तो दिल को फ़ारिग-ए-सुदो-जियां कर ले

 

और मैं उसके लिए गाऊँ मोहब्बत की ग़ज़ल

वो मेरे दिल के धड़कने की सदा है मेरे दोस्त

~क़तील शिफाई

 

मुझसे अब मेरी मोहब्बत के फ़साने न पूछो

मुझको कहने दो के मैंने उन्हें चाहा ही नहीं

 

मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं

ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये पी लिया मैंने

~साहिर

 

किस दरजा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे

हम ज़िन्दगी में फिर कोई अरमाँ न कर सके

~साहिर

 

टूटा तलिस्म-ए-अहद-ए-मोहब्बत कुछ इस तरह

फिर आरज़ू की शमा फ़ुरेज़ाँ न कर सके

~साहिर

 

मैं क्या कहूँ कहाँ है मोहब्बत कहाँ नहीं

रग रग में दौड़ी फिरती है नश्तर लिए हुए

Mohabbat Shayari in Hindi

ये फ़ासला भी मोहब्बत में लुत्फ़ देता है

जब इंतेज़ार में हम इंतेज़ार करते हैं

 

शिद्दत से बहारों के इंतेज़ार में सब हैं

पर फूल मोहब्बत के तो खिलने नहीं देते

 

हाय री मजबूरियाँ तर्क-ए-मोहब्बत के लिये

मुझ को समझाते हैं वो और उन को समझाता हूँ मैं

 

 

हाय री मजबूरियाँ तर्क-ए-मोहब्बत के लिये

मुझ को समझाते हैं वो और उन को समझाता हूँ मैं

 

मोहब्बत में ज़ुबा चूप हो तो आँखे बात करती हैं

वो कह देती हैं सब बातें जो कहना भूल जाते हैं

 

दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर,

जो इधर दिल में है या रब वो उधर पैदा कर !!

 

बंजारे हैं रिश्तों की तिजारत नहीं करते,

हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते !!

 

मैं समझता हूँ हर दिल में ख़ुदा रहता है

मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे.

~shair

 

वो शोहरत मिली है मोहब्बत में ‘रह्बर’,

कि हर हुस्न वाला फिदा हो रहा है !! ~Rahbar

 

Mohabbat Shayari in Hindi

इज़हारे-मोहब्बत की हसरत को ख़ुदा समझे

हमने ये कहानी भी सौ बार सुना डाली !!

 

ये राह-ए-मोहब्बत है इसमें ऐसे भी मक़ाम आ जाते हैं

रुकिए तो पसीना आता है चलिये तो क़दम थर्राते हैं

मैंने हसरत से नज़र भर के उसे देख लिया,

जब समझ में न मोहब्बत के मआनी आए !!

 

फिर की थी मैने मोहब्बत से तौबा,

फिर उसकी तस्वीर देखकर नियत बदल गई !!

 

मोहब्बत लफ़्ज़ तो सादा सा है लेकिन ‘अज़ीज़’ इस को

मता-ए-दिल समझते थे मता-ए-दिल समझते हैं

 

आरजु अरमान इश्क तमन्ना वफा मोहब्बत

चीजे तो अच्छी हैं, पर दाम बहुत हैं

 

ज़माना कुफ़्र-ए-मोहब्बत से कर चुका था गुरेज़,

तिरी नज़र ने पलट दी हवा ज़माने की !!

 

और कुछ ज़ख़्म मेरे दिल के हवाले मेरी जाँ,

ये मोहब्बत है मोहब्बत में शिकायत कैसी !!

 

मैं खुलकार आज महफ़िल में ये कहता हूँ मुझे तुझसे

मोहब्बत है,मोहब्बत है मोहब्बत है मोहब्बत है

 

मुझको नफ़रत से नहीं प्यार से मस्लूब करो

मैं तो शामिल हूँ मोहब्बत के गुनहगारों में

Mohabbat Shayari in Hindi

मैं तिनकों का दामन पकड़ता नहीं हूँ,

मोहब्बत में डूबा तो कैसा सहारा !!

 

मोहब्बत भी ज़ालिम अजब बेबसी है,

न वो ही हमारे न दिल ही हमारा !!

 

मोहब्बत आम सा इक वाक़िआ था,

हमारे साथ पेश आने से पहले !! -सरफ़राज़ ज़ाहिद

 

यूँ तो होते हैं मोहब्बत में जुनूँ के आसार,

और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं !!

 

बेगाना रहे दर्द-ए-मोहब्बत की दवा से,

ये दर्द ही कुछ और सिवा छोड़ गए हम !!

 

माहौल की ज़ुल्मात में जिस राह से गुज़रे,

क़िंदील-ए-मोहब्बत की ज़िया छोड़ गए हम !!

 

इशारे काम करते हैं मोहब्बत में निगाहों के

निगाहों से ही बाहम इन्किशाफ़-ए-राज़ होता है

 

लबों पर कुल्फ आँखों में लिहाज़-ए-नाज़ होता है

मोहब्बत करने वालों का अज़ब अंदाज़ होता है

 

कौन काफ़िर तुझे इल्ज़ाम-ए-तग़ाफ़ुल देगा

जो भी करता है मोहब्बत से गिला करता है!!

 

मोहब्बत सी शय उस ने मुझ को अता की,

कि ख़ुश ख़ुश चलूँ उम्र बर्बाद कर के !! –

Mohabbat Shayari in Hindi

तेरा नाम ले कर जिए जा रहे हैं,

गुनाह-ए-मोहब्बत किए जा रहे हैं !!

 

दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती,

इतनी ख़ूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती !!

 

चराग़-ए-राह-ए-मोहब्बत ही बन गए होते,

तमाम उम्र का जलना अगर मुक़द्दर था !!

 

ज़माना याद करे या सबा करे ख़ामोश,

हम इक चराग़-ए-मोहब्बत जलाए जाते हैं !!

 

राख बर्बाद मोहब्बत की जो बचा रखी हैं,

बार बार इसको छेड़ा तो बिखर जायेगी !! -कैफी आज़मी

 

वो देखते जाते हैं कनखियों से इधर भी,

चलता हुआ जादू है मोहब्बत की नज़र भी !! -बेख़ुद देहलवी

 

आज तक उस की मोहब्बत का नशा तारी है,

फूल बाक़ी नहीं ख़ुश्बू का सफ़र जारी है!!

 

याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,

भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है !!

 

जान जाने को है और रक़्स में परवाना है,

कितना रंगीन मोहब्बत तिरा अफ़्साना है !!

 

हर कदम पर गिरे, मगर सीखा

Mohabbat Shayari in Hindi

कैसे गिरतों को थाम लेते हैं

बस यही एक जुर्म है अपना

हम मोहब्बत से काम लेते हैं

 

मोहब्बत में नही है फर्क जीने और मरने का,

उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले !!

 

चाहिए अहल-ए-मोहब्बत को कि दीवाना बनें,

कोई इल्ज़ाम न आएगा इस इल्ज़ाम के बाद !!

 

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के ‘दाग़’,

जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं !!

 

‘अनीस’ आसाँ नहीं आबाद करना घर मोहब्बत का

ये उनका काम है जो ज़िंदगी बर्बाद करते हैं

 

मोहब्बत में लुटे लेकिन बहुत अच्छे रहे ~रहबर

गुमाँ था जिन पे रहज़न का वो मीरे कारवाँ निकले

 

कुछ ऐसा हो कि तस्वीरों में जल जाए तसव्वुर भी,

मोहब्बत याद आएगी तो शिकवे याद आएँगे !! -सरदार सलीम

 

अकेला दिन है कोई और न तन्हा रात होती है,

मैं जिस पल से गुज़रता हूँ मोहब्बत साथ होती है !!

 

मोहब्बत में नही है इब्तिदा या इन्तहा कोई,

हम अपने इश्क़ को ही इश्क़ की मंज़िल समझते हैं !! ~रहबर

 

Mohabbat Shayari in Hindi

मोहब्बत ना-रवा तक्सीम की काएल नहीं फिर भी

मेरी आँखों को आँसूं तेरे होठों को हँसी दी है

~ जाँ निसार अख़्तर

 

इस कहानी का तो अंजाम वही है कि जो था,

तुम जो चाहो तो मोहब्बत की शुरुआत लिखो !! -निदा फ़ाज़ली

 

इक लफ्ज़-ए-मोहब्बत का अदना सा फ़साना है,

सिमटे तो दिल-ए-आशिक, फैले तो ज़माना है !!

 

ख़ुदी और बे-ख़ुदी में फ़र्क़ है तो सिर्फ़ इतना है,

मोहब्बत आशना होना,मोहब्बत में फ़ना होना!!

 

यही है कमाल इश्क़-ओ-मोहब्बत करने का.

उमर जीने की है ओर शौक तुम्हें मरने का

 

मोहब्बत में बुरी नीयत से कुछ सोचा नहीं जाता,

कहा जाता है उसको बेवफा, समझा नहीं जाता !!

 

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,

कगाज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !!

 

मोहब्बत में लुटे लेकिन बहुत अच्छे रहे ‘रहबर’,

गुमाँ था जिन पे रहज़न का वो मीरे कारवाँ निकले !!

 

दिल की हसरत का पैमाना कोई बाकी है,

मोहब्बत तुझे आज़माना अभी बाकी है!!

Mohabbat Shayari in Hindi

याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,

भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है !!

 

मोहब्बत को समझना है तो नासेह खुद मोहब्बत कर,

किनारे से कभी अंदाज़-ए-तूफ़ां नहीं होता !!

 

इंकार-ए-मोहब्बत को तौहीन समझते हैं,

इज़हार-ए-मोहब्बत पर हो जाते हैं बरहम भी.!!

 

हर दिल को लुभाता है ग़म तेरी मोहब्बत का,

तेरी ही तरह ज़ालिम दिल-कश है तिरा ग़म भी.!!

 

 

तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को

मेरी बात और है,मैंने तो मोहब्बत की है.!!

 

चाँदनी रात मोहब्बत में हसीन थी “फ़ाकिर”

अब तो बीमार उजालों पे हँसी आती है.!!

~सुदर्शन फ़ाक़िर

मोहब्बत के साँचे में ढलता रहा

इशारे पे मैं दिल के चलता रहा.!!

 

मोहब्बत के साँचे में ढलता रहा

इशारे पे मैं दिल के चलता रहा.!!

 

ख़ुद को यूँ जर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा देते हैं

दिल के अरमान को,आँखों से बहा देते हैं.!!

Mohabbat Shayari in Hindi

आया परवाना गिरा शमा पे जल-जल के मरा

तू अभी सोच रहा है के मोहब्बत क्या है.!!

 

कोई मोहब्बत के पटवारी को जानता है क्या

मुझे मेरा महबूब अपने नाम करवाना है.!!

 

मेरी मुश्किल ये है मुझ को अदाक़ारी नहीं आती

हक़ीकी आदमी रस्मी मोहब्बत कर नहीं सकता.!!

 

लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं

दिल ने हर राज़ मोहब्बत का छुपा रक्खा है.!!

 

ठहरी-ठहरी सी तबियत में रवानी आई

आज फिर याद मोहब्बत की कहानी आई

 

मोहब्बत से इनायत से वफ़ा से चोट लगती है

बिखरता फूल हूँ मुझको हवा से चोट लगती है.!!

 

इख़लास की दौलत को हम अहले-मोहब्बत

तक़सीम तो कर देते हैं बेचा नही करते.!!

 

ये मैं नहीं हूँ खाक़े-मोहब्बत का ढेर है

कुछ भी नहीं मिलेगा तुम्हें इस ग़ुबार से.!!

करना हि पड़ेगा ज़ब्ते-अलम पीने हि पड़ेंगे ये आँसू

फरियादो-फुगाँ से ऐ नादाँ,तौहिने-मोहब्बत होती है

 

आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है, रहे

चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने.!!

 

Mohabbat Shayari in Hindi

डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले

ये दरिया-ए-मोहब्बत है,यहाँ साहिल नहीं मिलता.!!

 

किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता

इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता.!!

 

फुर्सत अगर मिल तो, पढ़ना मुझे ज़रूर

मै अधूरी मोहब्बत की, मुकम्मल किताब हूँ

 

वो हि महसूस करते हैं , ख़लिश दर्द-ए-मोहब्बत की।।

जो अपने आप से बढ़ कर , किसी को प्यार करते हैं..!!

 

ये ज़ाहिद हैं इन्हें क्या तजुर्बा एजाज़-ए-मोहब्बत का!!

ये तो जन्नत में पूछेंगे, गुनाहगारों पे क्या गुज़री

 

ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिये

वक़्त रुकता नहीं किसी के लिये….

 

इश्क़ मोहब्बत क्या होते हैं, क्या समझाऊँ वाइज़ को।।

भैंस के आगे बीन बजाना, मेरे बस की बात नहीं

 

हाय री मजबूरियाँ तर्क़े-मोहब्बत के लिये।।

मुझको समझाते हैं वो और उनको समझाता हूँ मैं

 

आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है, रहे।।

चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने..!!

 

Mohabbat Shayari in Hindi

इश्क़ मोहब्बत क्या होते हैं, क्या समझाऊँ वाइज़ को।।

भैंस के आगे बीन बजाना, मेरे बस की बात नहीं

 

करें हम दुश्मनी किस से, कोई दुश्मन भी हो अपना।।

मोहब्बत ने नहीं छोड़ी, जगह दिल में अदावत की..!!

 

छोड़ो , बहुत हुई है , सियासत पे गुफ़्तुगु।।

हो जाए साल-ए-नौ में , मोहब्बत पे गुफ़्तुगु ..!!

 

ना मुरव्वत, ना मोहब्बत, ना खुलूस है मोहसिन

मै तो शर्मिन्दा हूँ इस दौर का इंसा होकर..!!

 

मै खुश हूँ कि उसकी नफरतों का अकेला वारिस हूँ

मोहब्बत तो उनको बहुत से लोगों से है

 

 

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Mohabbat Shayari love shayari in hinglish

 

vo kahate hain zamana tez hai lambe masafat hai

mohabbat ka sitara hoon sabhe ke santh chalata hoon

~ahamad rizavan

 

jab tak ke mohabbat mein dil dil se nahin milata

nazaron ke tasadum par ham gaur nahin karate

~nasem shahajahanpure

 

gam ho ke khushe donon yak-san hain mohabbat mein

kuchh ashku-o-tabassum par ham gaur nahin karate

~nasem

 

marana to bahut sahal se ik bat lage hai,

jena he mohabbat mein karamat lage hai !! – kalem ajiz

 

mita kar haste-e-nakam ko rah-e-mohabbat mein

zamane ke lie ik daras-e-ibarat le ke aya hoon

~nasem shahajahanpure

mohabbat shayari in hindi

na araman le ke aya hoon na hasarat le ke aya hoon

dil-e-be-tab mein tere mohabbat le ke aya hoon

~nasem shahajahanpure

 

kaif-e-junoon sahe yahe halat bane rahe,

lillah mere unake mohabbat bane rahe !!

 

aks pane mein mohabbat ke utare hote,

ham jo baithe hue dariya ke kinare hote !! -adem hashame

 

auron ke mohabbat ke doharae hain afsane

bat apane mohabbat ke honton pe nahin ae

 

ek nafarat he nahin duniya mein dard ka sabab faraz

mohabbat bhe sakoon valon ko bade takalef dete hai

~faraz

 

banjare hain rishton ke tijarat nahin karate,

ham log dikhave ke mohabbat nahin karate !! -nasem nikahat

 

doobe ki rahe kashte dariya-e-mohabbat mein,

toofan o talatum par ham gaur nahin karate !!

 

ye daure mohabbat hai saramaya-e-haste hai,

be-vazah nahin isako sene se lagae hain !! ~binish

 

yoon to hote hain mohabbat mein junoon ke asar,

aur kuchh log bhe devana bana dete hain !! – zaher dehalave

mohabbat shayari in hindi

husn paband-e-kafas ishqe aser-e-alam

zindage jurm-e-mohabbat ke saza aj bhe hai

~baqar menhade

 

dard-e-dil aj bhe hai josh-e-vafa aj bhe hai

zakhm khane ka mohabbat mein maza aj bhe hai

~baqar menhade

 

ham tark-e-rabt-o-zabt-e-mohabbat ke bavajood,

sau bar khinch ke koocha-e-janan mein a gae !!

 

vo jis ne diye mujh ko mohabbat ke khazane

badal ke tarah ankh se barasata bhe vahe hai

 

ye bazm-e-mohabbat hai is bazm-e-mohabbat mein,

devane bhe shaidae farazane bhe shaidae !! -soofe tabassum

 

ab ke ummed ke shole se bhe ankhen na jalen,

jane kis mod pe le ae mohabbat hamako

 

kam se kam itana to zahir ho mohabbat ka asar,

munh se nikale hue har bat gazal ban jae !!

 

mohabbat shayari in hindi

na koe thakan hai,na koe khalish hai

mohabbat ke jane ye kaise kashish hai

jise dekhie vo chala ja raha hai,

jahan-e-gazal ke suhane dagar hai

 

mohabbat nam hai la-hasil aur na tamame ka,

mohabbat hai to dil ko farig-e-sudo-jiyan kar le

 

aur main usake lie gaoon mohabbat ke gazal

vo mere dil ke dhadakane ke sada hai mere dost

~qatel shifae

 

mujhase ab mere mohabbat ke fasane na poochho

mujhako kahane do ke mainne unhen chaha he nahin

 

mohabbat tark ke mainne gareban se liya main

zamane ab to khush ho zahar ye pe liya mainne

~sahir

 

kis daraja dil-shikan the mohabbat ke hadase

ham zindage mein fir koe araman na kar sake

~sahir

 

toota talism-e-ahad-e-mohabbat kuchh is tarah

fir arazoo ke shama furezan na kar sake

~sahir

 

main kya kahoon kahan hai mohabbat kahan nahin

rag rag mein daude firate hai nashtar lie hue

mohabbat shayari in hindi

ye fasala bhe mohabbat mein lutf deta hai

jab intezar mein ham intezar karate hain

 

shiddat se baharon ke intezar mein sab hain

par fool mohabbat ke to khilane nahin dete

 

hay re majabooriyan tark-e-mohabbat ke liye

mujh ko samajhate hain vo aur un ko samajhata hoon main

 

mohabbat mein zuba chup ho to ankhe bat karate hain

vo kah dete hain sab baten jo kahana bhool jate hain

 

de mohabbat to mohabbat mein asar paida kar,

jo idhar dil mein hai ya rab vo udhar paida kar !!

 

 

main samajhata hoon har dil mein khuda rahata hai

mera paigam mohabbat hai jahan tak pahunche.

~shair

 

vo shoharat mile hai mohabbat mein rahbar,

ki har husn vala fida ho raha hai !! ~rahbar

 

mohabbat shayari in hindi

izahare-mohabbat ke hasarat ko khuda samajhe

hamane ye kahane bhe sau bar suna dale !!

 

ye rah-e-mohabbat hai isamen aise bhe maqam a jate hain

rukie to pasena ata hai chaliye to qadam tharrate hain

 

 

mainne hasarat se nazar bhar ke use dekh liya,

jab samajh mein na mohabbat ke maane ae !!

 

fir ke the maine mohabbat se tauba,

fir usake tasver dekhakar niyat badal gae !!

 

 

araju araman ishk tamanna vafa mohabbat

cheje to achchhe hain, par dam bahut hain

 

zamana kufr-e-mohabbat se kar chuka tha gurez,

tire nazar ne palat de hava zamane ke !!

 

aur kuchh zakhm mere dil ke havale mere jan,

ye mohabbat hai mohabbat mein shikayat kaise !!

 

main khulakar aj mahafil mein ye kahata hoon mujhe tujhase

mohabbat hai,mohabbat hai mohabbat hai mohabbat hai

 

mujhako nafarat se nahin pyar se masloob karo

main to shamil hoon mohabbat ke gunahagaron mein

mohabbat shayari in hindi

main tinakon ka daman pakadata nahin hoon,

mohabbat mein dooba to kaisa sahara !!

 

mohabbat bhe zalim ajab bebase hai,

na vo he hamare na dil he hamara !!

 

mohabbat am sa ik vaqia tha,

hamare sath pesh ane se pahale !! -sarafaraz zahid

 

yoon to hote hain mohabbat mein junoon ke asar,

aur kuchh log bhe devana bana dete hain !!

 

begana rahe dard-e-mohabbat ke dava se,

ye dard he kuchh aur siva chhod gae ham !!

 

mahaul ke zulmat mein jis rah se guzare,

qindel-e-mohabbat ke ziya chhod gae ham !!

 

ishare kam karate hain mohabbat mein nigahon ke

nigahon se he baham inkishaf-e-raz hota hai

 

labon par kulf ankhon mein lihaz-e-naz hota hai

mohabbat karane valon ka azab andaz hota hai

 

kaun kafir tujhe ilzam-e-tagaful dega

jo bhe karata hai mohabbat se gila karata hai!!

 

 

mohabbat se shay us ne mujh ko ata ke,

ki khush khush chaloon umr barbad kar ke !! –

mohabbat shayari in hindi

tera nam le kar jie ja rahe hain,

gunah-e-mohabbat kie ja rahe hain !!

 

dil mein jo mohabbat ke raushane nahin hote,

itane khoobasoorat ye zindage nahin hote !!

 

charag-e-rah-e-mohabbat he ban gae hote,

tamam umr ka jalana agar muqaddar tha !!

 

zamana yad kare ya saba kare khamosh,

ham ik charag-e-mohabbat jalae jate hain !!

 

rakh barbad mohabbat ke jo bacha rakhe hain,

bar bar isako chheda to bikhar jayege !! -kaife azame

 

vo dekhate jate hain kanakhiyon se idhar bhe,

chalata hua jadoo hai mohabbat ke nazar bhe !! -bekhud dehalave

 

aj tak us ke mohabbat ka nasha tare hai,

fool baqe nahin khushboo ka safar jare hai!!

 

 

jan jane ko hai aur raqs mein paravana hai,

kitana rangen mohabbat tira afsana hai !!

 

har kadam par gire, magar sekha

kaise giraton ko tham lete hain

bas yahe ek jurm hai apana

ham mohabbat se kam lete hain

 

mohabbat mein nahe hai fark jene aur marane ka,

use ko dekh kar jete hain jis kafir pe dam nikale !!

 

chahie ahal-e-mohabbat ko ki devana banen,

koe ilzam na aega is ilzam ke bad !!

 

 

anes asan nahin abad karana ghar mohabbat ka

ye unaka kam hai jo zindage barbad karate hain

 

mohabbat mein lute lekin bahut achchhe rahe ~rahabar

guman tha jin pe rahazan ka vo mere karavan nikale

 

kuchh aisa ho ki tasveron mein jal jae tasavvur bhe,

mohabbat yad aege to shikave yad aenge !! -saradar salem

 

akela din hai koe aur na tanha rat hote hai,

main jis pal se guzarata hoon mohabbat sath hote hai !!

 

mohabbat mein nahe hai ibtida ya intaha koe,

ham apane ishq ko he ishq ke manzil samajhate hain !! ~rahabar

 

mohabbat shayari in hindi

mohabbat na-rava taksem ke kael nahin fir bhe

mere ankhon ko ansoon tere hothon ko hanse de hai

~ jan nisar akhtar

 

is kahane ka to anjam vahe hai ki jo tha,

tum jo chaho to mohabbat ke shuruat likho !! -nida fazale

 

ik lafz-e-mohabbat ka adana sa fasana hai,

simate to dil-e-ashik, faile to zamana hai !!

 

khude aur be-khude mein farq hai to sirf itana hai,

mohabbat ashana hona,mohabbat mein fana hona!!

 

yahe hai kamal ishq-o-mohabbat karane ka.

umar jene ke hai or shauk tumhen marane ka

 

mohabbat mein bure neyat se kuchh socha nahin jata,

kaha jata hai usako bevafa, samajha nahin jata !!

 

 

dil ke hasarat ka paimana koe bake hai,

e mohabbat tujhe azamana abhe bake hai!!

mohabbat shayari in hindi

 

mohabbat ko samajhana hai to naseh khud mohabbat kar,

kinare se kabhe andaz-e-toofan nahin hota !!

 

inkar-e-mohabbat ko tauhen samajhate hain,

izahar-e-mohabbat par ho jate hain baraham bhe.!!

 

har dil ko lubhata hai gam tere mohabbat ka,

tere he tarah zalim dil-kash hai tira gam bhe.!!

 

 

tum mujhe bhool bhe jao to ye haq hai tum ko

mere bat aur hai,mainne to mohabbat ke hai.!!

 

chandane rat mohabbat mein hasen the “fakir”

ab to bemar ujalon pe hanse ate hai.!!

~sudarshan faqir

mohabbat ke sanche mein dhalata raha

ishare pe main dil ke chalata raha.!!

 

 

khud ko yoon jarm-e-mohabbat ke saza dete hain

dil ke araman ko,ankhon se baha dete hain.!!

mohabbat shayari in hindi

aya paravana gira shama pe jal-jal ke mara

too abhe soch raha hai ke mohabbat kya hai.!!

 

 

mere mushkil ye hai mujh ko adaqare nahin ate

haqeke adame rasme mohabbat kar nahin sakata.!!

 

lab pe ahen bhe nahin ankh mein ansoo bhe nahin

dil ne har raz mohabbat ka chhupa rakkha hai.!!

 

thahare-thahare se tabiyat mein ravane ae

aj fir yad mohabbat ke kahane ae

 

mohabbat se inayat se vafa se chot lagate hai

bikharata fool hoon mujhako hava se chot lagate hai.!!

 

 

ye main nahin hoon khaqe-mohabbat ka dher hai

kuchh bhe nahin milega tumhen is gubar se.!!

karana hi padega zabte-alam pene hi padenge ye ansoo

fariyado-fugan se ai nadan,tauhine-mohabbat hote hai

 

ap ko shab ke andhere se mohabbat hai, rahe

chun liya subah ke sooraj ka ujala mainne.!!

 

mohabbat shayari in hindi

dubo de apane kashte ko,kinara dhoondhane vale

ye dariya-e-mohabbat hai,yahan sahil nahin milata.!!

 

kis shai pe yahan vaqt ka saya nahe hota

ik khvab-e-mohabbat hai ke boodha nahe hota.!!

 

fursat agar mil to, padhana mujhe zaroor

mai adhoore mohabbat ke, mukammal kitab hoon

 

vo hi mahasoos karate hain , khalish dard-e-mohabbat ke..

jo apane ap se badh kar , kise ko pyar karate hain..!!

 

ye zahid hain inhen kya tajurba ejaz-e-mohabbat ka!!

ye to jannat mein poochhenge, gunahagaron pe kya guzare

 

na mohabbat na doste ke liye

vaqt rukata nahin kise ke liye….

 

mohabbat shayari in hindi

 

karen ham dushmane kis se, koe dushman bhe ho apana..

mohabbat ne nahin chhode, jagah dil mein adavat ke..!!

 

chhodo , bahut hue hai , siyasat pe guftugu..

ho jae sal-e-nau mein , mohabbat pe guftugu ..!!

 

na muravvat, na mohabbat, na khuloos hai mohasin

mai to sharminda hoon is daur ka insa hokar..!!

 

mai khush hoon ki usake nafaraton ka akela varis hoon

mohabbat to unako bahut se logon se hai

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One thought on “Mohabbat Shayari in Hindi मोहब्बत शायरी

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