शैतान किन किन चालों से इन्सान को नुकसान पहुंचाता है

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शैतान की चालें और फ़रेब कारियां

(हुज्जतुल इस्लाम इमाम मोहम्मद गज़ाली र.अ. की किताब मुकाशफतुल क़ुलूब से हिंदी अनुवाद)

क्या शैतान सोता है?

किसी शख्स ने हज़रते हसन रज़ीअल्लाहो अन्हो से अर्ज़ किया कि क्या शैतान सोता भी है ? वो मुस्कुराए और कहा : अगर वोह सोता तो हम राहत पाते, मा’लूम हुवा कि मोमिन को शैतान से रिहाई पाना दुश्वार है, हां उसे अपने से दूर करने और उस की कुव्वत को कमजोर करने की राहें हैं।

फ़रमाने नबवी है कि मोमिन शैतान को दुबला कर देता है जैसे तुम में से कोई (तवील) सफ़र में ऊंट को दुबला कर देता है।

हज़रते इब्ने मसऊद रज़ीअल्लाहो अन्हो का कौल है कि मोमिन का शैतान लागिर होता है। हज़रते कैस बिन हज्जाज रज़ीअल्लाहो अन्हो का कौल है कि मुझ से मेरे शैतान ने कहा : जब मैं तेरे अन्दर दाखिल हुवा तो ऊंट की तरह था और अब मैं चिड़या की तरह हूं, मैं ने कहा : वोह क्यूं ? शैतान ने कहा : तू ने मुझे ज़िक्रे खुदा से लागिर कर दिया है।

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शैतान पर काबू पाया जा सकता है

लिहाज़ा मुत्तकी बन्दों पर शैतान के ज़ाहिरी दरवाज़ों का बन्द करना और उन रास्तों की निगहबानी करना जो गुनाहों की तरफ़ ले जाते हैं कुछ दुश्वार नहीं था, इन के लिये लगज़िश का बाइस वोह ख़ुफ़िया शैतानी रास्ते बनते थे जिन की खिड़कियां दिल में खुलती हैं, वोह उन रास्तों की निगहबानी से मा’जूर थे क्यूंकि दिल में शैतान के बहुत से रास्ते हैं और फ़रिश्ते का सिर्फ एक दरवाज़ा है और येह एक दरवाज़ा भी उन बहुत सारे दरवाजों में खल्त मल्त हो गया है।

और बन्दे की मिसाल ऐसी है जैसे कोई मुसाफ़िर ऐसे जंगल में भटक जाए जिस में बहुत से रास्ते हों और रात की तारीकी ने उन से रास्तों पर सियाह चादर तान दी हो तो वो बसीरत वाली आंख और चमकदार सूरज के सिवा रास्ता नहीं पा सकता। यहां बसीरत वाली आंख और तक्वा से शफ्फ़ाफ़ दिल और चमकदार सूरज से वोह मुक़द्दस इल्म मुराद है जो किताबुल्लाह और सुन्नते रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम से हासिल किया गया हो, इन्हीं से इन्सान उन अन्धेरे रास्तों पर चल सकता है वरना रात अन्धेरी और रास्ते बे शुमार हैं।

हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ीअल्लाहो अन्हो से मरवी है कि एक दिन हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम ने हमारे सामने एक लकीर खींची और फ़रमाया : येह अल्लाह का रास्ता है फिर उस लकीर के दाएं बाएं बहुत सी लकीरें खींची और फ़रमाया :

येह वोह रास्ते हैं कि जिन में से हर एक पर शैतान है जो अपनी तरफ़ बुलाता है, फिर हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम ने येह आयत पढ़ी :  तहकीक़ यह मेरी सीधी राह है पस इस की पैरवी करो और दीगर राहों की पैरवी न करो पस वोह

तुम को उस की राह से जुदा कर देंगे। और बिला शुबा हम मुख़्तलिफ़ रास्तों में जिस छुपे हुवे रास्ते की मिसाल ज़िक्र कर चुके हैं, येही वोह रास्ता है कि जिस पर उलमा और वोह बन्दे जो गुनाहों से रुकने वाले और अपनी ख्वाहिशात की निगहबानी करने वाले हैं, धोका खा जाते हैं।

अब हम ऐसे वाजेह रास्ते की मिसाल बयान कर रहे हैं जिस पर चलने के लिये बा’ज़ अवकात आदमी मामूर हो जाता है और वोह मिसाल येह है जो नबिय्ये करीम सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम ने बयान फ़रमाई कि

बनी इस्राईल के एक आबिद को शैतान ने बर्बाद किया

बनी इस्राईल में एक राहिब था, शैतान ने एक लडकी का कस्द किया और उसे आसेब में मुब्तला कर दिया और उस के दिल में येह बात डाल दी कि इस का इलाज राहिब के पास है चुनान्चे, वोह लड़की को ले कर राहिब के पास आए मगर उस ने लड़की को साथ रखने से इन्कार कर दिया लेकिन उन्हों ने बहुत ज़ियादा इस्रार किया जिस की वज्ह से राहिब लड़की को साथ रखने पर रज़ामन्द हो गया, जब वोह लड़की इलाज के लिये राहिब के पास ठहरी तो शैतान राहिब के पास लड़की के कुर्ब को हसीन अन्दाज़ में पेश कर रहा था यहां तक कि राहिब ने लड़की से जिमाअ कर लिया और वोह हामिला हो गई, तब शैतान ने राहिब के दिल में वस्वसा डाला कि अब जब कि इस के घर वाले आएंगे तो तू बहुत शर्मिन्दा और रुस्वा होगा लिहाज़ा उस को क़त्ल कर दे, अगर वोह तुझ से पूछे तो कह देना कि वोह मर गई, चुनान्चे, उस ने लड़की को क़त्ल कर के दफ्न कर दिया।

उधर शैतान ने लड़की के घर वालों के दिलों में येह वस्वसा डाला कि लड़की राहिब से हामिला हो गई है फिर राहिब ने उसे क़त्ल कर के दफ्न कर दिया है लिहाजा वोह लोग राहिब के पास आए और उस से लड़की के मुतअल्लिक पुछ गछ की, राहिब ने कहा : वोह मर गई है। चुनान्चे, उन्हों ने राहिब को पकड़ लिया ताकि वोह उसे लड़की के बदले में कत्ल कर दें उस लम्हे शैतान ने राहिब के पास आ कर कहा : मैं ही वोह हूं जिस ने लड़की को आसेब ज़दा किया था और मैं ने ही लड़की के घर वालों के दिल में येह बात डाली है तू मेरी पैरवी कर ले, मैं तुझे इन से रिहाई और नजात दिला दूंगा, राहिब बोला : कैसे करूं ? शैतान ने कहा : मुझे दो सजदे कर ले चुनान्चे, राहिब ने उसे दो सजदे कर लिये, शैतान ने सजदे कराते ही कहा कि अब मैं तुझ से बरी हूं। येह वोही बात है जिस के मुतअल्लिक फ़रमाने इलाही है कि

“शैतान की तरह जिस वक्त उस ने इन्सान से कहा कुफ्र कर पस उस ने कुफ्र किया तो शैतान ने कहा तहक़ीक़ मैं तुझ से बरी हूं।”

इमाम शाफ़ेई रज़ीअल्लाहो अन्हो का शैतान को जवाब

मरवी है कि शैतान ने इमाम शाफ़ेई रज़ीअल्लाहो अन्हो से पूछा तुम्हारा उस ज़ात के बारे में क्या ख़याल है जिस ने मुझे अपनी पसन्द पर पैदा किया, जैसे चाहा मुझे इस्ति’माल किया और इस के बाद अगर चाहे तो मुझे जन्नत में दाखिल करे और चाहे तो जहन्नम में दाखिल करे, क्या वोह अपने इस अमल में अद्ल करने वाला है या जुल्म करने वाला है ? इमाम शाफ़ेई रज़ीअल्लाहो अन्हो ने उस की बात में गौर फ़रमाया और कहा : ऐ शख्स ! अगर उस ने तुझे तेरी मन्शा पर पैदा किया है तो वाकेई तुझ पर जुल्म किया है और अगर उस ने तुझे अपनी मन्शा पर पैदा किया है तो वोह उस चीज़ के मुतअल्लिक नहीं पूछा जाता जो वोह करता है और न उस से सवाल किये जा सकते हैं, येह सुनते ही शैतान बिखरने लगा यहां तक कि बिल्कुल मा’दूम हो गया फिर कहा : ब खुदा ! ऐ शाफ़ेई ! मैं ने इसी सवाल से सत्तर हज़ार आबिदों को उबूदिय्यत के दफ्तर से निकाल कर बे दीनी की राहों पर धकेल दिया है।

येह भी मरवी है कि शैतान मलऊन हज़रते ईसा के सामने आया और आप को कलिमए तय्यिबा पढ़ने को कहा, आप ने कहा : येह कलिमा बरहक़ है मगर मैं तेरे कहने से नहीं कहूंगा क्यूंकि बुराइयों की तरह नेकियों में भी शैतान खल्त मल्त करता रहता है और इन्ही अफ़्आल से वोह आबिद, जाहिद, गनी और तमाम किस्म के लोगों को हलाकत में डालता रहता है, उस की बुराइयों से वोही महफूज़ रहता है जिसे अल्लाह तआला महफूज़ फ़रमा ले।

ऐ रब्बे जुल जलाल ! हमें शैतान के मक्रों से महफूज़ रख ताकि हम हिदायत याफ्ता लोगों से मुलाकात करें । आमीन।

-इमाम मोहम्मद गज़ाली र.अ., किताब मुकाशफतुल क़ुलूब

 

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