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Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी
Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

Ummeed Shayari in Hindi

उम्मीद पर शायरी

दोस्तों, इन्सान की ज़िन्दगी में उम्मीद की बहुत अहमियत होती है, आप अपने जीवन की किसी भी अवस्था में हों बिना दिल में उम्मीद के खुश नहीं रह सकते और न ही अपने लक्ष्य हांसिल कर सकतें है, आज हम आपके लिए पेश करने जा रहे हैं “उम्मीद” पर कुछ बेहतरीन शेर ओ शायरी, इन अशआर को पढ़कर अपने मन को तरोताजा कीजिये, अगर आपके मन में भी कुछ उम्मीद पर शायरी हो तो उसे कमेंट् बॉक्स में लिखना न भूलें.

“होंसले” पर शायरी आप यहाँ पढ़ सकते हैं.

सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है.

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दीवानगी हो अक़्ल हो उम्मीद हो कि आस

अपना वही है वक़्त पे जो काम आ गया !! -जिगर

 

उम्मीद ऐसी न थी महफिल के अर्बाब-ए-बसीरत से

गुनाह-ए-शम्मा को भी जुर्म-ए-परवाना बना देंगे

~क़लीम आजिज़

 

मैं वो ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा,

न निकला एक भी मेरे सिवा उम्मीद-वारों में !! -हैदर अली आतिश

 

एक रात आप ने उम्मीद पे क्या रक्खा है

आज तक हम ने चराग़ों को जला रक्खा है

 

नज़र में शोखि़याँ लब पर मुहब्बत का तराना है

मेरी उम्मीद की जद में अभी सारा जमाना है

 

तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो,

जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता !!

~NidaFazli

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Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

ख़्वाब-ओ-उम्मीद का हक़, आह का फ़रियाद का हक़,

तुझ पे वार आए हैं ये तेरे दिवाने क्या क्या !!

 

इतना भी ना-उम्मीद दिल-ए-कम-नज़र न हो

मुमकिन नहीं कि शाम-ए-अलम की सहर न हो

 

सरमाया-ए-उम्मीद है क्या पास हमारे

इक आह है सीने में सो न-उम्मीद असर से

 

कहने को लफ्ज दो हैं उम्मीद और हसरत,

लेकिन निहाँ इसी में दुनिया की दास्ताँ है

 

दरवेश इस उम्मीद में था,के कोई आँखें पढ़ लेगा,

भूल बैठा के अब ये ज़बान समझाता कौन है

 

दिल-ए-वीराँ में अरमानो की बस्ती तो बसाता हूँ,

मुझे उम्मीद है हर आरज़ू ग़म साथ लाएगी !! -जलील मानिकपुरी

 

मुतमइन हैं वो मुझे दे के उम्मीदों के चिराग़,

तिफ़्ल-ए-मक़तब हूँ, खिलौनों से बहल जाउँगा

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

 उम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जाती

वादा ना वफ़ा करते वादा तो किया होता

 

कुछ कह दो झूट ही कि तवक़्क़ो बंधी रहे

तोड़ो न आसरा दिल-ए-उम्मीद-वार का

 

नहीं है ना-उम्मीद इक़बाल अपनी किश्त-ए-वीरां से

ज़रा नम हो तो ये मिट्टी बहुत ज़रखेज़ है साक़ी

 

उनकी आँखों से रखे क्या कोई उम्मीद-ए-करम

प्यास मिट जाये तो गर्दिश में वो जाम आते हैं

 

अब्र-ए-आवारा से मुझको है वफ़ा की उम्मीद

बर्क-ए-बेताब से शिकवा है के पाइंदा नहीं

 

अब के उम्मीद के शोले से भी आँखें न जलीं,

जाने किस मोड़ पे ले आई मोहब्बत हमको

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

 उम्मीद ऐसी तो ना थी महफ़िल के अर्बाब-ए-बसीरत से

गुनाह-ए-शम्मा को भी जुर्म-ए-परवाना बना देंगे

 

उम्मीद से कम चश्म-ए-खरीदार में आए

हम लोग ज़रा देर से बाजार में आए

 

खाक़-ए-उम्मीद में उंगलियाँ फिराते कोई चिंगारी ढूंढता हूँ

फिर कोई “ख्वाब” जलाना है कि रात रोशनी मांगती है

 

उठता हूँ उसकी बज़्म से जब होके ना उम्मीद

फिर फिर के देखता हूँ कोई अब पुकार ले।

 

उससे मैं कुछ पा सकूँ ऐसी कहाँ उम्मीद थी

ग़म भी वो शायद बराए-मेहरबानी दे गया

 

तेरी उम्मीद तिरा इन्तज़ार कब से है,

ना शब् को दिन से शिकायत ना दिन को शब् से है।

~फैज़

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

उन की उल्फ़त का यकीं हो उन के आने की उम्मीद

हों ये दोनों सूरतें तब है बहार-ए-इंतज़ार

 

कभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरने

तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला

 

दश्त-ए-इम्कां में कभी शक़्ल-ए-चमन बन ही गयी,

इस उम्मीद-ए-ख़ाम पर हूँ आशियाँ-बर-दोश मैं !!

 

तुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत है,

पर मुझसे तुम ये उम्मीद जिन्दगी भर मत रखना

 

उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,

गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है !!

 

दिल गवारा नहीं करता शिकस्ते-उम्मीद,

हर तगाफुल पै नवाजिश का गुमाँ होता है !!

 

रही ना ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी,

तो किस उम्मीद पे कहिये की आरज़ू क्या है।

~ग़ालिब

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

 उम्मीद-वार-ए-वादा-ए-दीदार मर चले,

आते ही आते यारों क़यामत को क्या हुआ।

~मीर

 

अबके गुज़रो उस गली से तो जरा ठहर जाना,

उस पीपल के साये में मेरी उम्मीद अब भी बैठी है।

 

दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,

लंबी है गम की शाम मगर शाम ही तो है।

~फैज़

 

दिल सा दिल से दिल के पास रहे तू,

बस यही उम्मीद है के खास रहे तू।

 

यूँ ही तो कोई किसी से जुदा नहीं होता,

वफ़ा की उम्मीद ना हो तो कोई बेवफ़ा नहीं होता।

 

उम्मीद में बैठे हैं मंज़िल की राह में,

तू पुकारे तो हौंसलों को इलहाम मिले।

 

रही ना ताक़त-ए-गुफ्तार और अगर हो भी,

तो किस उम्मीद पे कहिए के आरज़ू क्या है !! –

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है

किसी का भी हो सर क़दमों में अच्छा नहीं लगता

 

चंद किरनें ले आया हूँ तेरे लिए,

है उम्मीद के तेरा दिन रोशन रहेगा।

 

उम्मीद का दामन बड़ा पैना है,

सुर्ख़ रंग हो गए हाथ मेरे।

 

उम्मीद का लिबास तार तार ही सही पर सी लेना चाहिए,

कौन जाने कब किस्मत माँग ले इसको सर छुपाने के लिए

 

जा लगेगी कश्ती-ए-दिल साहिल-ए-उम्मीद पर,

दीदा-ए-तर से अगर दरिया रवाँ हो जाएगा !! -मिर्ज़ा अंजुम

 

वो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहीं,

खुशियाँ मेरे नसीब में नहीं और यूँ बस दिल रखने के लिए मुस्कुरान भी वाज़िब नहीं

 

अभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी है,

किस तरह से मैं अपनी आँखें मूँद लूँ।

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

कहते हैं कि उम्मीद पे जीता है ज़माना

वो क्या करे जिसे कोई उम्मीद ही नहीं ..

 

बरखा की स्याह रात में उम्मीद की तरह

निर्भीक जुगनुओं का चमकना भी देखिये.!!

 

अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश

मुद्दतों जीसत को नाशाद किया है मैंने!

 

अभी कुछ वक्त बाकी है अभी उम्मीद कायम है

कहीं से लौट आओ तुम मुह्ब्बत सासं लेती है

 

मुदतों से यही आलम है न तवकको न उम्मीद

दिल पुकारे ही चला जाता है जाना जाने!

 

उम्मीद की किरण के सिवा कुछ नहीं यहाँ

इस घर में रौशनी का बस यही इंतज़ाम है.!!

 

तपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिए

सदियों से इन्सान का अपने आपको छलना जारी है

 

न मंज़िल है न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीद

ये किस रस्ते पे मुझको मेरा रहबर लेके आया है

 

Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

और दोस्ती जो चाहो,चले ता-उम्र

तो दोस्तों से कोई भी,उम्मीद ना रखें.!!

 

यहाँ रोटी नही “उम्मीद” सबको जिंदा रखती है

जो सड़कों पर भी सोते हैं ,सिरहाने ख्वाब रखते हैं

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Umeed Shayari in Hindi roman hinglish

 

devanage ho aql ho Umeed ho ki as

apana vahe hai vaqt pe jo kam a gaya !! -jigar

 

ek rat ap ne Umeed pe kya rakkha hai

aj tak ham ne charagon ko jala rakkha hai

 

nazar mein shokhiyan lab par muhabbat ka tarana hai

mere Umeed ke jad mein abhe sara jamana hai

 

tere jahan mein aisa nahin ki pyar na ho,

jahan Umeed ho isake vahan nahin milata !!

~nidafazli

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

khvab-o-Umeed ka haq, ah ka fariyad ka haq,

tujh pe var ae hain ye tere divane kya kya !!

 

itana bhe na-Umeed dil-e-kam-nazar na ho

mumakin nahin ki sham-e-alam ke sahar na ho

 

saramaya-e-Umeed hai kya pas hamare

ik ah hai sene mein so na-Umeed asar se

 

kahane ko lafj do hain Umeed aur hasarat,

lekin nihan ise mein duniya ke dastan hai

 

daravesh is Umeed mein tha,ke koe ankhen padh lega,

bhool baitha ke ab ye zaban samajhata kaun hai

 

dil-e-veran mein aramano ke baste to basata hoon,

mujhe Umeed hai har arazoo gam sath laege !! -jalel manikapure

 

mutamin hain vo mujhe de ke Umeedon ke chirag,

tifl-e-maqatab hoon, khilaunon se bahal jaunga

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

 Umeed to bandh jate tasken to ho jate

vada na vafa karate vada to kiya hota

 

kuchh kah do jhoot he ki tavaqqo bandhe rahe

todo na asara dil-e-Umeed-var ka

 

nahin hai na-Umeed iqabal apane kisht-e-veran se

zara nam ho to ye mitte bahut zarakhez hai saqe

 

unake ankhon se rakhe kya koe Umeed-e-karam

pyas mit jaye to gardish mein vo jam ate hain

 

abr-e-avara se mujhako hai vafa ke Umeed

bark-e-betab se shikava hai ke painda nahin

 

ab ke Umeed ke shole se bhe ankhen na jalen,

jane kis mod pe le ae mohabbat hamako

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

 

Umeed se kam chashm-e-kharedar mein ae

ham log zara der se bajar mein ae

 

khaq-e-Umeed mein ungaliyan firate koe chingare dhoondhata hoon

fir koe “khvab” jalana hai ki rat roshane mangate hai

 

uthata hoon usake bazm se jab hoke na Umeed

fir fir ke dekhata hoon koe ab pukar le.

 

usase main kuchh pa sakoon aise kahan Umeed the

gam bhe vo shayad barae-meharabane de gaya

 

tere Umeed tira intazar kab se hai,

na shab ko din se shikayat na din ko shab se hai.

~faiz

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

un ke ulfat ka yaken ho un ke ane ke Umeed

hon ye donon sooraten tab hai bahar-e-intazar

 

kabhe badal,kabhe barish,kabhe Umeed ke jharane

tere ahasas ne chhoo kar mujhe kya-kya bana dala

 

dasht-e-imkan mein kabhe shaql-e-chaman ban he gaye,

is Umeed-e-kham par hoon ashiyan-bar-dosh main !!

 

tum bhula do mujhe ye tumhare apane himmat hai,

par mujhase tum ye Umeed jindage bhar mat rakhana

 

Umeed vakt ka sabase bada sahara hai,

gar hausala hai to har mauj mein kinara hai !!

 

dil gavara nahin karata shikaste-Umeed,

har tagaful pai navajish ka guman hota hai !!

 

rahe na taqat-e-guftar aur agar ho bhe,

to kis Umeed pe kahiye ke arazoo kya hai.

~galib

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

 Umeed-var-e-vada-e-dedar mar chale,

ate he ate yaron qayamat ko kya hua.

~mer

 

abake guzaro us gale se to jara thahar jana,

us pepal ke saye mein mere Umeed ab bhe baithe hai.

 

dil na-Umeed to nahin nakam he to hai,

lambe hai gam ke sham magar sham he to hai.

~faiz

 

dil sa dil se dil ke pas rahe too,

bas yahe Umeed hai ke khas rahe too.

 

yoon he to koe kise se juda nahin hota,

vafa ke Umeed na ho to koe bevafa nahin hota.

 

Umeed mein baithe hain manzil ke rah mein,

too pukare to haunsalon ko ilaham mile.

 

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

mujhe dushman se bhe khuddare ke Umeed rahate hai

kise ka bhe ho sar qadamon mein achchha nahin lagata

 

chand kiranen le aya hoon tere lie,

hai Umeed ke tera din roshan rahega.

 

Umeed ka daman bada paina hai,

surkh rang ho gae hath mere.

 

Umeed ka libas tar tar he sahe par se lena chahie,

kaun jane kab kismat mang le isako sar chhupane ke lie

 

ja lagege kashte-e-dil sahil-e-Umeed par,

deda-e-tar se agar dariya ravan ho jaega !! -mirza anjum

 

vo Umeed na kar mujhase jisake main kabil nahin,

khushiyan mere naseb mein nahin aur yoon bas dil rakhane ke lie muskuran bhe vazib nahin

 

abhe usake laut ane ke Umeed bake hai,

kis tarah se main apane ankhen moond loon.

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

kahate hain ki Umeed pe jeta hai zamana

vo kya kare jise koe Umeed he nahin ..

 

barakha ke syah rat mein Umeed ke tarah

nirbhek juganuon ka chamakana bhe dekhiye.!!

 

apane sene se lagae hue Umeed ke lash

muddaton jesat ko nashad kiya hai mainne!

 

abhe kuchh vakt bake hai abhe Umeed kayam hai

kahen se laut ao tum muhbbat sasan lete hai

 

mudaton se yahe alam hai na tavakako na Umeed

dil pukare he chala jata hai jana jane!

 

Umeed ke kiran ke siva kuchh nahin yahan

is ghar mein raushane ka bas yahe intazam hai.!!

 

tapate ret pe daud raha hai dariya ke Umeed lie

sadiyon se insan ka apane apako chhalana jare hai

 

na manzil hai na manzil ke hai koe door tak Umeed

ye kis raste pe mujhako mera rahabar leke aya hai

 

Umeed shayari in hindi Umeed par shayari

aur doste jo chaho,chale ta-umr

to doston se koe bhe,Umeed na rakhen.!!

 

yahan rote nahe “Umeed” sabako jinda rakhate hai

jo sadakon par bhe sote hain ,sirahane khvab rakhate hain

 

 

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2 thoughts on “Ummeed Shayari in Hindi उम्मीद पर शायरी

  1. बहुत ही शानदार तरीके से जो मिसरे और शेर लिखे गए हैं। दिल को छूने वाले हैं आपने इन सब हस्तियों के लिखे हुए दिलखुश और हौसले प्रदान करने वाले आसार हमारे लिए संगठित किए हैं आपका हृदय से धन्यवाद

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