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Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी
Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

Waqt Shayari in Hindi

वक़्त पर शायरी

दोस्तों ज़माने “वक़्त” पर शेर ओ शायरी का एक विशाल संकलन हम इस पेज पर प्रकाशित कर रहे है, बदलता वक़्त अपने साथ सब कुछ बदल देता है, जानिए शायरों ने वक़्त पर क्या कहा है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों के “वक़्त” के बारे में ज़ज्बात जान सकेंगे.

सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है.

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दुनिया पे ऐसा वक़्त पड़ेगा कि एक दिन,

इंसान की तलाश में इंसान जाएगा।

#फ़ना

तुम ने वो वक्त कहां देखा जो गुजरता ही नहीं

दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो।

 

सब एक नज़र फेंक के बढ़ जाते हैं आगे

मैं वक़्त के शो-केस में चुप-चाप खड़ा हूँ

#नज़ीर बनारसी

 

आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश

आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये

 

वो ख़लिश जिस से था हंगामा-ए-हस्ती बरपा

वक़्त-ए-बेताबी-ए-ख़ामोश हुई जाती है

 

ऐ दिल की ख़लिश चल यूँ ही सहीं चलता तो हूँ उन की महफ़िल में

उस वक़्त मुझे चौंका देना जब रँग में महफ़िल आ जाए

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Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

 

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का,

यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का !! -शहरयार

 

होती है शाम आँख से आँसू रवाँ हुए

ये वक़्त क़ैदियों की रिहाई का वक़्त है

 

तूने ए वक़्त पलट कर कभी देखा है,

कैसे हैं सब तेरी रफ़्तार के मारे हुए लोग।

#ज़िया

 

वक़्त की हवाओं में उड़ जाने दो गुलाब जेसे शब्द,

क्या पता किसी दिल के वीराने इनसे महक उठाएं।

 

ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए

रूठ कर वक़्त गँवाने की ज़रूरत क्या है

 

वक़्त मुक़र्रर कर लेते हैं चाँद को तकने का

जिस रोज़ मैं देखूं उस रोज़ तुम देखो

 

बस एक वक़्त का ख़ंजर मेरी तलाश में है,

जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है

#कृष्ण बिहारी नूर

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

 

वक़्त रहता नही कहीं टिककर

इसकी आदत भी आदमी सी है

 

इस जज़्ब-ए-ग़म के बारे में एक मशविरा तुमसे लेना है

उस वक़्त मुझे क्या लाज़िम है जब तुम पे मेरा दिल आ जाए

 

ऐ रहबर-ए-कामिल चलने को तैयार तो हुँ पर याद रहे

उस वक़्त मुझे भटका देना जब सामने मंज़िल आ जाए

 

यूँ तो पल भर में सुलझ जाती है उलझी ज़ुल्फ़ें

उम्र कट जाती है पर वक़्त के सुलझाने में

 

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा

आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में

 

वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा

रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही…

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द

उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले !! -रज़ा अमरोही

 

जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की,

उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख !! -सीमाब अकबराबादी

 

मानो वक़्त ठहर गया हो जैसे

या ज़िंदगी इसी पल में सिमट आई हो

वो जो लफ्ज़ बह गये कहीं अहसासों से

जैसे सहराओं में रूहानी बयार आई हो ….

 

ये फैसला तो शायद वक़्त भी न कर सके

सच कौन बोलता है अदाकार कौन है

 

वक़्त सी फ़ितरत लिए चलता है वो,

ना किसी का होता है ना ठहरता है वो।

 

तू मेरी जेब में रकखे हुए क़लम पे न जा

मैं वक़्त आने पे चाक़ू निकाल सकता हूँ

 

मिलके बिछड़ने में ही सब वक़्त काट गया,

दो पल भी ना मिले हाल-ए-दिल सुनाने को।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

मैं वक़्त की दहलीज़ पे ठहरा हुआ पल हूँ,

क़ायम है मेरी शान कि मैं ताजमहल हूँ !!

 

उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,

गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है !!

रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी,

देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है !!

 

वक़्त पड़ जाए तो जाँ से भी गुज़र जाएँगे,

हम दिवाने हैं मोहब्बत के अदाकार नहीं !!

 

हम तो गुम थे किसी की खामोशी में…

आपने याद दिलाया तो वक़्त याद आया ….

 

इस क़दर प्यार से ऐ जान-ए-जहाँ रक्खा है,

दिल के रुख़सार पे इस वक़्त तेरी याद् ने हाथ…..

 

मिलने मिलाने में वक़्त जाया ना कर,

आ मेरे दिल में बस जा सदा के लिए।

 

वक़्त का तकाज़ा है के फिर महफ़िल सजे

फिर उनकी निग़ाह हम पे पड़े, फिर उनकी बात चले।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

वक़्त और हालात दोनी ही बदल जाते हैं,

मँज़िलें रह जाती हैं, लोग बिछड़ जाते हैं।

 

वक़्त सी फ़ितरत नहीं मेरी के बुलाने से भी ना आऊँ,

आप आगाज़ करो हम अंजाम तक साथ रहेंगे

 

बस ज़िन्दगी के उसूलों पे जी रहे हैं,

वक़्त बदल रहा है, हम भी बदल रहे हैं।

 

वक़्त-ए-सहर जो रात की लौ झिलमिला गयी,

उठ कर तुम्हारी जुल्फ सँवारा करेंगे हम !!-मीना कुमारी

 

ज़िन्दगी भी बे-अदबी से पेश आने लगी है,

इसको भी वक़्त की नज़ाकत का एहसास हो चला।

 

जब भी अंजाम-ए-मुहब्बत ने पुकारा ख़ुद को,

वक़्त ने पेश किया हम को मिसालों की तरह !!

 

उनका जिक्र उनकी तमन्ना उनकी याद,

वक़्त कितना कीमती है आज कल।

 

वक़्त की अदालत में हर कोई गुनहगार है,

आज मुझे सजा मुकर्रर हुयी कल को तेरा इंतज़ार है।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,

वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोडा करते।

 

वक़्त की तिज़ोरी में बंद कर दिए सब लम्हे खुशनुमा,

अपने हालातों को तेरी चाहत से वाकिफ़ नहीं कराते हम।

 

दाग दामन के हो, दिल के हों के चेहरे के ‘फ़राज़’,

कुछ निशान वक़्त की रफ़्तार से लग जाते हैं।

 

कोई शाम के वक़्त आएगा लेकिन,

सहर से हम आँखें बिछाए बैठे हैं !!

 

खत्म हो जाता है ज़खीरा-ए-अलफ़ाज़ उस वक़्त,

जब कोई पूछ लेता है दर्द-ए-इश्क़ के मायनें मुझसे।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त,

मैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न सकूँ !!

 

बेहतर है के वो रिश्ते टूट जाएँ जो वक़्त की डोर से बंधे हो,

जो बदलते वक़्त के साथ भी ना बदले वही अपना है।

 

और आहिस्ता कीजिये बातें धड़कने कोई सुन रहा होगा

लफ्ज़ गिरने न पाये होंठो से, वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे

 

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

वक़्त की किताब के कुछ पन्ने उलटना चाहता हूँ,

मैं जो कल था आज फिर वही बनना चाहता हूँ।

 

अपने भी अजनबी हो जाते हैं वक़्त के साथ,

कुछ अजनबी भी अपने हो जाते हैं वक़्त के साथ।

 

दिनों के बाद अचानक तुम्हारा ध्यान आया,

ख़ुदा का शुक्र कि उस वक़्त बा-वज़ू हम थे

 

किसके नक़्शे-कदम है तू, ए ज़िन्दगी।

वक़्त सी रफ़्तार भी नहीं, ज़माने से तुझे प्यार भी नहीं।

 

वक़्त और हालात तो बदल ही जाते हैं मगर,

दर्द तब होता है जब वक़्त के साथ ज़ज़्बात भी बदल जाते है।

 

दर्द ही हमदर्द बन जाता है उस वक़्त,

जब खुद से ही अपना हाल बयाँ करने से कतराता है कोई।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

फितरतों और आदतों में बस इतना फर्क है,

आदतें वक़्त के साथ बदलती हैं और फितरतें नीयत के साथ।

 

कहने को तो सब अपने ही हैं यहाँ,

पर वक़्त आने कोई कोई चेहरा नहीं दिखता।

 

वक़्त को थाम के बैठे हैं हम भी,

ज़िद्द है के वो मिले तो हम चले।

 

तूफानों से कह दो कहीं और दिखाए जलवा अपना,

हम तो कब के मर गए, हम पे वक़्त जाया ना करना।

 

वक़्त की चाल का अंदाज़ा तो नहीं मुझे मगर,

वक़्त के साथ टकराने की कोशिश करूँगा मैं सदा।

 

वक़्त की देहलीज़ पे खड़ी है सर झुका के किस्मत मेरी,

वक़्त बदले तो शायद इससे चल पड़े किस्मत मेरी।

 

वक़्त काटना है मुझे बस के वक़्त मेरा ना रहा,

वक़्त बे वक़्त यूँ याद आता रहा किस्सा तेरा।

 

वक़्त की पाबंदी लगी है अब तो हर वक़्त,

लौट आना इससे पहले के हशर की रात आजाये।

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

वक़्त भी फ़रियाद करता है निकलने की,

तेरी महफ़िल में जब समां दिलबरों का बंधता है।

 

जरा धीरे चल साथिया,

वक़्त लगेगा मुझको तुझसे कदम मिलाने में।

 

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है,

नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है

 

एक हाथ दिल पे रख, एक हाथ से थाम ले वक़्त,

जो कर सका तू ये, तो यही जावेदा ज़िन्दगी है।

 

किसी से उनको क्या मतलब, मगर हाँ वक्त पड़ने पर

ज़माने भर से अपने दोस्ताने ढूँढ़ लेते हैं

 

वक़्त काट जाने दो यूँ ही पल दो पल में,

एक अरसा गुज़ारा है हमने, 2 पल काटने के लिए

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

वक़्त कोई भी हो मगर,

ज़हर-ए-इश्क़ अपना शिकार ढूंढ ही लेता है।

 

जो लिबासों को बदलने का शौक़ रखते थे

आखरी वक़्त ना कह पाए क़फ़न ठीक नहीं

 

हमें ये वक़्त डराता कुछ इस तरह भी है

ठहर न जाए कहीं हादसा गुज़रते हुए

 

उसे याद करके क्यों वक़्त गंवाता मैं,

हर मेरे हाथ में होता उसे भूल जाना।

 

दर्दे दिल वक्त का पैगाम भी पहुँचाएगा,

इस कबूतर को जरा प्यार से पालो यारों !! – #दुष्यंतकुमार

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

यूँ वक़्त बेवक़्त याद आने से कुछ ना होगा,

कोई जा के कह दे उसको हमे रुलाना है तो अब खुद ही आ।

 

मुझे अपना तो बना लिया उसने मगर,

उसको अपना बनाने में मुझे वक़्त लगेगा।

 

कौन जाने किस घड़ी लिखी उसने किस्मत हमारी,

वक़्त भी रुक गया एक मुकाम के बाद

 

चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज,

हो जायेंगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं !!

 

खुदा तो इक तरफ, खुद से भी कोसों दूर होता है,

बशर जिस वक्त ताकत के नशे में चूर होता है!!

 

जा़या होने से बचा ले मुझे माबूद मेरे

ये न हो मुझे वक्त खेल तमाशा करदे

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

वक़्त कभी एक सा रहता नहीं सुन लो साहेब,

खुद भी रो पड़ते है औरो को रुलाने वाले

 

अभी कुछ वक्त बाकी है अभी उम्मीद कायम है

कहीं से लौट आओ तुम मुह्ब्बत सासं लेती है

 

तुमने वो वक्त कहां देखा जो गुजरते ही नहीं

दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो!

 

दर्द बे वक्त होगया रुसवा

एक आंसू था पी लिया होता!

 

जिंदगी एक हसींन ख्वाब है माना,

हर हसींन ख्वाब को ताबीर नहीं मिलती

टूट के वक्त के साहिल पे बिखर जाते है,

कुछ रिश्ते जिन्हें जंजीर नहीं मिलती

 

ठहर जा वक़्त ज़रा रुक जा सासें मेरी~~

मेरे महबूब को महसूस कर लूँ कुछ पल के िलये..!!

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

एक ज़ुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,

वक़्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो.!!

 

वक़्त के सांथ-सांथ चलता रहे

यही बेहतर है आदमी के लिये.!!

 

सुना है वक़्त कुछ ख़ुश-रंग लम्हे ले के गुज़रा है

मुझे भी ‘शाद’ कर जाता गुज़रने से ज़रा पहले

 

जब भी अंजाम-ए-मुहब्बत ने पुकार ख़ुद को

वक़्त ने पेश किया हम को मिसालों की तरह

#सुदर्शन फाकिर

 

ऐ रहबर-ए-कामिल चलने को तैयार तो हूँ पर याद रहे

उस वक़्त मुझे भटका देना जब सामने मंज़िल आ जाए

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

हर एक राज़ कह दिया,बस एक जवाब ने

हमको सिखाया वक़्त ने,तुमको क़िताब ने.!!

 

वक़्त से पूछ रहा है कोई

ज़ख्म क्या वाक़ई भर जाते हैं..?

 

निभी ना वक़्त की हम ख़ानमाँ-खराबों से

हवा उलझती रही टूटती तनाबों से..!!

 

अब उसे देखो तो आँखों पे यकीं आता नहीं

वक़्त उसके जिस्म का सब संगे-मरमर पी गया

 

ये फ़ैसला तो शायद वक़्त भी न कर सके

सच कौन बोलता है , अदाकार कौन है.!!

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता

इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता.!!

 

किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता

इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता.!!

 

न जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत

एक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से..!!

#इक़बाल अशहर

 

वक़्त के सांथ-सांथ चलता रहे

यही बेहतर है आदमी के लिये…!!

 

ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिये

वक़्त रुकता नहीं किसी के लिये….

 

चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज।।

हो जाएँगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं..!!

 

Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

हर गुज़रते हुए पल का तुझे देना है हिसाब।।

ज़िंदगी का ये सफ़र वक़्त-गुज़ारी तो नहीं..!!

 

चमक यूँ हि नही आती है, खुद्दारी के चेहरे पर ।।

अना को हमने दो-दो वक़्त का फाका कराया है ..!!

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Waqt Shayari in Hindi Roman Hinglish font

duniya pe aisa Waqt padega ki ek din,

insan ke talash mein insan jaega.

#fana

tum ne vo Waqt kahan dekha jo gujarata he nahin

dard ke rat kise kahate hain tum kya jano.

 

sab ek nazar fenk ke badh jate hain age

main Waqt ke sho-kes mein chup-chap khada hoon

#nazer banarase

 

ap ke dushman rahen Waqt-e-khalish sarf-e-tapish

ap kyon gam-khvare-e-bemar-e-hijaran kejiye

 

vo khalish jis se tha hangama-e-haste barapa

Waqt-e-betabe-e-khamosh hue jate hai

 

ai dil ke khalish chal yoon he sahen chalata to hoon un ke mahafil mein

us Waqt mujhe chaunka dena jab rang mein mahafil a jae

 

siyah rat nahin lete nam dhalane ka,

yahe to Waqt hai sooraj tere nikalane ka !! -shaharayar

 

hote hai sham ankh se ansoo ravan hue

ye Waqt qaidiyon ke rihae ka Waqt hai

 

toone e Waqt palat kar kabhe dekha hai,

kaise hain sab tere raftar ke mare hue log.

#ziya

 

Waqt ke havaon mein ud jane do gulab jese shabd,

kya pata kise dil ke verane inase mahak uthaen.

 

zindage yoonhe bahut kam hai mohabbat ke lie

rooth kar Waqt ganvane ke zaroorat kya hai

 

Waqt muqarrar kar lete hain chand ko takane ka

jis roz main dekhoon us roz tum dekho

 

bas ek Waqt ka khanjar mere talash mein hai,

jo roz bhes badal kar mere talash mein hai

#krshn bihare noor

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

 

Waqt rahata nahe kahen tikakar

isake adat bhe adame se hai

 

is jazb-e-gam ke bare mein ek mashavira tumase lena hai

us Waqt mujhe kya lazim hai jab tum pe mera dil a jae

 

ai rahabar-e-kamil chalane ko taiyar to hun par yad rahe

us Waqt mujhe bhataka dena jab samane manzil a jae

 

yoon to pal bhar mein sulajh jate hai ulajhe zulfen

umr kat jate hai par Waqt ke sulajhane mein

 

kal mila Waqt to zulfen tere sulajha loonga

aj ulajha hoon zara Waqt ke sulajhane mein

 

Waqt mere tabahe pe hansata raha

rang takader kya kya badalate rahe…

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

jin kitabon pe saleqe se jame Waqt ke gard

un kitabon he mein yadon ke khazane nikale !! -raza amarohe

 

jab dil pe chha rahe hon ghataen malal ke,

us Waqt apane dil ke taraf muskura ke dekh !! -semab akabarabade

 

mano Waqt thahar gaya ho jaise

ya zindage ise pal mein simat ae ho

vo jo lafz bah gaye kahen ahasason se

jaise saharaon mein roohane bayar ae ho ….

 

ye faisala to shayad Waqt bhe na kar sake

sach kaun bolata hai adakar kaun hai

 

Waqt se fitarat lie chalata hai vo,

na kise ka hota hai na thaharata hai vo.

 

too mere jeb mein rakakhe hue qalam pe na ja

main Waqt ane pe chaqoo nikal sakata hoon

 

milake bichhadane mein he sab Waqt kat gaya,

do pal bhe na mile hal-e-dil sunane ko.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

main Waqt ke dahalez pe thahara hua pal hoon,

qayam hai mere shan ki main tajamahal hoon !!

 

ummed Waqt ka sabase bada sahara hai,

gar hausala hai to har mauj mein kinara hai !!

rat to Waqt ke paband hai dhal jaege,

dekhana ye hai charagon ka safar kitana hai !!

 

Waqt pad jae to jan se bhe guzar jaenge,

ham divane hain mohabbat ke adakar nahin !!

 

ham to gum the kise ke khamoshe mein…

apane yad dilaya to Waqt yad aya ….

 

is qadar pyar se ai jan-e-jahan rakkha hai,

dil ke rukhasar pe is Waqt tere yad ne hath…..

 

milane milane mein Waqt jaya na kar,

a mere dil mein bas ja sada ke lie.

 

Waqt ka takaza hai ke fir mahafil saje

fir unake nigah ham pe pade, fir unake bat chale.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

Waqt aur halat done he badal jate hain,

manzilen rah jate hain, log bichhad jate hain.

 

Waqt se fitarat nahin mere ke bulane se bhe na aoon,

ap agaz karo ham anjam tak sath rahenge

 

bas zindage ke usoolon pe je rahe hain,

Waqt badal raha hai, ham bhe badal rahe hain.

 

Waqt-e-sahar jo rat ke lau jhilamila gaye,

uth kar tumhare julf sanvara karenge ham !!-mena kumare

 

zindage bhe be-adabe se pesh ane lage hai,

isako bhe Waqt ke nazakat ka ehasas ho chala.

 

jab bhe anjam-e-muhabbat ne pukara khud ko,

Waqt ne pesh kiya ham ko misalon ke tarah !!

 

unaka jikr unake tamanna unake yad,

Waqt kitana kemate hai aj kal.

 

Waqt ke adalat mein har koe gunahagar hai,

aj mujhe saja mukarrar huye kal ko tera intazar hai.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

hath chhoote bhe to rishte nahin chhoda karate,

Waqt ke shakh se lamhe nahin toda karate.

 

Waqt ke tizore mein band kar die sab lamhe khushanuma,

apane halaton ko tere chahat se vakif nahin karate ham.

 

dag daman ke ho, dil ke hon ke chehare ke faraz,

kuchh nishan Waqt ke raftar se lag jate hain.

 

koe sham ke Waqt aega lekin,

sahar se ham ankhen bichhae baithe hain !!

 

khatm ho jata hai zakhera-e-alafaz us Waqt,

jab koe poochh leta hai dard-e-ishq ke mayanen mujhase.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

meharaban ho ke bula lo mujhe chaho jis Waqt,

main gaya Waqt nahin hoon ki fir a bhe na sakoon !!

 

behatar hai ke vo rishte toot jaen jo Waqt ke dor se bandhe ho,

jo badalate Waqt ke sath bhe na badale vahe apana hai.

 

aur ahista kejiye baten dhadakane koe sun raha hoga

lafz girane na paye hontho se, Waqt ke hath inako chun lenge

 

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

Waqt ke kitab ke kuchh panne ulatana chahata hoon,

main jo kal tha aj fir vahe banana chahata hoon.

 

apane bhe ajanabe ho jate hain Waqt ke sath,

kuchh ajanabe bhe apane ho jate hain Waqt ke sath.

 

dinon ke bad achanak tumhara dhyan aya,

khuda ka shukr ki us Waqt ba-vazoo ham the

 

kisake naqshe-kadam hai too, e zindage.

Waqt se raftar bhe nahin, zamane se tujhe pyar bhe nahin.

 

Waqt aur halat to badal he jate hain magar,

dard tab hota hai jab Waqt ke sath zazbat bhe badal jate hai.

 

dard he hamadard ban jata hai us Waqt,

jab khud se he apana hal bayan karane se katarata hai koe.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

fitaraton aur adaton mein bas itana fark hai,

adaten Waqt ke sath badalate hain aur fitaraten neyat ke sath.

 

kahane ko to sab apane he hain yahan,

par Waqt ane koe koe chehara nahin dikhata.

 

Waqt ko tham ke baithe hain ham bhe,

zidd hai ke vo mile to ham chale.

 

toofanon se kah do kahen aur dikhae jalava apana,

ham to kab ke mar gae, ham pe Waqt jaya na karana.

 

Waqt ke chal ka andaza to nahin mujhe magar,

Waqt ke sath takarane ke koshish karoonga main sada.

 

Waqt ke dehalez pe khade hai sar jhuka ke kismat mere,

Waqt badale to shayad isase chal pade kismat mere.

 

Waqt katana hai mujhe bas ke Waqt mera na raha,

Waqt be Waqt yoon yad ata raha kissa tera.

 

Waqt ke pabande lage hai ab to har Waqt,

laut ana isase pahale ke hashar ke rat ajaye.

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

Waqt bhe fariyad karata hai nikalane ke,

tere mahafil mein jab saman dilabaron ka bandhata hai.

 

jara dhere chal sathiya,

Waqt lagega mujhako tujhase kadam milane mein.

 

pyar ka pahala khat likhane mein Waqt to lagata hai,

nae parindon ko udane mein Waqt to lagata hai

 

ek hath dil pe rakh, ek hath se tham le Waqt,

jo kar saka too ye, to yahe javeda zindage hai.

 

kise se unako kya matalab, magar han Waqt padane par

zamane bhar se apane dostane dhoondh lete hain

 

Waqt kat jane do yoon he pal do pal mein,

ek arasa guzara hai hamane, 2 pal katane ke lie

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

Waqt koe bhe ho magar,

zahar-e-ishq apana shikar dhoondh he leta hai.

 

jo libason ko badalane ka shauq rakhate the

akhare Waqt na kah pae qafan thek nahin

 

hamen ye Waqt darata kuchh is tarah bhe hai

thahar na jae kahen hadasa guzarate hue

 

use yad karake kyon Waqt ganvata main,

har mere hath mein hota use bhool jana.

 

darde dil Waqt ka paigam bhe pahunchaega,

is kabootar ko jara pyar se palo yaron !! – #dushyantakumar

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

yoon Waqt beWaqt yad ane se kuchh na hoga,

koe ja ke kah de usako hame rulana hai to ab khud he a.

 

mujhe apana to bana liya usane magar,

usako apana banane mein mujhe Waqt lagega.

 

kaun jane kis ghade likhe usane kismat hamare,

Waqt bhe ruk gaya ek mukam ke bad

 

chadhane do abhe aur zara Waqt ka sooraj,

ho jayenge chhote jo abhe saye bade hain !!

 

khuda to ik taraf, khud se bhe koson door hota hai,

bashar jis Waqt takat ke nashe mein choor hota hai!!

 

jaya hone se bacha le mujhe mabood mere

ye na ho mujhe Waqt khel tamasha karade

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

Waqt kabhe ek sa rahata nahin sun lo saheb,

khud bhe ro padate hai auro ko rulane vale

 

abhe kuchh Waqt bake hai abhe ummed kayam hai

kahen se laut ao tum muhbbat sasan lete hai

 

tumane vo Waqt kahan dekha jo gujarate he nahin

dard ke rat kise kahate hain tum kya jano!

 

dard be Waqt hogaya rusava

ek ansoo tha pe liya hota!

 

jindage ek hasenn khvab hai mana,

har hasenn khvab ko taber nahin milate

toot ke Waqt ke sahil pe bikhar jate hai,

kuchh rishte jinhen janjer nahin milate

 

thahar ja Waqt zara ruk ja sasen mere~~

mere mahaboob ko mahasoos kar loon kuchh pal ke ilaye..!!

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

ek zuganoo ne kaha main bhe tumhare sath hoon,

Waqt ke is dhundh mein tum roshane banakar dikho.!!

 

Waqt ke santh-santh chalata rahe

yahe behatar hai adame ke liye.!!

 

suna hai Waqt kuchh khush-rang lamhe le ke guzara hai

mujhe bhe ‘shad’ kar jata guzarane se zara pahale

 

jab bhe anjam-e-muhabbat ne pukar khud ko

Waqt ne pesh kiya ham ko misalon ke tarah

#sudarshan fakir

 

ai rahabar-e-kamil chalane ko taiyar to hoon par yad rahe

us Waqt mujhe bhataka dena jab samane manzil a jae

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

har ek raz kah diya,bas ek javab ne

hamako sikhaya Waqt ne,tumako qitab ne.!!

 

Waqt se poochh raha hai koe

zakhm kya vaqe bhar jate hain..?

 

nibhe na Waqt ke ham khanaman-kharabon se

hava ulajhate rahe tootate tanabon se..!!

 

ab use dekho to ankhon pe yaken ata nahin

Waqt usake jism ka sab sange-maramar pe gaya

 

ye faisala to shayad Waqt bhe na kar sake

sach kaun bolata hai , adakar kaun hai.!!

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

kis shai pe yahan Waqt ka saya nahe hota

ik khvab-e-mohabbat hai ke boodha nahe hota.!!

 

kis shai pe yahan Waqt ka saya nahe hota

ik khvab-e-mohabbat hai ke boodha nahe hota.!!

 

na jane kitane charagon ko mil gae shoharat

ek afatab ke be-Waqt doob jane se..!!

#iqabal ashahar

 

Waqt ke santh-santh chalata rahe

yahe behatar hai adame ke liye…!!

 

na mohabbat na doste ke liye

Waqt rukata nahin kise ke liye….

 

chadhane do abhe aur zara Waqt ka sooraj..

ho jaenge chhote jo abhe saye bade hain..!!

 

waqt shayari in hindi Waqt par shayari

har guzarate hue pal ka tujhe dena hai hisab..

zindage ka ye safar Waqt-guzare to nahin..!!

 

chamak yoon hi nahe ate hai, khuddare ke chehare par ..

ana ko hamane do-do Waqt ka faka karaya hai ..!!

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2 thoughts on “Waqt Shayari in Hindi वक़्त पर शायरी

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